दिनांक-5-6-2021
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष-
पर्यावरण बचाएं
(काव्य संग्रह)
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
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"फ़र्ज़ निभाएं-"
ये आवनि, अंबर तुम्हारा है।
ये सारा संसार तुम्हारा है।
तुम्हीं हिफाजत करो इसकी।
ये फ़र्ज़ भी तुम्हारा है।।
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जन्मदिवस पर सोचना,
वृक्षारोपण काज।
हरियाली छाती रहे,
खुश हो सकल समाज।।
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वृक्षारोपण की प्रथा,
होती है हर बार।
कागज पर ही लग गए,
पौधे कई हजार।।
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वृक्षारोपण जो करे,
वह करता उपकार।
बदले में फल-फूल का,
मिलता है उपहार।।
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बगिया तो महके सदा,
ये फ़ूलों का काम।
मधुप प्रेम करता उसे,
होता क्यों बदनाम।।
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महक सदा ही बांटता,
ज्यों बगिया में फ़ूल।
काम सदा ऐसे करो,
कभी न होबे भूल।।
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फूल और कांटे सदा,
रहे पेड़ के पास।
फूल फूल सबने चुने,
कांटे रहे उदास।।
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ऋतु परिवर्तन हो रहा,
करे हवा संकेत।
अब भी मानव चेत जा,
करता ईश सचेत।।
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परिवर्तन होता रहा,
यह प्रकृति का काम।
इंसा खुद को ढाल ले,
तभी मिले आराम।।
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इंद्रधनुष के रंग से,
किरणें कर श्रृंगार।
नृत्य करे बरसात में,
चलती मंद बयार।।
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इंद्रधनुष सा मन हुआ,
भटके चारों ओर।
सफेद शांति के लिए,
पीला है चितचोर।।
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पत्थर को भी काटकर,
करे पुण्य के काम।
नदिया धारा से बने,
प्यारे शालिगराम।।
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पानी सबको ही मिले,
जीव-जंतु, इंसान।
जो नदिया तट पै रहे,
वह सच्चा धनवान।।
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मत उड़िये आकाश में,
धरो धरा पे पांव।
घर आंगन में नीम हो,
बैठ आम की छांव।।
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काले बादल आय है,
पानी लाये साथ।
धरा ने स्वागत के लिए,
बढ़ा लिए है हाथ।।
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© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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