Rajeev Namdeo Rana lidhorI

शनिवार, 12 जून 2021

पैजनिया (बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'



                             पैजनिया
                  (बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

                              पैजनिया
                  (बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

ई बुक प्रकाशन दिनांक 12-06-2021
        टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
         मोबाइल-9893520965

😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄


              अनुक्रमणिका-
1-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)
2- एस. आर. 'सरल', टीकमगढ़ 
3-कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
4-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
5- राजेन्द्र यादव 'कुंवर', बड़ा मलहरा
6परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)
7-अशोक पटसारिया (लिधौरा, टीकमगढ़) 
8- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
9-डां. शरद नारायण खरे, मंडला
10-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
11-रामेश्वर प्रसाद गुप्त, बड़ागांव, झांसी(उ.प्र)
12-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़
13*हरिराम तिवारी, खरगापुर
14-गुलाब सिंह यादव'भाऊ', लखौरा, टीकमगढ़
15- रामानंद पाठक नैगुआ
अप्रतियोगी
16- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
17- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़(मप्र)
18-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)

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1-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)

प्रथम स्थान प्राप्त दोहा-

पग पैजनियां पैर कें,
          पंछीली पनिहार।
                       पथरीले पथ पदमनीं,
                                     र‌इं छमक‌उआ पार।।
     -प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़

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2-एस आर सरल,टीकमगढ़(मप्र)

द्वितीय स्थान प्राप्त दोहा-

छम छम पैजनिया बजै,
        भरै मुरलिया तांन।
                    बिन्दावन बंशी बजै, 
                                    लगवै  स्वर्ग समान।।
                                                        ***  
 मौलिक एवं स्वरचित
     -एस आर सरल,टीकमगढ़      
        
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3-कल्याणदास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर, (निवाड़ी)

तृतीय स्थान प्राप्त 

उछल-कूँद करबें ललन , 
             पैजनियाँ खनकाँय ।
                        बाल-कृष्ण की छवि निरख , 
                                           जसुदा माँ हरषाँय ।।
                                                         ***
 -कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर,निवाडी़ (मप्र)
  ( मौलिक एवं स्वरचित )


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  4-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(मप्र)
पिया परे परदेश में,
रटत जिया जर जाय।
पैजनियाँ पग पैरबौ,
आज मोय ना भाय।।               
               -**
#मौलिक एवम् स्वरचित#
-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)

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5   -  राजेन्द्र यादव 'कुंवर', बड़ा मलहरा(मप्र)


  आँखन काजर आंज कें, 
 लाली लाल लगाय।
  चलत छैल घायल करे, 
पैजनियां झनकाय।।
            ✍️-  राजेन्द्र यादव 'कुंवर', बड़ा मलहरा

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6- श्री परम लाल तिवारी,खजुराहो(मप्र)


पग पैजनियां पहिर के,
पहुंची परली पार।
प्रीतम पाने प्रबल प्रन,
पर प्रिय मिला न प्यार।।
      -परम लाल तिवारी, खजुराहो

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7-अशोक पटसारिया नादान ,लिधौरा ,टीकमगढ़ (मप्र)


माखन मिसरी कौ चटा,
ठुमक चलत गोपाल।
कानन मिसरी घोरतइ,
 पैजनियाँ की चाल।।
   ***
               -अशोक नादान ,लिधौरा, टीकमगढ़ 

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8- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
पैजनिया गिरवी धरी,
बिक गय खेत मकान।
पढ़-लिख सुत ठलुआ फिरे, 
आफत में है जान।।
      -  संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)

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9-डां. शरद नारायण खरे, मंडला(मप्र)

पैजनियाँ रुनझुन बजें,
बिखराती हैं प्यार।
बहूू,बेटियाँ देवियाँ,
लगती हैं त्यौहार।।
                 --प्रो.शरद नारायण खरे, मंडला

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10-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)

मौसें नौने भाग हैं,
पैजनियां के तोर।
जा लिपटी है पांव सें,
मैं ललचावत दोर।।
***
-प्रदीप खरे 'मंजुल',टीकमगढ़ मप्र💐

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11- रामेश्वर प्रसाद गुप्त 'इंदु', झांसी




पैंजनियां ला दो पिया, 
पिय से बोली नार।
गम्म न खा रइ नैक अब,
मचा रई तकरार।।

***

-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)

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12-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़

पैजनियां जब बाजती , 
मैया जी के पाँव।
खुश होकर के झूमता , 
मेरा पूरा गाँव।।
***
वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़

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-
13*हरिराम तिवारी, खरगापुर

पनघट पे पनियाॅं भरन,
 पनिहारी जब जात।
सुनकें पैजनियाॅं झनक, 
रसिकन मन पुलकात।।

-हरिराम तिवारी, खरगापुर

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14- गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा, टीकमगढ़

पग पैजनियां कृष्ण के,
ढुमकत प्यारी चाल।
माता मुस्का देख ती,
अजब रूप नंदलाल।।

   -गुलाब सिंह यादव भाऊ,लखौरा टीकमगढ़

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अप्रतियोगी 

17- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (मप्र)
*बिषय बुंदेली दोहे -"पैजनिया"

1-सप्लीमेंट्री अप्रतियोगी-
 
पैजनिया झंकार तो,
करतइ दिल पै वार।
मधुर ध्वनि सुनते जितै,
झूमत मन के तार।।
***12-6-2021
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संपादक-आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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18- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़ (मप्र)

सप्लीमेंट्री अप्रतियोगी-

अप्रतियोगी दोहा-

ठुमक-ठुमक बिटिया निगी,
पैजनिया छनकाय।
कानन में घण्टी बजीं,
सब घर ख़ों हरसाय।।

ठुमक-ठुमक बिटिया निगी,
पैलउँ-पैलउँ बार।
पैजनिया छम-छम बजी,
गूँज उठो घर-द्वार ।।
***

रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
मौलिक-स्वरचित।

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3-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)

सप्लीमेंट्री अप्रतियोगी-

         
ठुमक -ठुमक चलत जब, 
 आँगन में श्रीराम ।
बाजत पैजनियाँ तब, 
सुब: होय या शाम।।     
***
-शोभाराम दाँगी नंदनवारा

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                            पैजनिया
                (बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

         ई_बुक प्रकाशन दिनांक 12-06-2021
            टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
                 मोबाइल-9893520965

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