*बसंती दोहा*
(बुन्देली दोहे)
*1*
मात सरसुती कौ करौ,
बसंत पंचमी गान।
उनकेई आसीस सें
होबै जग कल्यान।।
© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
*2*
बिखरौ परो बसंत है,
देखौ अपने पास।
मन की आँखन देखिए,
छाऔ है मधुमास।।
© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
*3*
रितु बसंत कौ आगमन,
धरनी कौ सिंगार।
तकत बाट आकास की,
प्रेम लेय आकार।।
15-2-2021
© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.co
(मौलिक एवं स्वरचित)
© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
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