व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं
(2) चंद पैसों में-
वे अगर चंद पैसों में न बिक जाते।
तो 'रतनगढ़ जैसे हादसे न हो पाते।।
वाहन हर वार की तरह दूर रोक लिये जाते।
तो इतने निर्दोष यूं ही न मारे जाते।।
सरकार देती है वेतन, अरे कुछ तो भंजाते।
वर्दी की इज़्जत न यूं धूल में मिलाते।।
कम से कम धार्मिक स्थानों में तो न कमाते।
कह 'राना कविराय कुछ तो लाजशर्म खाते।।
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-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)
भारत,पिन:472001 मोबाइल-9893520965
राजीव नामदेव "राना लिधौरी" हास्य, व्यंग्यकार, ग़ज़लकार,हाइकुकार, लेखक संपादक "आकांक्षा" पत्रिका अध्यक्ष -मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ अध्यक्ष- वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ पूर्व मंत्री- अ.भा.बुंदेलखंड़ साहित्य एवं संस्कृति परिषद टीकमगढ़ डायरेक्टर "आकांक्षा" पब्लिक स्कूल टीकमगढ़ तीन राज्यपालों द्वारा सम्मानित, शताधिक सम्मान प्राप्त। 6पुस्तकें प्रकाशित,13का, 300कवि सम्मेलन में भागीदारी पता- नई चर्च के पीछे शिवनगर कालोनी टीकमगढ़ (मप्र )भारत मोबाइल +91- 9893520965 Email ranalidhori@gmail.com
Rajeev Namdeo Rana lidhorI
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