Rajeev Namdeo Rana lidhorI

मंगलवार, 9 जून 2020

आनलाइन कवि सम्मेलन टीकमगढ़ 260वां

म.प्र. लेखक संघ का #आनलाइन_कवि_सम्मेलन हुआ

(म.प्र.लेखक संघ का #260वाँ_साहित्यिक_अनुष्ठान संपन्न)

#टीकमगढ़// आज दिनांक 7-6-2020 को नगर की सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ के बेनर तले नियमित मासिक 260वाँ साहित्यिक अनुष्ठान ‘आनलाइन कवि सम्मेलन’ ‘#पर्यावरण’ पर केन्द्रित आयोजित किया गया।
अध्यक्षता श्री अनिरूद्ध सिंह सेंगर जी (#गुना) ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. प्रीति प्रवीण खरे जी (#भोपाल) रहीं जबकि विशिष्ट अतिथि श्री उमाशंकर मिश्र जी (#टीकमगढ़) जी रहे।
माँ सरस्वती की वंदना के पश्चात् म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘#राना_लिधौरी’ ने दोहे सुनाए-
      ऐसे ही सुधरा रहे, पर्यावरण जनाब।
      प्रदूषण को फैलाके, करो न इस खराब।।
  वृक्षारोपण की प्रथा, होती है हर वार,
कागज पर ही लग गए,पौधे कई हजार।।
#भोपाल से आनलाइन जुड़ी प्रसिद्ध साहित्यकारा डाॅ. प्रीति प्रवीण खरे ने सुनाया-
खाली तुम मन रखना झोली, प्यासी आज धरा ये बोली।
इंद्र ने खुद पे नाज़ किया, तब बरखा का आगाज़ किया।।
#गुना से  जुड़े कवि अनिरूद्ध सिंह सेंगर ने कविता पढ़ी-
           वृक्ष धरा के है आभूषण, बक समझेंगे हम।
           वृक्ष हमें देते है कितने उपहार अनुपम।।
#झाँसी (उ.प्र.) से आनलाइन जुड़े प्रसिद्ध शायर शेख आजाद अंजान साहब ने ग़ज़ल पढ़ी-
पर नहीं निकले मगर उड़ने लगे है आजकल।
जाने क्या क्या खुद को वो कहने लगे है आजकल।
खेल खेला ही नहीं लूड़ो का अब तक दोस्तों,
चाल वो शतरंज की चलने लगे है आजकल।।
#छतरपुर से  जुडी कवयित्री डाॅ. मीनाक्षी पटेरिया ने पढ़ा-          यही सोचती हूँ अक्सर इंसानियत कहाँ है।
मुर्दो की है ये दुनिया और हैवानियत।।
#गुरसराय(उ.प्र.) से जुड़े गीतकार विवेक बरसैंया ने पढ़ा-      वफ़ा के नाम पे धोखे मिले ज़माने से।
            लोग अपने भी न पीछे थे आज़माने से।।
             कौन अपना है इस जहाँ में,
        सबने लूटा है किसी न किसी बहाने से
#सागर (म.प्र.) से आनलाइन जुड़े कवि विंद्रावन राय ‘सरल’ ने पढ़ा- वृक्षों को हम मान ले, मातापिता समान।
इनके ही आशीष से,मिलता जीवन दान।।
#बडामलहारा(म.प्र.)से कवि मनोज तिवारी ने पढ़ा-
  वृक्षों से शोभा धरनीं की, धरती को स्वर्ग बनाएँ।
हम सब वृक्ष लगाएँ, कटने से इन्हें बचाएँ।।
#सियाराम अहिरवार ने सुनाया-
प्रकृति से खिलवाड़ करने लगे है लोग,
तभी तो बेमौत मरने लगे है लोग।।
#गीतिका_वेदिका ने सुनाया-
जीवन की क्षणभंगुरता में वह क्षण शाश्वत है।
मिलते है जब धरा-गगन और जल-अनल-पवन।
गीतकार #वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत पढा-
        पर्यावरण सुधार ले, मिलकर सब इंसान,
अगर प्रदूषण बढ़ गया, नहीं बचेगे प्राण।।
#उमाश्ंकर मिश्र ने ग़ज़ल सुनायी-
मैं भी कुछ बोलूंगा, लेकिन अभी नहीं,
राज़ बहुत खोलूंगा, लेकिन अभी नहीं।।
इनके अलावा रामगोपाल रैकवार,सीताराम राय ‘सरल’,हरीश अवस्थी, राजेश्वर राज आदि भी कवि सम्मेलन में शामिल हुए। #संचालन_व_होस्ट रहे संस्था के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया तथा अंत में सभी का आभार माना।

#रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
#जिलाध्यक्ष-म.प्र. #लेखक_संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल-9893520965

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