Rajeev Namdeo Rana lidhorI

मंगलवार, 1 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी-अन्तरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर- कविता-''अनुभव की रेखा़

अन्तरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर-   
कविता-''अनुभव की रेखा़
            जीवन पथ पर,
            अमिट छाप सी लगती है।
             माथे पर दिखती है।
            दाढ़ी,बत्तीसी भी तो,
            अब हिलती सी लगती है।
            सर पर सफेद चाँदी से सजी,
            अनुभव की मोहर लगती है।
            देखा सब कुछ इन आँखों से,
            मुझे तो यह माता,मरियम,
            मदर टेरेसा सी लगती है।।
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        -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
        संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
        अध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ
    शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
     पिन:472001 मोबााइल-9893520965

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