Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 12 दिसंबर 2021

ऐबी (बुंदेली दोहा संकलन) ई-बुक-संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी',टीकमगढ़ (मप्र)


                      💐😊ऐबी 😊💐

                   (बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
      संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़

              जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ 
                   की प्रस्तुति  78वीं ई-बुक

© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

     ई बुक प्रकाशन दिनांक 012-12-2021

        टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
         मोबाइल-9893520965



🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊


  

🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊


              अनुक्रमणिका-

अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)

01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02- प्रदीप खरे मंजुल, टीकमगढ़(म प्र)
03-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़) 
04-गोकुल प्रसाद यादव,बुढेरा (म.प्र)
05- शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा
06-संजय श्रीवास्तव, मवई,टीकमगढ़(म.प्र)
07-अमर सिंह राय,नौगांव, जिला छतरपुर
08-प्रमोद मिश्र, बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़
09-बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा, जिला छतरपुर
10-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी",हटा,दमोह
11-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र)
12-कल्याण दास साहू पोषक, पृथ्वीपुर,(उप्र)
13-एस आर सरल,  टीकमगढ़
14-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुंवा
15-अरुणा साहू रायगढ़(छत्तीसगढ़)
16-डां देव दत्त द्विवेदी,बडा मलेहरा
17-प्रभुदयाल स्वर्णकार 'प्रभु',कैरुआ,ग्वालियर       
18-जयहिन्द सिंह 'जयहिन्द', पलेरा
19-भजन लाल लोधी, फुटेर
20-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ' लखौरा
21-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
22-नरेन्द्र श्रीवास्तव, गाडरवारा,(म.प्र.)
23-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी      
24-रामेश्वर राय परदेशी टीकमगढ़ (मप्र)
25-गणतंत्र जैन ओजस्वी, खरगापुर

😄😄😄जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄



                              संपादकीय-

                           -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 

               साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
            इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे। 
          हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
  हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
           हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
     आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
      एक काम और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।     
                 हमारे इस छोटे से प्रयास से आज यह ई-बुक ऐबी 78वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
     यह पटल  के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 78 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 76 देश के लगभग 60000 से अधिक पाठक अब  तक पढ़ चुके हैं।
  आज हम ई-बुक की श्रृंखला में  हमारे पटल  जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह ऐबी 78वीं बुक लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी रचनाएं पटल के साथियों  ने दिये गये बुंदेली दोहा लेखन बिषय-  "ऐबी 78वीं पर शनिवार दिंनांक-11-12-2021 को सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे के बीच बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-39 हेतु पटल पर पोस्ट की गयी हैं।  कमेंट्स के रूप में आशीर्वाद दीजिए।

  अतं में पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का मैं हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
           धन्यवाद, आभार
  ***
दिनांक-12-12-2021 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)

                     -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
                टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
                   मोबाइल-9893520965

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01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)



*बुंदेली दोहा-बिषय-ऐबी

*अप्रतियोगी दोहा

*बिषय-ऐबी*
*1*
ऐबी करतइ ऐब है,
सीदे खौं कौ हैरान,
कऊ जबर मिल जात तो,
गदबद दे शैतान।
*** *
*2*
 ऐब करे नइ मानवे,
जब लो पिट ना जाय।
ऐसे ऐबी फिर इते,
इज्जत कभउ न पाय।।
***11-12-2021

*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com


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02-प्रदीप खरे,मंजुल, टीकमगढ़ (मप्र)

अप्रतियोगी दोहा..

ऐबी ऐब ऐन करें, 
एचकतानें हौय।
सुनें कभऊँ नहिं काउ की, 
भरी जवानी खौय। 
***
-प्रदीप खरे,मंजुल, टीकमगढ़ (मप्र)
🤔😂😂🤔

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3-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़ 


😊(((((( ऐबी ))))))😊
  

भारत के नुकसान पर,
               करते जो उपहास।
गद्दारी से भरा है,
           उन सबका इतिहास।।

कितनी भी इमदाद दो,
              खूब लुटा लो प्यार।
कुछ कोंमें ऐबी रहीं,
                जन्मजात गद्दार।।

अनहोंनी घटना घटी,
             बुझी सिरे की जोत।
जो कोंमें गद्दार हैं,
               वे ऐबी खुश होत।।

जितने भी गद्दार हैं,
               उनकी जांचें होंय।
ऐबी जांय तिहाड़ में,
               मरे बाप खों रोंय।।

ऐबी खों इमदाद दो,
               लोटा सें घी खोय।
कुत्ता असली घी पिये,
        कभउं हजम नइ होय।।

रोज नई चालें चलें,
              खबर उड़ाबें फेक।
दो ऐबी हैं देश के,
             दुश्मन नम्बर एक।।

खा रय अपने देश कौ,
             गा रय उनकौ गान।
जितने भी गद्दार हैं,
            हो उनकी पहिचान।।

ऐबी कौ सँग जिन करौ,
             जी कौ घर ना घाट।
सेंत मेंत में बीद कें,
                 हो जें बाराबाट।।
         **!@!@!@!**
         *!@!@!@!*
😊-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़ 
                   
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04-गोकुल यादव,नन्हीं टेहरी,बुढेरा (म.प्र.)



चला हतो दस गाँव में, दौलत हती अकूत।
आज खड़न खपरन मिले,उपजे ऐबी पूत।।

🙏अप्रतियोगी दोहे,विषय-ऐबी(शरारती)🙏
**********************************

  नामी  ऐबी  ढूँड़बे,  सबरौ  जग मँजयाव।
  मिले कनैया कन लगे,लिख लो मेरौ नाव।

     जीजा जू ऐबी हते, सारी चौसा आम।
     मेला देखत रात भइ,बोलौ राधे श्याम।

     ऐबी  अपनें  ऐब सें, परवा देत  दरार।
     सास बहू में चाय जब,मचवा देबें रार।

     ऐबीयन के फाँगटें,जब सूदा पर जात।
     सो पैलाँ गरयात बौ,फिर लोडे़ं सन्नात।

  समदी ऐबी ते तनक,समदिन जुर गइं चार।
  धुतिया पैरा काड़ दव, परदनियाँ दइ फार।

     होरी शादी-ब्याव में,सबखाँ औरत ऐब।
     बूडे़ बारे  ज्वान हों, वैष्णव हों  या शैव।
**********************************
✍️गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी(बुडे़रा

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05-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा


प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त दोहा है-

ऐबी अपने देश के, 
कर रय सत्यानास।
 देश टोरवै में लगे , 
कैसें होत विकास ।।

***
शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा जिला-टीकमगढ़

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06-संजय श्रीवास्तव, मवई (जिला-टीकमगढ़)
      
     विषय-  *ऐबी*

ऐबी ,ऐंड़ा, उर्जड्डी, रै-रै कें उबरात।      
दै-दै दुख, सुख लेत हैं,तन-तन पे झल्लात।।
     ***
*१*
रोम-रोम में ऐब है,
      नग-नग भरो कसार।
पोर-पोर पाखंड है,
       पग- पग अत्याचार।।
*२*
ऐब करें ऐबी बड़े,
       चोरी करबें चोर।
चुगलखोर चुगली करें,
      घुन्ना दयँ घर फोर।।

*३*
ऐबी-ऐबी जुर मिले,
      करत ऐब छल छंद।
रोजीना किल-किल करें,
          रोजउँ-रोजउँ दंद।।
*४*
ऐबी ऐँड़ा आदमी।
      अकड़ो-अकड़ो जाय।
ऐंठन अवगुन अख्खड़पन,
        आपइ आप नशाय।।
      ***
      -संजय श्रीवास्तव, मवई,१३/११/२१😊दिल्ली

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07-अमर सिंह राय,नौगांव जिला-छतरपुर


छोड़त पापी पाप नहिं, 
और  न  ऐबी  ऐब। 
रँगे लिड़इया सन्त बन, 
घूमत करत फ़रेब।।
**
 ✍️ अमर सिंह राय, नौगांव जिला-छतरपुर (मप्र)
                                       
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8-*प्रमोद मिश्रा,बल्देवगढ़,जिला-टीकमगढ़ (मप्र)

ऐब करें चरराय कें, 
ऐबी  उपदरि पूत।।
 तकले राम रहीम खां , 
मुलकन ऐब न मूत।।        
                
ऐबी आसाराम के
साढ़ू राम रहीम
ऐसो ऐब निपोर गए
जैसी कड़वी नीम
,,
 करो ऐब लंकेश ने
 हरी पराई नार
 सूपनखा ऐबन भई
   हो गओ बंटाढार 
   ,,
   ऐब घिनोनो लगत हैं
   देखें जी अकरात
   उबकाई को करूला
   गरे भरत उफनात 
        ***

                   -प्रमोद मिश्रा,बल्देवगढ़
                   

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09-बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा,छतरपुर



1-
ऐबी में हर ऐब रत,
ऐब ने छोड़त एक।
लड़े उबाडो़ं  बोलबे,
करो उपाय अनेक।।

2-
ऐबी सें बचकें रहो,
तको नहीं गुण दोष।
बैर भलो ने दोस्ती,
छोड़ें का अफसोस।।

3-
ऐबी कइयक जगत  में,
गिनत गिनत थक जैव‌।
गिने चुने सज्जन मिलें,
किनसें मेर बनैव।।

4-
ऐबी जुग जुग में रये,
ऐब करत रय खूब।
रोके सें माने नईं,
उनें ऐब की सूब।।

5-
चोरी चुगली जामिनी,
और पराई नार।
जिनमें जे औगुन भरे,
ऐबी देव करार।।
***
-बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा

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10-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"
 

गये कलेवा बांदकें,
ऐब छोड़बे गंग।
ऐबी! कारी कामरी,
बदलत नैंयां रंग।।
***
भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"हटा, दमोह
 
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-11-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र)


*
ऐबी इतने हैं इतै, 
बुरय काम के हेत।
अच्छे में डालें बिघन, 
गुच्च लकइया देत।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी उप्र.
***

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12-कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर,निवाडी़

 कवि सम्मेलन मंच के , 
ऐबी कविताकार ।
अपनें आँगें और की , 
गलन न देवें दार ।।
*** 
 -कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर,निवाडी़(मप्र)
      
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*13-एस आर सरल,  टीकमगढ़


भुकाभुकै ऐबी उठत, 
दिनभर खौ हो टन्न ।
ऐबी खौ बिन ऐब के, 
हजम होत नइँ अन्न ।।
***
    एस आर सरल,  टीकमगढ़
     ***

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14-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुंवा


ऐवी जो नर होत हैं,
अवगुण भरे हजार।
दुरगति इनकी नियतहै,
धरती सहै न भार।।
****
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुंवा
***
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*15-अरुणा साहू रायगढ़(छत्तीसगढ़)

ऐबी छोड़त ऐब को,
बात सबों की मान।
सपर खोर के पढ़ रहो,
पट्टी पे है ध्यान ।।
***
-अरुणा साहू रायगढ़
***
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*16*-डां देव दत्त द्विवेदी,बडा मलेहरा

ऐबी खों बिन ऐब के, 
परै न कैसउं चेंन।
बौ खेंचा- तानी करै,
परखें रइयौ येंन।।
**
डां देव दत्त द्विवेदी,बडा मलहरा, छतरपुर

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*17-*प्रभुदयाल स्वर्णकार 'प्रभु',कैरुआ,ग्वालियर      
    

सूपनखाँ ऐबिन हती,
उगलौ ऐसौ जैर।
भइयन खौं मरबा दये,
करा राम सैं बैर।।

***
-प्रभुदयाल स्वर्णकार 'प्रभु',कैरुआ,ग्वालियर                  
         ग्राम  - कैरुआ तहसील भितरवार 
***
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18-जयहिन्द सिंह जी 'जयहिन्द', पलेरा


ऐबी सें सीकत सबै,
सदा बदलबौ रंग।
रात सदा पासंग बे,
ऐबी कौ पा संग।।
***
#जयहिन्द सिंह जयहिन्द#
#पलेरा जिला टीकमगंढ#

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19-भजन लाल जी लोधी, फुटेर (टीकमगढ़)

मो सौ ऐबी कोउ नहिं,
कामी कुटिल कुबुद्ध ।
जिनमें ऐब न होंय बे,
महाबीर-गुरु- बुद्ध।।
**
-भजन लाल लोधी, फुटेर, (टीकमगढ़)

*
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*20*गुलाब सिंह यादव 'भाऊ' लखौरा
कुनआई केऊ फिरे,करबे उल्टे काम ।
ऐब करे ऐबी बने,नय लरका बदनाम ।।
**
-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ' लखौरा,
*
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*21*वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
पढ़े लिखे भी होत हैं, 
ऐबी इक्कर लोग।
बड़े शर्म की बात है,
ऐसन खों यह रोग।।
***
-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
*
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*22*नरेन्द्र श्रीवास्तव, गाडरवारा, म.प्र.
ऐबी से बच के रहो,
इनके ऐंसें काम।
निगलत ने उगलत बने, 
होंय और बदनाम।।
***
-नरेन्द्र श्रीवास्तव, गाडरवारा, म.प्र.

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   23-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी       
भुनसारे सें रात तक, 
करवै खोटे काम।
 बेमतलब दुख देत जो, 
ऊकौ ऐबी नाम।।
-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी       
***

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24-रामेश्वर राय परदेशी टीकमगढ़ (मप्र)

ऐबी उपदरी भड़या
हों चरचटया  पूत।
नाव डुबैबें  कुलन कौ
ऐसे पजे  कपूत।।
***
रामेश्वर राय परदेशी टीकमगढ़ मप्र

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25-गणतंत्र जैन ओजस्वी, खरगापुर

बुन्देली दोहा अप्रतियोगी - 

जिनके घर में लगत है, 
मेला रोज अमीर!
ऐबी के सबरे हुनर, 
बाकीं मरे जमीर!!
***
गणतंत्र जैन ओजस्वी, खरगापुर


🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊

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                              ऐबी
                   (बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
      संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़

              जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ 
                   की 78वीं ई-बुक

© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

     ई बुक प्रकाशन दिनांक 12-12-2021



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1 टिप्पणी:

pramod mishra ने कहा…

ऐबन हतिती साइकल
ऐब करतती ऐन
जां प्रमोद घटिया परें
उतर जात ती चैन