राजीव नामदेव "राना लिधौरी" हास्य, व्यंग्यकार, ग़ज़लकार,हाइकुकार, लेखक संपादक "आकांक्षा" पत्रिका अध्यक्ष -मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ अध्यक्ष- वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ पूर्व मंत्री- अ.भा.बुंदेलखंड़ साहित्य एवं संस्कृति परिषद टीकमगढ़ डायरेक्टर "आकांक्षा" पब्लिक स्कूल टीकमगढ़ तीन राज्यपालों द्वारा सम्मानित, शताधिक सम्मान प्राप्त। 6पुस्तकें प्रकाशित,13का, 300कवि सम्मेलन में भागीदारी पता- नई चर्च के पीछे शिवनगर कालोनी टीकमगढ़ (मप्र )भारत मोबाइल +91- 9893520965 Email ranalidhori@gmail.com
Rajeev Namdeo Rana lidhorI
शुक्रवार, 26 जून 2020
बुंदेली लघुकथा- "घंसू उर बसकारो"- राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
*बुंदेली लघुकथा- "घंसू कक्का उर बसकारों"*
घंसू कक्का ने आज नये उन्ना जोन वे शहर से काल ल्याय हते उय पैरे हते उर बड़े सजधज कैं नये उन्ना पैर के पनी फटफटिया पै तनक गुटका खाबै लो गुमटी तक कड गये कै अचानक सें पानू बरसन लगौ।
बैसे तो बसकारे को टैम हतो पै जब वे घर से कडे ते तौ ऐन घाम परौ हतो उर आसमान पै कऊ बादल नइ दिखा रयते फिर जौ पानू कैसे बरसन लगों ।
घंसू कौ एनई ताव आ रऔ तो कै ऊकै नये उन्ना खराब हो रयते। पै का सकत तौ पैला पता होती तौ काय खौ बायरे कडते। जब घंटा भर हो गओ ठाडे ठाडे तो इनने सोसी कै आज तो पानू गिरवे कि झिर आ लग गयी जाने कब लौ रूकने। सो उनने बरसत पानू में इ भींगत भये घर की गैल पकरी।
घरे पौचे तो ऐनई भींग गयते पीनू चुचा रओ तो घरवारी ने उने देखो सो ताव खा गई उर बिजुरी सी गरज कै बोली कै तनक गम्म नइ खा सकत ते उर जा कितै गिलारे कि होरी खेल आय, उतइ रूक जाते जब पानू गिरबो बंद हो जातो तो आ जाते तुमें कुन ईतै रोटी बनाने हती कै तुमाई ट्रेन चूक रइती।
घंसू ऊकै प्रवचन सुनकै रय गय पै का करते गलती उनइ की हती तनक जीभ साध लेते तो जो हाल नइ होतो।
सौ उनने मनइ मन बात गांठ लइ कै तनक सें गुटखा कें लाने हमाइ बेज्जती भई अब कान पकरे आज सें कबउ गुटका नइ खैहै ।
###
लघुकथाकार - *राजीव नामदेव "राना लिधौरी"*,
अध्यक्ष मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
टीकमगढ़ (मप्र)472001
मोबाइल -9893520965
(मौलिक एवं स्वरचित)
शनिवार, 20 जून 2020
विश्व योग दिवस पर सम्मानित
आज मुझे बहुत ही शुभ सूचना मिली आपके साथ साझा कर रहा हूं।
#योग पर केन्द्रित अ.भा.काव्य #प्रतियोगिता मुंबई में देशभर से प्राप्त #200प्रविष्टियों में मेरी रचना को #द्वितीय_स्थान मिला है #1100रूपए का पुरस्कार सहित उक्त #सम्मान_पत्र प्रदान किया गया
#आभार- #हिन्दी_साहित्य_सेवा_मंच मुंबई (महाराष्ट्र)
शुक्रवार, 19 जून 2020
लघुकथा -बचत
- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
मैं साहित्यिक गोष्ठियों की रपट बड़ी होने के कारण एक पूरे कागज़ पर कप्म्यूटर से टाइप करके विभिन्न समाचार पत्रों में भेजा करता था, किन्तु उन गोष्ठियों के होने की सूचना जो कि मात्र चार-पाँच पंक्तियों में होती थी इसीलिए वे एक पेज में चार बार आ जाती थी। उन्हें दो दिन पूर्व में छोटी-छोटी पर्चियों के रुप में काट कर समाचार पत्रों में देने जाता था।
एक दिन एक समाचार पत्र के पत्रकार मुझसे बोले- यार तुम बहुत कंजूस हो? जो इतनी छोटी सी पर्ची में खबर बनाकर लाते हो। मैने कहा- मैं आपकी सोच के अनुसार कंजूस ही सही, लेकिन मेरी सोच कुछ और है। मैं प्रकृति से बेहद प्रेम करता हँू इसीलिए कागज की बचत करता हँू । जो काम कागज के एक छोटे से टुकडे से हो जाता है उसके लिए पूरा एक पेज क्यों बर्बाद करुँ, फिर एक पेज में यह खबर चार बार आ जाती है, इस प्रकार मैं तीन कागज की बचत हर बार करता हँू और मैं वृक्षों को कटने से बचाता भी हँू। मैंने नारा दिया है- ‘‘कागज़ बचाइये तो पेड़ भी बचेगें’’।
मेरी बात सुनकर वे पत्रकार महोदय शर्मिदा हो गए फिर अपनी शर्मिदगी को दूर करते हुए मुझे शाबासी देने लगे।
###
- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
अध्यक्षः- वनमाली सृजन केन्द्र, टीकमगढ
महामंत्री-अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिनः472001 मोबाइल-9893520965
E-mail- ranalidhori@gmail.com
Blog- rajeevranalidhori.blogspot.com Facebook- rajeev namdeo rana lidhori
बुधवार, 17 जून 2020
महारानी लक्ष्मीबाई पर केन्द्रित दोहे
शुक्रवार, 12 जून 2020
गुरुवार, 11 जून 2020
मंगलवार, 9 जून 2020
आनलाइन कवि सम्मेलन टीकमगढ़ 260वां
म.प्र. लेखक संघ का #आनलाइन_कवि_सम्मेलन हुआ
(म.प्र.लेखक संघ का #260वाँ_साहित्यिक_अनुष्ठान संपन्न)
#टीकमगढ़// आज दिनांक 7-6-2020 को नगर की सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ के बेनर तले नियमित मासिक 260वाँ साहित्यिक अनुष्ठान ‘आनलाइन कवि सम्मेलन’ ‘#पर्यावरण’ पर केन्द्रित आयोजित किया गया।
अध्यक्षता श्री अनिरूद्ध सिंह सेंगर जी (#गुना) ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. प्रीति प्रवीण खरे जी (#भोपाल) रहीं जबकि विशिष्ट अतिथि श्री उमाशंकर मिश्र जी (#टीकमगढ़) जी रहे।
माँ सरस्वती की वंदना के पश्चात् म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘#राना_लिधौरी’ ने दोहे सुनाए-
ऐसे ही सुधरा रहे, पर्यावरण जनाब।
प्रदूषण को फैलाके, करो न इस खराब।।
वृक्षारोपण की प्रथा, होती है हर वार,
कागज पर ही लग गए,पौधे कई हजार।।
#भोपाल से आनलाइन जुड़ी प्रसिद्ध साहित्यकारा डाॅ. प्रीति प्रवीण खरे ने सुनाया-
खाली तुम मन रखना झोली, प्यासी आज धरा ये बोली।
इंद्र ने खुद पे नाज़ किया, तब बरखा का आगाज़ किया।।
#गुना से जुड़े कवि अनिरूद्ध सिंह सेंगर ने कविता पढ़ी-
वृक्ष धरा के है आभूषण, बक समझेंगे हम।
वृक्ष हमें देते है कितने उपहार अनुपम।।
#झाँसी (उ.प्र.) से आनलाइन जुड़े प्रसिद्ध शायर शेख आजाद अंजान साहब ने ग़ज़ल पढ़ी-
पर नहीं निकले मगर उड़ने लगे है आजकल।
जाने क्या क्या खुद को वो कहने लगे है आजकल।
खेल खेला ही नहीं लूड़ो का अब तक दोस्तों,
चाल वो शतरंज की चलने लगे है आजकल।।
#छतरपुर से जुडी कवयित्री डाॅ. मीनाक्षी पटेरिया ने पढ़ा- यही सोचती हूँ अक्सर इंसानियत कहाँ है।
मुर्दो की है ये दुनिया और हैवानियत।।
#गुरसराय(उ.प्र.) से जुड़े गीतकार विवेक बरसैंया ने पढ़ा- वफ़ा के नाम पे धोखे मिले ज़माने से।
लोग अपने भी न पीछे थे आज़माने से।।
कौन अपना है इस जहाँ में,
सबने लूटा है किसी न किसी बहाने से
#सागर (म.प्र.) से आनलाइन जुड़े कवि विंद्रावन राय ‘सरल’ ने पढ़ा- वृक्षों को हम मान ले, मातापिता समान।
इनके ही आशीष से,मिलता जीवन दान।।
#बडामलहारा(म.प्र.)से कवि मनोज तिवारी ने पढ़ा-
वृक्षों से शोभा धरनीं की, धरती को स्वर्ग बनाएँ।
हम सब वृक्ष लगाएँ, कटने से इन्हें बचाएँ।।
#सियाराम अहिरवार ने सुनाया-
प्रकृति से खिलवाड़ करने लगे है लोग,
तभी तो बेमौत मरने लगे है लोग।।
#गीतिका_वेदिका ने सुनाया-
जीवन की क्षणभंगुरता में वह क्षण शाश्वत है।
मिलते है जब धरा-गगन और जल-अनल-पवन।
गीतकार #वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत पढा-
पर्यावरण सुधार ले, मिलकर सब इंसान,
अगर प्रदूषण बढ़ गया, नहीं बचेगे प्राण।।
#उमाश्ंकर मिश्र ने ग़ज़ल सुनायी-
मैं भी कुछ बोलूंगा, लेकिन अभी नहीं,
राज़ बहुत खोलूंगा, लेकिन अभी नहीं।।
इनके अलावा रामगोपाल रैकवार,सीताराम राय ‘सरल’,हरीश अवस्थी, राजेश्वर राज आदि भी कवि सम्मेलन में शामिल हुए। #संचालन_व_होस्ट रहे संस्था के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया तथा अंत में सभी का आभार माना।
#रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
#जिलाध्यक्ष-म.प्र. #लेखक_संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल-9893520965
शुक्रवार, 5 जून 2020
बुधवार, 3 जून 2020
वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ की आनलाइन कहानी गोष्ठी
गीतिका वेदिका की ‘#सहेली_की_डायरी’का हुआ आन लाइन लोकार्पण-
(#समर्पयामि_फाउण्डेशन व #वनमाली_सृजन_केन्द्र_टीकमगढ़ का संयुक्त आयोजन)
#टीकमगढ़// समर्पयामि फाउण्डेशन एवं वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में तथा महेन्द्र भीष्म समर्पयामि कला एवं शोध संस्थान के संयोजन में आयोजित ‘अथ सहेली संवाद’ आनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध कथाकार श्री महेन्द्र भीष्म जी, लखनऊ (किन्नर कथा व मै पायल के लेखक) ने की एवं मुख्य अतिथि श्री राजेश्वर वशिष्ठ जी,गुडगाँव (याज्ञसेनी और अगस्त के राम के लेखक) तथा विशिष्ट अतिथि श्री सहावेंद्र प्रताप सिंह जी ललितपुर (सहेली की डायरी की भूमिका लेखक) व सुश्री अजंलि सिंह मंगलमुखी, अवध से रहे।
सर्वप्रथम सरस्वती वंदना एवं केशव बंदना की गयी तत्पश्चात् सुप्रसिद्ध कहानीकारा गीतिका वेदिका (टीकमगढ़) द्वारा रचित कहानी संग्रह ‘सहेली की डायरी’ का आनलाइन विमोचन किया गया।
राजेश्वर वशिष्ठ जी (गुडगाँव) ने सहेली की डायरी की समीक्षा पढ़ी पुस्तक को पठनीय बताते हुए उसकी कहानी शुभ, नीलू, आदि पर अपनी समीक्षा करते हुए कहा कि-ये कहानी ग्रामीण परिवेश में रची गयी है। बहुत बढ़िया और पठनीय कहानियाँ है।
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,टीकमगढ़ (जिलाध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़) ने अपनी समीक्षा में कहा कि- कहानी संग्रह में नीलू,‘जलदान’, ‘तीन पग’ मौसी आदि कहानियाँ बहुत पंसद आयी शुभ कहानी एवं नीलू कहानियों में हिन्दी के साथ-साथ बुन्देली का भी पुट मिलता है लेखिका की कहानियों में बीच-बीच में कविताएँ भी पढ़ने को मिलती हंै ‘सहेली की डायरी’ कहानी संग्रह पठनीय है।
शायर चाँद मोहम्मद आखिर टीकमगढ़ ने समीक्षा के दौरान कहा कि-बैसे तो सभी कहानियाँ अच्छी है लेकिन मुझे ‘जलदान’ एवं ‘विदाई कहानी बहुत अच्छी लगी।
ग़ज़लकार उमाशंकर मिश्र टीकमगढ़ ने समीक्षा में कहा कि -सभी कहानियाँ अच्छी लिखी गयी है मुझे ‘शुभ’ और ‘नीलू’ कहानी बहुत अच्छी लगी उन्होनंे ‘शुभ’ कहानी की विस्तृत समीक्षा करते हुए इसे एक श्रेष्ठ कहानी बताया।
समर्पयामि के संरक्षक श्री महेन्द्र भीष्म जी लखनऊ ने समीक्षा करते हुए कहा कि-‘सहेली की डायरी’में लिखी सभी कहानियाँ बहुत अच्छी है उसमें भावों की सुंदर ढंग से अभिव्यक्ति है। उसमें पात्र हमंे अपने ही आस पास मिल जाते है।‘अथ सहेली संवाद प्रश्न’के अतर्गत शोधार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी भीष्म जी ने किया।
आशीष कुलश्रेष्ठ लखनऊ ने कहा कि कहानियाँ बहुत अच्छी है उन्हेे भी नीलू, शुभ, आखिरी बस, और जलदान कहानियाँ बहुत अच्छी लगी।
शलिनी सिंह लखनऊ(रेडियो जंगशन) कहानियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि- इस पुस्तक की कुछ कहानियों को ‘‘साहित्य के फनकार’’ कार्यक्रम में सुनाया जायेगा।
इनके अलावा वीणा सिंह, अनुज द्विवेदी शलिनी वर्मा, योगेन्द्र तिवारी योगी, टीकमगढ़, अलोक उपाध्याय, अतिम चैबे, गोल्डी त्रिवेदी ललितपुर सहित अथ किन्नर कथा संवाद समूह से किन्नर विमर्श के शोधार्थी, रामायण व हिन्दी-संस्कृत-अध्येता व स्वतंत्र मंच से अनेक शोधार्थी भी सहभागी रहे।
कार्यक्रम का संचालन स्वयं लेखिका गीतिका वेदिका ने किया। तकनीकी सहयोग अनुपमा पाण्डेय कानपरु, व सीमा भुवनेश्वर मुबंई,ने किया। सभी का आभार अंजलि अग्रवाल कलाधाम अकादमी नोएडा ने माना।
अंत में सभी ने गीतिका वेदिका का ‘सहेली की डायरी’ के विमोचन पर बधाइयाँ दी। गीतिका वेदिका ने बताया कि ‘सहेली की डायरी’ पर केेन्द्रित शीघ्र ही ‘अथ सहेली संवाद’ शीर्षक से एक विशेषांक प्रकाशित किया जायेगा।
- रपट- #राजीव_नामदेव ‘#राना_लिधौरी’
जिलाध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल-9893520965