Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 4 नवंबर 2018

म.प्र.लेखक संघ की ‘दीपावली’ पर 241वीं गोष्ठी हुई date-4-11-2018‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,टीकमगढ़

म.प्र.लेखक संघ की ‘दीपावली’ पर 241वीं गोष्ठी हुई  date-4-11-2018

टीकमगढ़// साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 241वीं गोष्ठी ‘‘दीपावली एवं बुन्देली’’ पर केन्द्रित ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,टीकमगढ़ में आयोजित की गयी। अध्यक्षता वरिष्ठ बुंदेली कवि व्यंग्यकार अजीत श्रीवास्वत ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में ग्राम नदनवारा से पधारे बुंदेली गीतकार शोभाराम दांगी ‘इन्दु’ एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में बुन्देली के वरिष्ठ कवि दीनदयाल तिवारी ‘बेताल’ रहे।
 सरस्वती बंदना कर गोष्ठी का शुभांरभ किया सीताराम राय ‘सरल’ ने किया-
हँस पै बैठ के मैया पधारो माँ बुलाते है,करो झंकृत मधुर वीणा साज सरगम सजातेे है।।
अशोकनगर से आयीं कवयित्री  तृप्ति ने गीत पढ़ा- रामा चलो चले अपने देश बाबुल राह तके।
जतारा से आये कवि महेन्द्र चैधरी वीर रंस में कविता सुनायी-
क्या कर लेंगे दुश्मन मेरे करेगा क्या संसार मेरा, शब्द देख गोली है मेरी कलम देख हथियार।।
बल्देवगढ़ के कवि यदुकुल नंदन खरे ने-संपट सौरा रे ई धरती पै आके फिरंगी कैसो कर गऔ रे।
गुना के कवि मातादीन  यादव ‘अनुपम’ ने पढ़ा- बुन्देलखंड की महिमा महान,चलौ हो देखन चलिए।
म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने दीपावली पर रचना पढ़ी-
आओ हम दिवाल मनाये,सत्य का एक  दीप जलाये। अधर्म और असत्य के अंधेरे को मिटाये।
नदनवारा के बुन्देली कवि शोभाराम दंागी ‘इन्दु’ ने-है इंदियारौ जितै उतै अब होन लगौ उजियारौ।
ऐसौ दिया जला दो धनुआ हो जावै उजियारौ।।
लखौरा के गुलाब सिंह यादव भाऊ ने पढ़ा-बोली बुन्देली अनमोली,जा बुन्देल ने बोली।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत पढ़ा-थाल सजाकर दीपों से तम को दूर भगायेंगे।
हम बनाकर फूलों से मन को अपने सजायेंगे।
दीनदयाल तिवारी ‘बेताल’ ने चैकडियाँ पढ़ी-लोभी कामी चारे सठ,नइ मानत समझाय सें।
जे लातन के भूत भइया,मानत है लतयाय सें।।
प्रभुदयाल श्रीवास्वत ‘पीयुष’ ने पढ़ा- दुख दारिद्र दूर करबे खों दोरें आइ दिवारी,
 सब कउँ भई लक्ष्छमी जू के पूजन की तैयारी।।
अनवर खान साहिल ने बुन्देली ग़ज़ल पढ़ी- टप टप चूबै टपइयाँ, काल सैं वे भी नैइयाँ।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा- चैत मास की प्रतिपदा कर शक्ति आह्वान,
मन शक्ति मन ओज ही, साधै लक्ष्य महान।।
आर.एस.शर्मा ने पढ़ा-प्रकृति के चक्र की गति निराली हो गई,नारी मौन से मुखर हो गई।।
डी.पी. यादव एडवोकेट ने पढ़ा-दुनियां में बुंदेली की अलग कहानी है,धरती पै नइया इकौं सानी है।
   इनके आलावा हरविष्णु अवस्थी,अजीत श्रीवास्तव,राजेन्द्र चैधरी आदि ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी। गोष्ठी का संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया तथा सभी का आभार संस्था के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ने किया। अंत में उरई प्रसिद्ध कवि श्री राधे श्याम योगी जी केे निधन पर दो मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी।
रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिलाध्यक्ष- म.प्र. लेखक संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.)मोबाइल-9893520965






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