Rajeev Namdeo Rana lidhorI

मंगलवार, 10 जनवरी 2023

बजो भऔ (प्रसिद्ध) बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक

[09/01, 7:41 AM] Shobha Ram Dandi 2: शोभारामदाँगी नंदनवारा जिला टीकमगढ (म प्र)09/01/023 
बिषय--बजो भऔ (प्रसिद्ध माना हुआ) बुंदेली दोहा (147)
1=औरछा है बजो भऔ, जग में है प्रसिद्ध ।
दरसन "दाँगी" रोज के ,नवायँ माथ करिवद्ध ।।
2=चित्रकूट है बजो भऔ, जितै कामता नाथ ।
"दाँगी" गए हरसाल में ,पैंड़ भरत सग साथ ।।
3=पन्ना जुगल किशोर जू ,उर हीरन की खान ।
बजो भऔ है विश्व में ,"दाँगी" मानत शान ।।
4=खजुराहो ज्यों विश्व में ,बजो भऔ है नाव ।
मन्दिर पै जो कला-कृति , "दाँगी" समजत भाव ।।
5=दिल्ली काव लाल किला ,झण्ड़ा जितै चढाव ।
बजो भऔ है विश्व में ,"दाँगी" याद दिलाव ।।
6=कुतुबमीनार की छवी ,भई जगत विख्यात ।
जइ नाव है बजो भऔ ,"दाँगी" कैरय बात ।।
मौलिक रचना 
शोभारामदाँगी
[09/01, 8:00 AM] Ram Sevak Pathak Hari Kinker Lalitpur: दिन-सोमवार।बुन्देली दो०(१४७)
बजौ भऔ जा जिला में, अपराधी घर एक।
बाप भाइ रय जेल में, करकें कतल अनेक।।
"हरिकिंकर "भारतश्री छंदाचार्य
[09/01, 8:56 AM] Geeta Devi Orya: बजो भऔ जू मंच हम,बढि़या कवि अनेक। 
हिरदय से खोजत सबइ, शब्द लिखें सब छेक।।

गीता देवी
[09/01, 10:04 AM] Aasharam Nadan Prathvipur: बुंदेली दोहा विषय --बजो भऔ
           ( नामी/प्रसिद्ध )
(१)
बजो भऔ  संसार  में, नगर ओरछा  धाम।
बाल रूप  राजा  बनें , जहॅं  बैठे  श्री राम।।
(२)
बजो भऔ पंन्ना नगर, जित हीरन की खान।
बैठे  जुगल किशोर  जू , श्री जी के  हैं प्रान ।।
(३)
बोंना डाकू  बजो भऔ  , चोरन कौ  सरदार ।
बड़े-बड़े  लूटे  किले , कोउ  न  पाऔ  पार ।।
(४)
बजो भऔ  दरवार  है , इक मेंहदीपुर  धाम ।
वागेशवर महराज कौ ,जग जाहिर भव नाम।।
(५)
बजो भऔ  इतिहास में , जा नइॅं पाई शान ।
लक्ष्मी बाई  हो  गई  ,  झांसी  पै बलिदान ।।

आशाराम वर्मा  "नादान " पृथ्वीपुर
(स्वरचित ) 09/01/2023
[09/01, 10:07 AM] Brijbhushan Duby Baxswahs: बुंदेली दोहे
विषय -बजो भऔ
1-बृज विचित्र है बजो भऔ,
श्री बृन्दावन धाम।
नर-नारी दिन भर जपत,
राधा राधा नाम।
2-नाच भांगड़ा बजो भऔ,
बुंदेली में राई।
ढुलक नगरिया बांसुरी,
घर घर बजत बधाई।
3-आगरा पेठा बजो भऔ,
मथुरा पेड़ा  खांय।
खुरचन मिलबे छतरपुर,
बृज भरपूर मगांय।
4-मायावी कल बजो भऔ,
धरलव मृग को रूप।
पंचवटी हो निकर गव ,
जितै सिया सुरभूप।
बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा
[09/01, 10:28 AM] Dr Raj Goswami Datia Wt: जय बुंदेली बजौ भऔ है समूह  एक नाम ।
सारे जग में धूम है सबरे करत प्रणाम ।।
         डॉक्टर राज गोस्वामी
            दतिया मध्य प्रदेश
[09/01, 11:06 AM] Bhagwan Singh Lodhi Anuragi Rajpura Damoh: बुन्देली दोहे
विषय:-बजौ भ‌ओ
बजो भ‌औ संसार में,नगर ओरछा धाम।
कुॅंवर गनेशी ल्याॅंइ तीं, कैंयां राजाराम।।

भीमकुण्ड गैरौ बिकट,जीको ओर न छोर।
बजो भ‌औ है जगत में,मंदर जुगल किशोर।। 

राई दिवाइ फाग कौ, बजो भ‌औ है नाम।
चित्रकूट चौदा बरस,वन -वन भटके राम।।

बजो भ‌औ है सब जगा,गढ महोबिया पान।
छत्रसाल महराज खों, जानत सकल जहान।।

दुर्गा अवन्ती लच्छमी, बजो भ‌औ है नाम।
अंग्रेजों सें लड़ गई, लगबै दिन में शाम।।

भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"
[09/01, 11:35 AM] Promod Mishra Just Baldevgarh: सोमवार बुंदेली दोहा दिवस
          विषय ,, बजो भऔ ,, 
******************************
सुनि बजो भऔ धाम अब , बागेश्वर कहलाव
परकम्मा पिरमोद कर , जाव पांव परयाव
*******************************
अभि बजो भऔ सुजारा,टीकमगढ़ को ताल
नदिया छेंक प्रमोद लइ,पानी भरो विशाल
********************************
कभि बजो भऔ ठग हतो,बाबा राम सलाम
उठो डेंड़का पुलिस को , अब प्रमोद आराम
*********************************
कुंडेश्वर को बजो भऔ , जग जाहर शिव लिंग
तिल तिल बढ़त प्रमोद लिख , झाँकी झाँको ढिंग
**********************************
हतो ठड़ुला बजो भऔ , बुड़की लैकें खाव
लडुआ गुर चींथो मुरा , खूब प्रमोद चबाव
*********************************
सुनि जिला में बजो भऔ ,चालीसा स्तंभ 
नजरबाग पिरमोद अब ,देख लेव अबिलंब 
*********************************
         ,, प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़,,
         ,, स्वरचित मौलिक,,
[09/01, 11:35 AM] Rajeev Namdeo Rana lidhor: *बुंदेली दोहा विषय - बजौ भयौ*

*1*
बजौ भऔ  है   देश में , नगर ओरछा धाम |
जीमैं दिन भर है बसत ,#राना  राजा  राम ||
                       ***
*2*
बजौ भऔ #राना सुनो , भीम बाजना कुंड |
गैराई  पाताल  तक , लम्बौ खिचौ   त्रिपुंड ||
                     ****
*3*
बजौ भऔ है माई कौ ,  अछरू   माता  धाम |
भोग मिलत है   कुंड से , #राना करत प्रणाम ||
                    ***
*4*
तीरथ जितने देखतइ , बजौ   भऔ इतिहास |
मइयर बारी  शारदा ,   #राना  भरैं   उजास ||
                    ***
*5*
बजौ भऔ #राना कहत ,  है   कुंडेश्वर   धाम | 
बाणासुर   बिटियाँ   इतै , ऊषा करत  प्रणाम ||
                      ***
*6*
एक हास्य दोहा- 
बजौ भऔ‌ है गाँव में ,#राना लम्बरदार |
नईं लौट कै देत है ,  जीकौ  लेत  उधार‌ ||
~~~~~~~~~~
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक- "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
[09/01, 12:20 PM] Subhash Singhai Jatara: बुंदेली दोहा दिवस   , विषय - बजौ भयौ 

बजौ भऔ सब मानतइ , कितनउँ हौवें ठट्ठ | 
सौ  गुंडन  पर  एक   है , बुंदेलन  कौ  लठ्ठ || 

बजौ भऔ जौ क्षेत्र है , मुलकन तीरथ धाम |
दरसन  से  हौ  जात  हैं , सबकै   पूरै काम ||

बजौ भयौ इतिहास है , काँ लौ कियै बताँय‌ |
आल्हा ऊदल बीरता , गाँकै   सबइ  सुनाँय ||

बजौ भयौ मंदिर इतै , पन्ना जुगल किशोर |
नगर ओरछा राम जू , आ  जातइ है‌  भोर ||

बजौ भयौ सब कर रयै , डारै  नौनें    हाथ |
दोहा लिख रय हूँक कै , राना जू के साथ ||

सुभाष सिंघई
[09/01, 12:31 PM] Dr. Devdatt Diwedi Bramlehara: 🥀 बुंदेली दोहा🥀
     ( विषय, बजो- भओ) 

बजो भओ है बिन्ध में,
     मैया कौ दरबार।
बे अबार माता सरस,
      देतीं बिपदा टार। 

बजो भओ बतकाव जो,
     सबइ कोउ तौ कात।
लम्पा घुसौ खुवार कौ,
     आँसत है सब रात।।

राजनीति की हाट को,
    बजो भओ है भाव।
दो कोंडी में बो बिकै,
    जो खेलै छल दाव।।

आला ऊदल से बली,
      छत्रसाल बलधाम।
बजो भओ है जगत में,
    जिनकौ बाँकौ नाम।।

बिहना राखी बाँद कें,
    गौर गनेस मनाय।
बजो भओ तेभार जो,
   हर सावन में आय।।

डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस
बड़ामलहरा छतरपुर
[09/01, 12:50 PM] Promod Mishra Just Baldevgarh: बुन्देलि में बजो भऔ ,राना कवि राजीव 
रचनाओं के हेतु यह , इक साहित्यक नीव
,,
आदरणीय आपकी शानदार दोहावली
[09/01, 12:59 PM] Vidhaya Chohan Faridabad: बुंदेली दोहे (संशोधित)
~~~~~~
विषय-  बजो भऔ ( प्रसिद्ध, माना हुआ)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

१)
दुनिया वारे जान रय, बजो भऔ इक देस।
ऊँचो  जीको  माथ  है,  आर्यावर्त  विशेस।।

२)
विंध्याचल  की   गोद  में,  देवी  बैठीं  दूर।
बजो भऔ ई धाम में, दरसन मिलत जरूर।।

३)
बजो भऔ चंबल विकट, पैलाँ  तो वीरान।
फूलन  देवी   ने  दई,  बीहड़   खाँ  पैचान।।

४)
बजो भऔ खजुराव कौ, मंदिर  आलीशान।
चंदेला साम्राज्य कौ, करत जगत गुणगान।।

५)
वृंदावन गोकुल बिरज, बजो भऔ हरि धाम।
मन मंदिर सब कै बसे, साँवरिया घनश्याम।।

~विद्या चौहान
[09/01, 2:05 PM] Sanjay Shrivastava Mabai Pahuna: *सोमबारी बुंदेली दोहे*
विषय - *बजो भओ*

*१*
बजो भओ संसार में,
     अपनो भारत देश ।
कैउ बन्न की संस्कृति,
     कैउ बन्नी परिवेश ।।

*२*
बजो भओ मथुरा नगर,
        जिते विराजे श्याम ।
काशी में शंभू बसत,
       राम अयोध्या धाम ।।

*३*
कलाकार है बजो भओ,
     दै कल खों आकार ।
सपने अँखियन में भरें,
      करत रहत साकार ।।

*४*
कवि बजो भओ रामधइ, 
       करे रोज कविताइ ।
ऊपर-ऊपर तैरबे,
        नापे ना गैराइ ।।

*५*
बजो भओ बज्जुर बलम,
      ढकले ना ढकलाय ।
टउका एक न टारबे,
       खाय पिये गर्राय ।।

       
   *संजय श्रीवास्तव* मवई 
       ९-१-२३😊 दिल्ली
[09/01, 3:15 PM] Prabhudayal Shrivastava, Tikamgarh: बुंदेली दोहे 
   विषय  बजो भ‌औ(प्रसिद्ध, माना हुआ)

बजो भ‌औ असफेर में,बल्दोगड़ कौ ताल।
कलकत्ता तक जात है,कतला रोहू  माल।।

बजो भ‌औ है राइ में, पांड़े  जू  कौ  नाव।
नचनारिन खों मंच पै, मन भर खूब नचाव।।

बजो भ‌औ ई खण्ड में, छत्रसाल कौ नाव।
भले भाइ के सामने ,  बैरी  ठैर न पाव।।

बजो भ‌औ इतिहास में, मर्दन सिंह कौ नाम।
 लक्ष्मीबाई  सँग लड़ो , स्वतंत्रता संग्राम।।

बजो भ‌औ श्री राम कौ, दो अक्षर कौ नाम।
कर देबै भव पार जौ  , बना  देत सब काम।।

           प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
[09/01, 3:41 PM] Anjani Kumar Chaturvedi Niwari: बुन्देली दोहे
विषय-बजौ भऔ
दिनांक 09 01 2023

बजौ भऔ है ज्ञान में,गौरी पुत्र गनेश।
इनखों प्यारौ चोंखरौ,हैं भाई मयुरेश।।

बजौ भऔ है जौ विषय,कर रइ कलम थराइ।
सोच सोच भय अदमरे, तौउ समझ ना आइ।।

विश्वनाथ  काशी  बसें,  बसें  ओरछा राम।
बजौ भऔ ब्रज धाम है, इत राधा उत श्याम।।

बजौ भऔ  है ओरछा,  बैठे  राजा राम।
लगै  सलामी  रात दिन, मन पावै विश्राम।।

बजौ भऔ मथुरा शहर,है कान्हा कौ धाम।
जैसें  राजा  राम जू,  बसें  ओरछा  धाम।।

अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
[09/01, 3:57 PM] Jai Hind Singh Palera: #बजो भव# पर दोहे.......

                    #१#
बजो भव ऐसौ ठौर है,भारत ऐसौ देश।
जानी मानी वीरता,कोई न पाबै पेश।।

                   #२#
एक बजो भव गांव है,गहमर जी कौ नाव।
जग  में सबसें बड़ौ है,जानौ मानौ ठांव।।

                    #३#
देखीं हैं क‌इ चोटियां, सबसें ऊंची एक।
सुनों बजो भव नांव है,एवरेस्ट की टेक।।

                    #४#
नाव बजो भव है बड़ौ,रन चंडी लो जान।
नाव सुनें सें जात ते,अंग्रेजन के प्रान।।

                    #५#
बड़ौ बजो भव कुण्ड है,भीमकुण्ड है नाव।
एक बेर तौ देख लो,निकर घूमबे जाव।।

#जयहिन्द  सिंह  जयहिन्द # 
#पलेरा जिला टीकमगढ़# 
#मो०६२६०८८६५९६#
[09/01, 4:01 PM] Dr. Renu Shrivastava Bhopal: दोहे विषय *बजोभऔ*
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
1 बजोभओ है द्वारका, 
  रणछोड़े भगवान। 
  चारउ तीरथ होत हैं, 
  इते होत तुल दान।। 
 
2 बजोभओ भोपाल है, 
   झील लतैंया छाँव। 
   हरो भरो सब लगत है, 
   भोजपाल को गाँव।। 
  
3 बजोभओ जो जंत्र है, 
    रमतूला है नाव। 
    विदा ब्याब पक्यात में, 
    ई बिन सूनो गाँव।। 
   
4 बजी भई बाखर लगै, 
    मुखिया की चौपाल। 
    ठलुआ बैठे रात हैं, 
    ऐसइ बीतत साल।। 

5 बजोभओ है ओरछा, 
    बड्डो तीरथ राज। 
    जो दरशन कर लेत है, 
    बन गै बिगरे काज।। 
   
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️

                       डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल
                       सादर समीक्षार्थ🙏
                       स्वरचित मौलिक 👆
[09/01, 4:28 PM] Pradeep Khare Patrkar Tikamgarh: बिषय..बजो भऔ
09.01.2022
*प्रदीप खरे,मंजुल*
*^^^^^*^^^^^*^^^^^^*
1-
राम बिराजे ओरछा,
बजौ भऔ है नाम।
जो दर प्रभु के आत हैं,
बनते बिगड़े काम।।
2-
बुंदेली की का कनैं,
बजौ भऔ है नाम।
बानी येसी लगत है,
होय गुरीरौ आम।।
3-
नदी बेतवा बै रयी,
गा रयी देखौ गीत।
बजौ भऔ तौ नाम है,
बजै मधुर संगीत।।
4-
वीर बुंदेला तौ भये,
बजौ भऔ है नाम।
लाला तजकैं प्रान खौं,
गयै राम के धाम।।
5-
रानी कुँअर गनेश कौ,
बजौ भऔ तौ नाम।
गोदी में लै आँइ ती,
देखौ अपने राम।।
*प्रदीप खरे, मंजुल*
[09/01, 5:09 PM] Gokul Prasad Yadav Budera: बुन्देली दोहे,विषय-बजो भऔ
***********************
बजो भऔ है विश्व में,
             जय  बुन्देली  मंच।
जित्ते कवि ई सें जुड़े,
             चोखे हैं  सौ  टंच।।
***********************
छक्का भर में बाप कौ,
           बजो भऔ तो नाव।
लरकन नें खो दव सबइ,
      कर-कर नित कुनयाव।।
***********************
उन वीरों कौ देश में,
             बजो भऔ है नाव।
जिन्नें अपनी जान दै,
            देश स्वतंत्र कराव।।
***********************
जिन-जिन नें संसार खों,
               मारग सही बताव।
उन सब कौ संसार में,
             बजो भऔ है नाव।।
***********************
त्यागी बन कें बे जिए,
            तन मन रव उगराव।
बजो भऔ है विश्व में,
               गाँधी जू कौ नाव।।
************************
✍️ गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी
[09/01, 5:16 PM] Anjani Kumar Chaturvedi Niwari: धोके सें ज्यों आँख में, गुच्च जात है पैन।
यैसइ  लम्पा  खोर  कौ, करत  भौत बेचैन।।

अद्भुत  लम्पा  आपकौ,  रौम  रौम  थर्राय।
सरस लेखनी है गजब,कछू कही ना जाय।।

अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
[09/01, 5:21 PM] Kalyan Das Sahu Prithvipur: बजो-भओ है ओड़छौ , खंड बुँदेला नीर ।
थपे  राम राजा इतै , गंग  बेतवा  तीर ।।

बजो-भओ पन्ना जिला , घाटी हैं चहुँओर ।
हीरन की खानें इतै,मालिक जुगलकिशोर ।।

मैहर वारी सारदा , तीरथ-धाम  ललाम ।
पूरन होवै कामना , बजो-भओ है नाम ।।

बुन्देले  हरदौल  जू , बजो-भओ है नाम ।
आल्हा-ऊदल छत्र भी , जोधा भये तमाम ।।

झाँसी वारी भइँ अमर , धन्य भओ है धाम ।
आजादी कौ भव प्रथम , बजो-भओ संग्राम ।।

खजुराहो की काॅ कनें , बजो-भओ है ठौर ।
सैलानी होवें चकित , करत कला पै गौर ।।

   ---- कल्याण दास साहू "पोषक"
      पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़ (मप्र)

          ( मौलिक एवं स्वरचित )
[09/01, 5:30 PM] Gokul Prasad Yadav Budera: सभी मित्रों को सादर प्रणाम 🙏
*************************
बजो भऔ मिल गव विषय,
                खूबइ कलम चलाइ।
सबखाँ सामिल मान्यवर, 
                खूबइ-खूब  बधाइ।।
*************************
अपनी रचनाओं से मंच को गौरवान्वित
करने वाले सभी रचनाकार महानुभावों
को हार्दिक बधाईयांँ एवं अनंत शुभकामनाएं।
सभी मित्रों को नया वर्ष मंगलमय हो 🙏
👌👌🌹🌹💐💐🙏🙏
गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी 
दिनांक 09/01/2023
[09/01, 8:48 PM] Amar Singh Rai Nowgang: बुन्देली दोहे - बजो भओ
दिनाँक -  9/1/2023

बजो भओ है विश्व में, चित्रकूट को धाम।
लखन सिया के संग में, जहां रहे प्रभु राम।

खेत सिंह खंगार को, बजो भओ तो नाम।
जैसइ सुन्दर नाम तो,नाम सरीखो काम।।

अधिक ठंड गर्मी परै, रय  प्रदेश  में नाँव।
छावनी के नाम सें, बजो  भओ  नौगाँव।।

बजो भओ संसार में, खजुराहो को नाम।
मूर्तियों में दिख रहा,चित्रकला सँग काम।

चौराये  आबोहवा,  बहुतइ  नोनी  ठाँव।
छोटो चंडीगढ़ कहें, बजो भओ नौगाँव।।

मौलिक/
                       अमर सिंह राय
                            नौगाँव

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