Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 25 जनवरी 2021

नेता जी सुभाष चन्द्र बोस (बुंदेली दोहा संग्रह) संपादक -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

            नेता जी सुभाष चन्द्र बोस 
                  (बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'


नेता जी सुभाष चन्द्र बोस
(बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन दिनांक 25-1-2021
टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
मोबाइल-9893520965
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अनुक्रमणिका-

1- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
2-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा
3-अशोक नादान लिधौरा टीकमगढ़ 
4-राजगोस्वामी,दतिया(म.प्र.)
5-कल्याणदास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर, (निवाड़ी)
6- एस.आर.'सरल', टीकमगढ़
7-डी.पी.शुक्ल 'सरस', टीकमगढ़
8-डां. रेणु श्रीवास्तव भोपाल
9-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
10-शील चंद्र जैन शास्त्री, ललितपुर
11- रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु, झांसी
12- रामानन्द पाठक,नैगुवा

13- समीक्षा-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा


1- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़

*दोहा-नेता जी सुभाष चन्द्र बोस*
*1*
इक अकेले सुभाष ने,
बना लईती फौज।
डरत हते उनसें  सभी,
देखो कितनौ ओज।।
*2*
नेता तो बस एकई,
सुभाष वीर महान।
उनकें साहस कौ सदा, 
माने सकल जहान।।
*3*
नमन करे सबई जने 
उनकौ बारम्बार।
नेता सुभाष जू इते
लेवैं फिर अवतार।।
**25-1-2021
*@ राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
       संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.co
(मौलिक एवं स्वरचित)
####जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़##

2-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा, टीकमगढ़
#सुभाष चन्द्र बोस#
               #1#
सुभाष चन्द्र निज नाम था,
नेताजी कहलाँय।
आजादी लाने सदां,
फरकी उनकी बाँय।।
               #2#
अंग्रेजन के समय में,
बात बनाइ बुलंद।
अफरा तफरी मचा दै,
नारा दव जयहिन्द।।
               #3#
जमानौ रव सुभाष कौ,
साहस सें भरपूर।
गोरा सबरे भग गये,
भारत माँ सें दूर।।
               #4#
धूम मचाबे में सदां,
रव सुभाष कौ नाव।
भारत माँ की गुलामी,
नाश करी भर ताव।।
               #5#
रचना करी सुभाष ने,
आजादी हित फौज।
धूम धड़ाका कर गयी,
कामें आई औज।।

#मौलिक एवम् स्वरचित#
#जयहिन्द सिंह जयहिन्द#
#पलेरा, जिला टीकमगढ़#
#6260886596#
###############

3-अशोक पटसारिया नादान ,लिधौरा ,टीकमगढ़ 

   """ """ """ """ """ """ """
💐🎂सुभाष चन्द्र बोस🎂💐
""""" """"" """"" """"" """"" """"" """"
लात मार दी नौकरी,
                     ठेंगे पर सुख चैन।
अलख जगा दी देश मैं,
                   दिन देखा ना रैन।।
              💐🎂💐
देंगे आज़ादी तुम्हें,
                  तुम दो अपना खून।
यही क्रांति उदघोष था,
                  उनमें अलग जुनून।।
               💐🎂💐
गोरन की अड़ियां कपें,
                    थर थर कपै शरीर।
जब सुभाष कौ नाम लव,
                  उठत गुरन मैं पीर।।
               💐🎂💐
फौज बनाई हिन्द की,
                     उनमें भरा जुनून।
पूरी ताकत झौंक दी,
                 खौला सबका खून।।
               💐🎂💐
प्रथम पंक्ति में भी प्रथम,
                    वीर सुभाष महान।
शीश झुकाता है तुम्हें,
                       सारा हिंदुस्तान।।
                💐🎂💐
                  -अशोक नादान लिधौरा टीकमगढ़ 
###जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़##

4-राजगोस्वामी,दतिया

1-हिन्द फौज आजाद के 
बने सभाष महान ।
 दुनिया भर मे आपकी 
बनी अमिट पहचान ।।
2- मात पिता की कृपा से 
जग मेभए विख्यात। 
उनको नही बिसारिये 
समय बीत पछतात।।
3- वर्मा बीच सुभाष जी 
बीरो को समझाय । 
पाण प्यारे जिसे नहीं
वह नर आगे आय ।।
4-भले जगत मे तुम नही 
जगत रखेगा याद ।
नारा दे जयहिन्द का 
किया देश आजाद ।।
          -राजगोस्वामी,दतिया(म.प्र.)
######जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़####

5-- कल्याणदास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर, (निवाड़ी)

श्रद्धा सें लओ जात  है , नेताजी  कौ  नाम ।
श्री सुभाष चंद बोस पै , गर्वित भारत धाम ।।

हिन्द फौज आजाद के , सर्वे - सर्वा  आप ।
बाँके  शूर  सुभाष  कौ , जग में अमर प्रताप ।।


भारत रत्न  सुभाष  के , दिल में हतौ जुनून ।
गोरन कौ अन्याय लख , खौल उठौ तौ खून ।।

जौ-लौं  सूरज  चन्द्रमा , गंगा - सागर धाम ।
तौ-लौं  वीर सुभाष कौ , चमकै जग में नाम ।।

भारत माँ के लाल खों , नहीं  सकेंगे  भूल ।
अर्पित सुभट सुभाष के , श्री चरनन में फूल ।।

-कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर जिला निवाड़ी (मप्र)( मौलिक एवं स्वरचित )
#######जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़###

6-एस.आर.'सरल', टीकमगढ़

💐बुन्देली दोहा 💐
       सुभाष चन्द्र  बोस

अँगरेजों के काल थे,
              नेता सुभाष  बोस।
सुनके नाम सुभाष कौ,
              उनके उड गय होश।।

दै नारा जय हिन्द कौ
              भरा जोश  हुन्कार।
अँगरेजन की फौज में,
              मच गव हाहाकार।।

अँगरेजी सत्ता डिगी,
              हिल गइ उनकी चूल।
सुभाष जी बढते चले,
               मिलै फूल कऊँ सूल।।

सुभाष जू के नाम सै
               खौलै तन के खून।
आजादी की जंग मे,
             . कइ दुश्मन दय भून।।

भारत भूमि रई सदा,
              है बीरों की खान।
उनमे एक सुभाष थे
             सच्चे वीर महान।।
***
 मौलिक एवं स्वरचित
 -एस.आर.'सरल', टीकमगढ़
#######जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़#####

7- डी.पी.शुक्ल 'सरस', टीकमगढ़


दै उमंग सबको गयो,। 
बुड़की केइ रस रंग।।
बुड़की लैन गंगा गए।
मेला भरतै उमंग।।

बुड़की के दिन आ गये।
जुड़ात सबरेइ अंग।।
लगाय तिली तिल बाँटकें।
ठंडअई छोड़त संग।।

लडुअन संग बतियाँ चबा।
लेत उरैयाँ बैठ।।
मेला कौइ मजा लऔ।
बुड़की में कर पैठ।।

बुड़की कड़तन चलै हवा।
पिसी खेत लहरात।।
पंछी झुंडन झुंड बैठकें।
बालें टोरत खात।।

मेला देखन साजना।
गए कुन्डेश्वर धाम।।
बुड़की लै कुंड बूड़कें।
दरशन करे तमाम।।

डी.पी.शुक्ल 'सरस', टीकमगढ़ (मप्र)
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8-डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल

दोहे- विषय' सुभाष '
✍️✍️✍️✍️✍️
1 -भारतियन की शान वे, 
खूबई हतो जोश।
करत नमन उनें सबई , 
गोरन पर कर रोष।। 

2--प्रभावती के लाल वे, 
     बाप जानकी नाथ। 
     हिन्द फौज को नाम दौ, 
     सबखों लै के साथ।
              - डॉ रेणु श्रीवास्तव, भोपाल
#######################
9-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़

जिन्नै जगाइ देश में ,
आजादी की आस।
जुग-जुग वे बिसरैं नईं,
नेता सिरी सुभाष।।                                                       -

-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
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10-शील शास्त्री ,ललितपुर उ0प्र0
1.
हते आजादी के सूरमा 
हम सब के विश्वास ।
नेता जी कत ते जिनें, उनकौ नाव सुभाष ।।

2.
आजादी की अलख लंय पौंच गये रंगून ।
जय हिन्द उदघोष सें ,
भर दव जोश जुनून ।।

3.
आजादी मिलहे तबई 
जब दैहौ तुम खून ।
बस एइ उदघोष सें 
खौल उठे तौ खून ।।

4.
आजादी तौ मिल गयी 
रखियो इये सहेज ।
सब आपस की कलह सें 
करियो खूब परेज ।।

5.
गणतंत्र हो गव सफल
जगे आस विश्वास ।
जय हिन्द बोलौ जबै,
आबें याद सुभाष ।।

शील शास्त्री ,ललितपुर उ0प्र0
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11-रामेश्वर प्रसाद गुप्त इंदु.बड़ागांव, झाँसी उप्र.

नेता एक सुभाष थे,जो वीरान में वीर।
गोरन को जिनसे कपो,थर-थर सदा शरीर।।

नारा उनका एक तुम,मुझे दीजिए खून।
आजादी दूंगा तुमे,कय सुभाष कानून।।

रामेश्वर प्रसाद गुप्त इंदु.बड़ागांव झाँसी उप्र.
#############

12-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा,
कई रत्नों में एक है नेता जी उपनाम ।
तेइस जनवरी  में जन्म ,जन्में बंगाल धाम।।

आजादी के दीवाने थे,जतन करे दिन रात।
गांधी नेहरु से अलग,मेल बिचार न खात।।

आजादी कौ हक हमें , छीनेगे हम लेय।
दूं आजादी खून दो ऊंचा  उनका धेय ।।

विश्वयुद्ध के बाद में, तज सुभाष नेंं देश।
अन्तरध्यान से हो गए ना पाये अवशेष।।

दर्जा ऊंचौ पाउते ना दै पाऔ देश।
कर्जदार हम आज हैं कबहुं न चुकपै शेष ।।

-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा,
-#########

समीक्षक- 
146-#सोमवारी समीक्षा#दिनाँक///##25.01.2021
#बुन्देली दोहे#5#समीक्षाकार#जयहिन्द सिंह जयहिन्द
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सोमवारी समीक्षा#बिषय/सुभाष चन्द्र बोस#दिनाँक 25.01.2021#जय बुन्देली साहित्य समूह टीकमगढ़#
*************************/
सबसें पैलाँ सरस्वती मैयाकी जय,राम राजा सरकार कीजय,सबयी धरमन के सब देवी देवतन की जय।पटल के सबयी विद्वानन खों नमन।आज कौ बुन्देली दोहन कौ बिषय स्वतंत्रता संग्राम की कड़ी के साहसी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस पै आधारित दव गव सबयी कविगणन ने अपने अपने बिचार पटल पै दोहन के रूप में उकेरे।सब जनै धन्यवाद के पात्र हैं।सबने अपने मानस मन सें जितनों अच्छौ बन सकौ रचकें पटल पै डारोऔर नेत जी के दोहन कौ अंबार खड़ौ कर दव।राष्द्रीय लेखन के जबरजस्त उत्साह सेंलिखबे की कला सबके सामने आई।दश प्रेम और आजादी के लाने जो लिख सकत ते ऊसें आँगे कड़ कें दिखा दव।सुभाष नेता जी खों लक्ष्य बनाकेंसार्थक कोशिश संपन्न करी गयी जो सार्थक भयी।लो अब आज की समीक्षा शुरू कर रय।
सबकी कलम कौआकलन अलग अलग बताबे की कोशिश कर रय जैसौ बन पाय सो आप सबके सामें पेश कर रय।
#1#मैने लिखो नेता जी कौ पूरौ निजी नाम श्री सुभाष चन्द्र बोस हतो।जिनकी बाँय आजादी पाबे खों फरकत हतीं।अंग्रेजन के समय आजाद हिन्द फौज कौ गठन करकें अफरा तफरी मचा दयीऔर जयहिन्द नारौ बुलंद करो।अंग्रेजन के भगाबे मेंउनकी तरकीब काम आई।
धूम मचाबे में सदा......भर ताव दोहा मोय खुद अच्छौ लगो।
भाषा कौ आकलन आप सब जनें जानौ।
#2#श्री अशोक कुमार पटसारिया नादान जी.......
आपने लिखोसुभाष जी ने  नौकरी और सुख चैंन छोड़ कें
 रात दिना मैनत करी।तुम हमें खून दो मैं तुमें आजादी दूंगा।अंग्रेज उनकौ नाव सुनकें कप जत ते,नेता जी सबसें महान रय।उनै सबरौ भारत सिर झुकाउत तो।अंतिम दोहा  प्रथम पंक्ति.....हिन्दुस्तान सबसें अच्छौ लगो।
#3# पंं. श्री द्वारका प्रसाद शुक्ल जी.........
आपने खून दो आजादी दूंगा नारे को अपनी भाषा में दुहराव,अंग्रेज हुंकार के माय गद्दी छोड़ गय।
आपकौ दोहा  सुभाष ने पहल करी..........छोड़ गये मैदान भौत अच्छौ लगो।
आप बुन्देली बिल्कुल हट कें लिखत।ऊमें नवीनतम शब्दन कौ उपयोग करो जात।आपखौं शत शत प्रणाम।
#4#श्री राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' जी........
आपने तीन दोहन में समुद्र गगरी में भर दव। नेताजी ने अकेलें औज लगा केंफौज बनाई ती।उनकी महानता संसार में जानी जात,और इच्छा करी कझ उनकौ फिरसें अवतार हो जाय।आपके दोहन में लोच रात।आपका सादर अभिनंदन।
#5#डा. रेणु श्रीवास्तव, भोपाल.......
आपने लिखो नेता जी कौ जोश गोरन के खिलाफ हतो,उनके पिताजानकी नाथ और माताजी प्रभावती हतीं।नेताजी ने आजाद हिन्द फौज बनाकें गोरा भगाय।
आप बुन्देली की अनूठी शान हैं जिनकी तुलना ना करना ही समझदारी होगी।आपका चरणबंदन करत मोय खुशी होत।
#6#श्री शीलचंद जैंन साहब......
आपने लिखो सुभाष आजादी के सूरमा हते,बे आजादी की तरंग भरकें रंगून पौचे,और जयहिन्द कौ जुनून जगाव।हमें खून दो हम आजादी देंगे सुनकें सबकौ  खून खौल जात तो।आपने कलह सें आजादी बचाबे कौ सँदेशौ भी दव।जयहिन्द बोलतन उनकी खबर आ जात।आपकी भाषा अपने आप में अनूठी है आपकी लेखनी सरल उच्चारण करत।
आपका हार्दिक अभिनंदन।

#7#श्री रामेश्वर प्रसाद गुप्त इन्दु जी..........
आपने पटल पै दो दोहा डारे।आपने लिखो नेता जी वीरन में वीर हते।जिनसें अंग्रेज कप जात ते,खून वारौ नारौ आपने भी अपने तरह सें डारो।आपकी भाषाई मिठास बुन्देली की है। आपकौ सादर वंदन।
#8#श्री कल्याण दास पोषक जी........
आपने लिखो नेता जी कौ नाम श्रद्धा सेंलव जात।देश खौं उनके शौर्य पर नाज है।आजाद हिन्द फौज के सर्वोसर्वा पर हमें गर्वहै।
बे भारत रत्न हते,गोरन के अत्याचार सें उनकौ खून खौल जात तो।जौलौ सूरज चंदा गंगा सागर रै तौलौ उनकौ नाम अमर रै।उनने नेता जी खों पुष्पाँजली अर्पित करी।
आपकी भाषा अनोखी है आपने कम समय में बुन्देली कौ झंडा गाड़ो।आपके सबयी दोहा एक पै एक हैं।आपखौं सादर नमन।
#9#श्री रामानन्द पाठक जी नंद.........
आपने लिखो नेता जी कौ जनम 
23जनवरी खों बंगाल में भव तो,आपके बिचार नेहरूजी और गाँधी जी सें अलग हते।आजादी हमाव हक हैहम खून दैकें छीनेगे।आपने लिखो आप अचानक गायब भय फिर पतौ नयीं चलो।हम उनकौ कर्ज नयीं चुका सकत।
आपने कम समय में बुन्देली की ऊंचाई खों छू लव।आप मस्त मौला कवि हैं।आपके हर दोहे में चमत्कार है।आपका चरण वंदन।
#10#श्री राज गोस्वामी जी.....
आपने लिखा सुभाष नेताजी महान थे।आपकीँ दुनियां में अमिट छाप है।बे माता पिता की कृपा से जग विख्यात भय।वर्मा में नेता जी ने कहा था जिसे प्रान प्यारे न हों वही आगे आँय।आज आप संसार में नहीं हैं पर जमाना आपको सदा याद रखेगा।आपने जयहिन्द का अमिट नारा दिया।
गोस्वामी जी कौ भाषा चमत्कार अपने आप में अलग शाख ऋखत है।आपको सादर नमन।
#11#श्री एस आर.सरल जी.....
आपने लिखा नेताजी अंग्रेजों के काल हते।उनके नाम सें अंग्रेजों के होश उड़ जात ते।जयहिन्द नारा उन पर होश उड़ाने हेतु काफी था।नेताजी के नाम  से अंग्रेजन के होश उड़ते थे।सुभाष के नाम से खून खौल उठता था। हिंद फौज ने अपर गोरे भूंथ डारेथे।भारय भूमि वीरौं की है उनमें नेता जी एक थे।
आपका भाषा कौशल निखार लिये रहता है।आपकी शुद्धता डा.दुर्गेश दीक्षित जी से मिलती है।आपने कम समय में ऊंचाइयों छूने का साहस करो है।आपका सादर आभिनंदन।

इस प्रकार समय सीमा में 11 कवियन के दोहों ने पटल पर धूम मचाई।सबने सुभाष जी पर ऊंचाइयों को छुवा है।सब की लेखनी ने कमाल किया।सभी जन निरंतर आगे बढध रय। मेरी कामना है कै सब जनें ऊंचाइयों को छूके बिख्यात होंय।
सबको प्रणाम कलम को विराम।
समीक्षक......
जयहिन्द सिंह जयहिन्द ,पलेरा जिला टीकमगढ़
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           नेता जी सुभाष चन्द्र बोस
(बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन दिनांक 25-1-2021
टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001    

        जय हिंदी, जय बुंदेली

      जय श्रीराम, जय हनुमान

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