जामुन
जामुन
(हिन्दी दोहा संकलन) ई बुक
संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 29-06-2021
टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
मोबाइल-9893520965
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
अनुक्रमणिका-
1- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
2- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
3- एस. आर. 'सरल', टीकमगढ़
4-कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
5- परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)
6- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
7-रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)
8-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)
9-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
10-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
11- डां रेणु श्रीवास्तव, भोपाल (मप्र)
12- मनोज कुमार सोनी, रामटोरिया,छतरपुर
13- जनक कुमारी सिंह बाघेल, भोपाल
14-अशोक पटसारिया 'नादान' लिधौरा (टीकमगढ़)
15-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)
16- राम कुमार शुक्ला,चंदेरा,(मप्र)
17- लखन लाल सोनी, छतरपुर (मप्र)
18-- रामलाल द्विवेदी प्राणेश ,कर्वी चित्रकूट
अतिरिक्त/सप्लीमेंट्री-
19-* रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
समीक्षक-
20--*वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया, टीकमगढ़
😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄
1-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)
*बिषय-जामुन*
*1*
काले है तो क्या हुआ,
है मीठे रसदार।
खाते जामुन रोज तो,
होगे नहिं बीमार।।
***
*2*
जामुन तो जामुन भला,
गुठली भी दमदार।
सुगर बढ़ेगी फिर नहीं,
रामवाण उपचार।।
***29-6-2021
© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
3-एस. आर. सरल, टीकमगढ़ (मप्र)
ःदोहा #जामुन#
जामुन मे जाँमू लगे,काले हैं रसदार।
कट जाँमू एँठायदे, मीठे जाँमू रार।।
लकड़ी सुलभ इमारती,पानी को दमदार।
सब शहरों में चल रहा,जामुन का व्यापार।।
छाल पात फल गुठलियां,सब आते हैं काम।
जामुन औषधि पेड़ से,मिटते रोग तमाम।।
देहातों में आज भी,जामुन हैं भरपूर।
काले जाँमू देख के,मुँह पनयात जरुर।।
गाँव गाँव जामुन खड़े,खेत कुआं अरु हार।
जाँमू से डलिया भरें, बैचत बीच बजार।।
***
मौलिक एवं स्वरचित
-एस आर सरल,टीकमगढ़
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जामुन का फल मौसमी , गुणकारी रसदार।
मिलता जेठ - अषाढ़ में , प्राकृतिक उपहार।।
मधुर मुलायम बैगनी , चमक साँवला रंग ।
जामुन गुठलीदार फल , खाव नमक के संग ।।
जामुन औषधि मानकर , सेवन करते लोग ।
मन को मिलता है मजा , तन भी रहत निरोग ।।
मीठापन येंठायँदा , बहुत अजब है स्वाद ।
जामुन जनप्रिय बालप्रिय , करते हैं सब याद ।।
जामुन गूदेदार फल , मजेदार तासीर ।
सभी जगह उपलब्धता , रखता स्वस्थ शरीर ।।
***
-कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर,निवाडी़ (मप्र)
( मौलिक एवं स्वरचित )
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5- परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)
## *जामुन* ##
1-तोड़े शालिग राम से,ऋषि सुतीक्ष्ण फल चार।
पूजा में जामुन रखी, करके रंग विचार।।
2-जामुन के पत्ते सुभग,छाते मंडप लोग।
करें लगन मंडप तरें,सुखद होय संयोग।।
3-जिसको हो मधुमेह तो,नित वो जामुन खाय।
बिना दवाई के करे,रोग सकल मिट जाय।।
4-जामुन की गुठली भली,चूरन लेय बनाय।
जब जामुन न आये तो,चूरन को ही खाय।।
5-काली जामुन की छटा,सबके मन को भाय।
जैसे शालिगराम हों,धोखे में यह जाय।।
*****
-परम लाल तिवारी,खजुराहो (मप्र)
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6- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
*मंगलवारी हिंदी दोहे*
विषय- *जामुन*
*१*
जा मुनमुन जामुन लिए,
बेच रही घर द्वार।
सब खरीदकर खाइए,
दो दिन का व्यापार।।
*२*
जामुन लद गय पेड़ पर,
कोयल रही रखाय।
काँव-काँव कौवा करे,
मूँछन ताव दिखाय।।
*३*
जामुन सेहत के लिये,
बड़ा फायदेमंद।
औषधि गुठली,छाल है,
गूदा दे आनन्द ।।
*४*
काले जामुन गिलगिले,
अति मीठे, रसदार।
धरत जीभ घुल जात हैं,
हरबे देह विकार।।
***
- संजय श्रीवास्तव, मवई
२९ जून २१😊दिल्ली
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7-रामेश्वर प्रसाद गुप्त, बड़ागांव, झांसी
दोहे- जामुन.
जामुन ऐसे रंग में, जैसे सालिगग्राम।
कथा कह गई शास्त्र में, वे लगते अभिराम।।
जामुन में गुण है बहुत, अवगुण केवल एक।
खाते समय विचार कर, खाने उनको देख।।
जामुन कम जो खाए तो, मिले लाभ भरपूर।
गर ज्यादा जो खा गये, तो नुकसान जरूर।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)
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8-प्रभुदयाल श्रीवास्तव 'पीयूष', टीकमगढ़
हिन्दी दोहे विषय जामुन
जामुन खा कर प्रेम से, गुठली मत दें फेक।
यह औषधि मधु मेह की, सस्ती सुंदर नेक।।
गुच्छा के गुच्छा फरे, जामुन मन ललचायं।
चटक न जाये डाल ये, कैसे यह तुड़वांयं।।
कारे कारे रस भरे,जे जामुन जुर जेव।
शाकौ दिन दो चार कौ, मौका जान न देव।।
पहले पानी के पड़ें, जामुन पके तुरंत।
पावस का प्रारंभ है,ऋतु निदाघ का अंत।।
जे जामुन के मधुर फल, गणपति का प्रिय भोग।
अर्पित श्रद्धा भाव से, करते हैं सब लोग।।
***
-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
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9-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, टीकमगढ़
#जामुन#
#1#
श्याम रंग मोहन बने,राधा लाल सुहात।
हो जामुन सौ रूप सो,दोइ रंग मिल जात।।
#2#
धरदो जामुन टोर कें,सिंहासन पर चार।
दर्शन शालिगराम के,मन में करो बिचार।।
#3#
जामुन मुनियन मन जमे,सपनन रोज दिखाय।
मूरत शालिगराम की,जामुन जैसी भाय।।
,#4#
इन्द्र थनुष में देख लो,जामुन जैसौ रंग।
सतरंगी आकाश लख,मन मैं उठत उमंग।।
#5#
जा मन में जामुन बसे,
जामुन पके सुहात।
असढ़ा मन मानत नहीं,जामुन खाबे जात।।
-***
#मौलिक एवम् स्वरचित#
-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)
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10-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
तपत धूप में फिर रहे, हुआ जामुनी रूप।
जामुन से करिया भये, बिगड़ गया स्वरूप।।
2-
जामुन जम के खाय जो, उसका पेट पिराय।
खाये में मीठे लगत, खा खा फिर पछताय।।
3-
शुगर होय तौ खाइयौ, जामुन सुबहो शाम।
जो जामुन नित खात है,होत बहुत आराम।।
4-
जामुन सी सूरत भली,जो देखे मुस्काय।
मोती से चमकत सदा, दांत निपोरत जाय।।
5-
बिहीं, जामुन, आम सदा,भर अषाढ़ में आय।
लरका बिटिया रोज ही,भरें कटुरिया खाय।।
***
*-प्रदीप खरे मंजुल*,टीकमगढ़, मप्र💐
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
11- डां रेणु श्रीवास्तव, भोपाल (मप्र)
दोहे विषय 'जामुन'
✍️✍️✍️✍️✍️
1 जामुन में गुण भोत हैं , जो खावे सो जान।
मधूमेह मिट जायगा, रहे सुरक्षित प्रान।।
2 जामुन की लकड़ी भली,पानी भी सह जाय।
नाव बनाने के लिये, यही काम में आय।।
3 सभंल चढे जो पेड़ में,यदि जामुन का होय।
शाखा जल्दी टूटती, विकट समस्या होय।।
4 जामुन जन जन जानते, नोन बताशा आय।
खालो मौसम में इसे, पीछे ना पछताय।।
***
✍️ डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
12-मनोज कुमार सोनी रामटौरिया, (छतरपुर)
दिनाँक,29-6-21मंगलवार
विषय-जामुन
बुंदेली बगिया भली,लहर लहर लहराय,
आम करौंदा बेर बिही,जामुन रही सुहाय।
**********************
धरती जब सूरज तपै,गर्मी धूप सताय,
जामुन छाया बैठिये,तन शीतल हो जाय।
********************
जामुन शुभ संकेत है,यज्ञ लगे समिधाह।
मंडप जामुन कौ गढै,जो कहुँ होह विवाह।
********************
मानुष तन कहु देखकर,मत कर गुन अनुमान।
जामुन लख कारी लगै,मीठा स्वाद महान।
(मौलिक एवं स्वरचित)
✍🏽-मनोज कुमार सोनी रामटौरिया, (छतरपुर)
***
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13- जनक कुमारी सिंह बाघेल, भोपाल
जामुन गर्मी में फले , वर्षा में पक जाय ।
काले – काले रस भरे , देखत मन ललचाय ।।
स्वाद कसैला होत है , होता है रसदार ।
नमक मिलाकर खाइए , औषधि का भण्डार ।।
बाहर से काले दिखें , अन्दर रहते लाल ।
पेटदर्द , मधुमेह में , करते बड़ा कमाल ।।
आम , नीम , जामुन , बरा , औ गूलर का पात ।
छाया शीतल देत है , सुख – शुकून मिलि जात ।।
फल से लेकर छाल तक , है औषधि भरपूर ।
बाग – बगीचे , खेत में , रोपें आप जरूर ।।
-जनक कु. सिंह बाघेल
*****
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14-अशोक पटसारिया नादान ,लिधौरा ,टीकमगढ़
💐जामुन💐
जामुन में मधुमेह के,औषधिगुण भरपूर।
गुठली का चूर्ण बने,अल्प समय का नूर।।
जामुन की लकड़ी रहे,पानी में मजबूत।
डोंडा नावों में लगे,पानी जहां अकूत।।
जामुन का सिरका बने,जामुन फल अनमोल।
दवा बने मधुमेह की,होते काले गोल।।
अल्प समय की फसल है,जल्दी पक गिर जाय।
जामुन सेहतमंद है,प्रतिदिन इसको खाय।।
जामुन की दो किस्म है,कट जामुन वा रार।
दोनों औषधि गुणों से,सेहत का भंडार।।
** *** **
-अशोक नादान ,लिधौरा, टीकमगढ़
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15-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा (मप्र)
1- वैद्य हकीनों ने कहा, जामुन उत्तम होय ।
मौसम में जो खायेगा, फायदे में वो होय ।।
2- गुणकारी यह पेड है, पत्ती गुठली छाल ।
दाद खाज खुजली में, रस का बड़ा कमाल।।
3- दस रोगों में जामली, कहते डाँकटर लोग ।
सी गुण का भंडार है ,वीपी घटता रोग।।
4- खून कमी की पूर्ती, पूर्ण ऐनर्जी पाय ।
जो खाये ये राजमल, सदां हैल्दी राय ।।
5-ब्लैकबैरी भी कहते, अंग्रेजी में लोग।
कालाजामुन भी कहैं, प्रेम सें खायें लोग।।
6- मौसमी फल जामली, दस -पंद्रह जो खाय।
सब रोगों से मुक्ति मिले, जो रोजाना खाय ।।
***
-शोभाराम दाँगी नंदनवारा
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16-राम कुमार शुक्ल चन्देेरा
🌷जामुन🌷
---------------------------
जामुन फल हों गिलगिले,डाल लगे फट जाएं।
लगवें अच्छे स्वाद में,नमक मिलाके खाएं।।
जामुन गुठली पीस लें,चूरन लेव बनाय।
अगर शर्करा रोग हो,खाय तुरत मिट जाय।।
फल होते गुणवान हैं,जामुन सेहत मंद।
जिस मौसम में जो मिलें,सब देते आनन्द।।
बरगद, पीपल, आम के, दो तुम ब्रक्ष लगाय ।
जामुन को ना छोड़ना,जनम सफल हो जाय।।
जामुन की लकड़ी भली,यह बाड़इ का ख़्वाब।
पानी के भीतर डली,होती नहीं खराब।।
***
स्वरचित एवं मौलिक रचना
-राम कुमार शुक्ल चन्देेरा
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17- -लखन लाल सोनी, छतरपुर
विमारी न घेरती, हम तो साची कात ।
जामुन खावै तनक सी,भौत रोग भग जात ।।
🌹लखन लाल सोनी, छतरपुर
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18- रामलाल द्विवेदी प्राणेश ,कर्वी चित्रकूट
🌹 दोहे- (जामुन)🌹
लड्डू अति प्यारा लगें, चढ़े गजानन भोग।
फिर जामुन कैथा भखें, रहे न मधुमय रोग।१।
पावस के आगमन पर, गुच्छे लदे दिखाय।
काले रसमय देखते ,खाने को ललचाय।२।
बड़े गोल जामुन दिखें ,बिल्कुल शालिग्राम।
चेला ने जामुन रखी, अनुकृति कर जाय काम ।३।
रोगी जो मधुमेह का, डटके जामुन खा य।
सिरका गुठली चूर्ण का, औषधि लेय बनाय। ४।
बीपी शुगर निवारक, औषधि गुण भरपूर।
जामुन रस सिरका बने, रक्खें गुठली चूर।५।
स्वरचित मौलिक
- रामलाल द्विवेदी प्राणेश
कर्वी चित्रकूट
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
अतिरिक्त/सप्लीमेंट्री-
*रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
जामुन पर रोचक कथा-
एक गुरु चेला थे। गुरु नित्य शालिग्राम की पूजा करते थे। एक बार गुरु कुछ दिनों के लिए बाहर गए। शालिग्राम की पूजा चेले को सौंप गए। एक दिन चेले ने बासी फूलों के साथ शालिग्राम को नदी में विसर्जित कर दिया। डर के मारे जिस दिन गुरु को लौटना था।
चेले ने शालिग्राम की जगह पका जामुन रख दिया। गुरु ने शालिग्राम को स्नान कराया तो जामुन मसल गया।गुरु ने पूछा- शालिग्राम कैसे गल गए?
चेला बोला-
पुनि-पुनि चंदन, पुनि-पुनि पानी!
प्रभु जी गल गए, हम का जानी?
***
-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
समीक्षक- वीरेन्द्र चंसौरिया टीकमगढ़
आज की समीक्षा
विषय -- जामुन
29 जून 2021
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लिखी समीक्षा आज की,हिम्मत करके आज
भूल चूक होगी मगर,मत होना नाराज़
हिंदी में दोहा लिखे,सबने बढ़िया आज
जामुन खाये काल्पनिक,ये राणा का राज
डुबरी खा के खाय हम,काले जामुन आज
दोनों व्यंजन खाय के,करते अपना काज
जामुन में गुण बहुत हैं,दोहों में उल्लेख
मन मेरा खुश हो गया,सबके दोहा देख
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आज पटल पर सभी सम्मानीय सहभागियों ने अपने अपने मन के वेहतरीन दोहे पटल पर पोस्ट किए , हालांकि कुछ दोहों में लय भंग होने की स्थिति और मात्राओं की कमी वेशी भी देखी गई , पर उनमें अर्थ / भाव स्पस्ट समझ में आ रहा है ।
सभी दोहे शानदार , जानदार , बजनदार और असरदार हैं । दोहा पढ़ते समय विशाल जामुन के बृक्ष सहित काले , लाल और हरे जामुन भी मन मस्तिष्क में छाए रहे ।
आज पटल पर सर्व प्रथम लिधौरा से पाँच दोहे पोस्ट हुए जो श्री अशोक पटसारिया जी नादान द्वारा रचे गये जिन्हें पढ़कर जामुन की उपयोगिता समझ में आई । आपके सभी दोहे वेहतरीन हैं । दोहों के माध्यम से आपने जामुन के पेड़ ,फल और फल की गुठली तक की उपयोगिता की विस्तृत जानकारी दी । अन्तिम दोहे में जामुन की किस्मों के बारे में बताया गया ।
अभिनन्दन आपका
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श्री शोभाराम दांगी जी ने अपने दोहों के माध्यम से जामुन फल को उत्तम बताया । इसका पेड़ गुणकारी है और इस पेड़ की पत्ती, छाल, गुठली ओषधिए गुणों से भरपूर है ।
अभिनन्दन आपका
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चंदेरा से श्री रामकुमार शुक्ला जी ने जामुन फल,गुठली उसकी लकड़ी की बिशेषताओं से ओतप्रोत दोहे लिखे और बरगद,पीपल,आम के साथ साथ जामुन का पेड़ लगाए जाने के लिए प्रेरित किया ।
अभिनन्दन आपका
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श्री राजीव नामदेव राणा लिधौरी जी ने अपने शानदार दोहों के द्वारा जामुन के मीठे रसदार फल जामू को आजकल हो रहीं बिभिन्न बीमारियों के उपचार हेतु रामबाण बताया । आपके पहले दोहे के अनुसार रोज जामुन खाने से बीमार नहीं होते हैं । जामुन का फल तो ठीक है ही,गुठली भी दमदार है ।
अभिनन्दन आपका
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श्री परमलाल तिवारी जी के दोहों के अनुसार नित जामुन खाने से मधुमेह जैसी बीमारी से मुक्ति मिलती है ।
अभिनन्दन आपका
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श्री रामगोपाल रैकवार जी ने अपने दोहा के माध्यम से जानकारी दी कि
जामुन से ही है पड़ा ,जम्बू द्वीप का नाम
नदी जमुनी भी सुनी,जामुन का है धाम
इसके अलावा आपने एक रोचक कथा भी पोस्ट की ।
अभिनन्दन आपका
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श्री संजय श्रीवास्तव जी के सभी दोहे शानदार रहे । आपने भी जामुन को सेहत के लिए फायदेमंद और गूदे को स्वादिष्ट बताया । काले रंग के गिल गिले रसदार जामुन पर केंद्रित दोहा पढ़कर मुँह में पानी आ गया ।
अभिनन्दन आपका
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Dr.रेणु श्रीवास्तव ने 4 दोहे पोस्ट किए और इन दोहों में जामुन फल को मधुमेह के लिए असरदार ओषधि और नाव के लिए जामुन की लकड़ी को उत्तम बताया ।
अभिनन्दन आपका
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श्री कल्याण दास साहू पोषक जी के सभी दोहे प्रभाव शाली हैं । आपने जामुन फल को प्राकृतिक उपहार कहते हुए गुणकारी व स्वस्थ्यबर्द्धक बताया । इसके खाने से तन निरोग रहता है ।
अभिनन्दन आपका
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श्री प्रभुदयाल श्रीवास्तव जी पीयूष जी के पांचों दोहे मन पसंद रहे । आपने जामुन की गुठली को मधुमेह के लिए सस्ती और नेक ओषधि बताया । जामुन का मधुर फल गणपति जी का प्रिय भोग है । अभिनन्दन आपका
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श्री प्रदीप खरे मंजुल जी के सभी दोहे बढ़िया रहे । आपने अपने दोहों में जामुन से फायदा और नुकसान दोनों बताये । यदि ज्यादा मात्रा में खा लिए तो पेट दर्द होगा और सही मात्रा में खाये तो आराम मिलेगा ।
अभिनन्दन आपका
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श्री राम लाल द्विवेदी प्राणेश जी ने अपने दोहे के माध्यम से बताया कि बड़े गोल जामुन बिल्कुल शालिग्राम की तरह दिखाई देते हैं ।आपके अनुसार जामुन फल ओषधिए गुण से भरपूर है ।
अभिनन्दन आपका
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जनक कुं. सिंह बघेल जी ने 5 दोहे रचे और इन दोहों में जामुन को कमाल की ओषधि बताया । इस पेड़ की फल से लेकर छाल तक उपयोगी है ।
अभिनन्दन आपका
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श्री रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु जी ने 3 दोहे पोस्ट किए जो जामुन के गुण और अवगुण की जानकारी दे रहे हैं । उन्होंने समझाइस दी कि स्वाद की बशीभूत होकर मनमाने ढंग से जामू न खाएं ।
अभिनन्दन आपका
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श्री जयहिंद सिंह जयहिंद जी द्वारा पाँच दोहे पोस्ट किए गये जो उच्च स्तरीय सोच के प्रतीक हैं । आपके दोहे मन मस्तिष्क को राधा मोहन / शालिग्राम के दर्शन करा रहे हैं । सभी दोहे अलग अलग बिशेषताओं से परिपूर्ण हैं ।
अभिनन्दन आपका
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श्री एस.आर. सरल जी के उत्तम दोहे जानकारी दे रहे हैं कि जामुन एक ओषधिए पेड़ है जिसकी छाल, पत्ते,गुठलियां और फल सहित लकड़ियां मानव जीवन के लिए उपयोगी हैं ।
अभिनन्दन आपका
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अन्त में श्री लखन लाल सोनी ने एकमात्र दोहे के माध्यम से सच बात कह दी कि जामुन खाने से बहुत व कई रोगों से मुक्ति मिल जाती है ।
अभिनन्दन आपका
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सादर----- 💐💐
-वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया, टीकमगढ़
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
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