Rajeev Namdeo Rana lidhorI

शनिवार, 17 जुलाई 2021

घूरौ (बुंदेली दोहा संकलन) ई-बुक -संपादन- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (मप्र) भारत


                             घूरौं
                  (बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
                  

                            घूरौं)
                  (बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

ई बुक प्रकाशन दिनांक 17-07-2021
        टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
         मोबाइल-9893520965

😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄


              अनुक्रमणिका-

01-डां.शरद नारायण खरे, मंडला,(मप्र)
02-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
03-सीताराम तिवारी 'दद्दा', टीकमगढ़,(म.प्र.)
04-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
05-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)
06-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)
07-संजय श्रीवास्तव ,दिल्ली,(मबई)
08-डॉ रेणु श्रीवास्तव ,भोपाल,(म.प्र.)
09-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़) 
10- कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
11- एस. आर. 'सरल', टीकमगढ़ (मप्र)
12- परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)
13- रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)
14- मनोज कुमार सोनी ,रामटोरिया(मप्र)
15- अवधेश तिवारी, छिंदवाड़ा (मप्र)
16-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा टीकमगढ़
17- रामानंद जी पाठक 'नंद',नैगुवा, (निवाडी)
18- भगवत नारायण रामायणी, देवीनगर(टीकमगढ़)

अप्रतियोगी -

19- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
20- रामलाल द्विवेदी, चित्रकूट)

😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄

1- डॉ. शरद नारायण खरे,मंडला (मप्र)

    💐 🏆1️⃣

प्रथम स्थान प्राप्त दोहा 
1

घूरौ भी है काम कौ, 
समझौ ना बेकार।
सबकौ गंदौ साफ कर,
करत रोज उपकार।।
***                
डॉ. शरद नारायण खरे, मंडला (मप्र)

😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

2-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, टीकमगढ़ (मप्र)

     
                 2   💐 🏆

द्वितीय स्थान प्राप्त दोहा -         

घूरा में गोबर डरत,
बनें खेत की शान।
घूरा उगलत अन्न सो,
मिले रतन धन खान।।
***
#मौलिक एवम् स्वरचित#

-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)

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3-सीता राम तिवारी दद्दा टीकमगढ़(मप्र)

      🏆 2   💐 🏆

द्वितीय स्थान प्राप्त दोहा -

दिन काऊ के एक से, 
सदा कभउं नहिं रात। 
घूरे पै भी इक दिना , 
सुनौ दिया जल जात।।
***
-सीताराम तिवारी, टीकमगढ़


😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄


4-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
 

 🏆 🏆 🏆
 
तृतीय स्थान प्राप्त दोहा -

दिन काऊ के एक से, 
सदा कभउ नहिं रात।
किस्मत चौखी होय तौ, 
दिन घूरे फिर जात।।
       ***

-प्रदीप खरे मंजुल,टीकमगढ़ (म.प्र.)💐

           
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5-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा (मप्र)


 
गोबर कौ घूरौ लगौ, 
कूरा कचरा होय ।
 जापर लछमी रात है, 
पूजत हैं सब कोय ।।
              ***
-शोभाराम दाँगी 'इंदु',नंदनवारा,

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6-प्रभुदयाल श्रीवास्तव 'पीयूष', टीकमगढ़




          
जी पै हम गोबर छिटी,
कूरा डारत रात।
घूरे के दिन फिरत हैं,
ऐसौ इक दिन आत।।
***       
         -प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़

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7- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)



घूरे के भी दिन फिरत,
समय-समय की बात।
दीन-हीन समझत जिने,
देत समय पे मात ।।
    ***   
     - संजय श्रीवास्तव, मवई
      २७ जून २१😊दिल्ली

   😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

8-डॉ रेणु श्रीवास्तव (भोपाल)
 घूरा भोतइ काम के,  
सब कूड़ा डर जात। 
 नोनी खाद बनायं जे,  
सब किसान खुश रात। ।
***
                     डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल

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9-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़ 


        

चड्डी पैरें फिरत ते,
मिल गव अब आवास।
 घूरे के भी दिन फिरे, 
हो गव खूब विकास।।     
****
           -अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़ 
                   
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10-कल्याणदास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर, (निवाड़ी)


           

गोबर लेंडी़ राख कौ , 
ढेर जितै लग जाय ।
कूरा भी डारत उतइँ , 
घूरौ वौइ कहाय ।।

 ***
 -कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर,निवाडी़ (मप्र)
  ( मौलिक एवं स्वरचित )

             🏆 🏆 🏆
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11-एस. आर. सरल, टीकमगढ़ (मप्र)


बखरी में कचड़ा डरौ,
झारौ बेरउ बेर।
फेकौ बस्ती  बायरै, 
जाँ घूरौं कौ ढेर।।
***
 मौलिक एवं स्वरचित
     -एस आर सरल,टीकमगढ़      
        
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12- परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)


दोहा-घर को कचरा डारते,
घूरे पे सब जाय।
घूरा सब सह लेत है,
मुख से कछु नहि काय।।

*****
                  -परम लाल तिवारी,खजुराहो (मप्र)       

 😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄


13-रामेश्वर प्रसाद गुप्त, बड़ागांव, झांसी


कूरा गू गोबर जिते, 
फेंकत रय बेकार।
एक दिना दिन हैं फिरत,
बा घूरे के यार।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)

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14-मनोज कुमार सोनी रामटौरिया, (छतरपुर)

आज गिरानी काट ले,
मनुवा कय उकतात।
चमकै रेख लिलार की,
घूरे दिन फिर जात।।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
(मौलिक एवं स्वरचित)
✍🏽-मनोज कुमार सोनी रामटौरिया, (छतरपुर)               

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15- अवधेश तिवारी, छिंदवाड़ा (मप्र)

घूरो बाड़ी में पड़ो,(तो) 
घूरो ही कहलाय।
जैसई पहुँचो खेत में,
तो सोना बरसाय।।
***

 
          -कल्लूके दद्दा
         (अवधेश तिवारी) 
            छिंदवाड़ा (मप्र)
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16-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा (टीकमगढ़)


मन में राखो शांति,
तन खो घूरा जान।
घूरे पे का-का डरे,
एसो मन अनमान।।
          ***
गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा( टीकमगढ़)

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17-रामानंद पाठक 'नंद', नैगुवा, निवाडी (मप्र)

विपत समय प्रभु परीक्षा, 
आछे दिन भी आंय।
समय फेर में सब विदत,
 दिन घूरे फिर जांय।।

"***
-रामानंद पाठक 'नंद', नैगुवा, निवाडी (मप्र)

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18-भगवत नारायण रामायणी,देवीगगर, बल्देवगढ़

घूरे सो गमखोर  नइ, 
कोउ ऐसो दिखात|
कचरा  लेत समेट है ,
 मोदी जैसो  रात ॥  
***
-भगवत नारायण रामायणी,
    देवीगगर, बल्देवगढ़ ,टीकमगढ़ (मप्र)

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19-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)


*सप्लीमेंट्री दोहा/प्रतियोगिता से बाहर*

*प्रतियोगिता  से बाहर /अप्रतियोगी-* *सप्लीमेंट्री*

*बिषय- 'घूरा'*

टैम टैम पै सब फिरे,  
राजा रंक फकीर। 
 घूरे के दिन फिरतई,
 उठ जाती प्राचीर।।
***
*- राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
      संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com

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20- रामलाल द्विवेदी, चित्रकूट


"अप्रतियोगी दोहा-

दोहा- घूरा

कड़वे कड़वा ना मिले,
 कबौ मिले पीयूष।
घूरा के भी दिन फिरें,
 मत होवें मायूस।
***
-रामलाल द्विवेदी, चित्रकूट

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                            घूरौं
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          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

         ई_बुक प्रकाशन दिनांक 17-07-2021
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                 मोबाइल-9893520965

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2 टिप्‍पणियां:

G.S.Ranjan ने कहा…

बुंदेलखंड की लोक कला संस्कृति और साहित्य का संगम
https://www.bundeliijhalak.com/

Anshu ने कहा…

Daimond in ghura