बुंदेली आलेख- नवरात्रि कौ महत्व-
*बुंदेली आलेख- नवरात्रि कौ महत्व-
- *राजीव नामदेव राना लिधौरी, टीकमगढ़*
साल के पैलों मास अर्थात चैत्र में पैली नवरात्रि होत है। चौथे मइना आषाढ़ में दूसरी नवरात्रि होत है। ईके बाद अश्विन मास में प्रमुख नवरात्रि होत है। इ तरां से साल के ग्यारहवें मइना अर्थात माघ में सोउ गुप्त नवरात्रि मनावे कौ उल्लेख अरु विधान देवी भागवत व अन्य धार्मिक ग्रंथन में पढ़वे मिलत है।
ई साल 2020 में 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरु हो रई हैं. ऐसे में जनी-मांसन ने घरन में पूरी तैयारियां कर लई हैं। नवरात्रि कौ हिंदू धरम में भौत महत्व होत है। नवरात्रि के 9 दिना में माता दुर्गा के 9 स्वरूपन की पूजा करी जात है. ई समै लोग 9 दिनों तक व्रत रखत हैं और अष्टमी,नमे,दसे, के दिना कन्याऔं को भोजन ख्वात हैं। उनै देवी कै जैसे पूजौ जात है। नवरात्रि के पैला दिना माटी के बासन में जौ बोए जात हैं.जिये खप्पर कैइ जात है। जौ कौ भौत अधिक धार्मिक महत्व होत है। धार्मिक महत्व होवे के संगेइ इसे सेहत पै भी काफी नोनो प्रभाव पड़त हैं।
*नव रात्रि कौ वैज्ञानिक महत्व-*
नवरात्र के पाछे कौ वैज्ञानिक आधार जो है कै पृथ्वी द्वारा सूरज की परिक्रमा काल में एक साल की चार संधियां हैं जीमें से मार्च व सितंबर मइना में पड़वे वाली गोल संधियों में साल के दो मुख्य नवरात्र पड़त हैं। इ टैम पै बन्न बन्न के रोगाणु आक्रमण कौ सबसें जादा संभावना होत है। ऋतु संधियों में अक्सर पे शारीरिक बीमारियां बढ़त हैं। इसे इ टैम पै खान पान कौ भौत ध्यान राखने परत है।
*नवरात्र कौ धार्मिक महत्व-*
नवरात्रि हिंदुओं कौ एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि शब्द एक संस्कृत शब्द है, जीकौ अर्थ होत है 'नौ रातें'। न नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। पौष, चैत्र, आषाढ, अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।
इन नौ रातन अरु दस दिनन के समै शक्ति / देवी के नौ रूपन की पूजा करी जात है। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जीये पूरे भारत में भौत उत्साह के संगे मनाऔ जात है। बंगाल में तो भौत नोनौ दरबार घरन -घरन सजत है।
*नवरात्रि की नौ रातों में तीन देवियों-*
महालक्ष्मी जू, महासरस्वती जू या सरस्वती जू और दुर्गा जू के नौ स्वरुपों की पूजा होत है जिने नवदुर्गा कत हैं। इन नौ रातन अरु दस दिनन के समै, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा करी जात है। दुर्गा कौ मतलब जीवन के दुख कॊ हरवेवाली होत है। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जीये पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जात है।
*नौ देवियन के नाव :-*
*शैलपुत्री* – इकौ अर्थ- पहाड़ों की
पुत्री होत है।
*ब्रह्मचारिणी* –इकौ अर्थ- ब्रह्मचारीणी।
*चंद्रघंटा* – इकौ अर्थ- चाँद की तरां चमकने वाली।
*कूष्माण्डा* – इकौ अर्थ- पूरौ जगत उनके पैर में है।
*स्कंदमाता* –इकौ अर्थ- कार्तिक स्वामी की माता।
*कात्यायनी* – इकौ अर्थ- कात्यायन आश्रम में जन्मि।
*कालरात्रि* – इकौ अर्थ- काल कौ नाश करने वली।
*महागौरी* – इकौ अर्थ- सफेद रंग वाली मां।
*सिद्धिदात्री* – इकौ अर्थ- सर्व सिद्धि देवे वाली।
शक्ति की उपासना कौ परब शारदीय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाऔ जा रव है। सबसे पैला श्रीरामचंद्र जू ने इ शारदीय नवरात्रि पूजा कौ प्रारंभ समुद्र तट पै करो तो अरु बाद दसवें दिन लंका विजय के लाने प्रस्थान करो हतो और विजय प्राप्त करी ती तब से असत्य, अधर्म पै सत्य, धर्म की जीत कौ परब दशहरा मनाऔ जान लगौ। आदिशक्ति के हर रूप की नवरात्र के नौ दिनों में क्रमशः अलग-अलग पूजा करी जात है। माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति कौ नाव सिद्धिदात्री है। ये सभई तरां की सिद्धियाँ देवे वाली हैं। इनकौ वाहन सिंह है अरु कमल पुष्प पै ही आसीन होत हैं। नवरात्रि के नौवें दिन इनकी उपासना करी जात है।
*जय माता की*
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*आलेख- राजीव नामदेव "राना लिधौरी"*
संपादक आकांक्षा पत्रिका
अध्यक्ष मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
*टीकमगढ़ (मप्र)*
मोबाइल 9893520965
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