Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 21 सितंबर 2020

बुंदेली दोहा-राजीव नामदेव "राना लिधौरी", टीकमगढ़

जुंदैया बुंदेली दोहा संग्रह
दोहाकार- राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
पता-नई चर्च के पीछे,शिवनगर कालोनी, टीकमगढ़ (मप्र)
मोबाइल- 9893520965
Email- ranalidhori@gmail.com
प्रकाशन- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
प्रकाशन- 22-6-2020


कवि परिचय

नाम :-राजीव नामदेव ‘‘राना लिधौरी’’
जन्म   :-15.06.1972 (लिधौरा)
माता-पिताः- श्रीमती मिथलेश,श्री सी.एल.नामदेव
पत्नी एवं संतानः- श्रीमती रजनी नामदेव । 
कु.आकांक्षा एवं कु. अनुश्रुति
शिक्षा   :-बी.एस.सी.(कृषि),एम.ए.(हिन्दी),पी.जी.डी.सी.ए.(कम्प्यूटर)
विधा :-कविता,ग़ज़ल,हायकू ,व्यंग्य, क्षणिका,लघुकथा,कहानी एंवं आलेख आदि।
प्रकाशन:-  1.अर्चना (कविता संग्रह,1997) 2.रजनीगंधा (हायकू संग्रह 2008)
     3-नौनी लगे बुदेली’ (विश्व में बुंदेली का पहला हाइकु संग्रह, 2010)
4.राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह 2015द्ध 5.लुक लुक की बीमारी’(बुंदेली व्यंग्य संग्रह 2017
6 सहित्यिक वट वृक्ष’ (ई बुक) (गद्य व्यंग्य संग्रह 2018
7.‘सृजन’(संपादन) 8.आकांक्षा पत्रिका (संपादन 2002 से अब तक)9.‘संगम’ (संपादन) 10.अनुरोध (संपादन)
11.‘नागफनी का शहर (व्यग्ंय संकलन) 12.‘दीपमाला’(उपसंपादन) 13. जज़्बात(उपसंपादन)
14 ‘श्रोता सुमन’ (उपसंपादन) 
15 पं. दुर्गाप्रसाद शर्मा अभिनंदन ग्रंथ (सह संपादन-2016)
एवं राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में लगभग दो़ हज़ार रचनाओं का प्रकाशन, कवि-सम्मेलनों एवं मुशायरों  में शिर्कत। 
अप्रकाशित:- ग्यारह अप्रकाशित संग्रह 
संपादक:- ‘आंकाक्षा’ पत्रिका (सन् 2006 से आज तक)
प्रसारण :-ई टी.व्ही.,दूरदर्शन,सहारा म.प्र.,आकाशवाणी छतरपुर,केन्द्र से प्रसारण।
सम्मान :-18 प्रदेशों से 107 साहित्यिक सम्मान प्राप्त। म.प्र. एवं उ.प्र. केे महामहिम तीन राज्यपालों द्वारा सम्मानित।
विशेष  :-अब तक 265 साहित्यिक गोष्ठियों/कवि सम्मेलनों का सफल संयोजन/आयोजन। 
78 देशों के ब्लाग पाठक
संप्रति :- संपादक- ‘आकांक्षा’ पत्रिका, जिला अध्यक्ष:- म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़ (सन् 2002 से आज तक)
जिला अध्यक्ष:- वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
पूर्व महामंत्री    : - अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य एवं सस्ंकृति परिषद, टीकमगढ़  
पता    :-नई चर्च के पीछे,शिवनगर कालौनी,कुंवरपुरा रोड,टीकमगढ़ (म.प्र.)पिनः472001
मोेबाइल :- 09893520965   
 E Mail- ranalidhori@gmail.com
 Blog - (1) rajeevranalidhori.blogspot.com
(2) ranalidhori15.blogspot.com

बुंदेली दोहे- "फ़ूल"
1
बगिया तो महके सदा,
जौ फ़ूलन कौ काम।
मधुप प्रेम करत ऊये,
होत काय बदनाम।।
2
फूल और कांटे सदा,
रय रूख के पास।
फूल फूल सबनें चुने,
कांटे रये उदास।।
----
बिषय -बदरा
3
कारे बदरा छा गये,
बरसा कौ अनुमान।
खूब झमाझम बरसियो,
 हो रय खुशी  किसान।।
***
4
*बिषय -नीम*
द्वारे की सोभा बड़ी,
हिलें नीम की डार।
दातुन, हवा, दवा मिलै,
झूले झूला नार।।
***
5
बग़ैर लाकडाउन के,
पोजीटिव थे चार।
अब मिलते हैं रोज ही,
सत्रह-चौबिस यार।।
***
आज का बिषय-पंछी
पंछी आकें डार पै,
खाबें गदरा आम।
 मिट्ठू  बैठे पौर में,
बोलें सीताराम ‌‌।।
6
पंछी चहके आंगना,
द्वारे गाय रमाय‌।
किलकोटी बारे करें,,
वो घर स्वर्ग कहाय।।
###
बिषय - किसान
7
सबखों खाबे देत है,
खुद भूकौ रै जात।
करजा में डूबो सदा,
माल दूसरे खात।।
8
हाड तोड मेनत करै,
तबइ उपज मिल पाय।
करजा कर कारज करे,
बोज तरे दब जाय।।
-9
कारोना की मार है,
सूका सें हैरान।
बैठे हांतन-हांत धर,
का करिए भगवान।।
10
बीज बोय ते मेन्त सें,
कर बरखा की आस।
पानी तौ बरसौ नईं,
होत किसान निराश।।
11
टप-टप अंसुवा गिरत है,
कैसो है जो साल।
साउन सूकौ कड़ गऔ,
है किसान निराश।।

*बिषय- मोर
12
जौ राष्ट्रीय प्रतीक है,
 सबकौ प्यारौ मोर।
नचत फिरत है डांग में,
मेह देख घनघोर।।
--13
एक दिया द्वारे धरे,
तब उजियारा होय।
मन में दीप जलाइये,
तन उजला फिर होय।।
-14
बिषय- परिवार

काम सबइ नौने करौ,
सुखी रयै परिवार।
आपुस में हंस बोल लो,
छाबै खुसी अपार।।
15
जै बुन्देली पटल है,
इक सांचौ परवार।
नित्य नियम  सें है इतै,
लगबै कवि दरबार।।

* बिषय- श्याम*
16
माधव,कान्हा, श्याम जू,
नटवर नंद किशोर।
राधा के दिल में बसे,
मुरलीधर चितचोर।।
17
जमुना तट पै  है रची,
गोप-गोपिका रास।
सुद-बुद अपनी बिसर कें,
श्माम मिलन की आस।।
-
*दोहा बिषय- गनेस जू*
18
पैला पूजा होत है,
जै गनेस माराज।
कष्ट हरत सुख देत हो,
पूरन होवे काज।।
19
लडुवा भाउत है तुमै,
दूबा से खुस होत।
खूब सजौ दरवार है,
जगमग हो रइ जोत‌‌ ।।
20
खूब जतन करकै थके,
श्री गनेस सें आस।
कोरोना पाछें परो,
कर दौ ई कौ नास।।

*दोहा बिषय- छमा*
21
छमा मांगवे से कभी,
घटत नई सम्मान।
जो जन करवे है छमा,
बेई बनत महान।।
22
छमा लराई रोकती,
गम्म खाय है सार।
विपटा टरत है सभी,
बाकी सब बेकार।।

*बिषय- करम*
*23*
करम करो ऐसे करौ
बन जाबे प्रमान।
यश कीरत अरु धन बढै,
ऐन मिलै सनमान।।
      *24*
पुन्न करम हरदम करौ,
जीसें, सब सुग पाय।
सरग नसैनी फिर मिलै,
जीव मुक्त हो जाय।।

बिषय- बलिदान*
*25*
वीरन के बलिदान कौ,
काँ लौं करें बखान।
उनके सत्करमन बनी,
भारत की पैचान।।
*26*
करज चुका कें भूम कौ,
बन गय वीर महान।
कोटिन उनै प्रनाम है, 
धन्य धन्य बलिदान।।

बिषय- पुरखन*
*27*
पुरखन के आशीष से,
वंश बेल बढ़ जात।
रहते हम सुख चैंन से,
दुःख विपदा टर जात।।
 *28
पितृपक्ष में श्राद्ध करे,
रखते है कागौर।
धरम पुन्न करकै उने,
जल ढारत है भोर।।

बिषय- सिस्य*
*29*
सिस बेइ नोने लगे,
रखत गुरु कौ ध्यान।
तन मन से सेवा करें,
जे धरती भगवान।।
 *30*
सिस्य बनो ऐसे बनो,
गुरु कौ बढ़े मान।
उनके ही आशीष सें,
बनती है पैचान।।

बिषय- जिनगानी*
*31*
जिनगानी ऐसे जियो,
बन जाए इतिहास।
यश कीरत अरु धन बढ़े,
कभऊ न रय उदास।।
 *32*
जिनगानी है मोम सी,
 गल कें रोज नसात।
करम लेख जो पास है,
वे नईं मेटे जात।।

दोहा बिषय- जुंदैया*
*33*
चकवा-चकवी चांद खों,,
तकें जुन्दैया रात।
चंदा लै कें  आ गऔ,
तारन की बारात।।
   *34*
रात दमकती हीर सी,
होत जुंदैया रात।
गैलारे भटके नईं,
अपने घर खों जात।।

*बुंदेली दोहा बिषय-धरती*

*35*
धरती में बढ़ने लगौ,
ऐनई अत्याचार।
जनी मांस हैरान है,
अब लो प्रभु अवतार।।
   *36*
ईसुर ने भी कर दऔ,
धरती में बदलाव।
करनी कौ फल भोगिए,
काय आत है ताव।।

*बिषय- आगी, अग्नि*
   *37*
प्रेम अगन न बुझाइयो,
रखियो हिरदय पास।
पूरन हुइयै काऊ दिन,
पीय मिलन की आस।।
*38*
प्रेम अगन को जोत में,
यूं न दिल तुम जलाव।
दोई तरफ समान हो,
तभइ चैंन तुम पाव।।
*39*
प्रेम हृदय प्रतिबिंब है,
मन के भाव जगाय।
आग लगी है भीतरे,
कैसै जे बुझ पाय।।

****
18
बग़ैर लाकडाउन के,
पोजीटिव थे चार।
अब मिलते हैं रोज ही,
सत्रह-चौबिस यार।।
***19
आज का बिषय-पंछी
पंछी आकें डार पै,
खाबें गदरा आम।
 मिट्ठू  बैठे पौर में,
बोलें सीताराम ‌‌।।
20
पंछी चहके आंगना,
द्वारे गाय रमाय‌।
किलकोटी बारे करें,,
वो घर स्वर्ग कहाय।।
###
21
बिषय - किसान
सबखों खाबे देत है,
खुद भूकौ रै जात।
करजा में डूबो सदा,
माल दूसरे खात।।
22
हाड तोड मेनत करै,
तबइ उपज मिल पाय।
करजा कर कारज करे,
बोज तरे दब जाय।।
23
-
कारोना की मार है,
सूका सें हैरान।
बैठे हांतन-हांत धर,
का करिए भगवान।।
24
बीज बोय ते मेन्त सें,
कर बरखा की आस।
पानी तौ बरसौ नईं,
होत किसान निराश।।
25
टप-टप अंसुवा गिरत है,
कैसो है जो साल।
साउन सूकौ कड़ गऔ,
है किसान निराश।।
*************
26

दोहा बिषय- मोर
जौ राष्ट्रीय प्रतीक है,
 सबकौ प्यारौ मोर।
नचत फिरत है डांग में,
मेह देख घनघोर।।
--27-7-2020
27
*दोहा बिषय- उजियारा*
एक दिया द्वारे धरे,
तब उजियारा होय।
मन में दीप जलाइये,
तन उजला फिर होय।।
--28-7-2020
28
आज कौ बिषय- परिवार
काम सबइ नौने करौ,
सुखी रयै परिवार।
आपुस में हंस बोल लो,
छाबै खुसी अपार।।
29
जै बुन्देली पटल है,
इक सांचौ परवार।
नित्य नियम  सें है इतै,
लगबै कवि दरबार।।
20-8-2020
-राजीव नामदेव "राना लिधौरी", टीकमगढ़
30
*दोहा बिषय- श्याम*
माधव,कान्हा, श्याम जू,
नटवर नंद किशोर।
राधा के दिल में बसे,
मुरलीधर चितचोर।।
31

जमुना तट पै  है रची,
गोप-गोपिका रास।
सुद-बुद अपनी बिसर कें,
श्माम मिलन की आस।।
--11-8-2020
32
*दोहा बिषय- गनेस जू*
पैला पूजा होत है,
जै गनेस माराज।
कष्ट हरत सुख देत हो,
पूरन होवे काज।।
33
लडुवा भाउत है तुमै,
दूबा से खुस होत।
खूब सजौ दरवार है,
जगमग हो रइ जोत‌‌ ।।
34
खूब जतन करकै थके,
श्री गनेस सें आस।
कोरोना पाछें परो,
कर दौ ई कौ नास।।
दिनांक-18-8-2020

*दोहा बिषय- छमा*
35
छमा मांगवे से कभी,
घटत नई सम्मान।
जो जन करवे है छमा,
बेई बनत महान।।
36

छमा लराई रोकती,
गम्म खाय है सार।
विपटा टरत है सभी,
बाकी सब बेकार।।
दिनांक-24-8-2020
*दोहा बिषय- करम*
*37
करम करो ऐसे करौ
बन जाबे प्रमान।
यश कीरत अरु धन बढै,
ऐन मिलै सनमान।।
      *38*
पुन्न करम हरदम करौ,
जीसें, सब सुग पाय।
सरग नसैनी फिर मिलै,
जीव मुक्त हो जाय।।
दिनांक-25-8-2020
दोहा बिषय- बलिदान*
*39*
वीरन के बलिदान कौ,
काँ लौं करें बखान।
उनके सत्करमन बनी,
भारत की पैचान।।
*40
करज चुका कें भूम कौ,
बन गय वीर महान।
कोटिन उनै प्रनाम है, 
धन्य धन्य बलिदान।।
दिनांक-31-8-2020
दोहा बिषय- पुरखन*
*41*
पुरखन के आशीष से,
वंश बेल बढ़ जात।
रहते हम सुख चैंन से,
दुःख विपदा टर जात।।
 *42*
पितृपक्ष में श्राद्ध करे,
रखते है कागौर।
धरम पुन्न करकै उने,
जल ढारत है भोर।।
दिनांक-1-9-2020
दोहा बिषय- सिस्य*
*43*
सिस बेइ नोने लगे,
रखत गुरु कौ ध्यान।
तन मन से सेवा करें,
जे धरती भगवान।।
 *44
सिस्य बनो ऐसे बनो,
गुरु कौ बढ़े मान।
उनके ही आशीष सें,
बनती है पैचान।।
दोहा बिषय- जिनगानी*
*45*
जिनगानी ऐसे जियो,
बन जाए इतिहास।
यश कीरत अरु धन बढ़े,
कभऊ न रय उदास।।
 *46
जिनगानी है मोम सी,
 गल कें रोज नसात।
करम लेख जो पास है,
वे नईं मेटे जात।।
*दिनांक-15-9-2020
दोहा बिषय- जुंदैया*
*47
चकवा-चकवी चांद खों,,
तकें जुन्दैया रात।
चंदा लै कें  आ गऔ,
तारन की बारात।।
   *48*
रात दमकती हीर सी,
होत जुंदैया रात।
गैलारे भटके नईं,
अपने घर खों जात।।
*दिनांक-21-9-2020
दोहा बिषय- सरद रितु*
*49*
सरद रितु के आतइनंइ
छाउन लगौ खुमार।
पटरे कमरा लोइ सें,
होन लगौ है प्यार।।
   *50*
हौन लगौ दिन दूबरौ,
मुटा गई है रात।
पानी अब काटन लगो,
सीतल रितु है आत।।
*दिनांक-28-9-2020
दोहा बिषय- धरती*
*51*
धरती में बढ़ने लगौ,
ऐनई अत्याचार।
जनी मांस हैरान है,
अब लो प्रभु अवतार।।
   *52*
ईसुर ने भी कर दऔ,
धरती में बदलाव।
करनी कौ फल भोगिए,
काय आत है ताव।।
*दिनांक-5-10-2020
*बिषय- आगी, अग्नि*
   *53*
प्रेम अगन न बुझाइयो,
रखियो हिरदय पास।
पूरन हुइयै काऊ दिन,
पीय मिलन की आस।।
*54*
प्रेम अगन को जोत में,
यूं न दिल तुम जलाव।
दोई तरफ समान हो,
तभइ चैंन तुम पाव।।
55
प्रेम हृदय प्रतिबिंब है,
मन के भाव जगाय।
आग लगी है भीतरे,
कैसै जे बुझ पाय।।
*दिनांक-12-10-2020
*56 नवराते*
नवराते में कर रये,
पूजा है दिन-रात।
उपास रय सारे दिना,
गरबा खेले रात।।
*बिषय- दसरय*
57
दसरय कि जै राम जी,
बब्बन खौं सम्मान।
मातन खौं  परनाम है।।
सखा खौं चले पान।
58
दसरय आज मनाइये,
मन कौ रावन मार।
तन कै बारे का हुऐ,
भीतर नइ बैठार।।
दिनांक 26-10-2020
बिषय-डांग
59
डांग हमाय होत है,
जीवै कौ आधार।
इनसें ही सिंगार है,
धरती मां कौ प्यार।।
60
डांग अब तो बचे नहीं,
कर दय सब बरवाद।
विरछा ऐन लगाइयो,
फिर से हो आबाद।।
दिनांक-9-11-2020
बिषय-गैल
61
सूदी गैल चलो सदा,
मिले भौत सम्मान।
जो तुम टेढे़ होत हो,
परे कष्ट में जान।।
62
गैल-गैल में मच रओ,
होरी कौं हुरदंग।
कोऊ रंग डार रओ,
कोऊ पी रव भंग।।
दिनांक 16-11-2020

बिषय-कतकारी
63
कतकारी ढूंढ़त फिरै, 
कितै मिले भगवान।
कान्हा तो भीतर पिंडे,
दिल में बैठे जान।।
64
कतकारी गाती फिरे,
मधुर स्वर में गान।
प्रभु करत लीला भली,
हो रइ वे हेंरान।।
दिनांक-30-11-2020
बिषय- जाडौं
65
जाडें के आतनइं,
छाउन लगौ खुमार।
पल्ली, कमरा, लोइ सें,
होन लगौ है प्यार।।
66
लगतइ नौनो घाम है,
जाड़े के दिन आत।
दिन तनकइ से होत है,
बड्डी होती रात।।

बिषय-हार
67
बहा पसीना हार में,
पानी घाइं किसान।
हीरा से दमकन लगै,
हार खेत खरयान।।
68
मैनत में पाछै नहीं,
रितु कोनउ हो चाय।
सूखा या बरसात भी,
तोउ नईं घबराय।।
*14-12-2020
- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
      टीकमगढ़ (म.प्र.)
मोबाइल-9893520965
(मौलिक एवं स्वरचित)

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