💐😊नेंग😊💐
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 90वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 7-02-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
अनुक्रमणिका-
अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)
01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़)
03-गोकुल प्रसाद यादव,बुढेरा (म.प्र)
04- शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा
05-संजय श्रीवास्तव, मवई,टीकमगढ़(म.प्र)
06-प्रमोद मिश्र, बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़
07-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी",हटा,दमोह
08-एस आर सरल, टीकमगढ़
09-जयहिन्द सिंह 'जयहिन्द', पलेरा
10-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
11-रामेश्वर राय परदेशी टीकमगढ़ (मप्र)
12- प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
13--कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाडी़)
14- एल.एल.दरसन, बूदौर, पलेरा(टीकमगढ़)
15-परम लाल तिवारी,खजुराहो (मप्र)
16-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी (उप्र.)
17-अमर सिंह राय,नौगांव(मप्र)
18-डां. देव दत्त द्विवेदी, बड़ा मलहरा
19-भजन लाल लोधी फुटेर टीकमगढ़
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
संपादकीय-
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे।
हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
एक काम और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।
हमारे इस छोटे से प्रयास से आज यह ई-बुक नेंग 90वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
यह पटल के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 90 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 78 देश के लगभग 60000 से अधिक पाठक अब तक पढ़ चुके हैं।
आज हम ई-बुक की श्रृंखला में हमारे पटल जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह 90वीं ई-बुक 'नेंग' लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी दोहे पटल के साथियों ने शनिवार दिनांक-5-2-2022को बुंदेली दोहा लेखन प्रतियोगिता-47 में दिये गये बिषय 'नेंग' पर पोस्ट किये है।
अंत में पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का मैं हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
धन्यवाद, आभार।
***
दिनांक-05-02-2022 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
मोबाइल-91+ 09893520965
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01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)
*अप्रतियोगी बुंदेली दोहा- *नेंग*
***
होतइ नखरे नैंग में,
नैक नभे न कोय।
नोट नोने निकारदो,
नैनन बाते होय।।
***
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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2-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़
*😊!!*नेंग*!!😊!!*
व्याव काज़ बन जात है, सब बिटियन की गेंग।
जूता जीजा के चुरा,सारी माँगत नेंग।।
***
आज काल की सालियाँ, काटन लगीं बबाल।
नेंग देव जीजा हमें,तब देंहैं जै माल।।
व्याव काज़ बन जात है,सब बिटियन की गेंग।
जूता जीजा के चुरा,सारी माँगत नेंग।।
हो हल्ला मड़वा तरें,ठलुआ जुर गय चार।
कुँअर कलेवा जब करें,देव नेंग में कार।।
पैल मिलत ते रेडियो,घड़ी साइकिल चेंन।
कारें माँगत नेंग में,बाप बड़ौ बेचेंन।।
मौडी मौडन की खबर,पैल उनें मिल जात।
नेंग सगुन दैवे दुआ,खसुआ घर में आत।।
पावन भारत भूभि है,संस्कार की खान।
नेंग चार उत्सव खुशी,इतै देत भगवान।।
*:$:!!$!!:$:*
-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़
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03-गोकुल यादव,नन्हीं टेहरी,बुढेरा (म.प्र.)
चार दुलइयाँ चार वर, मड़वा पंडत चार।
मइंनन भयते जनक घर,नेंग चार सतकार।।
***
🙏🌹अप्रतियोगी दोहे,विषय-नेंग🌹🙏
********************************
पाँच साल मारत रये, बे झूलन पै पेंग।
आइ चुनावी साल सो,घर-घर कर रय नेंग।
नये चला में आजकल,सबइ नेंग रय रेंग।
दौरत आज दहेज कौ, सबसें आँगें नेंग।
बना देत सब बाँध पुल, मंत्री जी की गेंग।
मंत्री जी कर देत फिर, उदघाटन कौ नेंग।
नेंगचार हो रय विकट, दद्दा के दिन रात।
बहुयें भूँकन मारतीं, लरका मारत लात।
********************************
✍️गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी(बुडे़रा)
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04-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा
गई खवासन नेंग खां,
शिव दूला के पास।
करिया नाग जो देंन लगें,
तुरतइं भगी उदास ।।
***
शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा जिला-टीकमगढ़
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05-संजय श्रीवास्तव, मवई (जिला-टीकमगढ़)
होत बुंदेली ब्याव में,हर नेंगन के गीत।
जुर-मिल नारी गाउतीं,अनुपम अपनी रीत।।
***
*अप्रतियोगी दोहे*
*१*
तनक नेंग सो कर चले,कैबे हो गइ आय।
बात-चीत न राम राम,एक माइ के जाय।।
*२*
नेंगचार सब हो गए,घरी विदा की आइ।
लिपट गरे मोड़ी लगा,रो रय बाप मताइ।।
***
- संजय श्रीवास्तव,मवई
५-२-२२😊दिल्ली
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6-*प्रमोद मिश्रा,बल्देवगढ़,जिला-टीकमगढ़ (मप्र)
मातु सुनयना नेंग में, देकर बोली आम
सासु ससुर सेवा करहु,सिया गहाती राम
अप्रतियोगी , दोहे-
मिली नेंग में धरा सें,सबखों रितू वसंत।
जनम सरस्वती को भयो, विद्या पाई ज्वलंत ।।
,,,,,,,
मुख दिखाइ कैकई ने, दई सिया को भेंट।
चूड़ामणि दी नेंग में , आशिष हृदय समेट ।।
,,,,
शंकर जी ने नेंग में,नागराज पकराय।
मड़वा तर जीने छियें,घर तक नइ जा पाय।।
,,,,,,
मिलन श्याम राधा भयौ,बाला नेंग कहाय।
वरुण उठा कें भगत गय,बिरमा दियो गहाय ।।
,,,,
आदि शकति ने नेंग में, देदी आंख निकार।
तब जाके संसार में, भय शंकर त्रिपुरार।।
,,,,
बेटी ब्याही नेंग में,दिया मणि का दान।
रिक्छ राज पिरमोद भय, गए किसन पैचान।।
***
-प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़
स्वरचित मौलिक
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7- भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"हटा, दमोह
लांच लिबैया लूट रय, बना आपनी गेंग।
शादी में जैसें लगत,दूले कइयक नेंग।।
***
*अप्रतियोगी दोहे*
तुरत नेंग सौ चाउने, करें लांचिया मांग।
बात समर कें ना करें ,जे कलजुगिया नांग।।
मूसर और मथानि कौ,होत ब्याव में नेंग।
कछु बरतया लगत हैं, जैसें आ गइ गेंग।।
***
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित
-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"हटा, दमोह
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*08-एस आर सरल, टीकमगढ़
राम लला दूला बनें, खड़े झनक के द्वार।
बजत बधाईं झनकपुर,होत नेंग सत्कार।।
***
एस आर सरल, टीकमगढ़
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9-जयहिंद सिंह जी 'जयहिन्द', पलेरा
जब दोरे सें ब्याव में,दूला होत निकास।
मूसर ऊपर सें कड़ै,नैग होत जौ खास।।
***
-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
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10-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
15*
जनक नेंग में दै रहे,दशरथ जी खों साजि।
जनक नंदिनी लाड़ली, गौधन गजधन बाजि।।
***
अंजनी कुमार चतुर्वेदी ,निवाड़ी
-***
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11-रामेश्वर राय 'परदेशी',टीकमगढ़ (मप्र)
16*
कुंअर कलेवा करें नइं,कुंअर कलेवा नेंग ।
लयें चैन बिन चैन नइं,सारी सें गय चेंग।।
***
स्वरचित एवम मौलिक
रामेश्वर राय 'परदेशी', टीकमगढ़ (मप्र)
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12- प्रदीप खरे, टीकमगढ़(मप्र)
पनही सारी लै उड़ी,बा नहिं वापिस देत।
जीजा नैंगहिं देत हैं, सारी पुटया लेत।।
***
सुतहिं चार महलन भयै,दशरथ जू सुन कान।
नैंग असरफीं देत हैं, करत खूब धन दान।।
*
नैंग खौं दूला अड़ौ,मड़वा नैंचें आज।
भोजन तौ जबहीं करैं, घी परसें महराज।।
*
भौजी गागर सिर धरैं, देवरा रहो उतार।
नैंग उतराइ कौ लियौ,दयी अशीष हजार।।
*
आई बैरां मिलन की,कढ़ी जात है रैन।
दोर आन छैंकैं खड़ी,नैंग मांग रइ बैन।।
*
घूंघट सिर सैं सरकबै, लाख टका है मोल।
बिना नैंग सरकै नहीं,दरश मोर अनमोल।।
***
-प्रदीप खरे, टीकमगढ़ (मप्र)
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13--- कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़
लेतन में खुस होत हैं ,
नेग होय या लाँच ।
कोउ बुरव जिन मानियौ ,
सच्चाई खों वाँच ।।
***
--- कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़
( मौलिक एवं स्वरचित )
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14--एल.एल.दरसन, बूदौर,पलेरा, (टीकमगढ़)
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15-परम लाल तिवारी,खजुराहो (मप्र)
लेव खवासन नेंग जो,
गई लेत वा कांप।
मुठी पकर शिव ने दयो,
जब छोटो इक सांप।।
***
-परम लाल तिवारी,खजुराहो (मप्र)
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16-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी (उप्र.)
हिजडा़ आये विआव में,
लेकें अपनी गेंग।
फूफा सें मांगते फिरें,
गा-गा नंचकें नेंग।।
***
गारी गांय विआव में,
साधें सगुन जरूर।
मड़वा के नैंचें करें,
नेंग और दस्तूर।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी (उप्र.)
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17-अमर सिंह राय,नौगांव
जन्मजात जारी रहें,
नेंग-चार दस्तूर।
रीत पुरानी चल रहीं,
करियो इन्हैं न दूर।।
***
-अमर सिंह राय,नौगांव
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
18-डां देव दत्त द्विवेदी, बड़ा मलहरा
काम करें नें काउ कौ,
बातन में उरजायँ।
सरकारी दइ देवता,
पैलाँ नेंग मगायँ।।
***
-डां देव दत्त द्विवेदी, बड़ा मलहरा
19-भजन लाल लोधी फुटेर टीकमगढ
अ प्रतियोगी दोहे बिषय नेंग
आँगन में चरुआ चढ़ो,
दोरें बजै बधाइ!
नेग नरा कटवाइ में,
नौ सै लै गयी दाइ!!
भौजी कें भैंयन भये,
ननद पालना ल्याइ!
कंगना माँगो नेंग में,
येइ सें बनी बुराई!!
गुना में हो मों देख लो,
गुना बाइ बहु आइ!
खड़ी खबासन कल्श लयंँ,
माँग मों धुलवाइ!!
जनम सें लै कें मरने लौ,
नेंग बिधान प्रमान!
भजन सदा मन सें करौ
नजर निछाउर दान।।
***
-भजन लाल लोधी ,फुटेर (टीकमगढ)
💐😊नेंग😊💐
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 90वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 7-02-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
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