पैजनिया
पैजनिया
(बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 12-06-2021
टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
मोबाइल-9893520965
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
अनुक्रमणिका-
1-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)
2- एस. आर. 'सरल', टीकमगढ़
3-कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
4-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
5- राजेन्द्र यादव 'कुंवर', बड़ा मलहरा
6- परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)
7-अशोक पटसारिया (लिधौरा, टीकमगढ़)
8- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
9-डां. शरद नारायण खरे, मंडला
10-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
11-रामेश्वर प्रसाद गुप्त, बड़ागांव, झांसी(उ.प्र)
12-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
13*हरिराम तिवारी, खरगापुर
14-गुलाब सिंह यादव'भाऊ', लखौरा, टीकमगढ़
15- रामानंद पाठक नैगुआ
अप्रतियोगी
16- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
17- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़(मप्र)
18-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)
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1-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)
प्रथम स्थान प्राप्त दोहा-
पग पैजनियां पैर कें,
पंछीली पनिहार।
पथरीले पथ पदमनीं,
रइं छमकउआ पार।।
-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
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2-एस आर सरल,टीकमगढ़(मप्र)
द्वितीय स्थान प्राप्त दोहा-
छम छम पैजनिया बजै,
भरै मुरलिया तांन।
बिन्दावन बंशी बजै,
लगवै स्वर्ग समान।।
***
मौलिक एवं स्वरचित
-एस आर सरल,टीकमगढ़
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तृतीय स्थान प्राप्त
उछल-कूँद करबें ललन ,
पैजनियाँ खनकाँय ।
बाल-कृष्ण की छवि निरख ,
जसुदा माँ हरषाँय ।।
***
-कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर,निवाडी़ (मप्र)
( मौलिक एवं स्वरचित )
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4-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(मप्र)
पिया परे परदेश में,
रटत जिया जर जाय।
पैजनियाँ पग पैरबौ,
आज मोय ना भाय।।
-**
#मौलिक एवम् स्वरचित#
-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)
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5 - राजेन्द्र यादव 'कुंवर', बड़ा मलहरा(मप्र)
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6- श्री परम लाल तिवारी,खजुराहो(मप्र)
पग पैजनियां पहिर के,
पहुंची परली पार।
प्रीतम पाने प्रबल प्रन,
पर प्रिय मिला न प्यार।।
-परम लाल तिवारी, खजुराहो
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7-अशोक पटसारिया नादान ,लिधौरा ,टीकमगढ़ (मप्र)
पैजनिया गिरवी धरी,
बिक गय खेत मकान।
पढ़-लिख सुत ठलुआ फिरे,
आफत में है जान।।
- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
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9-डां. शरद नारायण खरे, मंडला(मप्र)
पैजनियाँ रुनझुन बजें,
बिखराती हैं प्यार।
बहूू,बेटियाँ देवियाँ,
लगती हैं त्यौहार।।
--प्रो.शरद नारायण खरे, मंडला
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10-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
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11- रामेश्वर प्रसाद गुप्त 'इंदु', झांसी
पैंजनियां ला दो पिया,
पिय से बोली नार।
गम्म न खा रइ नैक अब,
मचा रई तकरार।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)
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12-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
पैजनियां जब बाजती ,
मैया जी के पाँव।
खुश होकर के झूमता ,
मेरा पूरा गाँव।।
***
वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
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14- गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा, टीकमगढ़
पग पैजनियां कृष्ण के,
ढुमकत प्यारी चाल।
माता मुस्का देख ती,
अजब रूप नंदलाल।।
-गुलाब सिंह यादव भाऊ,लखौरा टीकमगढ़
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अप्रतियोगी
17- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (मप्र)
*बिषय बुंदेली दोहे -"पैजनिया"
1-सप्लीमेंट्री अप्रतियोगी-
पैजनिया झंकार तो,
करतइ दिल पै वार।
मधुर ध्वनि सुनते जितै,
झूमत मन के तार।।
***12-6-2021
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संपादक-आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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18- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़ (मप्र)
अप्रतियोगी दोहा-
ठुमक-ठुमक बिटिया निगी,
पैजनिया छनकाय।
कानन में घण्टी बजीं,
सब घर ख़ों हरसाय।।
ठुमक-ठुमक बिटिया निगी,
पैलउँ-पैलउँ बार।
पैजनिया छम-छम बजी,
गूँज उठो घर-द्वार ।।
***
रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
मौलिक-स्वरचित।
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3-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)
सप्लीमेंट्री अप्रतियोगी-
ठुमक -ठुमक चलत जब,
आँगन में श्रीराम ।
बाजत पैजनियाँ तब,
सुब: होय या शाम।।
***
-शोभाराम दाँगी नंदनवारा
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