*चौकड़िया-1
सूनी, डगर चलत गुदनारी,
छेड़त गैल मुरारी।।
मोल दही को मांगें मोहन,
जोरत कर बृजनारी।।
छौना नटखट मैया तोरौ,
मना मना कैं हारी।।
राना लख लीला गिरधर की,
मनहिं बसी छवि प्यारी।।
***
*2*
बिकबै, दूध के भाव पानी,
नशलें नयी नशानी।।
गैया कौ बौ दूध बताबै,
करत सदां बेमानी।।
पानी दैकै हाथ बना रय,
चतुर बढ़े रमजानी।।
आय मिलौनी, कहै निपनिया,
भइ राना' हैरानी।।
***
*-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" हिन्दी पत्रिका
संपादक- "अनुश्रुति" बुंदेली त्रैमासिक ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
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