विश्व रक्तदान दिवस पर विशेष-
पिरामिड कविता-"रक्तदान"
ये
कभी
आपने
किया है ये
रक्तदान भी।
एक बार करे
दूसरे को जीवन
खुद को संतोष मिले।
कुछ तो मानवता दिखे।।
****
कवि- राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
संपादक- "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
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*दो दोहे-रक्तदान*
*1*
रक्तदान तुम कीजिए,
मिले बहुत सम्मान।
दिल से फिर मिलती दुआ ,
बन जाये पहचान।।
***
*2*
रक्तदान से कुछ नहीं,
होता है नुकसान।
दानवीर कहलात है,
बच जाती इक जान।।
***
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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