Rajeev Namdeo Rana lidhorI

गुरुवार, 17 सितंबर 2020

ग़ज़ल कैसे रखूं हिसाब- राजीव नामदेव राना लिधौरी, टीकमगढ़

गजल -"कितने तूने जख्म दिये"

कितने तूने जख्म दिये मैं कैसे रखूं हिसाब।
जीना दूभर कर दिया किससे कहूं जनाब।।

मारी गयी जो मति हमारी तुमसे किया प्रेम।
लट्टू तुम पर हो गये जैसे कोई शराब।।

धोखा हम भी खा गये जान के तेरा राज।
भोर भये जब टूट गया जैसे कोई ख्वाब।।

तन्हा हम तो रह गये और महफिल में है आप।
जैसे चमन में सूख गया हो कोई सुर्ख गुलाब।।

 "राना" तुमसे क्या कहे रहते बेहद उदास।
 उम्मींदों के दीप जले थे दिल में बेहिसाब।।
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राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
    संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
   अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,टीकमगढ़ (मप्र)
    मोबाइल -9893520965

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