राना दोहावली-
*योग* पर केन्द्रित कुछ दोहे
*1*
बाबा योग सिखा रहे,
करिए आप जनाब।
स्वथ्य रहोगे फिर सदा,
तन न होगा खराब।।
***
*2*
योग दिवस वादा करो,
खूब करेंगे रोज।
काया कंचन सी बने,
मुखड़े पर हो ओज।।
***
*3*
फुर्ती रहे शरीर में,
जो करता है योग।
मन प्रसन्न उसका रहे,
होगे ना फिर रोग।।
***
*4*
रोज कीजिए खूब ही,
दवा मुफ्त की योग।
जो जितना ज्यादा करे,
उतना रहे निरोग।।
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*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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4 टिप्पणियां:
Very good brother
धन्यवाद श्री रंजन जी
बहुत बढिया दोहे हैं बधाई राना जी
धन्यवाद
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