‘प्रसन्न राघव मंदिर में हुआ‘रंगपंचमी’ पर कवि सम्मेलन-
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने नेताओं पर कविता पढ़ी-
न इनका कोई इमां है न कोई धरम है।
जनता को कैसे ये तो उल्लू बनाये है।।
टीकमगढ़/रंगपंचमी के अवसर पर date-10-3-2015
प्रसन्न राघव मंदिर में बहुत ही धूमाधाम से रंग पंचमी मनायी गई
जिसमें कवि सम्मेलन व होली की फागे और लोकगीत गाये गए।
डाॅ. दुर्गेश दीक्षित ने अपनी लोकप्रिय कविता पढ़ी-
चैंपू-चैंपू चले साइकिल ले हिचकोला खाय।
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने नेताओं पर कविता पढ़ी-
न इनका कोई इमां है न कोई धरम है।
जनता को कैसे ये तो उल्लू बनाये है।।
उमाशंकर मिश्रा ने नेता की आरती उतारी-
आरती खद्दारधारी की,फरेबी भ्रष्टाचारी की।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत गाये-
हम इंसान है प्रेम के सागर,सबको प्रेम सिखायेंगे।
सबसे प्रेम करेंगे हम,सबके प्रेम को पायेंगे।।
आर.के.पुरोहित ने कविता सुनायी-
एक समय था जब कुत्ते भौकते थे तो आदमी चैंकते थे।
आज आदमी भौंकते है तो कुत्ते चैंकते है।।
लालजी सहाय श्रीवास्वत ने सुनाया-
चुनाव चुनाव,चुनाव, तनाव,तनाव तनाव।
जिसमें प्रमुख रूप आमंत्रित कवि से डाॅ. दुर्गेश दीक्षित, राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’, उमाशंकर मिश्रा, मुन्ना मिश्रा, वीरेन्द्र चंसौरिया,डाॅ.जे.पी.रावत,सत्यनारायण श्रीवास्तव, आर.के.पुरोहित, लालजी सहाय श्रीवास्वत, आदि ने हास्य कविताओं व लोकगीत सुनाकर उपस्थित श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया।
इस अवसर पर मंदिर के पुजारी महाराज बब्लू महाराज जी,कौशल किशोर भट्ट जी आदि उपस्थित रहे।
संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया।
रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965
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