Rajeev Namdeo Rana lidhorI

मंगलवार, 8 जून 2021

पिरामिड कविता-बुंदेली बानी- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

*पिरामिड कविता-

"बुंदेली बानी"

जा
श्रेष्ठ
बुंदेली
जन-जन
भौतई प्यारी
मिश्री कैसी बानी,
ईकौं नइंयां सानी।
कां लौ करवे बखानी।
बुंदेलन की रजधानी।
ईकी नौनी है किसा-कहानी।।
*****
****
कवि- राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
संपादक- "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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2-पिरामिड कविता-"बरसात"*


लो

फिर
आ गयी
बरसात।
कीचड़ भरा,
गली-सड़क पे
दिल में है जज्वात।
बेघरों की मुसीबत,
अब कैसे कटती रात।
बन जाते कठिन हालात।।
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कवि- राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
संपादक- "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001

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3- *पिरामिड कविता-"आदमी"*

मैं
करूं
तलाश
इंसान में
एक सत्य की,
मिलता असत्य।
मुखौटा पहन के
धोखा देता है आदमी,
कितना स्वार्थी है आदमी।
जानवर बनता आदमी।।
****

4- नेता

ये
नेता
नकाब
ओढ़ते हैं
सज्जनता का।
सत्ता मोह में ही
शीघ्र बदल जाते।
नही कभी लजाते है
दलबदलु कहलाते।।
****

5- प्रेम अंधा

ये
प्रेम
अंधा है।
जिसे भी हो
कुछ न दिखे।
सावन के अंधे को
हरा-हरा ही दिखे।।
****

6- प्रेम


हो
प्रेम
दिल में
तो कुछ न
उसको दिखे।
प्रेम कंवल ही,
सरोवर में खिले।।
***

7-प्रेम में धोखा

वो

प्रेम

नहीं है।

अश्लीलता

तुम मानिए।

जहां समर्पण

विश्वास नहीं होता।

वहां धोखा ही मिलता

वो भंवर जाल में खाता गोता।।

***

8- रक्तदान

ये 

कभी

आपने

किया है ये

रक्तदान भी।

एक बार करे

दूसरे को जीवन

खुद को संतोष मिले।

कुछ तो मानवता दिखे।।

****

9- पिरामिड कविता-राम राम करो


 ऐ

जौ का

हो रऔ

जनी मांस

इंसानियत

काय हो खौ रय

ईसुर सैं तो डरो,

उनै का जबाब दैहौ

कछु धरम तुम करौ

बुढ़ापे में तो शरम करौ

बांद कै पुटइयां नइं धरौ

तुमै जा माया किते खां लय जानै

अब अपन तनक आराम करौ

घरइ परै परै ही राम राम जपो।।

***

10- फादर्स डे स्पेशल

पिरामिड कविता- पिता

हे

पिता

आप भी

मां समान

पूजनीय हो।

आपने भी किया

संघर्ष कमाने में।

मुश्किल से मिली रोटी

आप घर की जिम्मेदारी

बखूबी निभाते आ रहे हैं।

पीड़ा कैसे छिपाते आ रहे हैं

कष्ट सहके मुस्काते जा रहे हैं।।

***


कवि- राजीव नामदेव "राना लिधौरी"

संपादक- "आकांक्षा" पत्रिका

जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़

अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़

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11-पिरामिड कविता- "पुख में राम जू कौं नमन"

जै

पुख

नक्षत्र

भौत नोनो

हो शुभ काम,

ओरछा में आये

आजइ के दिना तो

भगवान जू श्री राम,

भगवान के दरसन

दूर दूर से आते है जन,

राना करै शत् शत् नमन।।

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-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*

        संपादक "आकांक्षा" पत्रिका

जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़

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12-*पिरामिड कविता- 'जौ कया हो रऔ'*

जौ
कया
हो रऔ
असाढ़ भी
सूकौ जा रऔ।
काय तरसात,
ऊपरवारौ पानू
नैंक नइ बरसात,
किसान भूकौ मरो जात,
कछु खां कोरोना चाट जात।
जा भोरी जनता अब का करे,
सुख से तनकउ जी नइ पात।।
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*-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
        संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
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13-*पिरामिड कविता-*

लो
माह
कातिक
आ गऔ है
जै कतकारी
उठत भुंरां सें,
तला पे सपरवे,
भजन गाउत जात।
कन्हैया खां खुस करत।
उतै पै नोनो रास रचात।
कतकारी के मधुर गीत सें
आनंद भौतई सबखां आउत।।
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*-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
        संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
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14.shri ganesh ji

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