संपादक-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' टीकमगढ़ (मप्र)
💐😊 आठें (दुर्गा अष्टमी) 💐😊
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक) 💐
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 124वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 3-10-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
अनुक्रमणिका-
अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)
01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02-प्रमोद मिश्र, बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़
03-सुभाष सिंघई,जतारा, टीकमगढ़
04-अमर सिंह राय,नौगांव(मप्र)
05-गोकुल प्रसाद यादव (नन्हींटेहरी,बुढेरा)
06-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा
07-प्रभुदयाल श्रीवास्तव,टीकमगढ़
08-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़
09-अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत ,निवाड़ी
10-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
11-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा
12-गीता देवी,औरैया (उत्तर प्रदेश)
13-बजभूषण दुवे (बक्सवाहा)
14-डां रेणु श्रीवास्तव (भोपाल)
15- रामसेवक किंकर (ललितपुर)
##############################
संपादकीय
साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे।
हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के एडमिन के रुप मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) एवं संरक्षक द्वय शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और श्री सुभाष सिंघई जी है।
हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
एक काम और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।
हमारे इस छोटे से प्रयास से आज एक नया इतिहास रचा है यह ई-बुक 'आठें (दुर्गा अष्टमी) ( 124वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
यह पटल के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 124 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 82 देश के लगभग 84000 से अधिक पाठक अब तक पढ़ चुके हैं।
आज हम ई-बुक की श्रृंखला में हमारे पटल जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह 124वीं ई-बुक आठें (दुर्गा अष्टमी)' लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है।
ये सभी दोहे पटल के साथियों ने सोमवार दिनांक-3 -10-2022 को बुंदेली दोहा दिये गये बिषय 'आठें (दुर्गा अष्टमी) पर दिनांक- 03-10-2022 को पटल पोस्ट किये गये थे।
अंत में पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का मैं हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
धन्यवाद, आभार।
***
ई बुक-प्रकाशन- दिनांक-03-10-2022 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
मोबाइल-91+ 09893520965
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A B C आती है क्या.....?????अगर आती भी होगी तो ऐसी नहीं आती होगी .....
क्योंकि ऎसी आज तक आपको किसी ने नहीं सिखाई होगी ..
🙏A=अम्बे 👣
🙏B=भवानी 👣
🙏C=चामुंडा 👣
🙏D=दुर्गा 👣
🙏E=एकरूपी 👣
🙏F=फरसाधारणी 👣
🙏G=गायत्री 👣
🙏H=हिंगलाज 👣
🙏I=इंद्राणी 👣
🙏J=जगदंबा 👣
🙏K=काली 👣
🙏L=लक्ष्मी 👣
🙏M=महामाया 👣
🙏N=नारायणी 👣
🙏O=ॐकारणी 👣
🙏P=पद्मा👣
🙏Q=कात्यायनी
🙏R=रत्नप्रिया 👣
🙏S=शीतला 👣
🙏T=त्रिपुरासुंदरी 👣
🙏U=उमा 👣
🙏V=वैष्णवी 👣
🙏W=वराही 👣
🙏Y=यति 👣
🙏Z=ज़य्वाना 👣
🌸🌸🌸🌹🌹🌹
ABCD पढ़ते जाओ ..जय माता दी कहते जाओ ...!!!
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01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी", टीकमगढ़ (मप्र)
*बुंदेली दोहा बिषय-आठें (दुर्गा अष्टमी)*
*1*
आठें गौरी माइ की , #राना जब भी आय |
अठवाई लैकें धना , पूजन करवें जाय ||
*2*
#राना गौरी पूज कै , कन्या दई जिमाय |
मिलत यज्ञ सौ पुन्य है , आठें शुभ कैलाय ||
*3*
बैसें तो सब नौ दिना , #राना शुभइ नियोग |
आठें खौं जाँदा तनिक , पूजा करतइ लोग ||
****
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
🥗🥙🌿☘️🍁💐🥗🥙🌿☘️🍁💐
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2-*प्रमोद मिश्रा,बल्देवगढ़,जिला-टीकमगढ़ (मप्र)
सोमवार बुंदेली दोहा दिवस
विषय ,आठें,,
*************************
आठेँ दुर्गा अष्टमी , श्रीफल देवी लेय
महागौरी माइ दिवस, पाप नाश कर देय
*****************************
आठेँ खों औतार धर , आए गोकुल चन्द
भव प्रमोद घर घर इते,दही चोर को दन्द
******************************
करय दिनन मां लचछमी, आठें पूजी जात
आठेँ खों राधा भई, लिख प्रमोद मुसकात
******************************
आठेँ कातक की पुजे ,जीको नाव अहोइ
आठेँ दिन बुधवार को ,सूरज पूजा सोइ
*******************************
पूष वदी आठेंं सुनत ,रुकमन को अवतार
आठेँ आठइ बसुन की,लिखत प्रमोद समार
*******************************
आठेँ दुर्गा अष्टमी , बरस में आति चार
चैत्र माघ अषाढ़ की, कहत प्रमोद कुवांर
*******************************
-प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़
स्वरचित मौलिक
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3-सुभाष सिंघई,जतारा, टीकमगढ़
माइ महागौरी दिवस , आठें कौ है ठाठ |
कन्या पूजीं जात है ,मिलत सीखवें पाठ ||
आठें की अठबाइ में , शिव के लिंग बनात |
पूजन करकै भाव से , गौरी पास चढ़ात ||
***
-सुभाष सिंघई,जतारा
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04-अमर सिंह राय,नौगांव, जिला छतरपुर
बुन्देली दोहे - आठैं (अष्टमी)
महागौरि ममतामयी, जिनको सरल सुभाव।
आठें पूजो ध्यान कर, मनवांछित फल पाव।
आठें को अठवाइयां, लएँ बताशा पान।
बइरें देवी पूज रइँ, कर देवी को ध्यान।।
कन्या देवी मानकैं, न्योत खुवाउत खीर।
आठें के दिन पाँव धो,घर में छिरकत नीर।
महागौरि किरपा करैं, जो मागो सो देंयँ।
आठें पूजेँ जे जनें, तिनइँ पीर हर लेयँ।।
डाँडी ठाडी केउ की, बन जैहै अब आज।
आठें तक खुजवात रइ, हुइए आज मसाज।।
***
मौलिक/
***
-अमर सिंह राय,नौगांव, जिला-छतरपुर
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05-गोकुल प्रसाद यादव (नन्हींटेहरी)
🌹बुन्देली दोहे,विषय-आठें🌹
*************************
आठें बारा माह में,
होतीं हैं चौबीस।
घटा-बड़ी सें होत हैं,
तेइस कै पच्चीस।।
************************
सीता राधा रुक्मिणी,
स्वयं कृष्ण भगवान।
आठें खाँ लव जन्म सो,
आठें भई महान।।
************************
भीष्म, शीतला अष्टमी,
भैरव आठें सोउ।
पूरे श्रद्धा-भाव सें,
मना लेत सब कोउ।।
************************
बिटियाँ खेलत नौरता,
जला हृदय में जोत।
आठें खाँ ढिड़िया फिरत,
हापूँ--हापूँ होत।।
************************
नौ देवन के नौइँ दिन,
माँ कौ मिलत ममत्व।
लेकिन आठें कौ हवन,
ज्यादाँ रखत महत्व।।
************************
✍️ गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी
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06-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा
१
नव दुर्गा की अष्टमी ,पुजत आँईं संसार।
अष्टभुजी महारानी , कौ साचौं दरवार ।।
२=
अष्टमी की पूजा का ,जग जाहर है मान।
धूप दीप नै वैद्य सैं ,देत हौम यजमान।।
३=
दिन आठैं कौ पूजवैं , नवैं न पूजैं सोय।
चलीं आइ कछु जनों की,रीत पुरानी होय।।
४=
आठैं को सब देवता , पूज लेत जजमान।
जग जननी माँ अष्टमी , करती है कल्यान।।
५=
नव दुर्गा में अष्टमी ,घर घर पूजीं जांय।
इसीलिए हम आठैंं को ,माँ को खूब मनांय।।
***
-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा
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07 -प्रभु दयाल श्रीवास्तव 'पीयूष', टीकमगढ़
बुंदेली दोहे विषय आठें
पान सुपारी नारियल,धर आसें अठवाइँ।
पूजन आठें आठ जे,संग सहेलीं आइंँ।।
भक्ति भाव सें पूज लो, आठें आ गइ आज।
महा माइ किरपा करें, बन जैंहें सब काज।।
आठें के दिन हर घरै , कन्या पूजीं जात।
धोयँ चरन माहुर लगा, पूड़ीं खीर खबात।।
बुबे जबारे हैं जितै ,उजरी जगमग जोत।
ई आठें की रात में , महा आरती होत।।
माई कीं भकतें मड़ीं , आठें हो गइ आज।
काल जबारे खोंटबे , जुर मिल चलें बगाज।।
***
प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
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8-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़
हवन होत पंडाल में, आठें पूजन जात।
भजन करें नारीं सभी,जगतीं सारी रात।।
*
माई की महिमा बढ़ी,नौ दिन खौं आ जात।
आठें खौं पूजत सबइ,भजन माइ के गात।।
*
नौ दिन खौं मेला लगो,ढारत देवी रोज।
आठें आतन घरन में,हो रय कन्या भोज।।
*
भगत करत हैं आरती,सजे माइ दरबार।
रहें उपासे सब जनें,आठें खौं हर बार।।
*
माई की मढ़िया बनीं,घर सैं भारी दूर।
आठें पूजत जात हैं,अहं करत माँ चूर।।
***
-प्रदीप खरे, मंजुल*टीकमगढ़
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9-अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत ,निवाड़ी
बुंदेली दोहे
विषय- आठें
दिनांक- 3 अक्टूबर 2022
कोउ पूजवै सप्तमी, कोऊ आठें आज।
जगदम्बा खों पूजवै, नवमी सकल समाज।।
पान बतासा नारियल,और चुनरिया लाल।
आठें पूजें सब जनीं, खुशी राखियौ लाल।।
आठें खों गौरी पुजें,चड़ै नारियल तोय।
मन में कै रईं माइ सें, बउ कें लरका होय।।
अठवारी मिष्ठान्न लयँ, मंदिर जा रय आज।
मौड़ा की पक्यात है, आठें राखौ लाज।।
पेंड़ भरें दरवार में, आठें पूजन आयँ।
जब बिन्नू खों वर मिलै, लरका खों बउ पायँ।।
(तोय=जल)
-अंजनी कुमार चतुर्वेदी "श्रीकान्त" निवाड़ी
***
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10-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,,पलेरा जिला टीकमगढ़
#आठें पर दोहे#
#१#
लैकें माला लोंग की,आठें कों पैनाय।
माता होंय प्रशन्न तौ,बिगरे काम बनांय।।
#२#
आठें पूजन जो करौ,माला लेव गुलाब।
देवी खों पैराय दो,सुदरें सबइ खराब।।
#३#
आठें दिया जलाय दो,गिनकें नौ हो जांय।
तुलसी के आंगें धरौ,बिगरे काम बनांय।।
#४#
पूजन देवी कौ करौ,आठें सुदी क्वांर।
कन्यां अबस जिमाय लो,नइ तौ सब बेकार।।
#५#
क्वांर सुदी आठें बनें,डाड़ी जो दिन आठ।
दिल सें दुर्गा पूज लो,होंय अनौखे ठाठ।।
###
-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,,पलेरा जिला टीकमगढ़
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11-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा
दोहा आठें
1
आवै माता के दिना,सब कउँ खुसियां छांइ।
आठें तक सब पूजकें,नदियां नमें सिरांइ।
2
सरद रात नवरात्र में,देवी मानत नोंइ।
पर आठें पूजत सदा,नमें खों ढिरियां ढोंइ।
3
सक्ति रुप दुरगा सबइ,ऊंचे मड हैं वास।
आठें खों पुजती सदा,छोटिन रच्छा आस।
4
गिनती में दुरगा नवम, आठइ दुरगा खास।
आठें खों पूजा करें,नर नारिन खों आस।
5
माइ दिवालें जात हैं,पूजा करवे रोज।
होंम धूप सें पूजकें, आठें कन्या भोज
***
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवां
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*12-गीता देवी,औरैया उत्तर प्रदेश
आठें
आठें गौरी मात कौ, पूजो माँ कै भक्त।
अग्यारी औ दीप सँग, फूल चढा़बौ रक्त।।(लाल)
आठें कन्या पूजतै, कुछै घरन कै लोग।
तिलक लगाकै माथ पैं, और कराउत भोग।।
पर्वा आठें कै दिना, कर उपास कछु लोग।
होत कृपा तब मात की, दूर भगाबैं रोग।।
आठें कौ दिन आज है, भौत लगी है भीर।
कैसें मन्दिर में घुसैं, कबै चढा़बैं नीर।।
आठें कौ झंडा चढैं, भर डंडौती आत।
सबइ मनौती पून्न हौं, इत्तो करियो मात।।
खींचा तानी होत है, कन्या मिलै न आज।
घरैं हमाए आव अब, भक्त देत आवाज।।
आठें कौ मेला भरौ, देखन सब जन जात।
खोय जात जो भूल सों, कबहुँ ढूँढ नहि पात।।
हम आए इसकूल में, बच्चा दिखैं न कोय।
आठें कौ दिन "गीत" है, कितैं गये सब खोय।।
***
गीता देवी,औरैया (उत्तर प्रदेश)
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13-ब्रजभूषण दुवे (बक्सवाहा)
दोहा
विषय -आंठें
1-
माइ महागौरी पुजत,चढ़वै नरियल भोग।
आठें अठवाईं चढ़त,काया रहत निरोग।
2-
किशन कनइया जनम लव,चिम्मक तारी रात।
आठें भादौं वदी शुभ,वेद शास्त्र सब कात।
3-
माता के बृज नौ दिना,नौने परम पुनीत।
आठें अठवाईं चढ़त,बनी पुरानी रीत।
***
-बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा
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14-डां रेणु श्रीवास्तव (भोपाल)
दोहे विषय आठैं
✍️✍️✍️✍️✍️✍️
1
नौ दुर्गा में पूजतीं, आठैं जनी मांस ।
गौरी मइया ने करो, महिसासुर को नास।।
2
भादों आठैं जनम लौ, कान्हा उनको कात।
बेउ किसन जू बजत हैं, माखनचोर सुहात।।
3
अठबाईं आसैं बनी, आठैं पूजन जात।
महामाइ खों ऊ दिना, चुनरी सोइ चढात।।
4
आठैं की अठबाइ खा, पर रइ धना चिमाय।
कड़ी बरा औ भात तो, उये न तनक पुसाय।।
***
✍️ डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल
सादर समीक्षार्थ 🙏
स्वरचित मौलिक 👆
🎊🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎊🎊🎇
15- रामसेवक किंकर (ललितपुर)
सन्नाटे में मीड़ कें, लुचइं खाइं बस चार।
पेट पिरारउ जबइ सें, खूबइ आइं डकार।।
तिरकाई में नौन की, हती भौत भरमार।
छोड़ दई वा चींख कैं, हो जाते बीमार।।
माॅं लक्ष्मी आठें हती, आज पिरानौ पेट।
उनसें जइ विनती करूॅं, दुख वेई दें भेंट।।
***
हरिकिंकर, भारतश्री छंदाचार्य, ललितपुर (उप्र)
🎊🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎊🎊🎇
समीक्षा -प्रतियोगी दोहों की समीक्षा
दिनांक 24 सितम्बर 2022 , बुंदेली दोहा विषय -आंठे
बुंदेली दोहा दिवस , 3 अक्टूबर 2022
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समीक्षा छंद - गुपाल छंद , 15 मात्रा , पदांत- लगाल (जगण)
निवेदन - आपके सभी दोहो को पढ़कर , हम समीक्षा में सटीक कथ्य तथ्य युक्त दोहे का प्रयोग करते है कि आपका दोहा क्या संदेश दें रहा है , दोहे संदेश / कथ्य युक्त ही लिखने का प्रयास करना चाहिए |
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1- श्री शोभाराम दाँगी जी
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
आठें को बनकर जजमान |
पाओं माता पूजन ज्ञान ||
धूप दीप नैवैद्य सुजान |
नव दुर्गा है पर्व महान ||
नवदुर्गा पर्व को महान मानकर माता जी की सेवा करना चाहिए , जीवन सुखमय रहता है
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2-श्री जयहिन्द सिंह जयहिन्द जी पलेरा जिला टीकमगढ़
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
लैकें लोंगें माल बनाँय |
मैया को जाकर पहनाँय ||
संगै माला लियो गुलाव |
तलसी पौधा दीप जलाव ||
लोंग माला , लाल गुलाब , तुलसी पौधा पूजा , दीप इत्यादि की सही जानकारी आपने कहीं है
~~~~~~~~~~~~
3-प्रदीप खरे, मंजुल* टीकमगढ़
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
दुर्गा माता नौ दिन आत |
सबइ भजन भी मिलकर गात ||
जो जाते माता दरबार |
उनखौं मिलती कृपा अपार ||
आपने माता पूजा , भजन , श्रद्धा पर बल दिया है ,
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4- श्री प्रमोद मिश्रा जी बल्देवगढ़,
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
बतला आठें सबइ प्रकार |
दिया आज है यह उपहार ||
खूब लिखा है , कहै सुभाष |
पूरे दोहे दिव्य प्रकाश ||
आपने सभी महत्वपूर्ण आठें आपने लिखकर आनंद भर दिया है
~~~~~~~~~~~~~~~
5- श्री गोकुल प्रसाद यादव जी नन्हींटेहरी
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
सब आठों पर डाल प्रकास |
भरते दोहे सभी उजास ||
लिया नौरता शब्द प्रधान |
सब दोहन में अतुलित ज्ञान ||
आपने सभी आठों पर्व पर प्रकाश डालकर परिभाषित किया है
~~~~~~~~~~~~~~~`
6- श्री राजीव नामदेव "राना लिधौरी" जी टीकमगढ़
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
आठें गौरी घर-घर आइ |
पूजौ सबरै मिलकर माइ ||
कन्या पूजन रखकर भोज |
रखना मन में मधुरिम ओज |
आपने कन्या पूजन पर विशेष बल दिया है
~~~~~~~~~~~~
7-सुभाष सिंघई
गुपाल छंद में संदेश / कथ्य
माइ महागौरी दिन आज |
करना कन्या पूजन काज ||
मिला सीखवें सुंदर पाठ |
करना पूजन रखकर ठाठ ||
कन्या पूजन करके , सदैव कन्याओं को देवी स्वरुप मानना चाहिए
~~~~~~~~~~~~~~
8- आद० गीता देवी जी औरैया उत्तर प्रदेश
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
लिखती कन्या पूज रिबाज |
करता झंडा चढ़कर काज ||
रक्त पुष्प सँग जले सुदीप |
मात् कृपा को रखे समीप ||
आपने कन्या पूजन , देवी ध्वज , लाल पुष्प , व दीप प्रकाश को जीवन में आवश्यक बताया है
~~~~~~~~~~~~~~~
9- श्री अमर सिंह राय. जी नौगांव, मध्यप्रदेश
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
माता पूजो सरल सुभाव।
मनवांछित मीठा फल पाव।
महागौरि किरपा जब देंयँ।
पीर आपकी सब हर लेयँ।।
आपने माता पूजन का फल अवगत कराया है , जो सदैव लाभकारी होता है
~~~~~~~~~~~~~~~~
10- आद० डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
आज हुआ महिसासुर नास |
गौरी माता करें उजास ||
महिमा आठें की अठबाइ |
शिव स्वरुप की चाहत माइ ||
आपने अवगत कराया माता ने , गौरी स्वरुप में महिसासुर का मर्दन किया था , व गौरी माता को अठवाइ प्रसाद में शिवलिंग रुप की अठबाइ चढ़ाना चाहिए
~~~~~~~~~~~~~~~``
11-श्री बृजभूषण दुबे जी बृज बकस्वाहा
मैया चढ़वें श्रीफल भोग।
मानव काया रहै निरोग ||
माता पूजन करो पुनीत |
चली सदी से है यह रीत ||
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
आपने संदेश दिया है कि माता को सदैव मांगलिक प्रसाद अर्पित करना चाहिए , यह हमारी सनातनी परम्परा है
~~~~~~
12 -श्री प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष जी टीकमगढ़
बुबे जबारे जगमग होत |
आठें चमकें जलकर जोत |
चढ़े सुपारी नरियल पान |
अठवाइँ से पूजन गान ||
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
आपके सभी दोहों में , जबारे , अठवाइ , नारियल पान पूजा , माहुर इत्यादि कई शब्द समाहित किए गये है , जिनसे दोहे बहुत सुंदर सृजित हुए है
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13- श्री अंजनी कुमार चतुर्वेदी "श्रीकान्त" निवाड़ी
पान बतासा चूनर लाल |
जगदम्बा पूजा हर साल ||
भरें पैड़ जो भी दरबार |
मैया करती है उपकार ||
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
आपने बहुत ही सुंदर दोहे लिखे है , पैड़ भरकर दर्शन करना भक्ति की इस लीक को आपने बहुत सुंदर तरीके प्रस्तुत किया है , पर आप इस विषय को छू गए है ,
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14 श्री रामानन्द पाठक नन्द जी
गुपाल छंद में आपका संदेश / कथ्य
शक्ति रुप दुर्गा जग जान |
आठें पूजत जन-जन आन ||
माइ दिवाले पूजत रोज |
आठें कन्या करतइ भोज ||
अपने बहुत ही सुंदर दोहे लिखे है ," माइ दिवाले " शब्द बहुत ही प्यारा प्रयोग किया है
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सादर ,
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समीक्षक - सुभाष सिंघई, जतारा
🎊🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎊🎊🎇
संपादन-
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
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💐😊 आठें (दुर्गा अष्टमी) 💐😊
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 124वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 03-10-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
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