Rajeev Namdeo Rana lidhorI

बुधवार, 22 मार्च 2023

महुआ (हिंदी दोहा संकलन)

[21/03, 10:29 AM] Rajeev Namdeo Rana lidhor: *हिंदी दोहा बिषय- महुआ*

#राना  महुआ बृक्ष में , भरा  नशा   मकरंद |
जो छू   लेता प्रेम से , गा   उठता   है    छंद ||

टपक-टपक महुआ कहे , पाओ सभी पराग |
नशा प्रेम का पाइये , #राना    जाओ   जाग ||

महुआ की तासीर से , तन मन हुआ गुलाब |
नैन   नशीले   हो   रहे , #राना   लगे शराब ||

फूल कहो या कुछ कहो , महुआ मस्त सुंगध |
कवि की लिखती लेखनी , #राना  है मकरंद ||

प्रातकाल की शुभ घड़ी , चलती जहाँ वयार |
#राना महुआ गंध से  , उठती  सदा   बहार ||
     ***21-3-2023
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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[21/03, 10:31 AM] Promod Mishra Just Baldevgarh: मंगलवार हिंदी दोहा दिवस
विषय ,,महुआ,,
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महुआ भारतवर्ष का , आयुर्वेदिक वृक्ष ।
गुण "प्रमोद" औषधि लिए , हासिल करता लक्ष ।।
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जीव जंतु मानव पशू , पंछी खाते फूल ।
फल "प्रमोद" प्रमुदित लगे , महुआ धन अनुकूल ।।
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महुआ देता सोमरस , करें फूल उत्पन्न । 
हिय "प्रमोद"रखता सगुण , खाद्य तेल संपन्न ।।
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जीवन दाता यह विटप , धरा वनों की शान ।
पल्लव भरें "प्रमोद" मन , मानव मान प्रमान ।।
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स्वाद पौष्टिक तत्व से , व्यंजन लेते मोह । 
डुबरी लटा "प्रमोद" रस , मुरका महुआ सोह।।
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महुआ महाँ "प्रमोद" गुण , ऋतुयों के अनुसार ।
सौंप संप्रदा प्रकट कर , छाया सुखद निहार ।।
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पूज्यनीय महुआ हुआ , निर्धारित है पर्व ।
संस्कृति बुंदेल में  , हल छठ होती सर्व ।।
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         ,, प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़,,
         ,, स्वरचित मौलिक,,
[21/03, 2 PM] Dr. Devdatt Diwedi Bramlehara: 🥀 हिंदी दोहे 🥀
     ( विषय- महुआ)

बिन पानी बिन खाद के,
     महुआ करता काम।
जिसके फल औ फूल भी,
       देते अच्छे दाम।।

टहनी, पत्ते, फूल भी,
     जिसके पूजे जायं।
हलछठ को सब नारियां,
      महुआ व्यंजन खायं।।

डुभरी,मुरका,औ लटा,
      का अनुपम है स्वाद।
महुआ के पकवान जे,
       रहते हरदम याद।।

सुभग लजीले मद भरे,
     चितवत चैन चुरायं।
नयन पलक की ओट में,
      महुआ से मुस्कायं।।

डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस
बड़ामलहरा छतरपुर
[21/03, 2:07 PM] Shobha Ram Dandi 2: शोभारामदाँगी नंदनवारा जिला टीकमगढ़ (म प्र)२१/०३/०२३
बिषय-"महुआ"हिन्दीदोहा(129)
1=पेड़ों में महुआ गुणी , आता है कइ काम ।
वृक्ष
राष्ट्रीय है अभी ,"दाँगी" करें सलाम ।।

2=आयुर्वेदिक औषधी, है महुआ का वृक्ष
शासन की पाबंदिया ,"दाँगी" हैं निष्पृक्ष
।।
 
3=महुआ मँहगा काष्ठ है , "दाँगी" रखें सभाल ।
सरकारी ये जुर्म है , बिन पर्मीशन माल ।। 

4=महुआ के फल फूल की, पृथक पृथक है रेट ।
"दाँगी" इसे सभाल के ,विक्री करें अनेक ।। 

5=महुआ वृक्षों से सभी ,करें आर्थिक लाभ ।
"दाँगी"के भण्डार हैं , करते सदा  सुलाभ ।।
मौलिक रचना
शोभारामदाँगी
[21/03, 2:15 PM] Jai Hind Singh Palera: #महुआ पर दोहे#

                    #१#
महुआ मेवा हो जहां,बेर कलेवा होय।
व्यंजन बुन्देली बड़े,खाय दीन सुख सोय।।

                    #२#
मतवालों को प्यार है,महुआ उनकी शान।
मदिरा पीकर मानते,बे खुद को भगवान।।

                    #३#
महुआ के व्यंजन बने,डुबरी लटा महान।
मुरका मुरका लेत है,सब दीनों की शान।।

                    #४#
बड़ा पेड़ जिसका खड़ा,दीनों का सुख चैंन।
महुआ बड़ा महान है,जो कुदरत की देंन।।

                    #५#
खाते हैं जो चाव से,महुआ मेवा भून।
उनकी रग रग में रहे,हिन्दुस्तानी  खून।।

#जयहिन्द सिंह  जयहिन्द# 
#पलेरा जिला  टीकमगढ़# 
#मो०-६२६०८८६५९६#
[21/03, 3:36 PM] Subhash Singhai Jatara: विषय महुआ , हिंदी दोहे

महुआ की मधुरम  महक , मादकता चहुँ  ओर |
यौवन   लाया  बाढ़   है , बरस   प्रीति  घनघोर ||

महुआ   टपके  रस भरें  , करें   नशीली   रात |
साजन  करते  प्रेम   से , बिन   बोले  ही बात ||

बौराया  है  अब पवन ,   छू    महुआ  मकरंद |
कहता  है  हर   कान में , इस  रस   में आनंद ||

महुआ फूला पेड़ पर , रस   में   गया   समाय |
टपक अवनि  की अंक में , लगता   है  बौराय ||

महुआ का अब पेड़ ही , बोतल   बना  शराब |
जितनी चाहे पीजिए , रखता   कौन   हिसाब ||

सुभाष सिंघई 
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[21/03, 4:19 PM] Param Lal Tiwari Khajuraho: विषय-महुआ
1-बडे़ सबेरे रोज जो,महुआ चौखें बीन।
उनके मिटते रोग सब,होवे स्वास्थ्य नवीन।।
2-महुआ में मद बहुत है,तब तो बनत शराब।
पीवे वाले देखते, तरह तरह के ख्वाब।।
3-महुआ कौ मुरका बने,जाको खांय रहीस।
ताकत तन में देत जो,हर लैवे सब टीस।।
4-महुआ की डुबरी बना, सतुआ देय मिलाय।
ई के आगे भोज सब,फीके हमें दिखाय।।
5-महुआ की उत्तम फसल,करे गरीबी दूर।
जिनके खेतन में लगे,वे भारी मशहूर।।
परम लाल तिवारी
खजुराहो
[21/03, 5:24 PM] Kalyan Das Sahu Prithvipur: पोषक मन महुआ हुआ , पढ़-लिख दोहा छंद ।
टपके महुआ फूल सम , अतिशय रस आनंद ।।

मादकता से युक्त हैं , पोषक  महुआ  फूल ।
बनते हैं व्यंजन बहुत , सरस मधुर अनुकूल ।।

अर्द्ध निशा के बाद ही , होता  खिल  मदमस्त ।
झड़ता महुआ भोर तक , करता खुशी प्रशस्त ।।

महुआ दीनानाथ सम , सचमुच पालनहार ।
बहु उपयोगी है विटप , महिमा अपरम्पार ।।

छाया ईंधन काष्ठ युत , महुआ  उम्रदराज ।
देता मनके फूल-फल , बनते बिगडे़ काज ।।

महुआ का फल है गुली , तेल बहुत मशहूर ।
साबुन  औषधियाँ  बनें , मददगार  भरपूर ।।

   ---- कल्याण दास साहू "पोषक"
      पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़ (मप्र)

         ( मौलिक एवं स्वरचित )
[21/03, 5:50 PM] Vidhaya Chohan Faridabad: संशोधित हिंदी दोहे
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विषय - महुआ
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१)
फागुन की दहलीज़ पर, ख़ुशियाँ लिये बहार।
महुआ  पर  चढ़ने लगा, यौवन  भरा  खुमार।।

२)
महुआ से  लिपटी हवा, गई  शाख़  से झूल।
कुंचों का मुख चूमती, खिले मिलन के फूल।।

३)
महुआ  के  सिर  चाँद ने, टाँके  रत्न  हज़ार।
भिनसारे  की  ओट  में,  उतर  गया  शृंगार।।

४)
भोर ओस  में भीग  कर, पसरी  महुआ  गंध।
भँवरों  का  होने  लगा,  फूलों   से   अनुबंध।।

५)
कठिन  समय में  धैर्य  के, होना नहीं  हताश।
पतझड़ के पश्चात ही, महुआ खिले पलाश।।

६)
आने से  ऋतुराज के, गमके  हिय  के  बाग।
महुआ   टेसू   भर  रहे,  जीवन  में   अनुराग।।

~विद्या चौहान
[21/03, 7:29 PM] Ramlal Duvedi Karbi, Chitrakut: 🌷विषय -महुआ🌷        संशोधित

         🌷छंद-  दोहा🌷

    🌷  शीर्षक -" महुआ दाख़ गरीब की"  🌷

महुआ दाख गरीब की, बने स्वस्थता ढाल।

 सतुआ महुआ खा नियम, मुख मंडल हो लाल ।1

गर्मी में महुआ लसे, झर झर बरसें फूल ।

कर्णफूल स्वर्णिम गिरें, कुछ डाली में झूल ।2

महुआ से लाटा बने,  स्वाद भरा बेजोड़ ।

भुने चने तिल से बने, खाने की हो होड़।3

साधें हित ग्रामीण का,रोपें वृक्ष करोड़ ।

कल्पवृक्ष महुआ यहां, बने भूख की तोड़।4

 महुआ में यदि शोध हो, डीजल भी एथनॉल ।

शोधक होगा हाथ का, आगे करे धमाल ।5

बीज फूल फल छाल सब ,महुआ का उपयोग ।

बनवासी को अन्न - सा ,देता जीवन योग ।6

स्वरचित एवं मौलिक

 रामलाल द्विवेदी प्राणेश
वरिष्ठ साहित्यकार एवं वृक्षारोपण कर्ता 
कर्वी चित्रकूट
[21/03, 7:32 PM] Brijbhushan Duby2 Baksewaha: विषय-महुआ
1-महुआ चरवा आँवला,
उपयोगी भरपूर।
कहलाती वन संपदा,
दुनिया में मशहूर।
2-महुआ भारी कीमती,
रहते लाभ अनेक।
ईधन औषधि के लिए,
बृज संरक्षण नेक।
3-महुआ आता जिस समय,
मौसम चाहिए साफ।
गर्मी पाकर टपकता,
बरनल नही मिलाप।
4-महुआ का मुरका बना,
जो भी व्यक्ति खात।
स्वस्थ रहे हर भांति से,
दर्द सभी मिट जात।
बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा
[21/03, 9:29 PM] Anjani Kumar Chaturvedi Niwari: विश्व कविता दिवस पर मेरी ओर से आप सभी को प्यार भरी भेंट
 दिनांक-21 मार्च 2023
 अभिव्यक्ति को मधुर बनाती है

 अभिव्यक्ति को मधुर बनाती,
 है प्यारी-सी कविता।
 कर देता है भोर सुहानी,
 जैसे रक्तिम सविता।

 कविता है गरीब की पीड़ा,
 दुखियारी का दुख है।
 जो बिलासिता में जीते हैं,
 उनको कविता सुख है।

 कविता माँ की ममता जैसी,
 सब पर नेह लुटाती।
 मजबूरों की लाचारी भी,
 कविता हमें बताती।

 बूढ़ी माँ की पीड़ा कविता,
 कविता जीवन गाथा।
 कहती दर्द दिलों का कविता,
 कोई समझ न पाता।

 प्रेम,समर्पण,त्याग,भावना,
 कविता कह जाती है।
 विरह वेदना मन की पीड़ा,
 सब कुछ सह जाती है।

 स्वरचित एवं मौलिक रचना

 अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
[22/03, 5:29 AM] Rameshver Prasad Gupta Jhanshi: सुप्रभात.

मंगलमय हो आपका, भारतीय नववर्ष/
जीवन में उत्साह दे, औ उमंग उत्कर्ष//

रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.
बडागांव झांसी उप्र.

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