💐😊लबरा 😊💐
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की प्रस्तुति 80वीं ई-बुक
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 18-12-2021
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
अनुक्रमणिका-
अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)
01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02- प्रदीप खरे मंजुल, टीकमगढ़(म प्र)
03-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़)
04-गोकुल प्रसाद यादव,बुढेरा (म.प्र)
05- शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा
06-संजय श्रीवास्तव, मवई,टीकमगढ़(म.प्र)
07-अमर सिंह राय,नौगांव, जिला छतरपुर
08-प्रमोद मिश्र, बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़
09-बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा, जिला छतरपुर
10-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी",हटा,दमोह
11-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र)
12-कल्याण दास साहू पोषक, पृथ्वीपुर,(मप्र)
13-एस आर सरल, टीकमगढ़
14-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुंवा
15-डां देव दत्त द्विवेदी,बडा मलेहरा
16-प्रभुदयाल स्वर्णकार 'प्रभु',कैरुआ,ग्वालियर
17-जयहिन्द सिंह 'जयहिन्द', पलेरा
18-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ' लखौरा
19-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
20-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
21-रामेश्वर राय परदेशी टीकमगढ़ (मप्र)
22*प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला
23-डां संध्या श्रीवास्तव, दतिया(मप्र)
😄😄😄जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
संपादकीय-
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे।
हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
एक काम और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।
हमारे इस छोटे से प्रयास से आज यह ई-बुक लबरा 80वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
यह पटल के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 80 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 76 देश के लगभग 60000 से अधिक पाठक अब तक पढ़ चुके हैं।
आज हम ई-बुक की श्रृंखला में हमारे पटल जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह लबरा 80वीं बुक लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी रचनाएं पटल के साथियों ने दिये गये बुंदेली दोहा लेखन बिषय- लबरा 80वीं पर शनिवार दिंनांक-18-12-2021 को सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे के बीच बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-40 हेतु पटल पर पोस्ट की गयी हैं। कमेंट्स के रूप में आशीर्वाद दीजिए।
अतं में पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का मैं हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
धन्यवाद, आभार।
***
दिनांक-18-12-2021 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
मोबाइल-91+ 09893520965
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01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)
*अप्रतियोगी दोहा
**बुंदेली दोहा बिषय- लबरा*
लबरा कय जो लाबरी,
लंबी छेडे़ तान।
लल्लू लालइ हो गये,
लगे लगोंटी तान।
***
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
🥗🥙🌿☘️🍁💐🥗🥙🌿☘️🍁💐
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02-प्रदीप खरे,मंजुल, टीकमगढ़ (मप्र)
प्रतियोगी दोहा..
लबरीं लबरा ठोकबै,
चाय जितै गुथ जाय।
जीनौ जाबै बैठबै,
बोई दै लतियाय।।
***
अप्रतियोगी दोहा..
1-
दलुआ शाई देत है,
बातें लबरा रोज।
सांसी नहिं एकउ कहै,
मिटा दऔ है खोज।।
2-
जो नहिं बोलै प्रेम सें,
उयै न कोउ बुलाय।
लबरा सत्तुर सौ लगै,
तनक न काहु पुसाय।
3:
लागै लातैं जड़ दयै,
लतयायैं बढ़याव।
लबरा लुअर लगात है,
करै बुरव बतकाव।।
4:
लबरा कउँ ठाँड़ौ मिलै,
करौ नहीं बतकाव।
जूता ले लियौ हाथ में,
लगै तनक, जड़याव।।
***
-प्रदीप खरे,मंजुल, टीकमगढ़ (मप्र)
🤔😂😂🤔
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3-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़
😊(((((( लबरा ))))))😊
साँचन खों फांके परें,
होत कोढ़ में खाज।
लबरा झूंठा माफ़िया,
बड़े मजे में आज।।
**!@!**
😊*(((लबरा झूंठा)))*😊
*?*?*?*?*?*?*?*?
हाडै हरदी नइ लगे,
खूब लगा लो जोर।
हे घोटालन के जनक,
लबरा झूंठा चोर।।
लबरा झूंठा कात रय,
जौ गरीब है देश।
पेरिस धुबबे जात ते,
खुद के पैरे वेश।।
हड़िया तेरी काठ की,
चूले पै चढ़ आइ।
बार बार अब नइ चढ़े,
हे लबरन के भाइ।।
एकइ बार बजत बड़े,
बनों भटा कौ शंख।
लबरा झूंठा माफ़िया,
भड़या जुरे असंख।।
जौ चुनाव भौतइ कठिन,
कर रय नइ नइ खोज।
झूंठे लबरा मसखरा,
जा रय मंदिर रोज।।
मर गय चादर चढ़ा कें,
खूब करी इफ़्तार।
अब केसरिया ओढ़ कें,
जा रय सबके द्वार।।
सदा गरीबी में बड़े,
आटौ गीलौ होत।
लबरा झूंठा मसखरा,
तान पिछौरा सोत।।
उन्ना पैरें बगबगे,
अंदर भारी कीट।
झूंटे लबरा बेशरम,
नेता और बशीट।।
पेरिस गय उन्ना धुवन,
कत रय देश गरीब।
लबरन ने जा झूंठ की,
काढ़ी ती तरकीब।।
**!@!**
🍁🦚🍁🦚🍁🦚🍁🦚🍁
😊-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़
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04-गोकुल यादव,नन्हीं टेहरी,बुढेरा (म.प्र.)
प्रतियोगी दोहा-
लबरा लबरा पक्ष में,
दोंदा बनें बिपक्ष।
लूटमार के खेल में,
दोइ बिरोबर दक्ष।।
****
🙏अप्रतियोगी दोहे🙏विषय-लबरा🙏
*******************************
सरपंची कौ आजकल,
चर्रा परो चुनाव।
लबरा ऐंनइं फेंक रय,
लबरयाव बतकाव।
धरमराज लबरा बनें,
राजतिलक के हेत।
नेतन खाँ बिरथा अपन,
दोष काय खाँ देत।
लबरा लाबी बात में,
घोर देत गुरयाइ।
ई सें लाबी भी लगै,
जैसें होय मिठाइ।
डारें रइयौ पेट में,
कै कें भरबै कान।
तुरत समझ लो जेइ है,
लबरा की पहचान।
*********
✍️गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी(बुडे़रा)
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05-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा
देश में लबरा भौत है,
नइयां कौनउ गैर।
जे सत्यानाशी भये,
करत कछू कत ओर।।
***
शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा जिला-टीकमगढ़
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
06-संजय श्रीवास्तव, मवई (जिला-टीकमगढ़)
लबरा लगबे लुअर सो,
सच्चो मन खों भाय।
सच, साहस के सामनें,
लबरा ना टिक पाय।।
***
-संजय श्रीवास्तव, मवई,१३/११/२१😊दिल्ली
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
07-अमर सिंह राय,नौगांव जिला-छतरपुर
***
लबर-लबर लबरा करै,
खूब फकाईं देय।
बात सिद्ध करबे कसम,
गंग मूड धर लेय।
***
✍️ अमर सिंह राय, नौगांव जिला-छतरपुर (मप्र)
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
8-*प्रमोद मिश्रा,बल्देवगढ़,जिला-टीकमगढ़ (मप्र)
लबरयाइ को जच परत,
सरपंची को चुनाव।
लाबो हेंसा बांट कें,
ऐन मनइ लरवाव।।
***
-प्रमोद मिश्रा,बल्देवगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
09-बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा,छतरपुर
11-लबरयाई लबरा दयें,
दोंदा दोंदत जाय।
को जीतें को हारबे,
जौ को पतो लगाय।
2-लबरा बोले लाबरी,
सकुचे ने शर्माय।
अरौ बिदाबे और खों,
केकें पलटी खाय।
3-लबरा की कबलो चलै,
सबलो लबरी बात।
सांचऊ सांचे सें बिदै,
तौ खा जैहे मात।
4-लबरा कौ कबलो चले,
लबरयाय से काम।
दूरई सें कटयात सब।
इतनों रत बदनाम।
***
-बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
10-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
-11-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र)
लबर- लबर लबरा करें,
दें लबरौंनी ब्यान।
राजनीति में बे बनें,
खुद में बडे़ महान।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी उप्र.
***
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
12-कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर,निवाडी़
लबरा अपनें देस के ,
कर रय भौत कमाल ।
पडा़ परे हैं देख लो ,
हो रय मालामाल ।।
***
-कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर,निवाडी़(मप्र)
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*13-एस आर सरल, टीकमगढ़
प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त दोहा है-
फेक फेक कैं लाबरी,
लबरा कर रय मौज।
मयरे खौ न्यारे बनें ,
रवै खीर खौ सौज।।
***
एस आर सरल, टीकमगढ़
***
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
14-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुंवा
ठांणे गंगा तीर पै,
रटवैं रामहि राम।
कपट करें हर काउ सें,
जे लबरन के काम।।
***
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुंवा
***
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*15*-डां देव दत्त द्विवेदी,बडा मलेहरा
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त दोहा है-
लबरा सगौ न काउ कौ,
स्वारथ लेबै छाँट।
पत्ता पै खा जात है,
मौका परें कुलाँट।।
*****
डां देव दत्त द्विवेदी,बडा मलहरा, छतरपुर
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
*16-*प्रभुदयाल स्वर्णकार 'प्रभु',कैरुआ,ग्वालियर
प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त दोहा है-
लबरा मन सें गड़त है ,
बातें दो की पाँच।
साँची खाँ झूटी करत,
झूटी करतइ साँच।।
***
-प्रभुदयाल स्वर्णकार 'प्रभु',कैरुआ,ग्वालियर
ग्राम - कैरुआ तहसील भितरवार
***
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
17-जयहिन्द सिंह जी 'जयहिन्द', पलेरा
लबरा लबरा लोर गय,
लबरयाट कौ ताल।
भरी उनैसें गाँव की,
आज सबै चौपाल।।
***
-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
*18*गुलाब सिंह यादव 'भाऊ' लखौरा
लबरा से बरके रव ,
करबै झूठी बात ।
झूठी के हरदोल को
करदव विस्वा घात।।
****
-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ' लखौरा,
*
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
*19*वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
लबरा लाबी कय बिना,
चेंन सें न रै पाय।
झूंटी झाँटी बात ही,
ऊके मन खों भाय।।
***
-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
20-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
"लबरा"
*********
अप्रतियोगी दोहा
गंगा धर कें मूड़ पै,
लबरा बोलै झूँट।
वंश वेल सब सूख जै,
बचै अकेलौ ठूँट।।
***
-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
***
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
21-रामेश्वर राय परदेशी टीकमगढ़ (मप्र)
अप्रतियोगी दोहा
लबरा जबरा जब मिलै
अपनी दौदत ऐन ।
मिलाजुरी करबे बिना
उए परै ना चैन।।
***
रामेश्वर राय परदेशी टीकमगढ़ मप्र
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
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*22*प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला
लबरा पुज रओ है अबै,
सांचौ खा रओ लात।
सच्ची कलजुग आ गयौ,
भरी दुपहरी रात।।
-प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
*23*डॉ संध्या श्रीवास्तव , दतिया
लबरा बनपौ पाप है,
मिलत बहुत अपमान।
गली-गली जूता परत,
लुट जातई सब आन।।
***
--डॉ संध्या श्रीवास्तव , दतिया
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
💐😊लबरा 😊💐
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
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टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
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