Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 28 जून 2021

डुबरी बुंदेली व्यंजन (बुंदेली दोहा संकलन) संपादन- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़


                             डुबरी
                  (बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
                  

                             डुबरी
                  (बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

ई बुक प्रकाशन दिनांक 28-06-2021
        टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
         मोबाइल-9893520965

😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄


              अनुक्रमणिका-

1- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
2- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
3- एस. आर. 'सरल', टीकमगढ़ 
4-कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
5- परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)
6- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
7-रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)
8-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)
9-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
10-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
11- डां रेणु श्रीवास्तव, भोपाल (मप्र)
12- मनोज कुमार सोनी, रामटोरिया,छतरपुर
13-रामानन्द पाठक,नैगुवा(म.प्र.)
14-अशोक पटसारिया 'नादान' लिधौरा (टीकमगढ़) 
15-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)
16- अरविन्द श्रीवास्तव, भोपाल(मप्र)
17- राम कुमार शुक्ला,चंदेरा,(मप्र)
18-हरिराम तिवारी, खरगापुर (मप्र)
19-सरस कुमार, दोह खरगापुर (मप्र)
20-वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया, टीकमगढ़
21-डी.पी.शुक्ला, टीकमगढ़,(मप्र)
22- राज गोस्वामी, दतिया ,(मप्र)
23-नीता श्रीवास्तव ,रायपुर (छत्तीसगढ़)
24- अवधेश तिवारी, छिंदवाड़ा (मप्र)

😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

1-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)



             *बिषय- डुबरी*

*1*
डुबरी,मुरका अरु लता,बुंदेलों की शान।
बिजी,बेर, महुआ,चना,बुंदेली पहचान।।
***
*2*

डुबरी महकें भौतई,देख भूख बढ़ जात।
खाबे कौ माने नई,देख लार टपकात।।
***

*3*
डुबरी डुक्को खात है,बड़े चाव से आज।
खातन ताकत मिल गयी,कर रइ घर के काज।।
***
 -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी" 
      संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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2- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़ (मप्र)

डुबरी मउआ की बनी,फरा डरे हैं ऐंन।
दद्दा,बब्बा, बाइ, बउ,खा रय भैया-बैंन।।

छोटे मउआ चाउनै,और फरा खों चून।
संग चिरोंजी हो डरी,डुबरी बढ़ाय खून।।

हँड़िया में डुबरी चुरै,बिना दूद की खीर।
लँय कचुल्ला हैं खड़े,नइँ लड़ेर खों धीर।

***

रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़ (मप्र)
   मौलिक-स्वरचित।

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3-एस. आर. सरल, टीकमगढ़ (मप्र)


बुन्देली डुबरी दोहा

डुबरी मीठी लगत है,बड़े चाव सै खात।
एक घरै डुबरी बनै,पुरवा भर महकात।।
     
   ***
 मौलिक एवं स्वरचित
     -एस आर सरल,टीकमगढ़      
        
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4-कल्याणदास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर, (निवाड़ी)


डुबरी मउँअन की बनत , खात हते सब कोय ।
उम्दा स्वाद मिठास रत , भौत पोष्टिक होय ।।

पैलाँ मउआ ही हते , सबके पालनहार ।
नातेदारन कौ भओ , डुबरी सें सत्कार ।।

मउआ फरा किनावनें , पानी संग चुराँय ।
जब डुबरी बन जाय तौ , सिरा-सिरा कें खाँय ।।

उशे बेर बिरचुन लटा , मुरका डुबरी खीर ।
लपटा सतुआ गुलगुला , खाकें बनों शरीर ।।

डुबरी  गुर  मुरका  लटा , भौत  फायदेमन्द ।
पोषक तन ताकत मिलत , मन खों भी आनन्द।।

 ***
 -कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर,निवाडी़ (मप्र)
  ( मौलिक एवं स्वरचित )

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5- परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)

# *डुबरी* #

1-डुबरी महुआ से बनें,खाबें चतुर सुजान।
बुन्देली व्यंजन भलो,देत हमें पहचान।।

2-हडियॉ पे डुबरी बनें,गरी चिरोंजी डार।
अच्छे अच्छे देख कै,टपकावत हैं लार।।

3-पैले सबके बनत ती,डुबरी सदा सुकाल।
टाढी भर सब खात ते,बूढे जुआन बाल।।

4-डुबरी की सोंधी महक,दौरे तक लौ जात।
सतुआ मिलाय सान कै,दद्दा मजे सै खात।।

5-मीठे महुआ होंय तो,तनक हमें दै देव।
सतुआ चकिया को पिसो,बदले में लै लेव।।

*****
                  -परम लाल तिवारी,खजुराहो (मप्र)       

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6- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)


*१*
डुबरी चूले पे चढ़ी,महक उठी चहुँ ओर।
हूँक भूँख की उठ रई,कूँदे लड़कपचोर।।
      
*2*
महुआ, गुली, गुलेंद्रो,अरु डुबरी की खीर।
मुरका, पउआ अरु लटा,दै महुआ धर धीर।।
     
*३*
दुनिया भर में नइं मिलत,डुबरी जैसी खीर।
 बनत बुंदेली धरा पै,जिते बुंदेला वीर।।
     
*४*
बुंदेली पकवान में,है डुबरी की शान।
सजा थार में परस दो, जब जेबैं मैमान।।
      
*५*
तन महुआ सो फूलबै,मन डुबरी हो जाय।
बिरखा महुआ सो बनो,सबको मन हरसाय।।
      

     - संजय श्रीवास्तव, मवई
      २७ जून २१😊दिल्ली

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7-रामेश्वर प्रसाद गुप्त, बड़ागांव, झांसी


बुंदेली- डुबरी.

डुबरी की चर्चा रये,बुंदेली पकवान।
खाई अब तक है नईं,हमें न ऊको ज्ञान।।

कबहूँ कितऊं बनवाय कें, डुबरी स्वाद चखाव।
फिर तुम ऊको बैठ कें, करो खूब बतकाव।।

जिनने डुबरी खाय कें, दव मूंछन पे ताव।
बेई अब गुणगान कर, चिढा रये बतकाव।।

डुबरी अब नइ जानती, नईं बहू घर दुआंय।
सुन-सुन घूंघट में खडी़, बस केबल मुस्कांय।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)

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8-प्रभुदयाल श्रीवास्तव 'पीयूष', टीकमगढ़





दोहा लेखन   विषय  डुबरी

म‌उआ मेबा होत हैं,भौत‌इ भरी मिठास।
जिन सें जा डुबरी बनीं,खूब‌इ खासमखास।।

जब तक ब‌उआ जू र‌ईं,रुच रुच रोज बनाइ।
कांसे की टाठी भरी ,सिरा सिरा कें खाइ।।

म‌उआ मादकता भरे,मतवारौ कर देत।
डुबरी ख‌इयौ प्रेम सें ,र‌इयौ तनक सचेत।।

डुबरी खाबे की ललक,मन में हती हमाइ।
जा पोंचे जब गांव में ,तब पूरी हो पाइ।।

अरपन कर भगवान खों,जौ डुबरी कौ भोग।
पा र‌ए प्रभु परसाद जो,बे बड़ भागी लोग।।

        ***

         -प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़

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9-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, टीकमगढ़ 

                    
#दोहे#
                    #1#
डुबरी मुरका अरु लटा,मौवा बिरचुन बेर।
कौंइ फरा अरु महेरी,खाखा होबें शेर।।
                    #2#
बुन्देली बिंजन भलौ,मन में देत तरंग।
डग डग पै जा देत है,हर गरीब कौ संग।।
                    #3#
दिन डूबत डुबरी बनें,खाय सबै परिवार।
दूध डार कें खाय जो,आलस देत उतार।।
                    #4#
डुबरी में डोबर फरा,कारी मिर्च महान।
गरी चिरोंजी मखाने ,बना देत हैं शान।।
                    #5#
डुबरी सें दुबरी हरै,रोजौं अपनी पीर।
है अमीर की शौक जा,है गरीब की खीर।।
               -***
#मौलिक एवम् स्वरचित#
-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)

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10-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)


1-
सतुआ, डुबरी अरु लटा, मयरी बिरचुन खाय। 
खातन में नौने लगें, इनसें नौनौ नाय।।
2-
डुबरी सी फदकत रबै,थूतर रही फुलाय। 
गटा लटा से काढ़बै, गरिया मोय बुलाय।।
3-
डुबरी खा पानी पियौ, लेऔ भूख मिटाय। 
जो चैन सें रये सदा, बोइ परम सुख पाय।।
4-
डुबरी लगै मिठाई सी,गरीब खाय ललचाय।
लटा संग फिर का कनें,जो न खाय पछताय।
5-
नाम लटा, डुबरी सुनत, मौ में पानी आय।
एक बेर जो खात है, बेर-बेर बौ खाय।।
***

*-प्रदीप खरे मंजुल*,टीकमगढ़ मप्र💐

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11- डां रेणु श्रीवास्तव, भोपाल (मप्र)


दोहे विषय 'डुबरी' 
✍️✍️✍️✍️✍️
1-डुबरी महुअन की बनै, सबखों भोतइ भाय।
  बब्बा कक्का चाव सें,  सूट सूट के खाय।। 

2-बनो महेरो रात के, डुबरी भोर बनाइ।
   ऐसे व्यंजन आय जे,कितउ मिलै ना भाइ।। 

3-पीजा मैगी खात हैं, मोड़ी मोड़ा आज। 
   डुबरी वे जानै नहीं,  करै मताई नाज।। 
  ***
        ✍️ डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल
                         

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12-मनोज कुमार सोनी रामटौरिया, (छतरपुर)

दिनाँक,28-6-21सोमवार
बिषय-डुवरी बुंदेली।
🌴🌴🌴डुवरी कौ व्याव🌴🌴🌴
चौका में मडवा गडो़,बजरव खूव बधाव।
थपिंयाँ गारीं गा रईं,है डुवरी कौ ब्याव।
**********************
डुवरी लाँगा में सजी,नौंनीं खूब दिखात,
सतुआ जू दूला बने,लैकें आय बरात।
*******************
फुआ महेरी माँग भरी,बरा नें जोरी गाँठ।
डुवरी के फूपा फरा,फंदकत भरें कुलाँट।
*******************
थोपा जू पंडत बने,लटा नें बैदइ धान।
बरी,कडी़ डुबरी सखीं,बनी फिरत अगवान।
********************
नेंगचार करवारई,आज खीर भौजाई।
पेडा़ मम्मा आन कें,डुवरी बिदा कराई।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
(मौलिक एवं स्वरचित)
✍🏽-मनोज कुमार सोनी रामटौरिया, (छतरपुर)
 ***
               

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13-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा,


 डुबरी पर पांच दोहा
         बुन्देली 
मउवा की डुबरी बनें,वा में रहत मिठास।
बुन्देली बिन्जन बनौ,बनबै जेठन मास।।
                        2
मउवा पानी में फुला, दय हडिया में डार।
चना चिरौंजी गरि घनी, डुबरी भइ  तैयार।।
                    3
बोजौ भर ईंदन बरै तब हुइऐ  वा  लाल।
समय दाग लो   कब  मिलै , आवै अगली  साल ।।
             4
विपत  कटाउन वे हते,  आवें कड़की काम ,।
मुरका  डुबरी लटा  सब, विंजन  बनत तमाम ।।
             5
स्वा रथ में मउआ कटे कांहै गुलिया  तेल ।
मुरका डुबरी लटा सब ,देते आफत ठेल।।

*****
                 -रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा,

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14-अशोक पटसारिया नादान ,लिधौरा ,टीकमगढ़ 


💐डुबरी💐
 **  ***  **
बुन्देली व्यंजन बने,कड़ी बरा उर भात।
मार पाल्थी खाइये,जा डुबरी को खात।।1।।
       
पिज़्ज़ा बर्गर माँगतइ,ऐसी पजी लडेर।
कां डुबरी मुरका लटा,कांकौ बिरचुन बेर।।2।।         

मउअन की दारू बने,पियें चाव सें लोग।
डुबरी मुरका कै लटा,को कर रव उपयोग।।3।।
        

मउआ काटे रोड के,भट्टा लगे हजार।
अब डुबरी कां सें बनत,भैया करौ विचार।।4।।
            
हमखों हल्के की खबर,डुबरी खाबे आइ।
बड़े प्रेम सें पा गए,फिर सो राम धुआइ।।5।।      
             ***

               -अशोक नादान ,लिधौरा, टीकमगढ़ 

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15-शोभाराम दांगी 'इंदु', नदनवारा (मप्र)


1- मौका डुबरी कौ यह, बसकारें में होय ।
    चना बनफरा डालकैं, यह बनाय जो कोय ।।
             
2- खाई डुबरी मस्त भय, दिन में कछु न खाँय ।
     गर इच्छा होय तनक, तौ रोटी जे खाँय ।।
             
3- मउअन कि डुबरी बनें, जे असाढ के माह ।
     खावै में नौनीं लगै, खातन नइ उमाह ।।
             
4- डुबरी खायें जो सदां, पाचन क्रिया भाय ।
     रोग -दोग व्यापैं नहीं, स्वस्थ सदा तन राय ।।
             
5- मउआ सबरे काट लय, बचे न एकउ पेड ।
     कैसें जा डुबरी बनैं, लगाय नईयां पेड ।।
              ***
-शोभाराम दाँगी नंदनवारा

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16- अरविन्द श्रीवास्तव, भोपाल(मप्र)

*डुबरी*

बड़ौ नाव डुबरी सुनो, स्वाद कभउँ नइँ पाव,
इतनी नौनी होत तौ, जीकैं बनै खुवाव ।

खाई नइयाँ आज लौं, दोहा नइँ लिख पाय,
बिना खायँ कैसैं लिखें, जा डुबरी का आय ।

सबके दोहा जो पढ़े, मौं में पानी आव,
डुबरी तौ खानैं परै, बढ़ गव मन में चाव ।
***
*अरविन्द श्रीवास्तव* भोपाल
मौलिक-स्वरचित

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17- राम कुमार शुक्ला,चंदेरा,(मप्र)
🌸डुबरी की सौगात🌸

ना जाने लरका आज के,डुबरी कौ  है नाव।।
 सेवन ईकौ जो करै,भूल जात हैं गांव।।

 दिन डूबे से हैं चढ़़ै ,डुबरी कौ जौ घान।।
 मन की मिठास है भली,बूढ़े खातै ज्वान ।।


डुबरी के दिन कढ़ गए,मउवन कौभव नास।।
दारू खातिर बिक रये,नइँ लैतै  वे साँस।।

लटा महेरी  खात हैं,बूरौ बरा सुहात।।
डुबरी से ना नोनो लगै,जी के जो मन भात ।।

 मेलजोल जी से रहै,उयै बुला है लेत।।
 ब्यारी में जो खात है,डुबरी बा खों देत।।

 स्वरचित एवं मौलिक रचना
          -राम कुमार शुक्ल चन्देेरा

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18-हरिराम तिवारी, खरगापुर (मप्र)

 डुबरी....बुंदेलखंड की देंन
१:
मीठे मउंअन सें बनी,डुबरी,है रसदार।
 भोंतउं,नौंनी,लगतहै,गरी  चिरोंजी  डार।।
२:
होत भुंसरां खांय जो, गर्मी सब छट जात।
डुबरी जिन्ने खाई नहिं,बे खावे ललचात।।

****
-हरिराम तिवारी, खरगापुर (मप्र)

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19-सरस कुमार, दोह खरगापुर (मप्र)
दोहा - डुबरी 
🤲🤲🤲🤲🤲
बुढ़े पुराने के गये, पेला के पकवान।
डुबरी, सतुआ औ लटा, में होत हती जान।।

डुबरी चीखी है नहीं, न जाने कोउ स्वाद।
इ इक्कीसवी सदी, दादा कर रय याद।।

महुआ और चना, फरा, ले के दये चढ़ाय।
डुबरी बन तैयार है, सरस स्वाद ले खाय ।।

जौवन तन बूढ़े भये, डुबरी रइ उफनाय।
नाती पोता खा रये, दादा गजब बनाय ।।
***

-सरस कुमार, दोह खरगापुर (मप्र)

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20-  -वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया, टीकमगढ़

विषय -- डुबरी
---//////////-- 
डुबरी खा कें काड़ दय , भैया ने दिन चार।
बहुत गरीबी देश में , मदद करे सरकार।।

मउंअन की डुबरी बनत , उर बटरा की दार।
बड़े प्रेम सें खात हैं , गांवन में परिवार।।

हड़िया में डुबरी बनीं ,ऐंन मसालेदार।
खाबे बैठे सब जनै, पूरी गये डकार।।
---------------स्वरचित------------
        -वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया, टीकमगढ़


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22- राज गोस्वामी, दतिया ,(मप्र)
1-स्वर्ण भसम से कीमती डुबरी है इक चीज ।
 जा खो खा फूलै फलै रहै न मन मे खीज ।।

2-मते मते से लगत है डुबरी खाके लोग ।
 लटा महेरी संग मे लगत पृभू को भोग ।।
3-डुबरी मीठी सी लगत है मिठाइ  कौ रूप ।
 जंगल मे मंगलनुमा मिलत गाव भरपूर ।।

             -राजगोस्वामी दतिया

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23-नीता श्रीवास्तव ,रायपुर (छत्तीसगढ़)


1)
डुबरी सतुआ सँग हमें , बिरचुन सोऊ भाय |
दूर देस में आजकल, जी मोरो ललचाय ||

2)
फीको छप्पन भोग हैं , लड़ुआ, लटा जो भाय |
भौजाई से के दियो, डुबरी सोउ बनाय ||

3)
मोरी भूल बिसारियो, खा डुबरी दिल खोल |
बरस भये बोले हमें , बुंदेली के बोल ||

4)
बुंदेली बोली भली, भले लगत सब गाँव |
तपी दुपरिया में दई , तुम ओंरन ने छाँव ||

-नीता श्रीवास्तव ,रायपुर (छत्तीसगढ़)
***
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24- अवधेश तिवारी, छिंदवाड़ा (मप्र)

बोनी के दिन आ गए,
अब डुबरी बनबाओ।
ढुलकी-पेटी हेर खे,
खूब ददरिया गाओ।।
           *****
          -कल्लूके दद्दा
         (अवधेश तिवारी) 
            छिंदवाड़ा

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                            डुबरी
                (बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

         ई_बुक प्रकाशन दिनांक 28-06-2021
            टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
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बुधवार, 23 जून 2021

स्व.पन्नालाल जी नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान सिंहावलोकन- संयोजक राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' टीकमगढ़ (मप्र) भारत

11वां दिनांक -15-9-2024
*प्रैस विज्ञप्ति*
*स्व.पन्नालाल नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान-2024 भिलाई़ के श्री गोविन्द पाल को मिला-*

*स्व.पन्नालाल नामदेव स्मृति हुआ अ.भा.कवि सम्मेलन में म.प्र,उ.प्र.व छत्तीसगढ से आये कवि-*
 
टीकमगढ़/ म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के दादाजी की स्मृति में मिलने वाला प्रतिष्ठित स्व. श्री पन्नालाल जी नामदेव 11वीें स्मृति साहित्य सम्मान-2024  के लिए निर्णायक मंडल ने भिलाई, छत्तीसगढ़ के श्री गोविन्द पाल जी को उनकी काव्य कृति ‘महज ये वाइरस नहीं’ के लिए चयनित किया है। जिसमें तहत उन्हें सम्मान राशि 1100रूपए,नगद ,सम्मान पत्र स्मृति चिह्न, शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।
अब तक यह सम्मान श्री नवीन खण्डेलवाल (इंदौर),डाॅ. रूखसाना सिद्दीकी (टीकमगढ़),श्री गोपाल कौशल (नागदा),श्री देवेन्द्र कुमार मिश्रा (छिन्दवाड़ा),डाॅ. गौरीशंकर उपाध्याय (झाँसी,उ.प्र.),डाॅ. राज गोस्वामी (दतिया),श्री गोकुल सोनी (भोपाल),श्री कुशलेन्द्र श्रीवास्तव (गाडरवाड़ा), श्री चोबाराम बादल (उन्हेन,छत्तीसगढ़),डाॅ एम.एल. प्रभाकर (पृथ्वीपुऱ) एवं इस साल श्री गोविन्द पाल (भिलाई़,छत्तीसगढ) को प्रदान किया गया।
इसी क्रम में स्व.रूपा बाई नामदेव 10वीं स्मृति साहित्य सम्मान-2024 शायर जनाब चाँद मोहम्मद आखिर’ (टीकमगढ़) को ग़ज़ल के क्षेत्र के उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। इस अवसर पर राजीव नामदेव राना लिधौरी’ द्वारा संपादित जिले से प्रकाशित एकमात्र साहित्यिक पत्रिका ‘आकांक्षा’ के उन्नीसवें अंक-2024 एवं  यदुकुलनंदन खरे की कृति ‘अंधकूप’ का विमोचन किया गया।
  राना लिधौरी ने जानकारी देते हुए  बताया कि यह सम्मान समारोह अपूर्व होटल में आयोजित किया गया जिसमें मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से चयनित ख्यातिप्राप्त कवियों  श्रोाताओं को बांधे रखा। प्रमुख रूप से गोविन्द पाल (भिलाई,छत्तीसगढ़),नसीम मुँहफट (झाँसी),गोविन्द सिंह गिडबाहा (मडाबरा,उ.प्र.), डाॅ.गणेश राय (दमोह),श्री भगवान सिंह लोधी (हटा,दमोह), (छतरपुर), डाॅ. आर. बी. पटेल (छतरपुर) आमिल हबीबी (छतरपुर),   लक्ष्मी प्रसाद गुप्त(ईसानगर), प्रमोद मिश्रा (बल्देवगढ़), श्री राम बिहारी सक्सेना (खरगापुर),रामानंद पाठक ‘नंद’(नैगुवा),मनोज तिवारी‘ मनसिज’(बडामलेहरा),एम.एल.त्यागी (खरगापुर), डाॅ.एम.एस. श्रीवास्तव (पृथ्वीपुर), प्रमोद सारस्वत (छतरपुर),डाॅ डी.के.सोनी (बडामलेहरा), आशाराम वर्मा ‘नादान’(पृथ्वीपुर),राम सहाय राय (रामगढ़)यदकुल नंदन खरे (बल्देवगढ़), आदि कवियों ने शानदान काव्य पाठ कर श्रोताओं को चार घंटे तक बाँधे रखा। संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने सभी कवियों को स्मृति चिह्न एवं सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया  है।
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*-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’*
संयोजक-पन्नालाल स्मृति साहित्य सम्मान समोराह व कवि सम्मेलन
संपादक ‘आकांक्षा’ (हिन्दी) पत्रिका
संपादक ‘अनुश्रुति’ (बुन्देली) पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
अध्यक्ष- वनमाली सृजन पीठ, टीकमगढ़
कोषाध्यक्ष-श्री वीरेन्द्र केशव साहित्य परिषद्
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिनः472001 मोबाइल-9893520965
E Mail-   ranalidhori@gmail.com
Blog - rajeevranalidhori.blogspot.com


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9वां_ दिनांक-5_9_2022
स्व.पन्नालाल जी नामदेव स्मृति में हुआ 9वाँ सम्मान समारोह -
 छत्तीसगढ़ के चोवाराम बादल को मिला पन्नालाल नामदेव स्मृति सम्मान-

(छत्तीसगढ़, हटा दमोह,पृथ्वीपुर,पलेरा,नैगुवा, लिधौरा,बल्देवगढ़,रामगढ़,लखौरा,से आये कवि)
 
टीकमग//नगर के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार राजीव नामदेव राना लिधौरी के दादा जी एवं दादी जी की पुण्य स्मृति में आयोजित स्व.पन्नालाल जी नामदेव स्मृति नवम् साहित्य सम्मान समारोह व साहित्यिक संस्था म.प्र.लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ के ‘वार्षिक उत्सव’ व कवि सम्मेलन ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,चर्च के पीछे,शिवनगर कालोनी, टीकमगढ़ में आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता सम्मान्य  शायर हाजी जफ़रउल्ला खाँ ‘ज़फ़र’(टीकमगढ़) ने की एवं मुख्य अतिथि श्री चोवा राम जी बादल,(उडैला छत्तीसगढ़) रहे एवं विशिष्ट अतिथ के रूप में श्री जयहिंद सिंह‘जयहिंद’ (पलेरा)व श्री रामगोपालर रैकवार रहें। सर्व प्रथम माँ सरस्वती के चित्रपर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने पढ़ी।
प्रथम चरण मे स्व.पन्नालाल जी नामदेव नवम् स्मृति साहित्य सम्मान-2022 का श्री चोवा राम जी बादल,(उडैला छत्तीसगढ़) को उनकी ‘कुण्डलिया किल्लोल’ के लिए प्रदान किया गया जिसके तहत सम्मान राशि 1100रू नगद, शाल,श्रीफल, एवं आकर्षक स्मृति चिह्न व सम्मान पत्र से अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
स्व.रूपाबाई नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान-2022 श्री जयहिंद सिंह’ ‘जयहिंद’(पलेरा) को उनके बुंदली के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया तथा श्री रामगोपाल रैकवार को सेवानिवृत्ति पर शाल श्रीफल व सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में लेखक-यदुकुल नंदन खरे (बल्देवगढ़) की कृति ‘खोखली दीवार (उपन्यास) का एवं राजीव नामदेव राना लिधौरी द्वारा संपादित ‘आंकाक्षा’पत्रिका के 17 अंक का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बताया कि इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया है जिसमें तीसरे चरण में एक विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें कवियों ने अपनी रचनाओं से खूब वाहवाही लूटी।कार्यक्रम के सूत्रधार एवं संयोजक श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने सभी का अभार प्रकट किया जबकि संचालन श्री वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया।
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8वां 
स्व. पन्नालाल नामदेव स्मृति में आठवें कवि सम्मेलन में कवियों ने लूटी वाहवाही-

(छत्तीसगढ़,उडैला,हटादमोह,पृथ्वीपुर,पलेरा,नैगुवा,लिधौरा,बल्देवगढ़,रामगढ़,नदनवारा,लखौरा से आये कवि)

टीकमगढ़/नगर के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार राजीव नामदेव राना लिधौरी के दादा जी की पुण्य स्मृति में स्व.पन्नालाल जी नामदेव स्मृति नवम् कवि सम्मेलन ने समा बांध दिया लगभग 45 कवियों ने काव्य पाठ किया। ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,चर्च के पीछे,शिवनगर कालोनी, टीकमगढ़ में आयोजित किया गया। कवि सम्मेलन का आगाज़ माँ सरस्वती वंदना से किया। लखौरा के गुलाब सिंह यादव ने वंदना से किया व रचना पड़ा-कै दिन करो बहाने,मनुवा तुमे एते न रानै।
 श्री चोवा राम जी बादल,(उडैला छत्तीसगढ़)  ने कुण्डलिया पढ़ी-
पक्के हैं बेशर्म ये, तनिक न आवे लाज,गिरगिट से मेढ़क बने,देखो नेता आज।।
देखो नेता आज,बदलते रहते पला,पहनें वस्त्र सफेद,किन्तु उनका दिल काला।।
श्री संजय श्रीवास्वत,(दिल्ली), ने गीत सुनाया- गाँव में है देश अपना, देश में है गाँव।
नदिया है गहरी, हिचकौले खाती नाव।।
डॉ. प्रीति सिंह परमार ने कविता पढ़ी- भक्त से भगवान का रिश्ता अनोखा होता है।
जब जब बजेगी बाँसुरिया,राधा को आना होता है।।
श्री जयहिंद सिंह‘जयहिंद’ं(पलेरा)ने गीत-सुनो बात नन्ना,होकें चौकन्ना,डार के घुटन्ना जाने है,नामदेव पन्ना पुराने है
श्री भगवान सिंह  अनुरागी’ (हटा,दमोह) ने रचना पढ़ी- अपने ई बुन्देलखण्ड को हे दुनियां में शोर जू।
राजाराम ओरछा बिराजे,पन्ना जुगन किशोर जू।।
श्री शोभाराम दांगी(नदनवारा) ने गीत सुनाया-जले जा रहे ख्बाब दिनों दिन हमारे।
लिखा क्या नसीब में केाई बतादे हमारे।।
श्री प्रमोद मिश्रा’(बल्देवगढ़)ने पढ़ा-बल सेनहि विवेक से चलना होगा,हमें वक़्त के साँचं में ढलना होगा
श्री यदुकुल नंदन खरे(बल्देवगढ़) ने रचना पढ़ी- मत सोचो कि दुनिया में शैतान रहा करते हैं।
   मानव के अंतर्मन में तो भगवान रहा करते है।।
जाबिर गुल ने ग़ज़ल पढ़ी- खूं से शहीदों ने इसे दुल्हन बना दिया। किस्मत ने धन्य इस तरह जीवन बना दिया।।
श्री अनवर खान ‘साहिल’(टीकमगढ़) ने ग़ज़ल कही-ऋषियों की तपो भूमि पेहक आपका नहीं।
कश्मीर हमारा है तिरे बाप का नहीं।।
श्री रामानंद पाठक ‘नंद’(नैगुवा) ने कविता पढ़ी- धरा धाम पै आवे दादा, जन्म लेय अभिनंदन।
श्रद्धा सुमन समररपन उनकौं करते पाठक नदंन।।
श्री भगवत नरायण ‘रामायणी’(देवीनगर) ने कविता पढ़ी- दशरथ सुकृत राम घर देही,जनक सुकृत पूरह वेदेही।
श्री आशोक पटसारिया (लिधौरा)ने रचना पढ़ी- कौन भुवन में अजर अमर है, दुनिया आनी जानी जी।
श्री एस.आर सरल ने रचना पढ़ी- संगे बंदो बछु नइ जाने,धरों इतर सब रानें।।
इनके अलावा मीनू गुप्ता  श्री रवि पाठक (लिधौरा),रामसहाय राय (रामगढ़),ओमप्रकाश नामदेव लखौरा,रामगोपाल रैकवार, कमलेश सेन, हाजी ज़फर उल्ला खां ज़फ़र, राजीव नामदेव‘राना लिधौरी,प्रभुदयाल श्रीवास्तव, उमाशंकर मिश्र,कमलेश सेन, अनवर खान साहिल’,चाँद मोहम्मद आखिर,शकील खान, विजय मेहरा,सियाराम अहिरवार, विचित्र सेन,दयाली विश्वकर्मा,पं.हरिविष्णु अवस्थी,कौशल किशोर भट्ट आदि ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी कवि सम्मेलन का संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया जबकि सभी का आभार संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ प्रकट किया।

. राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)मोबाइल-9893520965
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स्व.श्री पन्नालाल जी नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान टीकमगढ़
संयोजक- राजीव नामदेव "राना लिधौरी", टीकमगढ़
8-


*स्व.पन्नालाल जी नामदेव स्मृति आठवाँ सम्मान समारोह हुआ*

टीकमगढ़//नगर के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार राजीव नामदेव राना लिधौरी के दादा जी एवं दानी जी की पूण्य स्मृति में आयोजित *स्व.पन्नालाल जी नामदेव स्मृति आठवाँ सम्मान समारोह* व साहित्यिक संस्था म.प्र.लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ के ‘वार्षिक उत्सव’ व कवि सम्मेलन ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,चर्च के पीछे,शिवनगर कालोनी, टीकमगढ़ में आयोजित किया गया। 

जिसकीं अध्यक्षता सम्मान्य  शायर हाजी जफ़रउल्ला खाँ ‘ज़फ़र’(टीकमगढ़) ने की एवं मुख्य अतिथि श्री गोकुल जी सोनी,(भोपाल) रहे एवं विशिष्ट अतिथ के रूप में श्री जयहिंद सिंह जयहिंद पलेरा रहें। 

सर्व प्रथम माँ सरस्वती के चित्रपर माल्यार्पण कर आकांक्षा नामदेव टीकमगढ़ एवं डाॅ. मीनाक्षी पटेरिया नौगाँव द्वारा सरस्वती वंदना की गयी।

प्रथम चरण में स्व.पन्नालाल जी नामदेव सातवाँ स्मृति साहित्य सम्मान-2020 का श्री गोकुल सोनी भोपाल को उनकी ‘कृति कठघरे में हम सब’ पर प्रदान किया गया तथा सन् 2021 का आठवां स्मृति सम्मान श्री कुशलेन्द्र श्रीवास्तव गाडरवाड़ा को उनकी कृति ‘‘सरयू के तट पर’’पर प्रदान किया गया। द्वय सम्मानितों को सम्मान निधी 1100रू नगद,शाल,श्रीफल, एवं आकर्षक स्मृति चिह्न व सम्मान पत्र से अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।

स्व.रूपाबाई नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान-2020 श्री अनवर खान‘साहिल’ (टीकमगढ़) को उनके ग़ज़ल के क्षेत्र में एवं सन् 2021 का सम्मान श्री संजय श्रीवास्वत (मबई/दिल्ली) को साहित्य लेखन एवं रंगमंच के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में लेखक-यदुकुल नंदन खरे (बल्देवगढ़) की कृति ‘करम अभागा’ (उपन्यास)  एवं लेखक-डी.पी. शुक्ला (टीकमगढ़) ‘धरातल और धरोहर’ (आलेख संग्रह) एवं आकांक्षा पत्रिका-2021का विमोचित किया गया।

कार्यक्रम के संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने बताया कि इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया है जिसमें तीसरे चरण में एक विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें कवियों ने अपनी रचनाओं से खूब वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम के सूत्रधार एवं संयोजक श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी थे। संचालन श्री वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया जबकि सभी का आभार प्रदर्शन श्री रामगोपाल रैकवार ने किया।
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 राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’

  पिनः472001 मोबाइल-9893520965
  

*स्व. पन्नालाल नामदेव स्मृति में आठवें कवि सम्मेलन में कवियों ने लूटी वाहवाही-*

टीकमगढ़//नगर के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार राजीव नामदेव राना लिधौरी के दादा जी की पुण्य स्मृति में स्व.पन्नालाल जी नामदेव स्मृति आठवाँ कवि सम्मेलन ने समा बांध दिया। ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,चर्च के पीछे,शिवनगर कालोनी, टीकमगढ़ में आयोजित किया गया। कव सम्मेलन का आगाज़ माँ सरस्वती वंदना से किया। आकांक्षा नामदेव टीकमगढ़ एवं डाॅ. मीनाक्षी पटेरिया, नौगाँव ने वंदना की- हे शारदे माँ हे, शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ।
 श्री गोकुल जी सोनी,(भोपाल)  ने हास्य व्यंग्य की क्षणिकाओं से सभी को खूब गुदगुदाया-
जिसका समय से कोई सरोकारी नहीं है। कहने को और कुछ भी हो फनकार नहीं है।
पेट की भूख आँख के आँसू न जो समझे,वह शख्स कविता लिखने का हक़दार नहीं है।।
श्री संजय श्रीवास्वत,(दिल्ली), ने गीत सुनाया- गाँव में है देश अपना, देश में है गाँव।
नदिया है गहरी, हिचकौले खाती नाव।।
श्री जयहिंद सिंह‘जयहिंद’ं(पलेरा)ने सुनाया-सुनो बात नन्ना, होकें चैकन्ना,डार के घुटन्ना जाने है।
  नामदेव पन्ना पुराने है।।  
श्री महेन्द्र चैधरी(जतारा) ने रचना पढ़ी- रामायण में बखान गीत में है विद्यमान, 
बलिदानों ने सदा देश को खड़ा किया।। 
डाॅ. मीनाक्षी पटेरिया,नौगाँव ने कविता पढ़ी- यहीं सोचती हूँ अक्सर, इंसानियत कहाँ है।
मुर्दो की है ये दुनियाँ और हैवानियत यहाँ है।
श्री शोभाराम दांगी(नदनवारा) ने गीत सुनाया- झाँसी रानी में लव अवतार,
भय भारत में तात्या टोपे हजार। 
श्री यदुकुल नंदन खरे(बल्देवगढ़) ने रचना पढ़ी- मत सोचो कि दुनिया में शैतान रहा करते हैं।
मानव के अंतर्मन में तो भगवान रहा करते है।।
श्री अनवर खान ‘साहिल’(टीकमगढ़) ने ग़ज़ल कही-ऋषियों की तपो भूमि पेहक आपका नहीं।
कश्मीर हमारा है तिरे बाप का नहीं।।
श्री रामानंद पाठक ‘नंद’(नैगुवा) ने कविता पढ़ी- धरा धाम पै आवे दादा, जन्म लेय अभिनंदन।
श्रद्धा सुमन समररपन उनकौं करते पाठक नदंन।।
श्री भगवत नरायण ‘रामायणी’(देवीनगर) ने कविता पढ़ी- दशरथ सुकृत राम घर देही।
जनक सुकृत पूरह वेदेही।।
श्री आयुष दांगी (बम्होरी बराना)ने रचना पढ़ी- माँ ही दुनिया है, माँ ही जहां है।
माँ सा न दूजा कोई, माँ की खुदा है।।
श्री गुलाबसिंह ‘भाऊ’(लखौरा)ने पढ़ा- इनकी धर्म ध्वाजा घर छाये। सग सबई के राय।
पुन्य प्रताप दादा के सुनलो घर भर ने सुख पाये।।
इनके अलावा रमगोपाल रैकवार,कमलेश सेन, स्वप्निल तिवारी,हाजी ज़फर उल्ला खां ज़फ़र, राजीव नामदेव‘राना लिधौरी, नीरज चैधरी, विजय मेहरा,अजीत श्रीवास्तव, प्रभुदयाल श्रीवास्तव अािद ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी कवि सम्मेलन का संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया जबकि सभी का आभार संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ प्रकट किया।

 राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
  अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
पूर्व महामंत्री-अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद
  शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
  पिनः472001 मोबाइल-9893520965
E Mail-   ranalidhori@gmail.com
Blog - rajeevranalidhori.blogspot.com

पत्रिका (सागर) दिनांक-21.9.2021

देशबंधु (सागर) दिनांक-21-9-2021

निर्दलीय (भोपाल) दिनांक-21-9-2021

छतरपुर भ्रमण (छतरपुर)




7-2020- सातवां एवं आठवां संयुक्त रूप से दिनांक 19.9.2021 को किया गया है।

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6-2019-

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5-2018
श्री सरस जी (झांसी) को स्व.श्री पन्नालाल जी नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान-2018 एवं
स्व.रूपाबाई नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान-2018
डां के.पी.त्रिपाठी (टीकमगढ़)को प्रदान किया गया।


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4.-2017-
स्व.पन्नालाल नामदेव स्मृति चतुर्थ सम्मान समारोह हुआ
Date 4-6-2017
देवेन्द्र कुमार मिश्रा (छिन्दवाड़ा) ‘पन्नालाल नामदेव स्मृति’ सम्मान से सम्मानित

यदुकुल नंदन खरे (बल्देवगढ़) ‘रूपाबाई नामदेव स्मृति’ सम्मान से सम्मानित

  टीकमगढ़//राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी द्वारा संपादित ‘आकांक्षा’ पत्रिका के बारहवें अंक 2017 का विमोचन किया गया। ‘म.प्र.लेखक संघ’ टीकमगढ़ का वार्षिक उत्सव एवं स्व.पन्नालाल जी नामदेव स्मृति चतुर्थ सम्मान समारोह मनाया गया। छिन्दवाड़ा के साहित्यकार श्री देवेन्द्र मिश्रा जी  को उनकी कृति ‘‘दर्द की कतरने’’ के लिए स्व. पन्नालाल जी नामदेव स्मृति चतुर्थ सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। जिसमें उन्हें 1100रूपए सम्मान राषि,सम्मान प़त्र,स्मृति चिन्ह् षाल व श्रीफल से सम्मानित किया गया एवं स्व.रूपाबाई नामदेव स्मृति तृतीय सम्मान-2017 बल्देवगढ़ के यदुकुल नंदन खरे जी  को प्रदान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ.एन.एम.अवस्थी प्राचार्य षासकीय पी.जी कालेज,रहे अध्यक्षता पं.हरिविष्णु अवस्थी रहे जबकि विषिष्ट के रूप में देवेन्द्र कुमार मिश्रा छिन्दवाडा़ व यदुकुल नंदन खरे बल्देवगढ़ रहे। कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया जबकि सभी का आभार कार्यक्रम संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने माना।
इस अवसर पर डाॅ.दुर्गेष दीक्षित, पं.गुणसागर सत्यार्थी,गुलाब सिंह भाऊ, सीताराम राय, कृष्ण कुमार रावत, रविन्द्र कुमार यादव पलेरा, अनवर खान साहिल,परमेष्वरीदास तिवारी, भरत लाल अग्रवाल ‘अनुज’ बड़ामलहरा,जय हिन्द स्वतंत्र बल्देवगढ़, देवेन्द्र दुवे बैसा, जाबिर गुल, रामगोपाल रैकवार, सी.एल. नामदेव,,षिवचरण उटमालिया, पूरनचन्द्र गुप्ता, अमिताभ गोस्वामी, डाॅ. अनीता गोस्वामी, गीतिका वेदिका, सुधा गुप्ता ,रष्मि गोइल, उमा पाराषर, सियाराम अहिरवार, सरमनलाल पुरोहित, ,एन.डी.सोनी अजीत श्रीवास्तव अवध विहारी श्रीवास्तव, राजेन्द्र बिदुआ, बी.एल.जैन,सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
 अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,   मोबाइल-9893520965








rajeev namdeo rana lidhori

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3-2016

 श्री गोपाल कौशल जी उज्जैन काव्य कृति "सृष्टि का आधार है बेटी के लिए 1100रू. का स्व. पन्नालाल जी नामदेव तृतीय स्मृति साहित्य सम्मान’ प्रदान किया गया














rajeev namdeo
पन्नालाल जी नामदेव की स्मृति में हुआ ‘कवि सम्मेलन’

(‘डा. अनीता गोस्वामी व गुलाब मडबैया हुए सम्मानित)

(शाहगढ़, चंदेरा, दिगौड़ा, लखौरा, कुण्डेश्वर, तखा,पठा से आये कवि)

टीकमगढ़//‘ भगवान महावीर स्कूल में स्व.पन्नालाल जी नामदेव तृतीय स्मृति साहित्य सम्मान समारोह एवं कवि सम्म्ेलन आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि साहित्यकार पं.गुणसागर सत्यार्थी रहे व अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार पं. हरिविष्णु अवस्थी जी रहे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र’ एवं डॉ.दुर्गेश दीक्षित जी रहे। सर्वप्रथम सीताराम राय, आकांक्षा नामदेव एवं अनुश्रुति नामदेव ने सरस्वती बंदना गाकर कार्यक्रम का शुभारंभं किया।
तत्पश्चात नागदा के गोपाल कौशल जी को उनकी काव्य कृति सृष्टि का आधार है बेटी के लिए 1100रू. का स्व. पन्नालाल जी नामदेव तृतीय स्मृति साहित्य सम्मान’ प्रदान किया गया, किन्तु वे उनके परिवार में अचानक एक दुःखद घटना के कारण उपस्थित न हो सके, उनका सम्मान व समान राशि डाक द्वाराउन तक पहुँचा दी जायेगी।
डॉ. अनीता गोस्वामी को उनके काव्य लेखन के क्षेत्र के उल्लेखनीय योगदान के लिए स्व. रूपाबाई नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान-2016 से सम्मानित किया गया तथा समाज सेवा के क्षेत्र के उल्लेखनीय योगदान के लिए श्री गुलाब चन्द्र मडबैया जी को ‘समाज रत्न सम्मान-2016’ से सम्मानित किया गया।
दूसरे दौर में कवि सम्मेलन हुआ, जिसमें पठा से पधारे कवि सीमाराम राय ने पढ़ा-शारदे कंठ विराजो आज, शब्द सार्थक कर दो है मा’ँ।
कुण्डेश्वर से पधारे डॉ. दुर्गेश दीक्षित जी ने रचना पढ़ी-
पन्ना, रूपाबाई की याद रखेगे लोग,
अवसर पर दुर्गेश को मिला सुखद संयोग।
पूज्य दादाजी की याद को ताजा कर हर वर्ष,
मिलता है राजीव को सुख, साधन, उत्कर्ष।।
शाहगढ़ से पधारे कवि राजा बाबू ने पढ़ा-
गुरू है वह सच्चा सूरज, जिसमें होते सकल जहान,
शिक्षक होता है महान
चन्देरा से पधारे कवि देवकी नंदनन शुक्ला ने बुन्देली कविता पढ़ी-
भैइयन कौन जमानौ आ गऔ,
बुन्देली भोजन व्यंजन जाने कितै बिलागऔ।
दिगौड़ा से आये युवा कवि देवेन्द्र अहिरवार कविता पढ़ी-
पहले घर के दरवाजे पर एक कुत्ता रखवाली करता था
पर आज आदमी करता हैं और कुत्ता आराम से अंदर सोता है।
लखौरा से आये बुन्देली कवि गुलाब सिंह भाऊ पढ़ा-
राजभाषा हिन्दी सबकी वानी है,मैला न करो जा गंगा कैसौ पानी है।
तखा से आये कवि रामगोपाल रैकवार ‘कँवल’-
साध नहीं है दीपमाल बन महलों में प्रकाश बिखेरूँ।
कुण्डेश्वर से आये कवि रवीन्द्र यादव ने कविता पढ़ी-
अंत नहीं पर्यन्त चले हे हिन्दी श्रेष्ठ महान है तू।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा-
जिंदगी एक दिन दुल्हन बनाकर तो देखिए,
ईद हो जाएगी आईना उठाकर तो देखिए।
डॉ अनीता गोस्वामी ने पढ़ा-
आज मुक्त कंठ से गूँज है जय हिन्द की।
अनेकता में एकता विशेषता है हिन्द की।।
कवयित्री सीमा श्रीवास्तव ने पढ़ा-
दीप बनके मैं जलता रहा हूँ, तिमिर जग का मैं हरता रहा हूँ।।
दीनदयाल तिवारी ने रचना पढ़ी-
अपनी अपनी गल्ती मानों नसें न अपनी तानों,
सार कछू नैयां बातन में उसई करत धिगानों
सियाराम अहिरवार ने कविता पढ़ी-
नारी कैसे रहे सुरक्षित हषत उउसे सताती है।
पूरन चन्द्र गुप्ता ने पढ़ा-
हिन्दी बिन्दी से निकला,जनज न में ये गान है।
भारत तो हे देश हमारा हिन्दी हिन्दुस्तान है।
इनके आलावा गुणसागर सत्यार्थी, प.हरिविष्णु अवस्थी,भारत विजय बगेरिया, आर.एस.शर्मा,बी.एल जैन, वीरेन्द्र चंसौरिया, अभिनंदन गोइल, अमिताभ गोव्स्वामी, जी.पी.शुक्ला,जाबिर गुल,उमाशंकर मिश्र,केप्टन शेख सत्तार आजाद ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी।
गोष्ठी संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन कवि सम्मेलन के संयोजक एवं अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया।
रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,
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2-2015








rajeev namdeo rana lidhoriस्व.पन्नालाल नामदेव स्मृति द्वितीय साहित्य सम्मान डाॅ.रूखसाना सिद्दीकी को मिला  
 सियाराम अहिरवार को ‘स्व.रूपाबाई नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान 2015


टीकमगढ़// नगर भवन पेलेस में स्व.पन्नालाल नामदेव द्वितीय साहित्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रो.बी.के त्रिपाठी ने की तथा मुख्य अतिथि ललितपुर से पधारे शायर अब्दुल करीम ‘असर ललित पुरी’ रहे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में बुंदेली कवि डाॅ. दुर्गेश दीक्षित जी मंचासीन थे लेखिका डाॅ.रूखसाना सिद्दी की उनके कहानी संग्रह ‘तुम स्वयं सिद्धा हो’ के लिए द्वितीय स्व.पन्नालाल नामदेव स्मृति सम्मान इस वार टीकमगढ़ की प्रदान किया जा रहा है जिसके अंतर्गत सम्मान राशि 1100रू, आकर्षक स्मृति चिन्ह् व सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया एवं इसी अवसर पर म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़ द्वारा नई कविता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए साहित्यकार सियाराम अहिरवार को ‘स्व.रूपाबाई नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान 2015 से सम्मानित किया गया। गौरतबल हो कि उपरोक्त दोनों सम्मान राना लिधौरी द्वारा स्थापित किये है।
  इस अवसर राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ द्वारा संपादित टीकमगढ़ जिले से प्रकाशित एक मात्र साहित्यिक पत्रिका ‘आकांक्षा’ के दसवें अंक,तथा हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र’ के चैiथे ग़ज़ल संग्रह ‘मुसाफिर’ एवं भारत विजय बगेरिया की आठवीं पुस्तक ‘आत्म मंथन’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया एवं उमाशंकर मिश्र ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने किया।                    

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
     संयोजक-स्व.पन्नालाल नामदेव स्मृति सम्मान समिति
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965


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1- दिनांक-29 जून सन्-2014 टीकमगढ़

प्रथम पन्नालाल नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान नवीन खंडेलवाल (इंदौर) को मिला

 (आकांक्षा’ के 9वें अंक का विमोचन हुआ)

 ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र’ के दूसरे ग़ज़ल संग्रह ‘शगुफ़्ता चमन का विमोचन हुआ

      पं.श्री हरिविष्णु अवस्थी जी को पं.बनारसीदास चतुर्वेदी सम्मान 2014
  
टीकमगढ़//स्व.श्री पन्नालाल जी नामदेव स्मृति सम्मान एवं साहित्यिक संस्था म.प्र.लेखक जिला इकाई टीकमगढ़ का ‘वार्षिक उत्सव’ का संयुक्त आयोजन रविवार दिनांक 29 जून 2014 को समय 2 बजे दोपहर से नगर भवन पैलेस टीकमगढ़ के सभा कक्ष में होकर सम्पन्न हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अकाशवाणी छतरपुर के निदेशक श्री राजेश कुमार गौतम जी रहे व विशिष्ट अतिथि के रूप में इंदौर के कवि श्री नवीन खंड़ेलवाल‘निर्मल’ व श्री दिनेश रजक जी कार्यक्रम अधिकारी आकाशवाणी छतरपुर रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता’ छतरपुर से पधारे वरिष्ठ साहित्य मनीषी पं.श्री सुरेन्द शर्मा ‘शिरीष’ ने की।
                         इस अवसर पर 1111रूपए का प्रथम स्व.पन्नालाल नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान-2013 इंदौर के कवि श्री नवीन खंड़ेलवाल‘निर्मल’ जी को उनकी काव्य कृति ‘तुम कहाँ हो मेरे अंतर्मन’ के लिए दिया गया।
                      म.प्र. लेखक संघ द्वारा नगर के वरिष्ठ साहित्यकार को पं.श्री हरिविष्णु अवस्थी जी को उनके अनेक अभिनंदन ग्रंथों के संपादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पं.बनारसीदास चतुर्वेदी सम्मान 2014 से सम्मानित किया गया तथा मंचासीन अतिथियों का भी शाल श्रीफल व स्मृति चिन्ह् देकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर म.प्र.लेखक जिला इकाई टीकमगढ़ की वार्षिक पत्रिका आकांक्षा’ के 9वें अंक का विमोचन किया गया तथा हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र’ के दूसरे ग़ज़ल संग्रह ‘शगुफ़्ता चमन’ का विमोचन भी किया गया। आंकाक्षा पत्रिका की समीक्षा अजीत श्रीवास्तव ने पढ़ी जबकि ‘शगुफ्ता चमन’ की समीक्षा राजीव नामदेव राना लिधौरी ने पढ़ी। कार्यक्रम का शुभांरभ वीरेन्द्र चंसौरिया ने सरस्वती वंदना एवं मुधर पचैरी ने भजन कर किया। केप्टन रफीक ने जफर साहब की एक ग़ज़ल सुमधुर स्वर में सुनायी। कार्यक्रम का संचालन हरेन्द्रपाल सिंह ने किया तथा अंत में सभी का आभार प्रदर्शन विजय कुमार मेहरा ने किया।
 कार्यक्रम के दूसरे चरण में ‘काव्य संध्या’ हुई जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार वीरेन्द्र बहादुर खरे ने की तथा संचालन उमाशंकर मिश्र ने किया एवं आभार प्रदर्शन लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ने किया। इस काव्य संध्या में 23 कवियों व 5 कवयित्रियों ने रचना पाठ किया। 
                       इस अवसर पर नवीन खंड़ेलवाल‘निर्मल इंदौर,अनुपम श्रीवास्तव, अखिलेश त्रिपाठी (झँासी), डॉ. कैलाश विहारी द्विवेदी,प.गुणसागर सत्यार्थी, डॉ.डी.पी.खरे, डॉ.अवध किशोर सक्सैना, सी.एल.नामदेव, हाजी ज़़फ़रउल्ला खां ज़फ़र’, परमेश्वरीदास तिवारी,विजय मेहरा,पूरनचन्द्र गुप्ता,अजीत श्रीवास्तव, राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी, वीरेन्द्र चंसौरिया,उमाशंकर मिश्र,आर.एस शर्मा,इकवाल फिजा,  एन.डी.सोनी, डॉ. ज.ेपी.रावत, शोभाराम दांगी नदनवारा, डॉ..रूखसाना सिद्धीकी,सीमा श्रीवास्तव,डॉ..अनीता गोस्वामी, मनमोहन पांडे, प्रांजल,हाजी अनवर,राजेन्द्र विदुआ, लालजी सहाय,बी.एल जैन, जी.पी शुक्ला, आदि सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार उपस्थित रहे।
                                                       

             रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
                                   टीकमगढ़ (म.प्र.)
                                                                       मोबाइल-9893520965