Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 10 मई 2015

अखिल भारतीय बुंदेलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद् टीकमगढ़ date-10-5-2015

           अखिल भारतीय बुंदेलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद् टीकमगढ़              
    सम्पूर्ण बंुदेलखण्ड प्रदेश को संयुक्त करने वाली प्रतिनिधि पंजीकृत राष्ट्ीय संस्था
         जिला अध्यक्ष-अभिनंदन गोइल,             महामंत्री-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
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‘अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य एवं सस्ंकृति परिषद ने किया दीनदयाल तिवारी का सम्मान
                    (‘‘डगर बुंदेली-नज़र बुंदेली’ की पढ़ी गई समीक्षा)

टीकमगढ़//नगर की बुंदेली की साहित्यिक संस्था ‘अखिल भारतीय साहित्य एवं संस्कृति परिषद जिला इकाई टीकमगढ़ द्वारा गोइल निवास बाजार जैन मंदिर मार्ग पर,टीकमगढ़ में रविवार 10 मई 2015 को एक कवि गोष्ठी व सम्मान समारोह  आयोजित किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष श्री अशोक कुमार जी गोइल रहे व अध्यक्षता डाॅ.जे.पी रावत ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में आर.एस.शर्मा रहे।
       सर्व प्रथम माँ सरस्वती की बंदना की गई तत्पश्चात परिषद के जिलाध्यक्ष अभिनंदन गोइल ने संस्था के उद्देश्य,कार्य व प्रमुख नियम बताएँ तथा 21 मई 2015 को ‘छत्रसाल जंयती’ मनाए जाने की बात कही। परिषद के महामंत्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने भोपाल में 24 मई को ‘बुन्देली समारोह’ में शामिल होने हेतु आवश्यक जानकारी दी। हाल ही में बुन्देली का कहानी संग्रह ‘बेटा दूद करूला करियो’ के लेखक दीनदयाल तिवारी का सम्मान परिषद के पदाधिकारियो द्वारा किया गया।
                  गोष्ठी में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश मडबैया द्वारा संपादित सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘डगर बुंदेली-नज़र बुंदेली’ की समीक्षा पढते हुए राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने कहा कि-श्री मडबैया जू बुन्देली के विकास के लाने नित नये प्रयोग करत रह है और वे सफल सोई होत  है। उनने निबंधन की पैली पोथी ‘‘बुंदेली के ललित निबंध’’ छपाई फिर ऊ की समीक्षा व यात्रा संस्मरण पे एक औरई नई पोथी ‘‘डगर बुंदेली-नज़र बुंदेली’ कौ प्रकाशन करके भौत नोनों काम करो। दीनदयाल तिवारी ने अपनी समीक्षा में कहा कि-सबरे लेखकन की समीक्षा कौं  पढ़के ऐसौ लगत के जा पोथी प्रेरणादायी और मार्गदर्शक है ई से श्री मडबैया जू खौं हार्दिक बधाई। अध्यक्ष अभिनंदन गोइल ने पनी समीक्षा में जा बात कई कि- जा पोथी बुन्देली पढवे वारन खौ भौत नोनी लगे ई में सबई जनन ने भौत नोनी समीक्षा करी है।
दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी हुई जिसमें रामगोपाल रैकवार ने रचना पढ़ी-
जग में कोउ मताई सौ नईयां।सब सुख ऊ की छैइया।
 कँवल मताई साँची ईसर पर लो ऊकी पइया।।
डाॅ. जे.पी.रावत ने कविता सुनायी-चली धना खेतन खों उठके भुंसारे।
 चूनरिया ओढ़ धानी ठुमका सौं मारे।।
गुलाब सिंह यादव भाऊ ने बुंदेली रचना पढ़ी-
ईश्वर की गत अब कौनऊ ने नई जानी।
माटी में मिला दई किसान की कमानी।।
पूरनचन्द्र गुप्ता ने कविता पढ़ी-परनकुटी पै पैरौ दैरय,लक्षमन भइया वृत धारी,
देखत है सब संसारी।।
इनके आलावा अशोक गोइल,विजय कुमार मेहरा, रामगोपाल रैकवार,
आर.एस.शर्मा,एचपी.सिंह ने भी अपने विचार रखे।
अंत में सभी का आभार प्रदर्शन परिषद केे जिलाध्यक्ष अभिनंदन गोइल  ने मiना I                                         
 

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’महामंत्री-‘अ.भा.साहित्य एवं संस्कृति परिषद, टीकमगढ़,मोबाइल-9893520965



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