💐😊कौल😊💐
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 91वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 8-02-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
अनुक्रमणिका-
अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)
01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़)
03-गोकुल प्रसाद यादव,बुढेरा (म.प्र)
04- शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा
05-संजय श्रीवास्तव, मवई,टीकमगढ़(म.प्र)
06-प्रमोद मिश्र, बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़
07-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी",हटा,दमोह
08-एस आर सरल, टीकमगढ़
09-जयहिन्द सिंह 'जयहिन्द', पलेरा
10-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
11-रामेश्वर राय परदेशी टीकमगढ़ (मप्र)
12- प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
13--कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाडी़)
14- एल.एल.दरसन, बूदौर, पलेरा(टीकमगढ़)
15-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी (उप्र.)
16-अमर सिंह राय,नौगांव(मप्र)
17-डां. देव दत्त द्विवेदी, बड़ा मलहरा
18-भजन लाल लोधी फुटेर टीकमगढ़
19-डां. रेणु श्रीवास्तव, भोपाल
20-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़
21-अरविन्द श्रीवास्तव, भोपाल
22-गीता देवी ,औरैया
23- लखन लाल सोनी, छतरपुर
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
संपादकीय-
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे।
हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
एक काम और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।
हमारे इस छोटे से प्रयास से आज यह ई-बुक कौल 91वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
यह पटल के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 91 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 78 देश के लगभग 60000 से अधिक पाठक अब तक पढ़ चुके हैं।
आज हम ई-बुक की श्रृंखला में हमारे पटल जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह 91वीं ई-बुक 'कौल' लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी दोहे पटल के साथियों ने सोमवार दिनांक-6-2-2022को बुंदेली दोहा लेखन में दिये गये बिषय 'कौल' पर पोस्ट किये है।
अंत में पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का मैं हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
धन्यवाद, आभार।
***
दिनांक-08-02-2022 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
मोबाइल-91+ 09893520965
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01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)
**बुंदेली दोहा- कौल*
*1*
ऐसो धरवै कौल है,
झुक जावे इंसान।
मन की बात करालयी,
खो करके ईमान।।
****
*2*
जबरइ बात मना लई,
धरकै ऊपर कौल।
मानवता तो रइ नईं,
का रय गव है मोल।
***
*3*
कौल लाबरी खात है,
नेता,अफसर आज।
गरीब कौ ही चूसकै,
करते उन पै राज।।
***
*4*
कौली कछु ऐसे भये,
जिनने कौल निभाव।
प्रान निछावर करदये,
ऐसो हतो सुभाव।।
***
*5*
बात बात पै खात है
वे तो ऐसो कौल।
ऐसे ही बतबनन कौ,
दो कोडी कौ मोल।
***
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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2-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़
😊!!*कौल*😊*कसम*!!😊
-^-^-^-^-^-!!@!!-^-^-^-^-^-
अशोक पटसारिया नादान
लिधौरा टीकमगढ़ मप्र
9977828410
*!!@!!*
बात बाप एकइ हतौ,
जब तक थे हरदौल।
सूदे खा रय आदमी,
अब को मानत कौल।।
जीजा आज बने रहौ,
हुए शाम तक डौल।
बनें पौंन्छक मंगौरा,
तुमें हमारौ कौल।।
झूंठा पक्कौ मनकें,
लगौ थपइया धौल।
बार बार खाबै कसम,
तुमें धराबै कौल।।
लबरन के ई गांव में,
रोटी कौ नइ डौल।
हमें बुला रव मारकें,
बार बार मिस कौल।।
कौल खुआ गंगा धरा,
पक्कौ करतइ वोट।
जे चुनाव के चैतुआ,
राखें दिल में खोट।।
**!!@!!**
-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़
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03-गोकुल यादव,नन्हीं टेहरी,बुढेरा (म.प्र.)
🌹बुन्देली दोहे,विषय-कौल🌹
************************
करो लता मंगेशकर,
जीवन भर खाँ कौल।
ब्रह्मचारनी बे रहीं,
को है उनकी तौल।
************************
जीवन में जिनने करो,
जन सेवा कौ कौल।
नाव भऔ उनकौ अमर,
फैली जस की बौल।
************************
कौल करे ईमान दय,
भइं रानी लाचार।
मरवा कें हरदौल खाँ,
मानें नृपत जुझार।
************************
कौल करो चाणक्य नें,
दऔ मौर्य खाँ मंत।
बडे़ नंद साम्राज्य कौ,
कर कें मानें अंत।
************************
कौल देवव्रत नें करो,
पिता उदासी देख।
राज करें ना ब्याव हम,
मेंटो विधि कौ लेख।
************************
✍️गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी
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04-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा
शोभारामदाँगी नंदनवारा जिला टीकमगढ एमपी 7/2/022
9770113360,7610264326
बिषय=कौल/कसम बुंदेली दोहा
(99)
1= बचन निभाय राम नै,हो माता को चैन ।
कौल कराकैं बचन लय,राज भरत को दैन ।।
2= संग सहेलियां आपसी,खाती रैती कौल।
बैन हमाई कसम करो, हमेंदैव तुम सौल।।
3=राजा दसरथ सेंरानी,दो ठउ कौल करांय।
एक में रामें वन दियो,भरत जु राज चलांय
4=रस में विष न घोरनें ,मानों बात हमाइ ।
सुत समान हरदौल हैं,खाऊं कसम तुमाइ
5=हात जोर विनती करे,बोली चंपा बैन /(बचन)
मोसों कौल कराय लो,लातन कूचों ऐन //
मौलिक रचना
शोभारामदाँगी
***
शोभाराम दाँगी , इंदु, नदनवारा जिला-टीकमगढ़
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05-संजय श्रीवास्तव, मवई (जिला-टीकमगढ़)
*सोमबारी बुंदेली दोहे*
*१*
कुलटा,कपटी,कुकर्मी,
करत कौल पे कौल।
बोलत बोल कुबोल सो,
खून जात है खौल।।
*२*
लबरा,दौंदा आदमी,
कामचोर जो होय।
कौल, करम कारे,करे,
अपनी इज्ज़त खोय।।
*३*
गंगा जल धर मूड़ पे,
खाबे झूँटो कौल।
पंच सभा में बैठकें,
बातन खों रय तौल।।
*४*
करय बोल बोले सदा,
करबै करिया काम।
खाबै कौल मताइ को,
सबरे में बदनाम।।
*५*
मड़िया में चल कौल कर,
साँची-साँची बोल।
भरी झूँठ की पोटली,
सबके साँमू खोल।।
***
*संजय श्रीवास्तव*,मवई
७-२-२२😊 दिल्ली
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6-*प्रमोद मिश्रा,बल्देवगढ़,जिला-टीकमगढ़ (मप्र)
बुंदेली दोहा, विषय ,कौल,
,,,,,
करत कौल हनुमान जी,
मेंइ राम को दूत।
मुदरी सें पैचान लो ,
मान मोय लो पूत।।
,,,,,,,,
नहि आज्ञा प्रभु राम की,
जातो अभइ लिवाय।
कौल राम को खा कहत,
रामचंद्र गुन गाय।।
,,,,,,,
केवट दशरथ कौल कर,
बतबड़ वचन उचार।
पार करूं प्रभु राम को,
जब लूं चरन पखार।।
,,,,,,,
राम कौल दशरथ करत,
रानी को बर देत।
बाबा बन वन खों चलत,
राम पिता के हेत।।
,,,,,,,,
घरवारी धर कौल कत,
बालम मेला जाव।
छुटिया काजर पायलें,
बिछिया बिंदी लयाव।।
,,,,,,
घर घर वोटे मांग रय,
हांत जोर पतरौल।
अब सांसी पिरमोद कव,
तुमें खुदा को कौल।।
***
-प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़
स्वरचित मौलिक
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7- भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"हटा, दमोह
🌹बुन्देली:- दोहे🌹
विषय :-कौल
कौल धरौ तौ जनक नें,देय धनष जो टौर।
ब्याव करें हम ओइ सें,लगी रजन में हौर।।
मूड़ मारकें चौतरा, कुन्जा नै धर कौल।
चीकट में आने परे, भाइ तुमे हरदौल।।
गंगा सुत कहे कौल खा, शांतनु सुत न कहांय।
आज कृष्ण जू हात में,जो ना शस्त्र उठाय।।
जीजा सें सारी कहे,आज तुमे है कौल।
दार फूलबे डार दइ,है दरयन कौ डौल।।
पैल आज में कुल्ल कौ,बदल गयो माहौल।
गंगाजली धर मूड़ पै,खात लावरे कौल।।
***
-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"हटा, दमोह
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*08-एस आर सरल, टीकमगढ़
बुन्देली दोहा कौल
*****************************
गय ससरारें शौक सें, जीजा पैलउँ पैल।
कौल धरें जइयो जिनों, छैकें सारी गैल।।
कौल धरें सारी कवें, जीजा आज न जाव।
जिज्जी सें कयँ देत हैं,गम्म आज की खाव।।
सारी कत कै आज की,लें लो जीजा ओत।।
जीजा कत जानें हमें, कौल धरें का होत।।
झूटी बउ कैबे लगी ,मोव खून रव खौल।
कर्र कर्र खाबै लगी, बा लरकन के कौल।।
सास कौल कर कर कवें,मैं तों कत हौ साँच।
बड़ी बजत्तर बउ मिली , कर रइ नंगों नाच।।
***
-एस आर सरल, टीकमगढ़
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9-जयहिंद सिंह जी 'जयहिन्द', पलेरा
#कौल पर दोहे#
#1#
कइ टंटे ऐसे बिदत,करौ कौल निपटाव।
इतनौ मन में सोचियौ,झूठ कौल ना खाव।।
#2#
कभउँ कभउँ सच दिखाबै,करत आदमी कौल।
सत्य होय बैकुण्ठ लो,झूठ नरक कौ डौल।।
#3#
काउ काउ ख़ों कौल की,आदत सी पर जात।
कैउ जने सो आदतन, कौल रोज ही खात।।
#4#
धरम करम विश्वास कौ,ठीक ठिकानौ होय।
कौल करें भगवान कौ,बीज हिया में बोय।।
#5#
पंचयात में कौल की ,परत जरूरत ऐन।
साँच करें सुख होत है,झूठ करें हो ठैन।।
***
-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
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10-अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
राम चरित मानस लिखौ,
मिटैं न विधि के अंक।
करौ कौल किरियाँ विथां,
लगै समय कौ डंक।।
***
अंजनी कुमार चतुर्वेदी ,निवाड़ी
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11-रामेश्वर राय 'परदेशी',टीकमगढ़ (मप्र)
दोहा कौल
करत चौल मो सें पिया
कर कर झूटे कौल।
करबें डौल न्याव के
खून जात है कौल।।
***
स्वरचित एवम मौलिक
रामेश्वर राय 'परदेशी', टीकमगढ़ (मप्र)
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12- प्रदीप खरे, टीकमगढ़(मप्र)
बिषय..कौल
07.02.2022
******************
1-
कौल धरो है बाप कौ,
करौ न खोटौ काम।
खोजौ आंखें मूंद कैं,
मन भीतर घन श्याम।।
2-
कौल खायँ कै लैं नहीं,
कभऊँ शराब नाम।
लाख जतन कोऊ करै,
हाथ न पकरें जाम।।
3-
जीजा मौरी मान लो,
तौखौं मोरौ कौल।
रुक जाऔ घर रात कैं,
आज राइ कौ डौल।।
4-
अपने रकत से सींचियौ,
रखियौ मां कौ मान।
तुमें कौल निज वतन पै,
दइयौ अपनी जान।।
5-
भारत भूमी भाल पै,
करो तिलक तुम रोज।
कौल तुमको डटे रहौ,
मिट नहिं पाबै खोज।।
***
-प्रदीप खरे, टीकमगढ़ (मप्र)
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13--- कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़
कौल खाव रघुवीर ने , भुज उठाय प्रन कीन ।
धरती माता खों करौ , राक्षसन सें हीन ।।
कौल खाव तौ भीष्म नें , नहीं करेंगे ब्याव ।
रए कुँवारे उम्र भर , कैवौ खूब निभाव ।।
कौल करौ तौ भीम नें , आँखें करकें लाल ।
दुर्योधन से दुष्ट के , हमीं बनेंगे काल ।।
कौल करौ जोगिन बनीं , रानी कुँवरि गनेश ।
पुक्खन-पुक्खन ओरछा,ल्याईं अवध नरेश ।।
कौल कीन्ह आजाद नें , प्रान देस हित होम ।
बिट्रिश राज नइं कर सकौ , उनकौ टेडौ़ रोम ।।
***
--- कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़
( मौलिक एवं स्वरचित )
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14--एल.एल.दरसन, बूदौर,पलेरा, (टीकमगढ़)
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
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16-अमर सिंह राय,नौगांव
बुन्देली दोहे- कौल, दिनाँक-7/2/2022
कौल करै हर बात पर, नजर न सामू डार।
कुछ तो गड़बड़ जानियो, रहो सँभर कें यार।।
कौल अधिकतर बे करैं, जौन लाबरे होंय।
गंगा - तुलसी बे करैं, मगरमच्छ से रोंय।।
करैं कौल कछुअक कभौं, खुद हों साँसे यार।
कलजुग में कई कर रहे, कसमन को व्यापार।
जयद्रथ को मैं मारहौं, करत आज यह कौल।
अर्जुन की यह बात सुन, गरम भओ माहौल।।
कभऊँ झूँठ नैं बोलबी, करौ आज सब कौल।
बुरौ न काऊ खों लगै, बात बोलबी तौल।।
बातन से उड़बे नहीं, दुखियन को माख़ौल।
दुख नै दैबी काउखाँ, आज कर रहे कौल।।
***
-अमर सिंह राय,नौगांव
🎊 🎊🎇 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
17-डां देव दत्त द्विवेदी, बड़ा मलहरा
🥀 बुंदेली दोहा (कौल)🥀
कौल खाय जो पेट में,
उनकौ करौ ख्याल।
तुम तौ माया में बिदै,
भैया चौपट लाल।।
जुआंडी,दरुआ न गुनें
सत्त धरम ईमान ।
कौल खायँ जे लाबरे
झूंटे देंयं प्रमान।।
कौल करारन में फसे,
गीता और कुरान।
सबसें सस्ते रामधी,
कलजुग में भगवान ।।
साँचे लबरे की सुनों,
जाँची परखी तौल।
लबरा ऊ जो खात है,
बात बात पै कौल।।
जो चुगली कुबडाइ की,
आदत में फस जांयँ।
बे मतलब में रोज के,
कौल हजारन खांयँ।।
***
-डॉ देवदत्त द्विवेदी 'सरस'
बड़ा मलहरा (छतरपुर)
***
18-भजन लाल लोधी फुटेर टीकमगढ
(बुंदेली-दोहे:)बिषय-कौल, कसम
*************************
आँच ना आबै साँच पै,
सोंनें सें देव तौल!
मूँड़ भलेइ कट जाय पर,
करें ना लाबे कौल!!
******************
तुम्हें कौल जिन काटियौ,
बलम बंश की बौल!
बिटियै मारत पेट में,
बनी बिगारत रौल!!
******************
भड़यंँन नें जब धर दयी,
छाती पै पिस्तौल!
लै गय सब धन लूट कें,
काम ना आये कौल!!
******************
चम्पावति ने पती सें,
करे हजारन कौल!
शक में बिष जें कें मरे,
कुँवर देब हरदौल!!
******************
कछु नेता ई देश के,
उड़वा रहे मखौल,
करियौ भजन उपाव अब,
तुमें हमारौ कौल!!
********************
-भजन लाल लोधी ,फुटेर (टीकमगढ)
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19-डां. रेणु श्रीवास्तव, भोपाल
दोहे विषय कौल
✍️✍️✍️✍️✍️✍️
1 लबरा दौंदा होत हैं,
कौल कितेकउ खांय।
झूठे सांसे बोल के,
नांय मांय गर्रायं।।
2 नाक पुगरिया गिर गई,
बहु से कौल करात।
तेंईं दुकाके धर लई,
सांसऊ उए दबात।।
3 कौल करत जो बाप को,
सांसो मानो जात।
झूठो जो बोलन लगत,
जियत बाप मर जात।।
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल
सादर समीक्षार्थ 🙏
स्वरचित मौलिक 👆
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20-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़
बुंदेली दोहे विषय कौल
करो कौल श्री कृष्ण ने, वचन फुआ खों हार।
सौ गलतीं तक ना करें,सिसू पाल पै बार।।
गांठ बांद लो आज सें,करलो कर्रौ कौल।
कभउँ न खोंटें काउ की,चड़त हरीरी बौल।।
बात बात पै बे करें , झूंटे किरियां कौल ।
ऐसे लोगन सें बचौ , जो बिगरे बेडौल।।
कौल करो हरिचंद ने, रखो सत्य कौ मान।
स्वयं बिके घरनीं बिकीं, और बिकी संतान।।
पैलां सोच बिचार लो,कौल न हाँसी खेल।
सदां सांच कौ संग दो , फांसी हो कै जेल।।
****
प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
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21-अरविन्द श्रीवास्तव, भोपाल
*कौल*
भाषा में सौगन्ध है, बुन्देली में कौल।
कसम जियै उर्दू कबै, ऐसौ नौनौ कौल।।
लव जावै सौगन्ध खौं, खाव जात है कौल।
कसम धराई जात है, ऐसौ नौनौ कौल ।।
एक दार खा लेंय सो, परै निभानैं कौल
सच कौ इक प्रमान है, ऐसौ नौनौ कौल ।।
***
*अरविन्द श्रीवास्तव*
भोपाल
मौलिक-स्वरचित
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22-गीता देवी ,औरैया
कौल
जो खायै हर बात पैं,
आपन सर की कौल।
ऐसन मनइँ न भात रय,
नहिं भाउत माहौल।।
कैकेयी कौं कौल दइ,
दशरथ जू ने नीक।
जौं चाहौं सों मागियौ,
जब समझौ तुम ठीक।।
सात वचन कौ कौल है,
जीवन साथी साथ।
नेह सहित रहियौ सदा,
गहे हाँत में हाँत।।
कौल लेत श्रीराम जी,
बचै न रावन वंश
सबरी लंका मेट कर,
छोडूँ मैं नहिं अंश।।
***
गीता देवी
औरैया उत्तर प्रदेश
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23- लखन लाल सोनी, छतरपुर
वात वात मै खात है,
सुनो रामधई कौल ।
कीसै केसो वोलने,
वोल देत कटु वोल ।।
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🙏🏻लखन लाल सोनी, छतरपुर🙏🏻
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💐😊कौल😊💐
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की 91वीं प्रस्तुति
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 8-02-2022
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
1 टिप्पणी:
बहुत ही सुंदर सराहनीय कार्य
उत्तम शब्दों का सृजन
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