💐😊तखरिया😊💐
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 92वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 15-02-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
अनुक्रमणिका-
अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)
01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02-गोकुल प्रसाद यादव,बुढेरा (म.प्र)
03-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़)
04- शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा
05-संजय श्रीवास्तव, मवई,टीकमगढ़(म.प्र)
06-प्रमोद मिश्र, बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़
07-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी",हटा,दमोह
08-एस आर सरल, टीकमगढ़
09-जयहिन्द सिंह 'जयहिन्द', पलेरा
10-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
11- प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
12- एल.एल.दरसन, बूदौर, पलेरा(टीकमगढ़)
14-अमर सिंह राय,नौगांव(मप्र)
15-डां. देव दत्त द्विवेदी, बड़ा मलहरा
16-वीरेन्द चंसौरिया टीकमगढ़
17-गुलाब सिंह यादव भाऊ लखौरा
18-आशा रिछारिया निवाड़ी
19-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुंवा
20-सुनीता खरे टीकमगढ मध्य-प्रदेश
21-ब्रजभूषण दुबे ब्रज बकस्वाहा
22-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
संपादकीय-
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे।
हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
एक काम और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।
हमारे इस छोटे से प्रयास से आज यह ई-बुक तखरिया' 92वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
यह पटल के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 92 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 78 देश के लगभग 60000 से अधिक पाठक अब तक पढ़ चुके हैं।
आज हम ई-बुक की श्रृंखला में हमारे पटल जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह 92वीं ई-बुक 'तखरिया' लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी दोहे पटल के साथियों ने शनिवार दिनांक-13-2-2022को बुंदेली दोहा लेखन प्रतियोगिता-48 में दिये गये बिषय 'तखरिया' ' पर पोस्ट किये है।
अंत में पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का मैं हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
धन्यवाद, आभार।
***
दिनांक-15-02-2022 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
मोबाइल-91+ 09893520965
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)
अप्रतियोगी दोहा बिषय-तखरिया
करमन खौं नोने-बुरे,
अपुन तखरिया तौल।
इनईं सैं तो आत है,
जीवन में कछु झोल।।
***
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
🥗🥙🌿☘️🍁💐🥗🥙🌿☘️🍁💐
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉
02-गोकुल यादव,नन्हीं टेहरी,बुढेरा (म.प्र.)
🌹
धरी तखरिया न्याय की, पैलउँ सें पासंग।
भड़या डाँडी़ मार कें, कर रय देश अपंग।।
🙏अप्रतियोगी दोहे 🙏 विषय-तखरिया🙏
**********************************
होय तखरिया जौन की , पैलउँ सें पासंग।
बौ का तौलै काउके, गुन औगुन रस-रंग।
टँगी तखरिया न्याय की, धरमराज दरबार।
कुकरम सुकरम तौल कें, होत उतै निरधार।
वजन बुद्धि कौ होत कम,तौल तखरिया लेव।
जइ सें चूहा पै चलत, लम्बोदर सुर-देव।
बैठ तखरिया पै तुले, मुरलीधर दो बार।
प्रेम पुष्प की जीत भइ, अहंकार गव हार।
**********************************
✍️गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी(बुडे़रा)
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
-3-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़
😊
उतै ना चलतीं दलीलें,ना सबूत ना कौल।
धर्मराज की तखरिया,पै होतइ जब तौल।।
*😊*!!तखरिया!!*😊*
-^-^-^-^!!@!!^-^-^-^-
अशोक पटसारिया नादान
लिधौरा टीकमगढ़ मप्र
9977828410
**!!@!!**
एक पला पै धर दियौ,
सबरे सुख संसार।
झुके तखरिया कौ पला,
जी पै सत्संग सार।।
लम्बौ खिचतइ फैसला,
होतइ सत हैरान।
न्याय तखरिया के पला,
नइयाँ एक समान।।
पेंच भौत कानून में,
है सबूत में झोल।
न्याय तखरिया के पला,
हो रय डावाँडोल।।
बैठौ बैठौ बानियाँ,
सौदा धरै उठाया।
करें तखरिया में कछू,
डांडी मारत जाय।।
न्याय तुला पर तौलिए,
जो हैं अपने खास।
एक तखरिया के पला,
प्रेम और विश्वास।।
*:!:!:@:!:!:*
***
-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़
04-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा
पल-पल के इन करम का, जोड रखें धरमराज ।
धरम-अधरम कि तखरिया,पै तौलत यमराज ।।
अपितियोगी दोहा
1=
धरम -अधरम के करम को,देत तखरिया तौल।
धरमराज के दुआरेैं, खात हजारौं कौल ।।
2=
सतकरमों के खेल को,तौलत हैं यमराज ।
धरमराज पूँछत उतै,का करआये काज।।
3=
राजनीत के खेल की, जनता खोलत पोल ।
हर नेता के करम को,रखैं तखरिया तोल।।
4=
पसरट कि हर दुकान पै,मिलै तखरिया खास ।
लूटत है हर घडी सबै,जौ किसान कौ नाज ।।
मौलिक रचना
***
शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा जिला-टीकमगढ़
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
05-संजय श्रीवास्तव, मवई (जिला-टीकमगढ़)
कहे तखरिया बाँट सें,
डाँड़ी मारत सेट।
ठग-ठगकेँ घर भर लियो,
भरो न ईको पेट ।।
*अप्रतियोगी दोहे*
*१*
मूक तखरिया मापती,
जिसका जितना माप।
धोखेबाजी आपकी,
बेइमान भी आप।।
*२*
तौल बताबै तखरिया,
मोल बताबै साव।
चढ़ते भाव,अभाव में,
करें घाव पै घाव।।
*३*
चतुराई की तखरिया,
चालाकी के बाँट।
घूसखोर, बइमान की,
बेजां नीचट गाँठ।।
*४*
टिकी तखरियाँ पौर में,
लुढ़कत फिर रय बाँट।
माल मशीनें तौलती,
को इने रओ साँट।।
*५*
धरी तखरिया मुड़ी पै,
बोरा काँख चपायँ।
उठत भोर सें, सेठजी,
बंजी करबै जायँ।।
**
*संजय श्रीवास्तव* मवई
१२-२-२२😊दिल्ली
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
6-*प्रमोद मिश्रा,बल्देवगढ़,जिला-टीकमगढ़ (मप्र)
तौल तौल रइ तखरिया, डांड़ी मारें सेठ।
काटत पेट गरीब कें , नोतौ करकें ठेठ।।
कहत तखरिया ग्राम सें, तोलों उर तुल जाव।
या फिर जी लो बिन तुलें, राम सें हेत लगाव ।।
,,,,,
एक तखरिया सत्य की, हरिश्चंद्र के हाथ।
सबई निकर गव भाग सें, सत्य अंत तक साथ।।
,,,,,,,,
लरी तखरिया किलो सें , चढ़तन करत उलात।
फिर उतरत फिरकौ चढ़त, पलवा ठनना जात।।
,,,,
टंगी तखरिया सोस रइ,जो कैसो अंदेर।
अस सैरा खों में बनी, दते चढ़ावे सेर ।।
,,,,,
होन तखरिया को लगो, पान सेर सें ब्याव।
तौल ताल लइ भांवरें,पलवा तरें चपाव ।।
,,
नोतो तौले तखरिया, डांड़ी मारें साव।
लेन देन की बजरिया, हरि सें हेत लगाव ।।
***
-प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़
स्वरचित मौलिक
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
7- भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"हटा, दमोह
🌹*
आंखन पट्टी बांद कें,देवि तखरिया हांत।
चित्र गुप्त तौलत रहत, पुण्य पाप दिन रात।।
अप्रतियोगी बुन्देली दोहे
शनिवार १२/०२२०२२
लयें तखरिया टेर रये, बातन में भरमांय
कम तोलें पूरो कहें,झूटीं कसमें खांय।।
पांच किलो पाला लयो,उने दै दयो चार।
तौल तखरिया सें हनी ,डांड़ी दीनी मार।
एक तखरिया है उतै,धरमराज दरवार।
पाप पुण्य तुलबै जहां,घलत बाद में मार।।
धरम देवी कानून की,आंखें रही छिपाय।
कोउ बड़ो छोटे नहीं,तखरी तौलत जाय।।
तौल तखरिया सें करौ,पाछें बोलो बोल।
लगत सुनत राबे सदा,मिसरी सी रय घोल।।
स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
***
-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"हटा, दमोह
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
08-एस आर सरल, टीकमगढ़
चाँप तखरिया कांख में, करवे चले बजार।
फट्टा डारें हाट में, करें बंज व्योपार।।
पटल तखरिया हो गऔ,दोहा हो गय बाँट।
कौन बाँट धन्ने कितें, तौल तौल रय छाँट।।
कवि पंचन के बीच में,चलें न कौनउँ लाँच।
पंच फैसला तखरिया, तौल झूट उर साँच।।
***
-एस आर सरल, टीकमगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
9-जयहिंद सिंह जी 'जयहिन्द', पलेरा
नैनन तौली तखरिया, करम धरम के खेल।
पाप पुण्य तारन तरन,मन सें मन कौ मेल।।
***
-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
10-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
जीवन रूपी तखरिया,है भौतइँ अनमोल।
पाप-पुण्य सब तौल रइ, तौलत मिथ्या बोल।।
आँखन पै पट्टी बँदी,लऐं तखरिया हात।
करै फैसला हमेशा,सुन सुन कें सब बात।।
सबकी करनी तुलत है, जी पै एक समान।
भेद करै ना तखरिया,जा है चतुर सुजान।।
न्यायधीश है तखरिया,सइ तौलत हर चीज।
सुख-दुख दो पलवा लगे,पाप- पुण्य के बीज।।
सुख कौ पलवा गरव है,दुख कौ हलकौ होय।
सइ सइ तौलत तखरिया,कोउ हँसै या रोय।।
किलो तखरिया सें कहै,नैकें नैकें तौल।
दोष न लगवै बाँट खों,तोय बाप कौ कौल।।
***
अंजनी कुमार चतुर्वेदी ,निवाड़ी
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
11- प्रदीप खरे, टीकमगढ़(मप्र)
मीठी बानी बोलियौ,नेकी रैबै साथ।।
पाप पुण्य तौलें प्रभू,लयै तखरिया हाथ।
बनियाँ डाँढ़ी मारबै,लयै तखरिया हाथ।
नीयत नीकी नहिं रहै,देत न कोऊ साथ।।
कर्म गठरियाँ लाद कै,जैहौ यम दरवार।
तौल तखरिया भैज दें,सरग नरक के द्वार।।
पला तरैं चुंबक चपी,ठगी करें बे रोज।
सही तखरिया राखियौ,नइतौ मिटहै खोज।।
***
-प्रदीप खरे, टीकमगढ़ (मप्र)
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
12--एल.एल.दरसन, बूदौर,पलेरा, (टीकमगढ़)
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
14-अमर सिंह राय,नौगांव, जिला छतरपुर
तौल तखरिया बोलतइ, बातैं सही सटीक।
परमेश्वर सो पंच खाँ, मानत न्याय प्रतीक।।
अप्रतियोगी दोहा- तखरिया
(1)
पाप पुण्य मापन करे, कर्म तखरिया मान।
ऊपर नीचे होत नहिं, धरमहिं काँटा जान।
(2)
न्यायधीश के सामनू, लगी तखरिया राय।
भेदभाव होवै नहीं, जो अहसास कराय।।
***
-अमर सिंह राय,नौगांव
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
15-डां देव दत्त द्विवेदी, बड़ा मलहरा
कौंन तखरिया पै तुलै,आज काल कौ न्याय।
साँचे बैठे हैं घरै, झूटे देयं गबाय।।
***
-डॉ देवदत्त द्विवेदी 'सरस'
बड़ा मलहरा (छतरपुर)
***
16-वीरेन्द चंसौरिया टीकमगढ़
पैल तखरिया और थी ,
आज तखरिया और।
सइ तौलत कै झूंट है ,
नहीं कछू है ठौर।।
-वीरेन्द चंसौरिया टीकमगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
17-गुलाब सिंह यादव भाऊ लखौरा
जो जैसी करनी करे ,
तोल तखरिया जाय ।
धर्मराज के कोट में ,
फल जो जीबन पाय ।।
-गुलाब सिंह यादव भाऊ लखौरा
***
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
18-आशा रिछारिया निवाड़ी
जीव तखरिया पलरियां,
ईशुर माया मोहि।
जो पलरा भारी भयो,
वही जीव गति होय।।
-आशा रिछारिया निवाड़ी
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
19-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुंवा
तौल तखरिया धर्म की,
तापै जग विश्वास।
तौल तौलवै कोउ भी,
करै न्याय कि आस।।
रामानन्द पाठक नन्द,नैगुंवा
***
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
*20-सुनीता खरे टीकमगढ मध्य-प्रदेश
सबयी खौ हमहि साधे ,रोज तखरिया जान।
तखरिया सौ हमइ भये, रोजयी जा रये प्रान।।
-सुनीता खरे टीकमगढ मध्य-प्रदेश।
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
21-ब्रजभूषण दुबे ब्रज बकस्वाहा
बड़ी गजब की तखरिया ,
रची अजब करतार ।
राई घटत न तिल बढ़त ,
तुलत सकल संसार ।।
साउकार की तखरिया ,
हो न्यालय को न्याय ।
जानी मानी सब -इ की ,
कम बड़ कौन बताय ।
ब्रजभूषण दुबे ब्रज बकस्वाहा
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
22-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)
अप्रतियोगी दोहा.
प्रेम और विश्वास की,धरी तखरिया ताख।
ऊ की गिरी समाज में,बनी बनाई साख।।
रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी उप्र.
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
💐😊तखरिया😊💐
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 92वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 15-02-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
1 टिप्पणी:
विषय अनुसार विशेष रचनाओं के लिए बहुत-बहुत साधुवाद
बुंदेली का प्रचार प्रसार करने के लिए श्री राणा जी को बहुत-बहुत साधुवाद
एक टिप्पणी भेजें