Rajeev Namdeo Rana lidhorI

मंगलवार, 1 सितंबर 2020

उत्तम क्षमा बुंदेली दोहे

*दो बुंदेली दोहे उत्तम छमा*

छमा माँगबे सें कभउँ,
घटत नईं सम्मान।
जौन छमा कर देत हैं, 
बेई बनत महान।।

छमा बैर खों रोकती,
गम्म खाय में सार।
टरत बिगारें हैं सबइ,
बनो रैत है प्यार।।
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*राजीव नामदेव राना लिधौरी*
अध्यक्ष मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
मोबाइल 9893520965

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