Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 22 मार्च 2021

विश्व जल दिवस - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़

विश्व जल दिवस - पर विशेष कविताएं
"जल है तो कल है"
कवि-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
जल पर केंद्रित राना लिधौरी के कुछ दोहे
1
पानी सबको ही मिले,
जीव-जंतु, इंसान।
जो नदिया तट पै रहे,
वह सच्चा धनवान।।

2
पत्थर को भी काटकर,
करे पुण्य के काम।
नदिया धारा से बने,
प्यारे शालिगराम।।
3
सागर सी गहराइ हो,
तो मोती पा जाय।
तेरे प्यार कि चाह में,
दिन रैन न कट पाय।।
4
सागर से कभी न बनो,
जो खारा है खूब।
नदिया बन बहते रहो,
पावन जल है खूब।।
5
पनिहारिन पानी भरे,
कमर रई लचकाय।
हिरनी सी कूंदत फिरे।
दिल घायल हो जाय।।

6
पनिहारिन गगरी धरै,
पानी छलकत जाय।
तीर चलाय नैनन सें,
दिल जौ मचलत जाय।।

@ राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.co
(मौलिक एवं स्वरचित)
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कुछ हाइकु कविता

"पावस" पर हाइकु कविता
1
बादल छाते,
पावस के आते ही।
सब हर्साते।।
2
पावस आयें।
नाले,नदियां झूमे।
मयूर नाचे।।
3
पावस बूंदें,
अमृत सी लगती।
मेघा बरसे।।
4
पावस आती
जीवनदायिनी है।
हरे जंगल।।
5
बहती नदी,
रखती है सुरक्षित।
पर्यावरण।।
6
नदी सा बनो,
मत बनो सागर।
खारा है जल।।
7
पवित्र नदी,
अब गंदगी ढोती।
आत्मा है रोती।।
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-©राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष- म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष- वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
संयोजक-अ.भा.बुंदेलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
ईमेल - ranalidhori@gmail.com
ब्लॉग- rajeevranalidhorI.blogspot.com

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