म.प्र.लेखक संघ की ‘नारी शक्ति’ पर केन्द्रित 194वीं गोष्ठी हुई-
(राना लिधौरी के निवास पर हुई रसवर्षा)
टीकमगढ़//‘ म.प्र.लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 194वीं गोष्ठी ‘ नारी शक्ति’ पर केन्द्रित
उनको सुना न पाए तो छपने को भेज दी। जैसे मेरी ग़ज़ल न थी कोई ख़बर हुई।।
उमाशंकर मिश्र तन्हा’ ने रचना पढ़ी- सती सावित्री,है नारी,नारी झाँसी की रानी है।
ये रग-रग का है लहू अगर,तो आँखों का भी पानी है।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने ‘नारी’ पर कुण्डलिया सुनायी-
नारी तेरे रूप पर झुक जाये सब लोग,मिल जाये एक बार तो,सह नहीं सके वियोग।।
‘राना’ मिलन का रोग पुरूष कौ पडवै भारी,छोड देय सब काम मिले काहँू से नारी।
परमेश्वरीदास तिवारी ने कविता पढ़ी- समय पुराना गुज़र गया अब नया जमाना आयेगा।
नारी बनेगी घर की रानी,नर गुलाम रह जायेगा।।
डाॅ.अनीता गोस्वामी ने कविता पढ़ी-मोमबत्ती की लौ को जलते हुए देखती रही। बूँद- बूँदकर मोम सी पिघलती रही।
अनजान सा अनझुआ सा एहसास जिलाए रखता है नारी को।
समर्पण की अनौखी मदरा पिलाए रखती है नारी को।।
बल्देवगढ़ से पधारे कवि यदुकुलनंदन खरे ने पढा-यह प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष हिंसा का दौर।
जिसमें पिस रहा है आदमी इंसानियत।।
कवि गनेश पन्नालाल शुक्ला ने रचना पढी-एक नया कानून बना दो,संविधान में मोदी जी,
जो बेचे अपनी गऊ माता उसे जेल हो मोदी जी।।
डाॅ. जगदीश रावत ने कविता पढी-भारत माता के चरणों का जगदीश्वर आचमन करूँ।
अखिल विश्व का मातृ शक्ति को भक्ति भाव से नमन करूँ।
भारत विजय बगेरिया ने कविता पढी-ये भारत की नारी बेमिशाल है ये दुग्ध अमृत से दाती भारत को विशाल है।
दीनदयाल तिवारी ने पढा-जहाँ पूजा होती नारी की होता रहे मान-सम्मान। वहीं बास है देवों का,एसा कहते वेद पुरान।।
गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने पढा-नारी है भारी बलबारी। नहीं जगत में हारी।।
सीताराम राय ने पढा-नारी के हर रूप निराले,माँ,बेटी,बहिना,नारी। चारों की शक्ति अद भुद है जानत सब संसारी।।
आर.एस.शर्मा ने पढा-नारी अबला नहीं सबला होतुम,पुरूषों की अनुगामिनी नहीं सहगामिनी हो तुम।।
पूरन चन्द्र गुप्ता’ ने पढा-पूरन कहत बिन नारी जग सूनौ लागे। नारी संग जीवन का रंग बिखरत है।।
हाजी अनवर’ ने पढा-नारी चाहेतो घर का श्रृंगार बदल सकती है नारी चाहे तो सारा संसार बदल सकती है।।
इनके अलावा अजीत श्रीवास्वत एवं विजय मेहरा ने व्यंग्य सुनाये तथा भगवत प्रसाद विदुआ,सरमनलाल पुरोहित,के.पी.बिलथरे ने भी अपने विचार रखे। गोष्ठी संचालन उमाशंकर मिश्र ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधोैरी’ ने किया।
रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के निवास पर शिवनगर कालोनी में आयोजित की गयी, जिसके मुख्य अतिथि बन्देवगढ से पधारे साहित्यकार ़ श्री यदुकुलनंदन खरे व अध्यक्षता कवियत्री डाॅ.अनीता गोस्वामी ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप गणेश पन्नालाल शुक्ला जी रहे। अमिताभ गोस्वामी ने सरस्वती वंदना पढ़ी और ये ग़ज़ल सुनायी-
(राना लिधौरी के निवास पर हुई रसवर्षा)
टीकमगढ़//‘ म.प्र.लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 194वीं गोष्ठी ‘ नारी शक्ति’ पर केन्द्रित
उनको सुना न पाए तो छपने को भेज दी। जैसे मेरी ग़ज़ल न थी कोई ख़बर हुई।।
उमाशंकर मिश्र तन्हा’ ने रचना पढ़ी- सती सावित्री,है नारी,नारी झाँसी की रानी है।
ये रग-रग का है लहू अगर,तो आँखों का भी पानी है।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने ‘नारी’ पर कुण्डलिया सुनायी-
नारी तेरे रूप पर झुक जाये सब लोग,मिल जाये एक बार तो,सह नहीं सके वियोग।।
‘राना’ मिलन का रोग पुरूष कौ पडवै भारी,छोड देय सब काम मिले काहँू से नारी।
परमेश्वरीदास तिवारी ने कविता पढ़ी- समय पुराना गुज़र गया अब नया जमाना आयेगा।
नारी बनेगी घर की रानी,नर गुलाम रह जायेगा।।
डाॅ.अनीता गोस्वामी ने कविता पढ़ी-मोमबत्ती की लौ को जलते हुए देखती रही। बूँद- बूँदकर मोम सी पिघलती रही।
अनजान सा अनझुआ सा एहसास जिलाए रखता है नारी को।
समर्पण की अनौखी मदरा पिलाए रखती है नारी को।।
बल्देवगढ़ से पधारे कवि यदुकुलनंदन खरे ने पढा-यह प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष हिंसा का दौर।
जिसमें पिस रहा है आदमी इंसानियत।।
कवि गनेश पन्नालाल शुक्ला ने रचना पढी-एक नया कानून बना दो,संविधान में मोदी जी,
जो बेचे अपनी गऊ माता उसे जेल हो मोदी जी।।
डाॅ. जगदीश रावत ने कविता पढी-भारत माता के चरणों का जगदीश्वर आचमन करूँ।
अखिल विश्व का मातृ शक्ति को भक्ति भाव से नमन करूँ।
भारत विजय बगेरिया ने कविता पढी-ये भारत की नारी बेमिशाल है ये दुग्ध अमृत से दाती भारत को विशाल है।
दीनदयाल तिवारी ने पढा-जहाँ पूजा होती नारी की होता रहे मान-सम्मान। वहीं बास है देवों का,एसा कहते वेद पुरान।।
गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने पढा-नारी है भारी बलबारी। नहीं जगत में हारी।।
सीताराम राय ने पढा-नारी के हर रूप निराले,माँ,बेटी,बहिना,नारी। चारों की शक्ति अद भुद है जानत सब संसारी।।
आर.एस.शर्मा ने पढा-नारी अबला नहीं सबला होतुम,पुरूषों की अनुगामिनी नहीं सहगामिनी हो तुम।।
पूरन चन्द्र गुप्ता’ ने पढा-पूरन कहत बिन नारी जग सूनौ लागे। नारी संग जीवन का रंग बिखरत है।।
हाजी अनवर’ ने पढा-नारी चाहेतो घर का श्रृंगार बदल सकती है नारी चाहे तो सारा संसार बदल सकती है।।
इनके अलावा अजीत श्रीवास्वत एवं विजय मेहरा ने व्यंग्य सुनाये तथा भगवत प्रसाद विदुआ,सरमनलाल पुरोहित,के.पी.बिलथरे ने भी अपने विचार रखे। गोष्ठी संचालन उमाशंकर मिश्र ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधोैरी’ ने किया।
रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के निवास पर शिवनगर कालोनी में आयोजित की गयी, जिसके मुख्य अतिथि बन्देवगढ से पधारे साहित्यकार ़ श्री यदुकुलनंदन खरे व अध्यक्षता कवियत्री डाॅ.अनीता गोस्वामी ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप गणेश पन्नालाल शुक्ला जी रहे। अमिताभ गोस्वामी ने सरस्वती वंदना पढ़ी और ये ग़ज़ल सुनायी-
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