(हिंदी दोहा संकलन ई-बुक)
तीजा हरितालिका
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
(हिंदी दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की 64वीं ई-बुक प्रस्तुति
ई बुक प्रकाशन दिनांक 9-09-2021
टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
मोबाइल-9893520965
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
अनुक्रमणिका-
अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)
01-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, टीकमगढ़ (मप्र)
02-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
03- कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
04-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा टीकमगढ़
05- शोभाराम दांगी 'इंदु', नंदनवारा(म.प्र.)
06-डां.रेणु श्रीवास्तव, भोपाल (म.प्र.)
07-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
08- रामेश्वरम प्रसाद इंदु बड़ागांव (झांसी)(उ.प्र.)
09-गोकुल सिंह यादव, बुढेरा (टीकमगढ़)
10-अमर सिंह राय ,नौगांव (छतरपुर)
समीक्षा-
11- शोभाराम दांगी 'इंदु', नंदनवारा(म.प्र.)
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
संपादकीय-
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे।
हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
एक का और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।
हमारे इस छोटे से प्रयाय से आज यह ई-बुक तीजा (हरितालिका) 64वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
यह पटल के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 64 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 74 देश के लगभग 60000 से अधिक पाठक अब तक पढ़ चुके हैं।
हमारे पटल जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह 64वीं ई-बुक "तीजा (हरितालिका) लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी रचनाएं पटल के साथियों ने दिये गये बिषय तीजा (हरितालिका) पर 7-9-2021 को सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे के बीच पटल पर पोस्ट की गयी हैं। अपना आशीर्वाद दीजिए।
अतं में मैं पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
धन्यवाद, आभार।
***
दिनांक-9-09-2021 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
मोबाइल-9893520965
😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
1-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, टीकमगढ़ (मप्र)
##हरतालिका/तीजा पर दोहे#
#1#
पार्वती से खुश हुये,आशुतोष भगवान।
कहलाये हरतालिका, है वृत आलीशान।।
#2#
तीजी तिथि भाँदों सुदी,हो तीजा त्योहार।
करतीं वृत जो नारियाँ,हो शिव कृपा अपार।।
#3#
पार्वती से खुश हुये,जब शंकर भगवान।
तीजा ही वह दिन अमर,करो शंभु गुणगान।।
#4#
करतीं हैं जो नारियाँ,तीजा वृत हरवार।
मंगल हो फूले फले,उनका सब घर द्वार।।
#5#
तीजा वृत कर जागरण,करतीं हैं जो नार।
शिव की मिलती है कृपा,रहे सदा सुख सार।।
#मौलिक एवम् स्वरचित#
जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, टीकमगढ़ (मप्र)
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2-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
*बिषय-हरतालिका*
07.09.2021
*प्रदीप खरे, मंजुल*
+++++++++++++++++++
1-
माँग सदा दमकत रहै,
बिंदिया रहै लिलार।
हाथन खनकैं चूड़ियाँ ,
तीज करे उपकार।।
2
तीजा सैं वर मांगहूं,
देहु मातु चितलाइ।
कभी कोई दुःख न परै,
सुखी रहें सब भाइ।
3-
व्रत करियौ हरितालिका,
मंशा पूरन होय।
बिन पानी पूजा करौ,
बीज प्रेम के बोय।।
4-
झांकी घर में सजत है,
होते मंगल गीत।
तीजा के उपवास सें,
अमर होत मनमीत।।
5-
तीजा की सुनियौ कथा,
कर विनती कर जोर।
रतजगा कर भजन करौ,
पूजन करियौ भोर।।
*प्रदीप खरे,मंजुल*
पुरानी टेहरी, टीकमगढ़
***
-प्रदीप खरे मंजुल,टीकमगढ़ (म.प्र.)💐
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03-कल्याणदास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर, (निवाड़ी)
कठिन साधना युक्त है , तीजा व्रत-उपवास ।
संयम-धैर्य सिखात है , इसीलिए यह खास ।।
तीजा व्रत रख देवियाँ , करतीं शुभ अनुराग ।
चौबिस घन्टा के लिए , करें अन्न-जल त्याग ।।
तीजा में व्रत धारियाँ , हो जातीं तल्लीन ।
विषय वासना युक्त मन , करें भगति में लीन ।।
तीजा व्रत को साध कर , करतीं हृदय पवित्र ।
पूजा कथा विधान से , गढ़तीं धवल चरित्र ।।
पूरण होती कामना , तीजा पर्व महान ।
आराधक पर उमापति , रहते मेहरबान ।।
-कल्याणदास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर, (निवाड़ी)
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04-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा (टीकमगढ़)
✒️🌹पूणिंका 🌹
हैं मुझे तमन्ना कब गले लग जाये
मिलके दर्श हो मेरे भाग जग जाये
है लालसा ललक मन में मुझे
कब मिले मन प्रेम रंग रग जाये
बातें अभी सपने सामने नहीं
मिलो दिन तुम प्रेम रस पग जाये
है मन अभिलाषा मोका नहीं
पता नहीं बो दिन रास्ते लग जाये
कब नैन पलक जे झलक आँसू
बो कहा से कहा भाऊ भग जाये
***
गुलाब सिंह यादव भाऊ लखौरा टीकमगढ़
😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
05- शोभाराम दांगी 'इंदु', नंदनवारा(म.प्र.)
बिषय - "हरि तालिका "(तीजा)
हिंदी दोहा
1- कुँवारीं बिटिया व्रत करे,
तीजा का त्योहार ।
बिना अन्न जल के रहें,
शिव करते उद्धार ।।
2- तीजा है फल दायिनी,
कठिन तपस्या कीन्ह ।
करै रातभर जागरण,
हों भजनों में लीन।।
3- भूतेश्वर संग पार्वती,
रहतीं सदां प्रसन्न।
हरितालिका में गौरा सें
वर मांगें होंय प्रसन्न।
4- तीजा घर -घर में सजै,
करती गौरा गान।
करै कामना मांगलिक,
सुखमय जीवन दान ।।
5- धूप दीप नैवेध अरू,
बेलपत्री चढवांय ।
सूर्य उदय से पहलै,
व्रत पूरण करवांय ।।
***
मौलिक एवं स्वचित रचना
-शोभाराम दाँगी 'इंदु',नंदनवारा
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6-डां.रेणु श्रीवास्तव, भोपाल (म.प्र.)
दोहे विषय तीजा
✍️✍️✍️✍️✍️✍️
1 लाल चुनरिया पहन के,
चूडी पहने हांथ ।
तीजा का व्रत वे करें,
पति का रहता साथ।।
2 शिव जी की पूजा करें,
गौरा के गुण गायं।
तीजा का व्रत वे रखें,
कभी न संकट आयं।।
3 हरी गईं थी सखी से,
हरितालिका कहाय।
गौरा से तप जे करें,
शिव से पति मिल जाय।।
4 तीजा का त्योहार जे,
घर घर मौर सजाय।
करें तपस्या रात में,
वे पति भक्त कहाय।।
***
✍️डॉ रेणु श्रीवास्तव,भोपाल (म.प्र.)
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7-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
हिन्दी दोहे विषय हरतालिका तीजा
आइ भाद्रपद मास की, शुक्ल पक्ष शुभ तीज।
व्रत करतीं हरतालिका , भक्ति भाव में भींज।
शैल सुता जी ने किया, यह व्रत मधुर महान।
बनी अपर्णा तब मिले,पति स्वरूप ईशान।।
रखतीं श्रद्धा भाव से,यह व्रत महिला वृंद।
पाए कुमारी सुभग वर,ब्याहीं परमानंद।।
तीजा की झांकी सजी,राजत उमा महेश।
निराहार रह व्रत करें, भक्ति भरा परिवेश।।
करें जागरण रात में, छेड़ मनोहर तान।
तीजा सीं नारीं सजीं,पहिन पीत परिधान।।
###
-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
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08- रामेश्वर प्रसाद इंदु बड़ागांव (झांसी)(उ.प्र.)
जय बुंदेली साहित्य समूह.
7/9/2021.
हरि तालिका. (तीजा)
तीजा व्रत हो जागरण,
शिव का हो गुणगान।
भक्तों की शुभकामना,
पूर्ण करें भगवान।््।
घर-घर शिव झांकी सजे,
पूजन करें अपार/
मंगल हो हर तालिका,
तीजा का त्योहार।।
***
रामेश्वर प्रसाद गुप्ता 'इंदु'
बडागांव झांसी (उ.प्र.)
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9-गोकुल प्रसाद यादव नन्हीं टेहरी(बुडे़रा)
✍️🙏हिन्दी दोहा,विषय-तीजा🙏
************************
(१)
गिरि तनया गिरि कंदरा, बैठ तपस्या कीन्ह।
हर वर पाया तीज को,शुभ तीजा व्रत दीन्ह।।
(२)
शिव समाधि,ताला कठिन,व्रत चाबी से खोल।
हर पाये, हरतालिका, नाम मिला अनमोल।।
(३)
तीजा व्रत रख सुहागिन,करें अन्न जल त्याग।
शिव गौरा करते कृपा, रखते अक्षत सुहाग।।
(४)
रखें कुमारीं तीज व्रत, उत्तम वर की चाह।
गौरा माई कृपा कर,सुगम बनातीं राह।।
(५)
सजे फुलारा मनोरम, महकें फूल गदूल।
घर-घर तीजा धूम है,पाप-नाश,सुख-मूल।।
********************************
(मौलिक एवं स्वरचित)
-गोकुल प्रसाद यादव नन्हीं टेहरी(बुडे़रा)
दिनाँक-07/09/2021
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10-अमर सिंह राय, नौगांव (म.प्र.)
"विषय - हरतालिका (तीजा)
दिनाँक - 07/09/2021
- : दोहे : -
सजें मनोहर झाँकियाँ, व्रत तीजा त्यौहार।
फूल फुलारा से सजे, सजतीं बहुविधि नार।१
करें जागरण रात्रि भर, करें नहीं आराम।
सुन-सुन तीजा गीत प्रभु, हर्षाते हरिधाम।२
माँ गौरा के हृदय में, बसते भोले नाथ।
शंकर तीजा के दिना, बने थे प्राणनाथ।३
हरीतालिका तीज व्रत, कथा सुनो धर ध्यान।
गौरी शिव-शंकर वरण, महिमा होत बखान।४
शुक्ल भाद्र व्रत तीज जो, कन्या करती चाह।
मनवाँछित फल प्राप्त हो, होता शुभम विवाह।५
***
✍️अमर सिंह राय, नौगांव (छतरपुर)
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
पटल समीक्षा- दिनांक-7.9.2021
262- शोभाराम दांगी 'इंदु', नंदनवारा(म.प्र.)
मंगलवार दिनांक 7/9/021की
समीक्षा बिषय - "हरितालिका "
तीजा पर हिंदी दोहा
समीक्षक - शोभारामदाँगी नंदनवारा जिला टीकमगढ एम पी मां वीणा वरदायिनी सरस्वती माँ को नमन करते हुए मनीषी कवियों, साहित्यकारों को हार्दिक नमन बंदन करते हुए मैं आज पहली वार पटल पर आये कवियों की समीक्षा कर रहा हूँ, समीक्षा में यदि कोई गलती हो जाए तो छोटा समझ कर माफ करना ।
आज सबसे पहले नंबर 01=परआदरणीय मनीषी साहित्यकार श्री जयहिंद सिंह जयहिंद जी ने तीजा पर कमल जैसे फूलों से खूबसूरत दोहा विखेरे,आपका जितना बड़ा नाम है उतना ही इनका काम /आपने बहुत ही सुंदर दोहो का सृजन किया /आप हिंदी एवं बुंदेली में बहुत ही श्रेष्ठ रचनाकारों में से एक हैं /आपने उमा भवानी भगवान शिवशंकर से अपने जीवन काल में बहुत खुश हुई /भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए पार्वती जी ने व्रत पूजा की और सभी नारियों को उपदेश दिया कि कठिन तपस्या, लग्न से शिव जैसा वर प्राप्त कर सकती हैं आपकी लेखनी द्वारा समाज को बहुत कुछ सीखनें के लिए मिलता है /आपकी भाषा शैली अति मधुर लालित्य पूर्ण है आपको बारंबार प्रणाम बहुत बहुत बधाई ।
02=नंबरपरआदरणीय श्री प्रदीप खरे मंजुल जी पुष्पों की वर्षा करते हुए कहते हैं कि महिलाओं की मांग अमर रहे /मांथे की बिंदी हमेशा दमकती रहे, बहुत ही सुंदर संदेश दिया है /भगवान भोलेनाथ से वर मांगनें को कहा /आपने तीजा की झाँकी बहुत ही बाँकी अपनी हरितालिका से सजाई पर बल भी दिया /तीजा के व्रत का बहुत ही सुंदर चित्रण किया, हरितालिका की क्यारी को अपनें दोहों से सजाया /आपकी भाषा शैली बहुत ही माधुर्य प्रिय है /आपको शुभकामनाओं सहित बधाई, बारंबार प्रणाम।
03= तीसरे नंबर पर आदरणीय श्री रामानंद पाठक जी अपनी मधुर लालित्य पूर्ण भाषा से दोहा सुसज्जित कर कह रहे हैं कि तीजा के व्रत से घर में लछमी जू का वास सदां बना रहता है, सुख सम्पदा एवं शांति बनी रहती है /ऐसे सुंदर सृजन पर आदरणीय पाठक जी को ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बहुत बहुत बधाईयां ।
04= नंबर पर आये श्री अमर सिंह जी राय आपने बहुत ही मार्मिक चित्रण किया /आपने अपने दोहों में बहुत सुंदर झांकी सजाई और शिव पार्वती का यह पर्व भादो मास के शुक्ल पछ में तृतीय को तीजा पर्व मानते हैं आपकी भाषा शैली सरल व्यक्तित्व लिए माधुर्य प्रिय है /आपको शुभकामनाओं सहित बहुत बहुत बधाई ।
05= वे नंबर पर आदरणीय श्री रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु जी बडा गांव बेहतरीन दोहा लेकर पटल पर उपस्थित हुए आपने भले ही दो दोहा से हरि तालिका क्यारी सजाई पर बहुत ही सटीक चित्रण कर तीजा का महत्व एवं मंगलमय त्योहार का वर्णन किया बहुत सुंदर भाव माधुर्य प्रिय हैं आपकी भाषा शैली सरल प्रगाढ सरस है /बारंबार प्रणाम बहुत बहुत बधाई आपको, आपकी लेखनी को नमन ।
06= वे नंबर पर श्री गोकुल प्रसाद यादव जी कमाल है आपकी रचना को बहुत ही बढिया दोहा रच कर पुल बाँध दिया /आपकी मुस्कान भरी मिठास बहुत प्रिय, वाणी द्वारा प्रभावित करती रहती है /आपने फूलों सी महकती क्यारी अपनें दोहों से महकाई /श्रेष्ठ सृजन आपका ---
शिव समाधि ताला कठिन, व्रत चाबी सें खोल /
हर पाये हरितालिका, नाम मिला अनमोल //
भाषा मधुर लालित्य पूर्ण सहज सुंदर है /कमाल के दोहा बधाई आपको बारंबार प्रणाम आपको ।
07--- वे नंबर पर आदरणीय श्री प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष जी नें बहुत ही श्रेष्ठ सृजन काव्य रचना हरितालिका पर की /आपकी भाषा शैली अति उत्तम माधुर्य पूर्ण /
आपने बहुत ही सुंदर भाव विचार व्यक्त किये /
शैल सुता जी ने किया, यह व्रत मधुर महान /
वनी अर्पणा तव मिले, पति स्वरूप ईशान //
कमाल है आदरणीय पीयूष जी बहुत ही शानदार व्रत की उपमा /
आज की पीढी के लिए सुंदर संदेश, बारंबार बधाई आपको शुभकामनाओं सहित ।
08= आदरणीय श्री कल्याण दास साहू जी ,पोषक जी आपने श्रेष्ठ दोहा देकर आने वाली पीढी को सुंदर राह बताई /आपके दोहा अति प्रिय सुखद ,भविष्य में काम आने वाले हैं /सौन्दर्य सृजन लिए हुए हैं /बहुत बहुत बधाई आपको दोहा सभी अच्छे पर मन को भाया ये -
तीजा व्रत को साधकर , करती ह्रदय पवित्र /
पूजा कथा विधान से , गढती धवल चरित्र //
आपने बहुत बढिया रसदार दमदार सृजन अपनी कलापूर्ण भाषा से सुसज्जित किया /आदरणीय श्री पोषक जी को सा हृदय से बधाईयां बारंबार प्रणाम।
9= वे नंबर पर मैं स्वयं शोभारामदाँगी नंदनवारा से आप सभी को अपने दोहा सादर समर्पित करता हुआ आप सभी को हार्दिक प्रणाम ।
10= वे नंबर पर आदरणीय डा रेणु श्रीवास्तव जी भोपाल से अपनी कलम की सुंदरता बढ़ाती हुई पटल पर उपस्थित हुई आप हिंदी साहित्य जगत में ऊँचाई पा रही ऐसी मनीषी बहिन रेणु जी को ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएँ आपके दोहा बहुत ही सारगर्भित शानदार हैं /आपने हरितालिका बिषय पर दोहा के माध्यम से पति के साथ रहने का महत्व पर बल दिया जो सुहागिन हैं वे यह व्रत करतीं हैं आप कहतीं हैं कि -
लाल चुनरिया ओढके, चूड़ी पहने हांथ /
तीजा का व्रत वे करें, पति का रहता साथ //
आदरणीय डा रेणु श्रीवास्तव जी को बारंबार प्रणाम, बहुत बहुत बधाई ।
11= वे नंबर पर आदरणीय श्री गुलाब सिंह जी भाऊ अपने दो दोहा के माध्यम से बहुत बढिया कमाल कर रहे हैं /आपने सुंदर सृजन किया /हरितालिका की क्यारी में सुंदर पुष्प वाटिका सजाई और कहा कि नारद जी द्वारा गौरा जी को ग्यान देने का उपदेश दिया कि शिवशंकर को अपनालो वो तुम्हारे पति बहुत महान हैं /जगदाधार हैं बहुत सुंदर भाव व्यक्त किये /भाषा सुंदर, भाऊ जी को बारंबार प्रणाम ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएँ /
इस प्रकार आज कुल ग्यारह साहित्यकारों मनीषियों ने हरितालिका सजाई जो बहुत ही सुंदर झाँकी बाँकी रही /आप सभी बहुत ही विद्वान मनीषी पण्डित हैं /हम आप साहित्यकारों को क्या लिखें /मैं आप सभी के सामने कुछ नहीं हूँ आप सभी को बहुत बहुत बधाईयां /
निवेदन है कि अगर कोई कलमकार छूट गया हो, तो छमा करना मेंने पहली बार समीक्षा लिखने की हिम्मत जुटाई, जैसी बन पड़ी हो /आप सभी की सहमति की आशा करूगा /सभी काव्य रचनाकारों को पुन: हार्दिक शुभकामनाएँ एवं ढेर सारी बधाईयां ।।
जय माँ वीणा पांणी
समीक्षक- शोभाराम दाँगी
नंदनवारा
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*जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़*
©कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी',टीकमगढ़
मोबाइल-9893520965
प्रकाशन- प्रथम संस्करण- दिनांक 19-8-2020
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
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संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
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