Rajeev Namdeo Rana lidhorI

गुरुवार, 8 अक्तूबर 2020

कैसे करूं यकीन ग़ज़ल राजीव नामदेव राना लिधौरी,टीकमगढ़

*ग़ज़ल- कैसे करूँ यकीन*

तुम्हीं बताओ भरोसा किस पे करने लगे।
अस्मत ही अपने घर में जब लुटने लगे।।

क़ातिल है जो सरेआम बेख़ौफ़ घूम रहा।
बेगुनाह क्यों फाँसी पे चढ़ने लगे।।

अय मालिक तुम पर कैसे करूं यकीन।
जब तेरे ही दर से मूर्तियाँ उठने लगे।।

क्यों पैदा किया इंसान को इस दौर में।
भूख से ही जब आदमी मरने लगे।।

'राना' सब्र का बांध अब टूट ही गया।
जब अश्क़ आँखों से बहने लगे।।
***
@ *राजीव नामदेव "राना लिधौरी",टीकमगढ़*
    संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
 जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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