शोध आलेख- लेफ्ट हैंडर्स डे-
- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
शोध आलेख- लेफ्ट हैंडर्स डे-
-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
इंटरनेशलन ‘लेफ्ट हैंडर्स डे’ यह दिन उन तमाम लोगों को समर्पित है जो अपने सारे या अधिकांश काम अपने वाएँ हाथ से करते है तथा बाएँ हाथ से लिखते है। भारत में जिसे उल्टा हाथ वाले,खब्बू,डिब्बा आदि भी कहा जाता है। इंटर नेशलन ‘लेफ्ट हैंडर्स डे’ सन् 1991 में हर साल 13 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन लेफ्टी एक-दूसरे को बधाईया देते है और अपने सभी लेफ्टी मित्रों एवं परिचतों को याद करते है।
सामान्यतः वाएँ हाथ से काम करने वालें बच्चों को शुरू से ही उनके माँ-बाप द्वारा जबदस्ती दायँ हाथ से काम करना सिखाया जाता हैं जबकि वह वास्तव में बाएँ से काम करने वाला होता है ऐसे में वह भोजन करना तो जैसे तैसे दाएँ हाथ से सीख जाता है, लेकिन अन्य काम जैसे खेलों में किक्रेट खेलना में बैटिग्ंस एवं बोलिंग वाएँ हाथ से ही करता है। बाद में उनके माँ-बाप भी सोचते है कि चलो भोजन तो सीधे हाथ दाएँ हाथ से कर रहा है। पूजा-पाठ या कोई शुभ काम हो तो दाएँ हाथ का प्रयोग किया जाता है। हिन्दू धर्म गंथों में भी लिखा है कि बाएँ हाथ से कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। वर्तमान में लेफ्टियों पर अनेक शोध हो रहे है विज्ञान भी इस प्रकार के लोगों को बहुत खास मानता है। कुछ चैंकाने वाले आँकड़े भी सामने आये हैं। इन पर नित नये शोध हो रहे हंै।
आँकडे़ बताते है कि दुनिया में लगभग 7-12 प्रतिशत लोग लेफ्टी होते हैं। बाएँ हाथ से काम करना जहाँ उन्हें एक ओर विशिष्ट बनाता है तो उन्हें अनेक परेशानियों का समाना भी करना पड़ता है। दुनिया में अनेक चीजे ऐसी बनी होती है जो कि दाये हाथ से काम करने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनायी गयी है।
दुनिया में कुछ प्रसिद्ध लेफ्टी हुए है जो कि ख्यातिप्राप्त है। जैसे- महान चित्रकार पाबलो पिकासों नेपोलियन बोर्नापार्ट, एलेक्जेंडर द ग्रेट ,महारानी क्वीन विक्टोरिया, लियों नार्दो द विंची, राष्ट्रपति जार्ज बुश,विल क्लिंटन, बराक ओबामा, चार्ली चैपलिन, महान वैज्ञानिक न्यूटन अलबर्ट आइंस्टी,, निकोल किडमेन, एंजेलीना जाॅली, महात्मा गांधी, बिलग्रेटस, सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, करण जौहर,टाॅम क्रेज, जूलिया राॅबर्ट, क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली, बिनोद कांबली, बे्रन लारा, आदि हजारों नाम है जिन्होंने विश्व पटल पर खूब नाम कमाया है। ये सभी लेफ्टी ही है।
‘लेफ्ट हैंडर्स की कुछ प्रमुख विशेषताएँ-
‘लेफ्ट हैंडर्स में कुछ विशेषताएँ भी पायी जाती हैं जैसे उनकी कल्पना शक्ति अधिक होती है से इसका उपयोग संगीत एवं कला के क्षेत्र में करके बहुत आगे तक पहुँच जाते है। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते है किसी बात की तह तक जाने पर ही विश्वास करते है। इस प्रकार के लोग रचनात्मक विचारों एवं कार्य करने वाले होत है। इसी कारण से इनकी उपलब्धियाँ बहुत बड़ी होती है। इनकी कार्य क्षमता बहुत अधिक होती है ये लड़ाकू भी अच्छे होते है खेलों में भी अपने विशेष गुणों के कारण चर्चित रहते है क्रिकेट जैसे खेले में उनके लिए फील्ड बदलनी पड़ती हैं। बैडंिमटन वाएँ हाथ (उल्टे हाथ) से लगाया गया शाॅट उठा पाना बहुत ही मुश्किल होता है। क्रिकेट सहित अन्य खेलों में भी अनेक खिलाड़ी लेफ्टी खूब फायदा उठाते है। इसी कारण है कि बैडमिंटन, बाॅक्सिंग टैनिस आदि खेलों में इस प्रकार के लोग असाधारण खेल एवं क्षमता का प्रयोग करके सामने वाले को हैरान कर देते है। सन् 2016 में ‘रियो ओलंपिक’ में गोल्ड मैडल जीने वाली ‘मरीन’ भी एक लेफ्टी है।
लेफ्टीे लोगों को ‘आइ क्यू लेवल’ भी अधिक होता है। न्यूर्याक की सेंट लारेंस यूनिर्वर्सिटी’ की एक स्टडी के अनुसार दाएँ हाथ के लोगों की अपेक्षा बाएँ हाथ वालों का आई क्यू लेवल 140 से अधिक होता है। ये पढाई में भी तेज देखे गये है। कुछ लेफ्टियों की लिखावट बहुत सुंदर होती है। लेफ्ट हैंड वाले लोग अधिक संवेदनशील भी होते हंै। जो लोग हमेशा लेफ्ट हैंड को प्रयोग करते हैं उनके हाथों में बहुत फुर्ती रहती है वे तेजी से काम करने में सक्षम होते है।
लेफ्टी लोग राइटी की तुलना में तनाव, टेंशन आदि से शीघ्र उबर जाते है। ये तेजी से बदलती आवाजों को भी आसानी से सुन सकते है, उन्हें पहचान सकते हैं। लेफ्टी पैसा कमाने और खर्च करने के मामले में राइटी से सदा आगे ही रहते हैं। यदि किसी के जुड़वा बच्चे होते है तो उनमें से एक के लेफ्टी होने की संभावना अधिक रहती है।
कुछ अन्य विशेषताएं जो एक्सट्रा है-
1-अधिक सक्रियता
2-कल्पना शक्ति व रचनात्मक अधिक
3-भावनात्मक तौर पर मजबूत
4-खेलो में असाधारण प्रदर्शन खासकर बेडमिंटन, टेनिस, क्रिकेट आदि में
5-बेहतर तर्कशक्ति के धनी
6- कार्य क्षमता अधिक
7-लोकप्रियता आदि
‘लेफ्ट हैंडर्स के बारे में कुछ भ्रांतियाँ भी प्रचलित है-
लेफ्टियों को कई स्थानों पर अशुभ होना भी माना जाता है पूजा-पाठ आदि शुभ कार्य में हमेशा पहले दाएँ हाथ (सीधा हाथ) का उपयोग किया जाता है वहाँ पर उन्हें परेशानियाँ उठानी पड़ती है।
लेफ्टी बच्चों को अल्फाबेट्स सीखने में परेशानी होती है यह भी एक भ्रांति फैली है। कुछ लोग कहते है कि लेफ्टियों की उम्र कम होती है हाॅलाकि अभी इस पर बहुत से शोध कार्य चल रहे है।
‘लेफ्ट हैंडर्स की कुछ प्रमुख परेशानियाँ-
लेफ्टियों को कई क्षेत्रों में अनेक परेशानियों का समान भी करना पड़ता है। क्योंकि दुनिया में बनी हुई अधिकांश चीजे दाये हाथ से उपयोग करने वालों की सुविधा को देखते हुए बनी है। आमतौर पर आज कम्प्यूटर का माउस राइट साइड में ही रखा जाता है और लेफ्ट हैंड वालों को काम करते समय अपने अनुसार बार-बार अपनी साइड में रखना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी का सामना तोस्कूल में बनी बेंच कुर्सियों में बैठकर लिखने में करना पड़ता है क्योंकि वे राइट हैंडेड लोगों के अनुसार बनाये जाते है।
इसी प्रकार स्पाइरल बाउंड काॅपियों पर लिखना बहुत मुशकिल होता है। कैची चलाने में बहुत दिक्कत होती है। संगीत में गिटार आदि बजाना भी कठिन हो जाता है। शाॅर्टहैंड लिपि लिखने और सीखने में में परेशानी होती हैं। टच स्क्रीन मरेबरइल सर आइपैड़ आदि पर लिखने में परेशानी होती है। टिप ओपनर का प्रयोग करने में मुश्किल होती है। क्रेडिड कार्ड और स्वाइप मशीनें लेफ्ट हेडेड लोगों को ध्यान में रखकर नहीं बनायी गयी है। इंक पेन से लिखना भी असान नहीं होता। परीक्षा में या कभी एक-साथ बैठकर लिखने में हाथ टकराने की समस्या भी हो जाती है और लंच मे बगल में बैठकर भोजन करने में भी आपस में हाथ टकराने की स्थिति बन जाती है।
लोगों द्वारा टोकने पर कि अरे तुम लेफ्टी हो कहीं न कहीं हीन भावना से ग्रस्ति हो जाते है और कभी-कभी हंसी का पात्र भी बनाया जाता है। चाय छापनते समय हत्था की नोंक जहाँ से चाय को नीचे कप में भरना है वह भी दाएँ हाथ वालों के हिसाब से बनायी जाती है जिससे चाय कप में भरते समय उसकी धार बनाने में बहुत मुश्किल होती है और थोड़ी सी चाय नीचे गिर ही जाती है।
लेफ्टी का हमेशा पहले बायां हाथ ही आगे आता है ऐसे में यदि किसी से हाथ मिलना पड़ता है तो उसे एक पल के लिए सोचना पड़ता है तब वह सीधा हाथ आगे करता है वर्ना आदत के अनुसार बायाँ हाथ तो आगे बढ़ ही जाता है। जबकि हाथ हमेशा दायाँ ही मिलाया जाता है और ऐसा कहा जाता है कि वायाँ हाथ हमेशा दुश्मनों से ही मिलाया जाता है।
इस आलेख का लेखक स्वयं एक लेफ्टी है और केवल भोजन करना ही बडी मुश्किल से सीधे हाथ से सीखा है बाकी सभी काम मैं बायें हाथ से ही करता हूँ। मैं बाये हाथ से बैंडंिमंटन बहुत बढिया खेलता था। मेरे शाॅट को उठा पाना बहुत मुश्किल होता है और मैं शाॅट की दम पर ही गेम आसानी से जीत जाता था। परिस्थितियो मेरे अनुकूल नहीं थी, मैं छोटे से गाँव में पढ़ा लिखा अन्यथा राष्ट्रीय स्तर तक तो पहुँच ही जाता।
मैं लेफ्टी होने के कारण स्वयं के अनुभव के आधार पर यह कह सकता हूँ कि ईश्वर ने हमें लेफ्टी बनाया है तो कुछ विशेषता तो हममें दी होगी। फर्क सिर्फ इतना है कि कुछ लेफ्टी अपने उस विशेष गुणों को पहचान नहीं पाते और जो पहचान लेते है वे अपने क्षेत्र में कामयाबी के शिखर पर होते है उदाहरण स्वरूप सचिन तेंदुलेकर को ही देख लीजिए पढ़ने लिखने में बहुत ही कमजोर थे कक्षा दसवीं में फेल हो गये थे लेकिन अपने हुनर से आज क्रिकेट के बादशाह बन गये इसी प्रकार फिल्मी सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने शुरू में लगातार अनेक फ्लाप फिल्मों के बावजूद तथा आकाशवाणी ने उनकी आवाज को कर्कस बताकर रिजैक्ट कर दिया था आज वहीं आवाज लोगों की दिल पर राज करती है और वे आज भी लोकप्रियता के शिखर तक पहुँचकर आज महानायक बन गये।
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-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
जिलाध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिनः472001 मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com
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