Rajeev Namdeo Rana lidhorI

मंगलवार, 1 दिसंबर 2020

शहादत को सलाम (दोहा संकलन)- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

            शहादत को सलाम
                (दोहा संकलन)- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शहादत को सलाम, शहीदों को शत् शत् नमन
(दोहा संकलन)
संपादक -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

-प्रकाशक-
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
एवं मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
की प्रस्तुति
©कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी',टीकमगढ़
मोबाइल 9893520965
प्रकाशन- प्रथम संस्करण- दिनांक 1-12-2020

अनुक्रमणिका-
1- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी',टीकमगढ़ (म.प्र.)
2- एस.आर.सरल, टीकमगढ़
3-अभिनन्दन गोइल,इंदौर
4-डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस,बडा मलहरा,
5-कल्याण दास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर
06-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा
07-सियाराम अहिरवार,टीकमगढ़ (म.प्र.)
08-अशोक पटसारिया नादान, भोपाल
09- राजगोस्वामी, दतिया
10 वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया, टीकमगढ़
11-रामलाल द्विवेदी,करवी चित्रकूट
12-राजेंद्र यादव "कुँवर",कनेरा बडा मलहरा, छतरपुर
समीक्षक-
सियाराम अहिरवार,टीकमगढ़ (म.प्र.)
संपादन- राजीव नामदेव राना लिधौरी, टीकमगढ़ (मप्र)
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1- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(म.प्र.)

*1*- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(म.प्र.)
*1*
शहीद के परिवार को,
मिले उचित सम्मान।
तंगहाली न हो कभी,
रक्खे उनका ध्यान।।

*2*
देश सुरक्षा के लिए,
देते हैं वे जान।
उनके यह बलिदान की,
कीमत तू पहचान।।
***
© राजीव नामदेव "राना लिधौरी"* टीकमगढ़
      संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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2-एस आर सरल,टीकमगढ़

करै शहीदों को नमन ,हुए देश वलिदान।
न्योछावर सर्वस्व कर,छोड़े अमिट निशान।।

पदचिन्हों की राह मे,जले शौर्य के दीप।
देह छोड दुनिया चले,यादें शौर्य समीप।।

सूर शहीदो से सजा,सदा देश का भाल।
दुश्मन के छक्के छुड़ा, गये हिन्द के लाल।।

सदा देश हित शूरमा, होते रहे शहीद।
वे दुश्मन के काल बन,रहे उडाते नींद।।

सूली सूर शहीद चढ़,सूरे अरि उन्मांद।
चमके शौर्य शहीद के,जैसै सूरज चांद।।
    - एस  आर  सरल, टीकमगढ़
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3-अभिनन्दन गोइल, इंदौर  
         
लड़कर हुये शहीद वे,रक्त हुआ फौलाद।
मार भगाया शत्रु को,देश किया आजाद।।

जो शहीद में अग्नि थी, करलें उसको याद।
पिघल गुलामी भी गई,हुआ मुल्क आजाद।।

अमर नाम वे कर गये, गये कथाएँ छोड़।
हर शहीद को नमन है, चले तिरंगा ओड़।।

वो जब हुआ शहीद था, माँ रोई दिन रात।
दर्द  सह  रही  गर्व से, वीर पुत्र की मात।।

था विवेक थी वीरता, दिल  में  हिन्दुस्तान।
इतनी कथा शहीद की, देश भक्ति पहचान।।
मौलिक, स्वरचित    -अभिनन्दन गोइल, इंदौर        
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   4-डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस,बडा मलहरा,
                  १..
कोटि कोटि उनको नमन,बारम्बार प्रणाम।
 सरस शहीदों का सदा,अमर रहेगा नाम।।       
                  २..
पर सेवक धर्मात्मा,सत ज्ञानी गुणवन्त।   
ये हरदम जीवित रहे,कवि शहीद अरु सन्त।।
                ३..
सत्ता शिखरों पर रहे,उनके सभी मुरीद।     
गुमनामी के गर्त में,देखे गये शहीद।।      
                 ४..
विधवाओं को नौकरी,देगी कब सरकार।     
आशा में लटका हुआ,हर शहीद परिवार।।  
               ५..
कदम कदम पर हादसे,गली गली उत्पात।      
सैनिक घर में हो रहे,हैं शहीद दिन रात।।
         
-डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस,बडा मलहरा, छतरपुर
मौलिक एवं स्वरचित
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5-कल्याण दास साहू "पोषक,पृथ्वीपुर (मप्र)

बाढ़  नदी  में  आत  है , नाले भी  उफनात ।
सागर ज्यों का त्यों रहत , धीरज धरम निभात ।।

नदिया  नाले  झील  में , है घनिष्ठ सम्बन्ध ।
सागर नदियों का मिलन , प्राकृतिक अनुबन्ध ।।

मानसून औ मेघ को , सागर संबल देत ।
तृषित धरा की तृप्ति में , निभा भूमिका लेत ।।

लौकिक सृष्टि चक्र का , भवसागर है नाम ।
वृष्टि चक्र का है अजब , सिन्धु सनातन धाम ।।

सागर सी गम्भीरता , सागर सा विस्तार ।
सागर से बढ़कर नही , पृथ्वी पर दातार ।।
-कल्याण दास साहू "पोषक,पृथ्वीपुर जिला निवाड़ी(मप्र)
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6-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा

               #1#
सीमा पर बलिदान कर,हो गये अमर शहीद।
यहां मन रहा दशहरा,दीवाली अरु ईद।।
               #2#
वीर शहीदों ने दिया,नारा येक बुलंद।
मिटे देश की शान पर,बोल उठे जयहिन्द।।
               #3#
वीर शहीदों ने दिया,आजादी का राज।
देश हुआ आजाद जब,हुआ आज सरताज।।
               #4#
इसी देश में हुये हैं,भगत सिंह से वीर।
भये शहीद डिगे नहीं,ना ही हुये अधीर।।
               #5#
मातृभूमि बलिदान भय,हुये शहीद अनेक।
आहुतियां दीं प्राण की,वीर येक येक से येक।।

#मौलिक एवम् स्वरचित#
                   -जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा
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7-सियाराम अहिरवार,टीकमगढ 
1****
रक्षा हित जो देश की ,हो गय हैं बलिदान ।
उन्हीं शहीदों का किया ,दुनियाँ ने गुणगान ।।
2****
मस्तक ऊँचा देश का ,कर गय हैं जो वीर ।
वह शहीद इस देश के ,बढ गय सीना चीर ।।
3****
धन्य कोंख माता हुई ,हो गये पुत्र शहीद ।
लड़ते सीमा पर रहे ,सो गय गहरी नींद ।।
4****
जिनकी दम पर देश में ,रहते हम खुशहाल ।
उस शहीद परिवार का ,कोउ न पूछत हाल ।।
5****
भारत माँ के लाल जो ,हो गय अमर शहीद ।
वतन बचाते वे रहे ,मना न पाये ईद ।।
                  -सियाराम अहिरवार,टीकमगढ 
           #######

8-अशोक पटसारिया नादान,लिधौरा टीकमगढ़ (मप्र)

उनकी कोखें धन्य हैं,जिनके लाल शहीद।             
अमर हो गये बतन पर,दुनियाँ हुई मुरीद।।            
               ***
अमर शहीदों को नमन,करते शीश झुकाय।             
जिनके उन्नत भाल पर,दुश्मन भी शरमाय।।             
               ***
मस्तक ऊंचा ही रखा,कर ध्वज का सम्मान।          
वन्दे मातरम बोलकर,दे दी अपनी जान।।           
               ***
जिनके कारण देश है,जो हैं पहरेदार।                    
वीर सपूतों को नमन,दिन में सौ सौ बार।।           
               ***
जो चौकस हैं बर्फ में,दलदल में चैतन्य।             
जिनके कारण देश है,उन माओं को धन्य।।
        -अशोक पटसारिया नादान,लिधौरा टीकमगढ़ (मप्र)
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9-राज गोस्वामी, दतिया
1
-रण मे जो लडते मरे , वो कहलाये शहीद ।
 भागे जो रण छोडकर, उनका नही मुरीद ।।
2-
जो शहीद बलि दे चुके, रखी वतन की आन ।
 उनके परिजनको मिला, कोटि कोटि सम्मान।।
3- रण कौशल अरु साहसी अपने रहे जवान । 
उनके स्मृति पटल को,करता नमन पृधान ।।
     -राजगोस्वामी दतिया
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10 वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया, टीकमगढ़
1-
करी सुरक्षा देश की,देकर के निज प्रान।
ऐसे वीर शहीद का,सभी करें सम्मान।।
2-
तन मन धन सब देश को,करता है कुर्बान।
हर शहीद की है यही,इक सच्ची पहचान।।
3-
ऐसे वीर शहीद जो,अब तक हैं गुमनाम।
सौ सौ बार प्रणाम है,सौ सौ बार प्रणाम।।
--------------स्वरचित-------------
              -वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया, टीकमगढ़
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11-रामलाल द्विवेदी,करवी चित्रकूट
1-
सीमा होली खून की, तब खुशियों की ईद।
कीमत को मन मान दो ,होते सैन्य शहीद ।१

वीर शहादत पाय के,धन्य जन्म का हेत।
मरते सब तो एक दिन,गर्वित कुल कर देत।।२

सीमा रक्षण खेल नहि, यह शेरों का काम।
 प्राणों की बाजी लगा ,अरिअल्ला को धाम।३

माटी को जो चूमके ,हो गए वीर शहीद ।
गांव देश बलिदान का,रहता सदा मुरीद।४

इस असार संसार में ,जन्मे मरे हजार ।
देश ज्ञा त  गौरव करें ,जन्म सफल हो यार ।५
-रामलाल द्विवेदी प्राणेश,कर्वी, चित्रकूट
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12-राजेंद्र यादव "कुँवर",कनेरा बडा मलहरा

सदा देश पर देत हैं, सैनिक अपने प्रान
जिससे अपने देश का, अजर अमर सम्मान

धन्य धन्य वे लाल हैं, और धन्य वा मात
जिनके बेटा देश पर, छाती गोली खात

-राजेंद्र यादव "कुँवर",कनेरा बडा मलहरा
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जय बुन्देली साहित्य समूह  टीकमगढ
🌹दिन-मंगलवार🌹🦄हिन्दी में दोहा🦄
🏆विषय-शहीद🏆दिनांक01/12/2020
शहीद शब्द की बहुत ही व्यापक व्याख्या है ।शहीद उस हुतात्मा को कहते हैं ,जो किसी सरोकार ,सीमा रक्षा या मजहब आदि की रक्षा के लिए लड़ता हुआ मारा जाए ।फौज में जो लड़ता हुआ मारा जाता है वह शहीद कहलाता है ।
आज उन्हीं शहीदों की शहादत में पटल पर दोहे लिखे गये जो बहुत ही सुन्दर और सार्थक हैं ।
आज दोहा लेखन की सबसे पहले पटल पर श्री अशोक पटसारिया जी नादान ने अमर शहीदों को नमन करते हुए की ।
जिनके कारण देश है ,जो हैं पहरेदार ।
वीर सपूतों को नमन ,दिन में सौ सौ बार ।।
बहुत ही उत्कृष्ट और सारगर्भित दोहे रचे ।
श्री राजीव नामदेव जी राना लिधौरी ने दो दोहों की रचना की जो शहीदों के बलिदान की कीमत और उनके परिवार को उचित सम्मान की प्रेरणा देते हैं ।
श्री जयहिन्द सिंह जू देव ने अपनी 
ओजपूर्ण भाषा में लिखा कि 
वीर शहीदों ने दिया, आजादी का राज ।
देश हुआ आजाद जब ,हुआ आज सरताज ।।
पढकर दिल बागबाग हो गया ।
श्री राज गोस्वामी जी ने भी बहुत ही सार्थक और भावपूर्ण दोहे लिखे ।
डाक्टर देवदत्त द्विवेदी जी ने शहीदों को कोटिशः नमन करते हुये लिखा कि -
कोटि कोटि उनको नमन ,बारम्बार प्रणाम ।
सरस शहीदों का सदा ,अमर रहेगा नाम ।।
श्री अभिनन्दन गोइल जी ने बहुत ही भावपूर्ण और सारगर्भित दोहे रचे जो देशभक्ति से ओतप्रोत हैं ।
श्री कल्याण दास जी पोषक लिख रहे हैं कि -
जिनकी दम पर मन रही ,दीवाली छठ ईद ।
भारत माँ के लाड़ले ,बाँके वीर शहीद ।।
श्री राजेन्द्र यादव कुँवर ने भी अपने दो दोहे रचे ।जो बहुत ही मधुर ,भावपूर्ण और सार्थक हैं ।
मैने भी अपने पाँच दोहे पटल पर प्रेषित किये जिनकी आप सब समीक्षा कर आशीर्वाद दें ।
श्री एस आर सरल जी ने भी शहीदों को नमन करते हुए लिखा कि -
करै शहीदों को नमन ,हुए देश बलिदान ।
न्योछावर सर्वस्व कर ,छोड़े अमिट निशान ।।
बढिया दोहे रचे ।
श्री रामलाल द्विवेदी प्राणेश जी ने
बहुत ही सुन्दर और सारगर्भित दोहे लिखे ।
माटी को जो चूम के ,हो गये वीर शहीद ।
गाँव देश बलिदान का ,रहता सदा मुरीद ।।
सुन्दर रचना ।
अन्त में श्री वीरेन्द्र चंसौरिया जी ने अपने स्वरचित दोहों से पटल पर इति श्री की ।
इस तरह से आज पटल पर बहुत ही मधुर और भावपूर्ण दोहे डाले गये ।सभी को धन्यवाद ।
समीक्षक-सियाराम अहिरवार टीकमगढ ।
##########################
शहादत को सलाम-(शहीदों को शत् शत् नमन)
दोहा संकलन
संपादक -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
-प्रकाशक-
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
एवं मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
की प्रस्तुति
©कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी',टीकमगढ़
मोबाइल 9893520965
प्रकाशन- प्रथम संस्करण- दिनांक 1-12-2020

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