भ्रमण दिनांक-28-3-2021
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
किला दिगौड़ा जिला टीकमगढ़ (मप्र) में स्थित है जो कि जिला मुख्यालय से मात्र25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
किला दिगौड़ा का निर्माण ओरछेश नरेश महाराजा प्रताप सिंह (1874-1930) ने सन्-1885ई. में बनवाया था। प्रताप सिंह ने दिगौड़ा का किला अपनी जन्मभूमि को यादगार बनाये रखने के लिए बनवाया था।। किले में एक बाबडी है।
किले के दरवाज़े पर बेलबूटों से सजावट है। वर्तमान में किले में कन्या विद्यालय संचालित हो रहा है।
इस किले में ऊपर देवी जी बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। कहते है कि एक बार दोपहर के समय देवी जी ने शेर पर सवार होकर मंदिर के पुजारी को साक्षात् दर्शन दिये थे तब मंदिर के पुजारी जिंदा शेर को देख कर ढर के मारे वहां से भाग खड़े हुए थे तथा नीचे आकर गांव वालों इस घटना के बारे में बताया था जब गांव वाले बाद में मंदिर गये तो वहां पर कुछ भी दिखाई नहीं दिया। किले के अंदर मैदान में एक तरफ गोपाल जी का मंदिर भी है एक बार यहां से मूर्ति चोरी हो गयी थी लेकिन बाद में चोर मूर्तियों को किले के पीछे कचरे के ढेर में छोड़ कर भाग गये थे।
यह किला बहुतअद्भुत है यहां अनेक अप्रत्याशित घटनाएं एवं चमात्कार होते रहे है। कहते है कि बहुत पहले इस किले के ऊपरी भाग से एक गूंगा आदमी नीचे गिर पड़ा था लेकिन उसे देवी जी की कृपा से खरोंच तक नहीं आयी थी और एक और चमू हुआ कि गिरने से उस गूंगे की आवाज लौट आयी और वह बोलने लगा। अनेक लोगों की मनोकामनाएं यहां पूरी होती है।
इस ब्लाग के लेखक(राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़) ने इस किले के अंदर तीन साल तक छात्रों को ज्ञानोदय प्रोजेक्ट के तहत तीन साल तक कम्प्यूटर की शिक्षा दी है। लेखक टीकमगढ़ से यहां पर पढ़ाने आता था और किले के अंदर आकर सबसे पहले देवी जी के दर्शन करता फिर अपने कम्प्यूटर कक्ष का ताला खोलता था। एक बार चोरों ने यहां पर मेरे कम्प्यूटर कक्ष का ताला तोड़ कर यहां चोरी करने का प्रयास भी किया था चोरों द्वारा एक ताला तोड़ दिया था तथा दूसरा ताला वे बहुत कोशिश के बावजूद भी नहीं तोड़ पाये थे मैं जब सुबह 10 बजे यहां आया तो देखा की एक ताला टूटा वहीं नीचे डला है तथा दूसरा ताला लगा हुआ है लेकिन चपटा हो गया है शायद हथोड़े से उसे तोड़ने की भरपूर कोशिश की गयी थी। ये तो देवी जी की कृपा थी कि वे दूसरा ताला नहीं तोड़ पाये और चोरी नहीं कर पाये वर्ना वहां रखे 2लाख के कम्प्यूटर चोरी हो सकते थे । ये देवी की कृपा से बच गये।
"जय देवी माता की"
आलेख- राजीव नामदेव "राना लिधौरी", टीकमगढ़
संपादक आकांक्षा पत्रिका
अध्यक्ष मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे शिवनगर कालोनी टीकमगढ़ (मप्र)
मोबाइल-9893520965
आलेख- राजीव नामदेव "राना लिधौरी", टीकमगढ़
संपादक आकांक्षा पत्रिका
अध्यक्ष मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे शिवनगर कालोनी टीकमगढ़ (मप्र)
मोबाइल-9893520965
3 टिप्पणियां:
great job...
Rajeev ji,
your
RAJESH
https://hindiroad.blogspot.com/
धन्यवाद श्री राजेश जी
Very nice knowledge in a artical
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