संपादक-राजीव नामदेव राना लिधौरी टीकमगढ़ (मप्र)
💐😊 महावीर💐😊
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक) 💐
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 108वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 17-04-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
अनुक्रमणिका-
अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)
01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02-प्रमोद मिश्र, बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़
03-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी",हटा,दमोह
04-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
05-अमर सिंह राय,नौगांव(मप्र)
06-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा
07-आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
08-प्रदीप खरे 'मंजुल',टीकमगढ़
09-एस.आर.सरल, टीकमगढ़ (मप्र)
10-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता 'इंदु'.,बडागांव झांसी (उप्र.)
11-बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा,छतरपुर
12-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
13-गोकुल यादव,बुढेरा, टीकमगढ़
14-रामानंद पाठक ,नैगुवा
15-डॉ देवदत्त द्विवेदी, बडा मलेहरा
16-वीरेंद्र चंसौरिया, टीकमगढ़
17-परम लाल तिवारी:खजुराहो
18-लखन लाल सोनी,छतरपुर
19-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
संपादकीय-
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे।
हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
एक काम और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।
हमारे इस छोटे से प्रयास से आज एक नया इतिहास रचा है यह ई-बुक 'महावीर ( 108वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
यह पटल के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 108 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 80 देश के लगभग 60000 से अधिक पाठक अब तक पढ़ चुके हैं।
आज हम ई-बुक की श्रृंखला में हमारे पटल जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह 108वीं ई-बुक 'महावीर' लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी दोहे पटल के साथियों ने शनिवार दिनांक-16-4-2022 को बुंदेली दोहा लेखन प्रतियोगिता-57 में दिये गये बिषय 'महावीर' पर दिनांक-16-4-2022 को पटल पोस्ट किये है।
अंत में पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का मैं हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
धन्यवाद, आभार।
***
ई बुक-प्रकाशन- दिनांक-17-04-2022 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
मोबाइल-91+ 09893520965
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
श्री हनुमान जी के कुछ अद्भुत मंदिर एवं उनके विग्रह
01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)
**अप्रतियोगी दोहा बिषय-महावीर*
एक दोहे में श्री हनुमानजी के *सात नाम*
***
फाल्गुन सखा, महावली,
महावीर, हनुमान।
उदधिक्रमण, रामेष्ठ जू,
अंजनीसुत महान।।
***
© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
🥗🥙🌿☘️🍁💐🥗🥙🌿☘️🍁💐
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉
2-*प्रमोद मिश्रा,बल्देवगढ़,जिला-टीकमगढ़ (मप्र)
शनिवार बुंदेली दोहा दिवस
विषय, महावीर ,, श्री हनुमान जी महाराज,,
,,,,,
त्रेता युग अंतिम चरण , पूने मंगलवार
महावीर को भव जनम, मेष लगन भुनसार
,,,,
अंजनि तोरो लाड़लो , लीलें सेंगो भान
महावीर के नाम की ,जग जाहिर पैचान
,,,
कहत काेउ शंकर सुवन , कपी केशरी लाल
महावीर हैं पवन सुत ,कलयुग नाथ भुआल
,,,,
गुरू ने मांगी दक्षिणा , सनी देव बलवान
महावीर लाये पकड़ ,भय काले हनुमान
,,,
भाल सिया सिंदूर लख , समझ राम प्रिय अंग
महावीर तन पोत कर , ललित भये बजरंग
,,,,
महावीर मुदगर लिये , उड़त चले मुसकात
राम राम पिरमोद कत ,सीता ढूंढ़न जात
,,,,,
महावीर काली बने ,राम हेतु पाताल
सूर शिष्य पिरमोद को , करियो तनक खयाल
***
-प्रमोद मिश्रा ,बल्देवगढ़
स्वरचित मौलिक
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
3- भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"हटा, दमोह
जनम दिवस महावीर कौ,आऔ आज मनांय।
हिरदय धर जीवन चरित,कछु कजंत पा जांय।।
***
महावीर अतुलित बली,ज्ञानी चतुर सुजान।।
भूत भगा बैं हांक में, बागेश्वर हनुमान।।
भगे चुटैया मीड़ कें, महावीर दइ हूक।
रावन दैसत का गयो,तुरतइं मों गव सूक।।
महावीर घूंसा हने,असुर डरै मों बांय।
बैठै निर्भय बाग में,छांट-छाट फल खांय।।
महावीर नै खेल कर ,आन बड़ाई पूंछ।
आंखन छित लंका जरी,रावन पकरें मूंछ।।
राम भक्त महावीर खों, मोरी सीताराम।
जबलौ तन में प्रान हैं,जपै तुमारो नाम।।
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
✍️ भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"हटा दमोह(मप्र)
स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
04-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
हैं कलयुग के देवता, रामदूत हनुमान।
संकट मोचन तुमइँ हौ, महावीर बलवान।।
***
महावीर सम कोउ नहिं, ज्ञानवान गुणवान।
रघुकुल मणि जिन के ऋणी, को हनुमान समान।।
सियाराम के सुत बने, महावीर गुण धाम।
कर्जदार हनुमान के, निज मुख कै रय राम।।
लंका जली अधर्म सें, बचौ न नाम निशान।
कृपा करी श्री राम ने, महावीर की आन।।
अतुलित बल हनुमान जी, सकल गुणों के धाम।
महावीर हिरदें बसे, सिया सहित श्री राम।।
***
-अंजनी कुमार चतुर्वेदी ,निवाड़ी
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
05-अमर सिंह राय,नौगांव, जिला छतरपुर
महावीर बजरँग बली, रखियो सबकी लाज।
अपने भक्तन के सबइ, पूरन करियो काज।।
***
सेवक हैं श्रीराम के, सेवा खुद न करायँ।
अष्टचिरंजीवी तथा, महावीर कहलायँ।।
सदा राम कें ढिंग मिलैं, जितै रामधुन होय।
महावीर उत आउते, सूक्ष्म रूप धर कोय।।
महावीर विक्रम-बली, राम भक्त हनुमान।
राम-सिया बसवें हृदय, करैं उनइँ को ध्यान।
हनुमत जैसा भक्त नहिं, सीना चीर दिखायँ।
महावीर मंगल करहिं, बिगरी सबइ बनायँ।।
अजर अमर बजरँगबली,वर दीन्हों सिय मात।
महावीर अतिप्रिय लगैं, जनकसुता रघुनाथ।।
***
-अमर सिंह राय,नौगांव, जिला-छतरपुर
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
06-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा
महावीर कौ राज है , दै गय राजाराम ।
कलजुग में तुम पुजत रव,करियो जग के काम ।।
***
महावीर स्वामी जू,किरपा सब पै कीन ।
चरनन अपनी राखियो,मैं हूँ दीन मलीन ।।
हनुमान की पूँछ में,लगा दई जब आग ।
लंका सारी जला दइ,गाउत फिरवैं राग ।।
***
✍️-शोभाराम दाँगी 'इंदु' ,नंदनवारा
08-प्रदीप खरे, 'मंजुल',टीकमगढ़
दोहा..हनुमान
16.04.2022
1*.....
राम काज करबै चले,पवन पुत्र बलवान।
देख दशा सिय मातु की,विकल भयै हनुमान।
2-
बचपन में उदम करो,नहीं रहा कुछ भान।
याद दिलाइ जामवंत,गय लंका हनुमान।।
3-
घर अंजनी जन्म लियौ,शिवशंभू ने आन।
हनु में बज्र प्रहार सैं,नाव धरो हनुमान।।
4-
नाव सुनत जीकौ डरै,देव दनुज शैतान।
येसे वीर पराक्रमी,हैं अपनें हनुमान।।
5-
लख लीला हनुमान की,दियौ सिया बरदान।
अजर अमर रहियौ सदाँ,पवनपुत्र हनुमान।।
***
✍️ प्रदीप खरे'मंजुल', टीकमगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
09- एस आर सरल, टीकमगढ़
भूत परीत घटोइया, करें भौत हैरान।
महावीर कों नाव सुन, छोड़ भगें मैदान।।
***
-एस आर सरल, टीकमगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
10-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता 'इंदु'.,बडागांव झांसी (उप्र.)
जन्मोत्सव हनुमान का, मंदिर- मंदिर भीर।
महावीर रक्षा करें, हरें भक्त की पीर।।
***
महावीर के सामने, कठिन न कोई काज।
बजरंगी हनुमान का, जन्मोत्सव है आज।।
अतुलित बल के धाम हैं, महावीर बलवान।
सकल गुणों में अग्रणी, राम भक्त हनुमान।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता 'इंदु',बडागांव, झांसी (उप्र.)
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
11-बृजभूषण दुबे 'बृज', बकस्वाहा
-बृजभूषण दुबे "बृज", बकस्वाहा
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
12-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
महावीर के नाम से,काँपें भूत पिशाँच।
उनके भगतन खों सदा,आय न कोनउ आँच।।
**
#मौलिक ए्वम् स्वरचित#
-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
#मो0 6260886596#
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉
13-गोकुल प्रसाद यादव, नन्हींटेहरी
महावीर बल देख कें, भीम गयो चकराय।
दस हजार गज बल धनी,पूँच न सको उठाय।।
****
🙏अप्रतियोगी दोहे, विषय--महावीर🙏
********************************
रक्षक हैं कलकाल में, महावीर सुखधाम।
उननें गैल धराइ सो, तुलसी पाये राम।
********************************
अगर न होते राम सँग, महावीर हनुमान।
रती अधूरी रामधइ, राम चरित रामान।
********************************
महावीर घूँसा हनों, रावन भयो अचेत।
जीनें पार उठाव तो, शंकर शिवा समेत।
********************************
धर्म कर्म बल दान अरु, विद्या धारी वीर।
वीरों को वस में करे, महावीर रणधीर।
********************************
✍️गोकुल प्रसाद यादव, नन्हींटेहरी
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
14-रामानंद पाठक ,नैगुवा
राम भक्त हनुमान हैं, जपत रहत है नाम।
सेवा सें उर में बसै,स्वामि सीताराम।।
***
-रामानंद पाठक ,नैगुवा
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
*15-डॉ देवदत्त द्विवेदी, बडा मलेहरा
सेवक सीताराम के, महावीर हनुमान।
दीन दुखी कौ जगत में, राखें हरदम ध्यान।।
***
डॉ देवदत्त द्विवेदी, बडा मलेहरा
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
*16-वीरेंद्र चंसौरिया, टीकमगढ़
महावीर कौ नाव सुन , भग जाते हैं भूत।
जी खों नइंयां जौ पतौ ,ऊखों का फिर कूत।।
****
- वीरेंद्र चंसौरिया, टीकमगढ़
####################. *संयोजक -राजीव नामदेव राना लिधौरी*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
17-परम लाल तिवारी,खजुराहो
महावीर की वीरता,को कर सके बखान।
रावन का जिनने किया,चूर सभी अभिमान।।
***
-परम लाल तिवारी,खजुराहो
🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
18-लखन लाल सोनी,छतरपुर
📍पवन पुत्र "हनुमान" को, सदा सुमरने नाम।
📍दुःख न पौचे काऊ खो,वुरये करो न काम।।
-लखन लाल सोनी,छतरपुर
🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
19-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
किया समर्पित श्रेष्ठ को,
इससे बने महान।
अहं जीतकर बन गए,
महावीर हनुमान।।
***
-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
संपादन-
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
####################
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 108वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 17-04-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें