*1*हरिकिंकर" भारतश्री, छंदाचार्य
दि०२९-११-२०२२ भौमवार।
विषय(११२)यात्रा
पूज्यपाद प्रभु दत्त ने,किया महा शुभ काम।
भरतयात्रा का किया,प्रचलन अति अभिराम।।१।।
अवधधाम से यह चले, चित्रकूट तक जाय।
यात्रा में मम् गुरुहिं की,
प्रमुख भूमिका पाय।।२।।
जुड़ते संत महन्त सब,मणीछावनी द्वार।
यात्रा की अध्यक्षता, गुरु निज कंधे धार।।३।।
उन्नीस सौ सत्तर रहा, यात्रा का आरम्भ।
अगहन कृष्ण सु दोज से,बनता हैं दम खम्भ।।४।।
यात्रा जहाॅं पड़ाव हो, होय कथा सत्संग।
सविधि कीर्तन भजन हो,बाजें ढोल मृदंग।।५।।
चित्रकूट यात्रा पहुॅंच,रुकें जानकी घाट।
बड़ी गुफा कहलाय जो, तरुवर सोचें वाट।।६।।
मौलिक/स्वरचित
"हरिकिंकर" भारतश्री, छंदाचार्य
*2* शोभारामदाँगी, नदनवारा
1=जीवन लंबी यात्रा ,पग संभाल कि जाय ।
काॅटा चुभे न पाँव में ,जीवन सुख में पाय ।।
2=चित्रकूट की यात्रा ,रही सुगम हर वार ।
दर्शन पा कामदगिरी , घर ल्याये सरकार।।
3=हर क्षण "दाँगी" कीमती ,पग पग रखना ध्यान ।
जीवन सुखमय पायगा, "दाँगी" हो कल्याण ।।
4= कथा भागवत जो करैं,कलश यात्रा होय ।
पण्डित ग्यानी ग्यान दें,"दाँगी" ग्यान सजोय ।।
5=तीर्थ यात्रा जाइये ,अमल करो हर चीज ।
"दाँगी"छोड़ कुरीतियाँ, रखते सदा तमीज ।।
मौलिक रचना
शोभारामदाँगी, नदनवारा
[29/11, 9:47 AM] Promod Mishra Just Baldevgarh: मंगलवार हिंदी दोहा दिवस
विषय ,,यात्रा,,
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यात्रा में पैदल चले ,गए ओरछा धाम
अविरल बहती बेतवा , सघन वनों का ठाम
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पाताली हनुमान जी , बने विशेष विमान
यात्रा कोसल ओरछा ,नित्य करें भगवान
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यात्रा करते राम जी , सीता अवध निवास
नमन ओरछा धीश का , शुभ प्रमोद इतिहास
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रामलला करी यात्रा , आए पुष्य नक्षत्र
राज सौंप मधुकर दियो , लिख प्रमोद मय पत्र
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यात्री यात्रा का कहे , भरें प्रमोद वृतांत
राम कृपा होता सुलभ , आनंदित एकांत
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यात्रा पुलक प्रमोद मय , हो जीवन की राम
प्रेम प्रभाकर प्रखर हो , अधर आपका नाम
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,, प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़,,
,, स्वरचित मौलिक,,
[29/11, 9:57 AM] Jai Hind Singh Palera: #यात्रा पर दोहे#
#१#
पद यात्रा की राम ने,नर बानर के हेत।
राह दिखाई समाज को,सीता लखन समेत।।
#२#
वाहन से यात्रा करें,मंद सुगम हो चाल।
तेज होय रफ्तार जो,जाय काल के गाल।।
#३#
यात्रा बद्रीनाथ की,गर्मी में हो शीत।
पल में पाप नशाय कें,होय पुण्य की जीत।।
#४#
पद यात्रा नेता करें,देते जन संदेश।
हर समाज से बे जुड़ें,हों जनता में पेश।।
#५#
शव यात्रा में मैं गया,देखा मृतक शरीर।
ज्यों सीमा पर सो रहा,भारत का बल वीर।।
#जयहिन्द सिंह जयहिन्द#
#पलेरा जिला टीकमगढ़#
#मो०-६२६०८८६५९६#
[29/11, 11:58 AM] Amar Singh Rai Nowgang: हिन्दी दोहे, विषय - यात्रा
दिनांक 29/11/2022
जीवन यात्रा जन्म से, हो जाती आरंभ।
अंत समय यह ज्ञान हो, मिथ्या होता दंभ।।
यात्रा चारों धाम से, मिलता पुण्य- प्रताप।
देशाटन के साथ में, मिले खुशी अनमाप।।
धैर्य धरे यात्रा करे, पाता वही मुकाम।
हटी सावधानी अगर, दुर्घटना अंजाम।।
अंतिम यात्रा है महा, कहता है संसार।
राम नाम ही सत्य है, इससे हो भव पार।।
जीवन यात्रा में पथिक, बढ़ मकसद ले मूल।
नर तन हमको क्यों मिला,यह मत जाना भूल।
मौलिक/
अमर सिंह राय
नौगांव, मध्यप्रदेश
[29/11, 12:16 PM] R. K. Prajapati Jatara: नमन मंच
प्रदत्त शब्द-यात्रा
विधा-दोहे
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जीवन यात्रा अति कठिन,मिलते कई पड़ाव।
कभी मिलन हो प्रेम का,कहीं दिखे अलगाव।
राग द्वेष छल भावना,बाधा व्याधि अनेक।
यात्री बन यात्रा करें, दुख दें माथा टेक।
दूरदृष्टि धीरज प्रबल, साहस नम्र स्वभाव।
यात्रा में सहचर बनें, लगे न कोई घाव।
यात्रा चारों धाम की,जिसने की मन शुद्ध।
भव सागर से पार को,कहते सन्त प्रबुद्ध।
आर.के.प्रजापति "साथी"
जतारा,टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश)
[29/11, 12:28 PM] Subhash Singhai Jatara: हिंदी दोहा दिवस , विषय - यात्रा
जीवन यात्रा में दिखें , राहें यहाँ अनंत |
पथिक चला जब खोजने, मिला न कोई अंत ||
यात्रा जाए कौन कब , कहाँ मिले आराम |
यात्री सब अंजान है , कहाँ ढ़लेगी शाम ||
कभी बिछड़कर हो मिलन , यह यात्रा का खेल |
पता नहीं इस बात का , कब हो किससे मेल ||
जीवन यात्रा में मिलें , कहीं कुटिल संताप |
कहीं धर्म की है शरण , कहीं लुभाते पाप ||
कहाँ समापन की जगह , खोजो नहीं सुभाष |
यात्रा बस करते रहो , रखो राम से आश ||
सुभाष सिंघई
[29/11, 12:42 PM] Rajeev Namdeo Rana lidhor: संशोधित *हिंदी दोहा बिषय- यात्रा*
" *#राना_यात्रा_पर_चला "*
*1*
#राना यात्रा पर चला , मिलते गए मुकाम |
मिल जाती थी शुभ सुबह , कहीं रात विश्राम ||
*2*
#राना यात्रा पर चला , साथ चले कुछ लोग |
कुछ ने धोखा दे दिया , कुछ ने जोड़ा योग ||
*3*
#राना यात्रा पर चला , मिले सफलता फूल |
कभी- कभी कुछ बात भी , सिखा गई है भूल ||
*4*
#राना यात्रा पर चला , करने तीरथ धाम |
हर पग पर कर्तव्य की , धुन सुनता अविराम ||
*5*
#राना यात्रा पर चला , सुख दुख मिले पड़ाव |
पर हर्षित मन से रहा, पावन रखकर भाव ||
*6*
#राना यात्रा पर चला , मिले फर्ज के धाम |
पूरा करने जब रुका , दिखे वहाँ पर राम ||
***
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
[29/11, 1:49 PM] Shobha Ram Dandi 2: संशोधित दोहा
शोभारामदाँगी नंदनवारा जिला टीकमगढ (म प्र)29/11/022
बिषय--"यात्रा"हिन्दी दोहा =११२
१=जीवन लंबी यात्रा, चलो सभल के यार ।
काॅटा चुभे न पाँव में ,यह जीवन का सार ।।
२=हर क्षण यात्रा कीमती ,पग पग रखना ध्यान ।
जीवन सुखमय पायगा ,तभी होय कल्याण ।।
३=चित्रकूट की यात्रा, रही सुगम हरवार ।
दर्शन
पा कामदगिरी ,घर ल्याये सरकार
।।
४=कथा भागवत जो करैं, कलश यात्रा होय ।
पंड़ित ग्यानी ग्यान दें,"दाँगी"ग्यान सजोंय ।।
५=तीर्थ यात्रा जाइये ,अमल करो कुछ यार ।
"दाँगी" तजो बुराइयाँ, रखना हैं सुविचार ।।
मौलिक रचना
शोभारामदाँगी
[29/11, 2:03 PM] Vidhaya Chohan Faridabad: संशोधित हिंदी दोहे
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विषय- यात्रा
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१)
यात्रा कोसों दूर की, नगर शहर या गाँव।
इक पल में मन नापता, बिन डैना बिन पाँव।।
२)
जीवन यात्रा में यहाँ, होते अनगिन मोड़।
किसका कितना साथ है, कौन कहाँ दे छोड़।।
३)
यात्रा कोई भी नहीं, होती है आसान।
पहुँचेगा तू लक्ष्य पर, बस चलने की ठान।।
४)
धरती से आकाश की, ऊँची भरो उड़ान।
मत डरना व्यवधान से, यात्रा के दौरान।।
५)
वन यात्रा पर राम जी, पहुँचे गंग किनार।
केवट क्या संसार को, राम लगाते पार।।
~विद्या चौहान
फ़रीदाबाद, हरियाणा
[29/11, 2:03 PM] Dr. Devdatt Diwedi Bramlehara: 🥀 हिंदी दोहे 🥀
(विषय- यात्रा)
रखता जो परिवार में,
सबके हित का ध्यान।
जीवन यात्रा हो सरस,
मिले मान- सम्मान।।
सुनें न समझे छंद रस,
गुनें न कविता सार।
साहित्य यात्रा में सरस,
राम नाम आधार।।
यात्रा से भव सिन्धु की
जाना हो यदि पार।
नाव बना हरि नाम की,
पकड़ प्रेम पतवार।।
त्याग पुराना पींजरा,
काहे करे मलाल।
जग यात्रा पूरी हुई,
छूटे जग जंजाल।।
डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस
बड़ामलहरा छतरपुर
[29/11, 2:05 PM] Dr Methili Sharan Shrieastava: दोहा दिवस
विषय। यात्रा
अंतिम यात्रा जीव की,
कछू जने गय साथ।
पौंच चेटका विदा कर
झुका झुका कैं माथ।।
डा, एम, एस, श्रीवास्तव
[29/11, 3:20 PM] Prabhudayal Shrivastava, Tikamgarh: हिन्दी दोहे विषय यात्रा
यात्रा करते सुबह से ,भुवन भास्कर रोज।
दिव्य दमकती देह है, मुख मंडल पर ओज।
थोड़ा समय निकालिए, लगे रहेंगे काम।
यात्रा करने को चलें , मिल कर तीरथ धाम।।
यात्रा चारों धाम की , करने की थी चाह।
कइ बाधाएं सामने , खड़ीं रोकती राह।।
यात्रा करने के लिए , बैठे हैं तैयार।
कब संदेशा भेज दे , ऊपर की सरकार।।
यात्रा भारत जोड़ने , की लेकर कुछ लोग।
निकल पड़े हैं सड़क पर, रहे सभी सुख भोग।।
प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
[29/11, 5:50 PM] Dr R B Patel Chaterpur: दोहा यात्रा
01
जीवन यात्रा जीव की, चलती आठो याम।
हाय हाय करता रहा,ना ही कभी विराम।
02
यात्रा में या तन थके, मन पर नाही जोर ।
मन तो निशदिन चलत हैं, घूमत है चहुंओर।
03
भवसागर करें यात्रा ,मिलते सुख दुख भोग । इनसे बच निकले अगर, मानव तन संयोग ।
स्वरचित
डॉक्टर आरबी पटेल "अनजान"
छतरपुर।
[29/11, 6:05 PM] Brijbhushan Duby Baxswahs: दोहा
1-फलदायी यात्रा सदा,
कीजिए बारम्बार।
काम क्रोध मद लोभ तज,
तभी "बृज" सुख सार।
2-यात्रा विविध प्रकार की,
की जाती श्रीमान।
जानी मानी सभी की,
बृज क्या करें बखान।
3-
कभी सभी पैदल चलें,
रथ घोड़ा असवार।
हाथी ऊँट कि पालकी,
यात्रा करें विचार।
बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा
[29/11, 7:35 PM] Asha Richhariya Niwari: संशोधित दोहे
जीवन यात्रा है सुखद,जो हमराही संग।
मनुआ फूलो है रहत,उठती नयी उमंग।।
🌹
पद यात्रा कौ है चलन,नेतन खों अति भाय।
आवे समय चुनाव को,जीत आस वॅंधवाय।।
🌹
वरयात्रा बारात है, कन्या ब्याहन जांय।
ढोल सजें बाजे बजें, लक्ष्मी घर ले आंय।।
🌹
अंतिम यात्रा में सभी, संबंधी जुर जात।
राम नाम ही सत्य है, मुक्ति मंत्र दुहरात।।
आशा रिछारिया जिला निवाड़ी 🌹🙏
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