विश्व 'महिला' दिवस पर विशेष-
कविता :-तुम हो एक नारी
तुम हो एक नारी,
मत बनो तुम अंहकारी।
तुम हो सबसे न्यारी,
माने तुम्हें दुनिया सारी।
तुम्हें पूजें जग सारा ,
ऐसी ममता और त्याग कीे।
तुम देवी बनो,
यदि नहीं बन सको देवी ताें।
तुम नित श्रद्धा के फ़ूल बनो,
पति के गले का हार बनो।
फूल बनकर सदा महकती रहो,
जीवन की बगिया में,
तुम सदा चहकती रहो,
हर दिल में जगह बनाती रहो।
ग़म सदा दूसरों के ,
तुम यहाँ बाँटती रहो।
666
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिन:472001 मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com
Blog - rajeev rana lidhori.blogspot.com
कविता :-तुम हो एक नारी
तुम हो एक नारी,
मत बनो तुम अंहकारी।
तुम हो सबसे न्यारी,
माने तुम्हें दुनिया सारी।
तुम्हें पूजें जग सारा ,
ऐसी ममता और त्याग कीे।
तुम देवी बनो,
यदि नहीं बन सको देवी ताें।
तुम नित श्रद्धा के फ़ूल बनो,
पति के गले का हार बनो।
फूल बनकर सदा महकती रहो,
जीवन की बगिया में,
तुम सदा चहकती रहो,
हर दिल में जगह बनाती रहो।
ग़म सदा दूसरों के ,
तुम यहाँ बाँटती रहो।
666
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिन:472001 मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com
Blog - rajeev rana lidhori.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें