Rajeev Namdeo Rana lidhorI

मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

Rana lidhori Kavita parte 29-12-2013

Rajeev namdeo Rana lidhoriRana Lidhori Kavita parte 29-12-2013 
MPLS Gosthi-179 Tikamgarh M.P.
              दोहा-
राना पत्नी राखिए बिन पत्नी सब सून।
 पत्नी गयी माइके तो मिलता नहीं सकून।।.
                                      -राजीव नामदेव राना लिधौरी
 

Happy new year

Happy new year
आपको सपरिवार नव वर्ष के शुभागमन पर मेरी तरफ से एवं साहितियक संस्था 'म.प्र.लेखक संघ जिला इकार्इ टीकमगढ़ की तरफ से हार्दिक शुभकामनायें-

कविता- नव वर्ष की शुभकामनाये-
        नया वर्ष लेकर आया,उम्मींदों का मेला।
        नये विचार हो, नये सृजन का होवे रेला।।
        जि़न्दगी आपकी फूलों सी महकती रहे।
        सब दिन-रात अच्छे गुजरे हो न कोर्इ झमेला।।

                000
    
     राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
    संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
      अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
    शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
       पिन-2001 मोबाइल-9893520965
      E Mail-   ranalidhori@gmail.com
 Blog - rajeev  rana lidhori.blogspot.com

बुधवार, 11 दिसंबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी-गध व्यंग्य -''आधुनिक शब्दकोश

गध व्यंग्य -''आधुनिक शब्दकोश
                         (व्यंग्य-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी)               
                हम वर्तमान में 'मोबाइल एवं 'इंटरनेट युग में जी रहे है। समय इतनी तेजी से बदल रहा है कि पूछो मत, शब्द अपने वास्तविक अर्थ खोते जा रहे है उनकी परिभाषाये बदल गयी है। वही घिसेपिटे शब्द सुन-सुनकर आदमी बोर होने लगा है। इसलिए कुछ शब्द जो बहुत ज़्यादा उपयोग में आने लगे है उनके अर्थ एवं परिभाषाएँ लोगों ने अपने हिसाब से रख ली है। हम यहाँ कुछ मजेदार एवं बहुत अधिक प्रयोग में होने वाले आम बोलचाल वाले कुछ प्रचलित शब्दों के अर्थ एवं नयी परिभाषाएँ प्रस्तुत कर रहे है, जो कि आपको अवश्य ही पसंद आयेगी।
                नेता-गिरगिट का साथी,कहीं-कहीं गाली के रूप में भी इस शब्द का उपयोग  किया जाता है, लेकिन सुख सुविधाओं में भगवान इन्द्र से भी बड़ा। वोट-नोट या चोट से खरीदने का साधन। मतदान-जिसकी लाठी उसकी भैंस। केले का छिलका-जमीन से भैंट कराने वाला दलाल या धूल चटाने वाला। कम्प्यूटर- जल्दी चश्मा लगाने या अंधे होने की मशीन। चाय-कलयुग का अमृत।शराब अमीरों का फैशन और गरीबों की टेंशन। पालीथिन-गाय को मारने का फ्री का जहर। प्रेम विवाह-पहले बेस्ट फिर नेक्सट। विवाह-लड़काे के लिए बंधन और लड़कियों के लिए आखिरी मंजि़ल। इंटरनेट-घर बैठे ही बच्चों को शीघ्र वयस्क बनाने का साधन। चैलन-अश्लीलता दिखाने एवं अंधविश्वास बढ़ाने का सुलभ साधन। चश्मा-आँखों का पिंजरा। जेल-बिना किराये का घर। पडौ़सी-सबसे बड़ा दुश्मन सबसे अधिक ज्वलनशील(जलने वाला) पदार्थ। पैसा-जिसके पास जितना अधिक होता है उसकी चाहत उतनी ही अधिक बढ़ जाती है। भार्इ -आज बनते कसार्इ। दलाल- नहीं करते मलाल।
                हवार्इ जहाज-मनुष्य का पालतु पक्षी। टार्इ-बिना गुनाह की फाँसी, टी.व्ही.-बच्चों को बिगाड़ने का साधन। मास्टर-स्कूल की बजाय घर में टयूशन पढ़ाने में मास्टर, मेहनत-गरीब का आभूषण। मच्छर-बिना बुलाये मेहमान। मोबाइल- बहरे (रोगी) होने की अत्याधुनिक मशीन। र्इमानदारी-यह शब्द अब धरती से अदृश्य हो गया है, लेकिन कहीं-कहीं पर 'र्इद के चाँद की तरह दिखार्इ पड़ता है।
                    झगड़ा-वकीलों का कमाऊ पूत। ब्यूटी पार्लर- जहाँ औरतें अपने बुढ़ापे से लड़ती है। पंखा(सीलिंग फेन)-आत्महत्या करने का सर्वाधिक प्रयोग किये जाने वाला घर में उपलब्ध साधन। रिश्वत-अपना काम कराने का सोर्टकट रास्ता। गिफ्ट-रिश्वत का आधुनिक रूप। फिल्में- अश्लीलता का ज़हर। विज्ञापन-लालच का जाल। बाबू-घूस लेन के लिये है साबू(कामिक्स चाचा चौधरी का साथी केरेक्टर)। पेट्रोलडीजल-अनमोल दृव्य। गैस सिलेण्डर-सीधी लाइन लगाना सिखाता है। लाइट- बिल कराता हुलिया टाइट। बेलन-महिलाओं सबसे प्राचीनतम हथियार। कालेज गर्ल-नेत्र भोजन। पत्नी-घर की मुर्गी दाल बराबर। खूबसूरत पड़ोसन-शुभ प्रभात। प्रेमिका का भार्इ-बिना वर्दी का पुलिसवाला। पुलिस-वर्दी वाला गुंडा। शिक्षण संस्थान-हो गये अब पसरट की दुकान। भारतीय रेल-आदमी रूपी भेड़-बकरियों ठेलम-ठेल। पानी- गर्मियों में याद दिलाये नानी। रोड वेज की बसे-कछुवा से धीमी चाल। क्रिकेट-आधुनिक जुआ (सटटा) खेलने का सुलभ साधन। क्रिकेट खिलाड़ी-फिसिंक्ग एवं विज्ञापन में हीरो खेलने में जीरो। हाकी-क्रिकेट के ऊपर उगा परजीवी पौधा।
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-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
    संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
      अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
    शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
       पिन:472001 मोबाइल-9893520965
E Mail-   ranalidhori@gmail.com
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गुरुवार, 5 दिसंबर 2013

कवि परिचय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी, टीकमगढ़


नाम       -  राजीव नामदेव ''राना लिधौरी
माता पिता का नाम - श्रीमती मिथलेश नामदेव 
पिता का नाम- श्री सी. एल. नामदेव
पत्नी का नाम  -  श्रीमती रजनी नामदेव            
संतान-     कु. आकांक्षा एवं कु. अनुश्रुति
जन्मतिथि     -  15 जून 1972 (लिधौरा)
शिक्षा           -  बी.एससी.(कृषि) .एम.ए.(हिन्दी), पी.जी.डी.सी.पी.ए.(कम्प्यूटर)
मानद उपाधियाँ     -  डी.एस-सी.ई.(डांक्टर आफ साइंस एलिमेन्टोपँथी)(अमरावती), विधावाचस्पति,(प्रतावगढ),साहित्याचार्य (अहमदाबाद),आचार्य (पानीपत), काव्य महारथी,(हैदराबाद),'काव्य भूषण (सतना), 'कवि कोकिल(हैदराबाद)
शौक    -   कविताये, ग़ज़लें,आलेख लिखना-पढ़ना,माचिस,सिक्के एंव टिकिट संग्रह करना
मुख्य विधा - हास्य एवं श्रृंगार रस में कविताएँ एवं ग़ज़लें लिखना।
विधा   -   कविताये, गजल, व्यग्ंय ,दोहे, क्षणिकाये, हाइकु, व्यंग्य, लघुकथा, कहानी एवं आलेख लिखना
साहित्य यात्रा  -  लगभग 3000 से अधिक कवितायें, ग़ज़लों एवं लेखों आदि की रचना 

प्रकाशित काव्य संग्रह
 (1) ''अर्चना(बहुरंगी कविता संग्रह) सन-1997
 (2) ''रजनीगंधा(हाइकु संग्रह) सन-2008
  (3) 'नौनी लगे बुंदेली (बुंदेली हाइकु संग्रह) सन-2010  (विश्व का बुंदेली का प्रथम हाइकु संग्रह) 
(4) राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह)-2010
(5) लुक की बीमारी(बुंदेली व्यंग्यसंग्रह)-17
(6) साहित्यिक वट वृक्ष (हिन्दी व्यंग्य संग्रह) 2018
(7) बुंदेलखंड की घुमक्कड़ी (आलेख व यात्रा संस्मरण ) -2021
(8) उकताने (बुंदेली दोहा संग्रह )-2022
(9) अवनि (हिंदी दोहा संग्रह)-2024

संपादक    - 
 (1)'आकांक्षा पत्रिका (टीकमगढ़) (सन 2006 से अब तक)    
(2)'अनुश्रुति बुंदेली त्रैमासिक ई-पत्रिका (2021)
(3) 'संगम पत्रिका (2001)
 
(4) 'सृजन पत्रिका (2003)  
(5)'अनुरोध& पत्रिका (2004)
 (6) 'नागफनी का शहर (व्यंग्य संकलन)(2003)
(7) 'बुंदेलखंड के आधुनिक कवि (काव्य संकलन)(2022)
(8) बुंदेली दोहा कोश (भाग-1) -2024
(9)-सुधांजलि-काव्यसंग्रह-सुधा खरे)2024
ई-बुक- अब तक 137 ई-बुक का संपादन एवं प्रकाशन

उपसंपादन    -(1) 'दीपमाला' पत्रिका (सतना) (2000) (2) 'जज़्बात (ग़ज़ल संकलन)(2004) 
 (3)'श्रोता सुमन   (उन्हेल) (2002)
 (4) 'चारू चंचला पत्रिका  (तालबेहट) (क्षेत्रिय संपादक)(2005) 
(5)''अभी लंबा है सफर(काव्य संकलन)(2003)
(6)- मनस्वी (अभिनंदन ग्रंथ) डॉ.एम. एल. प्रभाकर(पृथ्वीपुर )-2024
प्रकाशाधीन संग्रह- (1) बुंदेली को लोककथाएं
      (2) तीर निशाने पर (क्षणिका संग्रह)
      (3) बड़ा ही महत्व हैं (बाल कविता संग्रह)  (4) पूंछ हमारी होती (पध व्यंग्य) (5) 'त्रिशूल( हाइकु संग्रह) (6) आदमी का कुत्तापन (गध व्ंयग्य संग्रह)   (7) कस्तूरी की महक (कुण्डली)  (8) बिजनिस (लधुकथा संग्रह)
    (9) अनुश्रुति (कहानी संग्रह)  (10) परियाे के देश में (बाल कहानी संग्रह) 
             
रचना प्रकाशित  - हिन्दुस्तान टाईम्स, अंगे्रजी संस्करण (भोपाल) जनवाणी (पंजाबी), सरिता, कादंबिनी, जहांनवी, सरस सलिल,वनिता,सत्यकथा,निरोगधाम, आज,जागरण,भास्कर,नवभारत,अमर उजाला, लोकमत,सहित देश की 3000 लब्ध प्रतिषिठत पत्र-पत्रिकाओं में लगभग तीन हजार से भी अघिक रचनाओं एवं लेखाे का प्रकाशन।
कवि सम्मेलन          - 700 से अधिक अ.भा.कवि-सम्मेलनों एवं संगोष्ठियों में सफल भागीदारी
ब्लाग पाठक:- 87 देशों के 180000पाठक एवं  सोशल मीडिया पर दो लाख से अधिक पाठक है।
प्रसारण       - ई. टी.व्ही.,सहारा,दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के छतरपुर केन्द्र में काव्य पाठ एवं माचिस संग्रह का प्रसारण।
अध्यक्ष    - मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला ईकाई
 टीकमगढ़    
अध्यक्ष- वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
पूर्वपाध्यक्ष- म.प्र.तुलसी साहित्य अकादमी जिला इकाई टीकमगढ़
पूर्व सचिव- अखिल भारतीय बुंदेलखंड साहित्य एवं संस्कृति परिषद टीकमगढ़

आजीवन सदस्य   -
(1) मध्यप्रदेश लेखक संघ (भोपाल)
 (2) साहित्यिक,सांस्कृतिक कला संगम अकादमी,परियावा (उ.प्र.) 
(3) 'निर्दलीय' समाचार पत्र (भोपाल)
 (4) 'जर्जर कश्ती' पत्रिका (अलीगढ़)     
   (5) 'मकरंद' पत्रिका (नोएडा)

सलाहकार मार्गदर्शक -  1.निर्दलीय (भोपाल)
 2.नामदेव क्षत्रिय संकल्प (जबलपुर)
 3. भावार्पण(सतना) 4 .युवावाणी (मैनपुरी)   
 5. तमन्ना (नागपुर)  6. साहित्य सागर (कोरिया)
 7. ठेगें पर सब मार दिया (इलाहाबाद)

विशेष      -     1. राना लिधौरी विश्व़ के प्रथम हाइकुकार हैं जिनका बुंदेली में हाइकु संग्रह (नौनी लगे बुंदेली) प्रकाशित हुआ है।
        2.''स्वतंत्र क़लम (टीकमगढ़) समाचार पत्र में स्वयं का स्थायी कालम 'तीर निशाने पर सन 2004 से 2008 तक नियमित प्रकाशित।
3- अब तक 318 गोष्ठियों का संयोजन/संचालन

अबतक निम्नलिखित प्रमुख सम्मान प्राप्त :-

(1) महाराजा छत्रसाल स्मृति पुरस्कार-2021 मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा 51000रुपए का पुरस्कार उनकी कृति ‘बुंदेलखंड की घुमक्कड़ी’ (यात्रा संस्मरण) के लिए प्रदान किया गया।

(2) ‘‘देवकी नंदन माहेश्वरी स्मृति सम्मान 2005’’,साहित्यिक संस्था ‘म.प्र.लेखक संघ’,भोपाल द्वारा म.प्र.के महामहिम राज्यपाल श्री बलराम जखड़ जी के कर कमलों द्वारा(दिनांक-23.10.2005 को भोपाल

(3) ‘‘दुष्यंत कुमार स्मृति सम्मान 2010’’ अ.भा.हिन्दी साहित्य सम्मेलन,गाजियाबाद द्वारा उ.प्र.के महामहिम पूर्व राज्यपाल डाॅ.भीष्म नारायण सिंह़ जी के कर कमलों द्वारा(दिनांक-22.10.2010 को गाजियाबाद 

(4)‘‘शांति देवी सम्मान-2018’’ अ..भा.बुन्देलखण्ड साहित्यक एवं संस्कृति परिषद् भोपाल द्वारा 5000रू. का म.प्र. की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी के कर कमलों से (25.08.2018 को भोपाल में) 

(5) स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार(2000रु) भारत सरकार केन्दीय नारकोटिक्स ब्यूरो,ग्वालियर (15.8.2007)

(6) स्व.पं.राधिका प्रसाद पाठक हाइकु सम्मान-2011(2100रु.)कादम्बरी संस्था जबलपुर द्वारा दिनांक-27.11.11

(7) अ.भा.काव्य प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान मिला-1100/रुपए सम्मान राशि एवं प्रमाण पत्र    मिला हिन्दी साहित्य सेवा समिति, मुंबई द्वारा दिनांक-21.6.2020

(8) पहला बुंदेली पुरस्कार औसर उरई 2012 (स्व.काशीराम वर्मा व स्व.रजपुरा देवी स्मृति   सम्मान- 2012) -उरई (उ.प्र.)

(9) ‘यही है फुलटेंशन’(मई2005)(मुंबई) द्वारा आयोजित परिचर्चा, में प्रथम पुरस्कार(मई 2005)

(10) सृजनिका (नव भारत,जबलपुर) से प्रथम पुरस्कार (1994)

(11) ‘शीर्षक बताओ प्रतियोगिता  जाह्नवी’पत्रिका(नई दिल्ली) में द्वितीय पुरस्कार(फरवरी 2005)

(12) ‘प्रोत्साहन पुरस्कार’(2002),जैन महिला दर्श पत्रिका द्वारा श्रेष्ठ कविता रचना पर,लखनऊ,उ.प्र.

(13) अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता 2005 में तृतीय स्थान डाॅ.जयकिरण शोध शिक्षण संस्थान, बडनगर,उज्जैन (म.प्र.)

(14) ‘‘सांत्वना पुरस्कार’’अखिल भारतीय हाइकु प्रतियोगिता में चौथा स्थान जैमिनी अकादमी, पानीपत, (हरियाणा) (2003)

(15) ‘‘सांत्वना पुरस्कार’’अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता में चौथा स्थान, स्व.अनत रमेश स्मृति, दिल्ली (2007)

(16) ‘लोक भाषा शिखर सम्मान’‘ निर्दलीय’समाचार पत्र समूह/प्रकाशन,भोपाल द्वारा सम्मानित(4.7.2010)

(17) कविवर मैथिलीशरण गुप्त (मथुरा) 1998  
(18) हिन्दी विद्यारत्न भारती सम्मान (प.सरगुजा) 1999

(19) महानुभाव ग्रन्थोत्तेजक पुरस्कार (अमरावती) 2000

(20) साहित्यकला विद्यालंकार सम्मान (मथुरा) 1999

(21) काव्य शिरोमणि सम्मान (सतना)
(22) ‘काव्य वर्तिका सम्मान’अजय प्रकाशन द्वारा वर्धा(महा 2005)

(23) लेखक श्री सम्मान (बैतूल) (1998)

(24) दीपांशु साहित्य कला परिषद् (इटावा) द्वारा सम्मानित,पुरस्कृत (1995)

(25) सुरभि साहित्य सौरभ सम्मान श्री 1997(मुम्बई)
(26)‘काव्य कृति’ सम्मान(रारू,इन्दौर)2000
(27) काव्य वैभव श्री सम्मान (नागपुर)1999
(28) काव्य रत्न सम्मान(बैतूल)2001
(29) काव्य किरीट सम्मान (जालौन)98 (30) काव्य विभूति सम्मान (प.सिंहभूमि)(1999)

(31) काव्य रसिक सम्मान(बैतूल)2002
(32)चकित साहित्य सम्मान (भिण्ड)98
(33) सरस्वती साहित्य सौरभ सम्मान 1999(गोरखपुर)

(34) साहित्य सम्मान 2000 (गुना)
(35) सृजन सम्मान 2000 (राजगढ़)
(36) साहित्य शिरोमणि सम्मान (खण्डवा) 2001
(37) ‘सारस्वत साहित्य सम्मान’ भारतीय वाङमय पीठ साहित्यिक संस्था,कोलकाता(प.बंगाल)(2005)

(38) ‘साहित्य गौरव श्री सम्मान’(टीकमगढ) (2004़)
(39)‘‘मयूर आवार्ड 2005’,मयूर कला मंडल,टीकमगढ़ द्वारा सम्मानित

(40) माण्डवी प्रकाशन व मनु कैसेट्स, गाजियाबाद द्वारा सम्मानित,(2000)

(41) एशिया मानव अधिकार शिक्षा संस्थान भोपाल द्वारा टीकमगढ़ एवं जतारा में सम्मानित (2001)

(42) विमोचन समारोह संयोजन समिति, पृथ्वीपुर, टीकमगढ़(म.प्र.) सम्मानित (2001)

(43) माधव सम्मान 2008(टीकमगढ)

(44) शेरे बुन्देल अमर शहीद नारायण दास खरे जन जागरण समिति,द्वारा प्रशस्त्रि पत्र(2004)

(45) मयूरकला एवं समाज सेवा नवयुवक मंडल टीकमगढ़ द्वारा सम्मानित (5.2.2005)

(46) म.प्र.क्रांतिकारी जनजागरण समिति (रजि.), टीकमगढ द्वारा सम्मानित (2005)

(47) 735वीं‘नामदेव जयंती’ पर नामदेव समाज टीकमगढ़ द्वारा सम्मानित (12.11.2005)

(48) हिन्दू नव वर्ष पर कवि सम्मेलन में तहसीलदार श्री डी.के.शुक्ला निवाड़ी से सम्मानित (30.6.2006)

(49) उत्कृष्ट इकाई सम्मान-2007 म.प्र. लेखक संघ भोपाल द्वारा सम्मानित (2007)

(50) म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति टीकमगढ़ द्वारा दो बार सम्मानित (2007) एवं ‘नौनी लगे बुन्देली’ कृति पर पुनः (2010)

(51) सम्भाग स्तरीय पत्रकार सम्मेलन में विधायक श्री हरिशंकर खटीक द्वारा सम्मानित(14.12.2007)

(52) हिन्दी सेवी सम्मान-2009 अ.भा.राष्ट्रभाषा सम्मेलन-हम सब साथ साथ, नई दिल्ली द्वारा 

(53) ‘ईमान’ तंजीम टीकमगढ़ द्वारा (2009)
(54) ‘साहित्य शलाका सम्मान’, गुना द्वारा सम्मानित (11.10.2011)

(55) स्व.दाऊ सरदार सिंह स्मृति 29वीं श्रृद्धाजंलि समारोह टीकमगढ़ द्वारा सम्मानित (16.12.2011)

(56) ‘सांत्वना पुरस्कार’,‘श्री काशी राम वर्मा की स्मृति में,पहलौ बुन्देली पुरस्कार औसर,उरई (2012)

(57) ‘माँ सरस्वती भूषण सम्मान’,हिंदी सेवा समिति, टीकमगढ़(12.11.2014)

(58) ‘शब्द श्री उपाधि’,‘शब्द प्रवाह साहित्य मंच, उज्जैन (30.3.2014)

(59) ‘प्रशस्ति पत्र’ शासकीय जिला पुस्तकालय टीकमगढ़ द्वारा आयोजित सेमीनार (13.7.2014)

(60) ‘काका हाथरसी’ राष्ट्रीय शिखर सम्मान,देवघर (29.7.2014)

(61) ‘लघुकथा गौरव सम्मान,अ.भा.लघुकथा परिषद,जबलपुर (5.8.2015)

(62) ‘भगवान दास जैन सम्मान,म.प्र.हिन्दी साहित्य परिषद,सागर.(2015)

(63) ‘भूषण स्मृति समारोह टीकमगढ़' में म.प्र.साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा सम्मानित (26.12.2017)

(64) ‘हू ज हू इन मध्यप्रदेश’’(जन परिषद् भोपाल) सामान्य ज्ञान पुस्तक में परिचय शामिल(1997)

(65) ‘साहित्यिक पत्रिकाओं के संपादकों का विमर्श में म.प्र.साहित्य अकादमी भोपाल (2.1.2018)

(66) स्व.बाबूलाल गुप्त‘गुप्तेश’की स्मृति में आयोजित‘कवि सम्मेलन’ बड़ामलेहरा में सम्मानित(13.4.2018)

(67) ‘भूषण स्मृति समारोह टीकमगढ़ में म.प्र.साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा सम्मानित (19.12.2018)

(68) ‘उत्कृष्ट इकाई सम्मान-2019’ प्रादेशिक इकाई म.प्र.लेखक संघ भोपाल द्वारा़ सम्मानित (2019)

(69) ‘गांधी जयंती’ जिला कांग्रेस कमेटी टीकमगढ़ द्वारा सम्मानित (5.10.2019)

(70) ‘समर्पयामि सम्मान-2019’ समर्पयामि फाउंडेशन टीकमगढ़ द्वारा सम्मानित (31.10.2019)

(71) ‘समारोह साक्षी सम्मान-पत्र’ जर्नलिस्ट यूयिनयन आफ मध्यप्रदेश इकाई टीकमगढ़ (28.12.2019)

(72) ‘जनसंवाद व पत्रकार सम्मेलन’ आइसना पत्रकार संगठन टीकमगढ़ द्वारा सम्मानित(25.12.2019)

(73) ‘प्रमाण पत्र’ विश्व हिंदी सचिवालय मारीशस द्वारा (अरा.अटल काव्य लेखन प्रतियोगिता-2020)

(74) ‘स्व.चतुर्भुज पाठक जयंती पर सर्वोदय आश्रम गणेशगंज,टीकमगढ़,में सम्मानित हुए (1.1.2020)

(75) युवा संसद कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका में विधायक श्री राकेश गिरि द्वारा सम्मा.(10.1.2020)

(77) ‘कलमकार साहित्य सम्मान’ श्री नवमान पब्लिकेशन अलीगढ़ द्वारा सम्मानित (21.2.2020)

(78) ‘ज्ञानोदय प्रतिभा सम्मान-2020’ ज्ञानोदय साहित्य संस्था,बेलगाँव,कर्नाटक द्वारा सम्मानित(2020)
(79) ‘प्रशस्ति पत्र’ काव्य कलरव साहित्यिक मंच,झाँसी (उ.प्र.) द्वारा सम्मानित (06.5.2020)
(80) ‘सम्मान पत्र’ ईसुरी साहित्य शोध संस्थान, मेढकी (झाँसी,उ.प्र.) द्वारा सम्मानित (11.6.2020)
(81) ‘श्रेष्ठ सृजनकर्ता(विजेता) अभिनंदन पत्र’ हिन्दी भाषा.काम(इंदौर,म.प्र.)द्वारा सम्मानित (5.7.2020)
(82) ‘सावन सम्राट’ जनभाषा हिन्दी डाॅट काम मैनपुरी (उ.प्र.) द्वारा सम्मानित (13.7.2020)

(83) ‘अतिथि वक्ता के रूप में सम्मानित’ समर्पयामि फाउण्डेशन टीकमगढ़ द्वारा (01.9.2020)

(84) ‘काव्य गौरव सम्मान’ अ.भा.कवि मंच गंजबसौदा (म.प्र.) द्वारा सम्मानित (5.11.2020)

(85) ‘काव्य सारथी’ अ.भा.कवि मंच गंजबसौदा,विदिशा (म.प्र.) द्वारा सम्मानित (15.1.2021)

(86) बुंदेली साहित्य,संस्कृति एवं कलापीठ ,पृथ्वीपुर द्वारा ‘सम्मानित (14.1.2021)

(87) ‘साहित्य भूषण’श्री सीताराम नायक स्मृति दिवस समारोह,झाँसी (उ.प्र.) द्वारा सम्मानित(7.2.2021)

(88) डाॅ.सतीश दुवे स्मृति लघुकथा सम्मान-2021,भारतीय लघुकथा विकास मंच,पानीपत(हरियाणा)-8.5.21

(89) योग्यता प्रमाण पत्र’ हिन्दी दिवस- 2021 गोकुलदास हिंदू गल्र्स कालेज, मुरादाबाद दिनांक-17.9.2021

(90) ‘‘बुंदेली प्रवीण’’सम्मान बुंदेली कवि मंच बुल्देलखण्ड द्वारा  (15.12.2021)

(91) महाराज खेतंसिंह खंगार जयंती पर प्रथम कवि सम्मलेन टीकमगढ़ में सम्मानित (27.12.2021)

(92) ‘बुंदेली विभूति सम्मान बुंदेली कवि मंच बुल्देलखण्ड द्वारा‘ (23.01.2022)

(93) राम चिरैया सम्मान-2022’ राज रचना कला एवं साहित्य परिषद् रायपुर द्वारा (08.04.2022)

(94) 'साहित्य संवाहक’ तुलसी साहित्य अकादमी सम्मानित टीकमगढ़ द्वारा अंलकृत(17.04.2022)

(95) संत शिरामणि सूरदास जी साहित्य सम्मान मीरा सूर सृजन समिति छतरपुर द्वारा(2.10.2022)

(96) ‘काव्य श्री सम्मान’ मीरा सूर साहित्य सृजन समिति, पृथ्वीपुर द्वारा ‘सम्मानित (13.11.2022)

(97) ‘विशिष्ट अतिथि सम्मान’ म.प्र.नामदेव क्षत्रिय एकता परिषद् जबलपुर द्वारा (6.11.2022)

(98) ‘समाज प्रतिभा सम्मान’ म.प्र.नामदेव समाज जबलपुर द्वारा (6.11.2022)

(99) ‘साहित्य संवाहक’’उपाधि अ.भा. साहित्य परिषद् टीकमगढ़ द्वारा अंलकृत (20.3.2023)

(100) ‘स्लूट टू दा लिटरेयरी सर्विस आॅफ दी राइटर सम्मान’ वर्चूअल वेल्यू द्वारा (20.3.2021)

(101) 52 Week Writing Challenge Certificate of participation,Story Mirror(18-4-2021)

(102) Certificate of Appreciation Literary Captain in the "Army of Literary Warriors" at Story Mirror (21-1-2022)

(103) Certificate 'Best Artical of writter' ,Shabd.in (29-3-2022)

(104) डाॅ. शंकरलाल शुक्ल बुन्देली काव्य सम्मान-2024’( डाॅ. शंकरलाल शुक्ल बुन्देली शोध   एवं साहित्य संस्थान भाण्डेर जिला दतिया (म.प्र.) द्वारा सम्मानित ( दिनांक- 25.2.2024)

(105) स्वदेशी जागरण मंत्र द्वारा स्वदेशी मेला टीकमगढ़ द्वारा सम्मानित (दि.-12.3.2024)

(106) प्रमाण पत्र-अ.भा.इतिहास संकल्प योजना,महाराजा छत्रसाल स्मृति न्यास एवं प. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ बुन्देलखण्ड़ विश्वविद्यालय झाँसी द्वारा सम्मानित (दिनांक-24.3.2024)

(107) ‘अवध ज्योति सृजन सम्मान- अवध भारती संस्थान लखनऊ द्वारा सम्मानित (28.8.2024)

(108) 'प्रभाकर साहित्य सम्मान', मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ द्वारा (दिनांक -4.11.2024)

(109) पाठ्यक्रमों में अनेकों रचनाएँ शामिल एवं अंग्रेजी, बंगला, पंजाबी,मराठी, उर्दू, बघेली, बुंदेली आदि भाषाओं एवं बोलियो में ,अनेक रचनाएँं में अनुदित।

 आदि 200 से अधिक सम्मान प्राप्त।


सम्प्रति:-
(1) संपादक- 'आकांक्षा पत्रिका 
(2) संपादक- 'अनुश्रुति बुंदेली त्रैमासिक ई-पत्रिका
  (3) अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ जिला इकाई
टीकमगढ़ (सन 2002 से अब तक) 
(4)- अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
(5)एडमिन- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
(6) डायरेक्टर- आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़
(7)- पूर्व महामंत्री- अ.भा.बुंदेलखंड साहित्य एवं संस्कृति परिषद टीकमगढ़
     पता     :-संपादक 'आकांक्षा पत्रिका,नई चर्च के पास,शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़,म.प्र.(भारत) 
 मोबाइल-9893520965, 8871215545  

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प्रमुख सम्मानों की झलकियां-


सोमवार, 2 दिसंबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी-व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (12)

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का 
                    व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (12)
                              (सन्दर्भ-तेजपाल और महिला पत्रकार का आरोप)

    (12)- भेडिये की खाल में-
        तेजपाल
        पत्रकारिता की आड में,
        भेडिये की खाल।
        कोशिश की थी
        उड़ाने की माल से माल,
        लो हो गये खुद ही
        अब इज़्जत से कंगाल।।
            000
    
     राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
    संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
      अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
    शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
       पिन:472001 मोबाइल-9893520965
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गुरुवार, 28 नवंबर 2013

मुक्तक-राजीव नामदेव राना लिधौरी

                मुक्तक-
मिले सब तुझे दिल में बसाकर देखिए।
उसके दर पे सर झुकाकर देखिए।।
हर जगह मिल जायेगा वो भी तुम्हें।
जिस तरफ नज़रें  उठाकर देखिए।।
            0000
-राजीव नामदेव ''राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र..लेखक संघ
नर्इ चर्च के पीछे,षिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (म.प्र.) पिन कोड-472001
मोबाइल न.-9893520965

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रविवार, 24 नवंबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी-चुनाव कविता-''गंगा नहाये

कविता-''गंगा नहाये
सरकारी कर्मचारी,
हाय! कैसी ये लाचारी।
चुनाव में लगी डृयूटी,
अब कैसे रहे ब्यूटी।
जिंदा वापिस आये,
तो समझों गंगा नहाये।
डयूटीके नाम से तो,
बुखार ही चढ़ जाये।
ऐसे चुनाव से तो राम बचाये।।

-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
        संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
       अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
      शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)
        भारत,पिन:472001 मोबाइल-9893520965
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गुरुवार, 21 नवंबर 2013

नेता और चुनाव-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का
व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (11)

(सन्दर्भ-नेता और चुनाव)
(11)- चुनावी 3 क्षणिकाएँ
    (1)               
बेशर्मी कैसी लादी,
धन की करें बरवादी,
फिर भि तन पर है खादी।।
      (2)
नेता कभी न शर्माये,
खूब वोट झटकने को,
वादे ही कर पाये।।
     
     (3)
नेता तो शैतान है,
पैसों की खदान है,
बनता बड़ा महान है।।
     राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
    संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
      अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
    शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
       पिन:472001 मोबाइल-9893520965
    E Mail-   ranalidhori@gmail.com
 Blog - rajeev  rana lidhori.blogspot.com
   

रविवार, 3 नवंबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी के इंटरनेट पर उनके ब्लाग

प्रेस विज्ञपित   

      अब 'राना लिधौरी की कविताएँ 'इंटरनेट पर उनके तीन ब्लागों में पढे़-


टीकमगढ़ म.प्र. की सुप्रसिद्ध साहितियक संस्था 'म.प्र.लेखक संघ की जिला इकार्इ टीकमगढ़ जिलाध्यक्ष एवं ख्याति प्राप्त कवि राजीव नामदेव 'राना लिधौरी की कविताएँ उनके चाहनेवाले अब इंटरनेट पर उनके ब्लाग पर भी पढ़ सकते है। इसके लिए गूगल पर राजीवरानालिधौरी डाट ब्लागस्पाट डाट काम (www.rajeevranalidhori.blogspot.com)  टाइप करे। राजीव नामदेव 'राना लिधौरी के  हास्य व्ंयग्य पढ़ने के लिए इंटरनेट पर उनके निम्न ब्लाग पढे़।  इसके लिए गूगल पर व्यंग्य संसार डाट ब्लागस्पाट डाट काम (www.vyangsansar.blogspot.com)  टाइप करे।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी के  बुंदेली बोली में आलेख व रचनाएँ पढ़ने के लिए इंटरनेट पर उनके निम्न ब्लाग पढे़।  इसके लिए गूगल पर बुंदेलखण्डनालेज डाट ब्लागस्पाट डाट काम (www. bundelkhandknowlege. blogspot.com) टाइप करे।राजीव नामदेव राना लिधौरी 'फेशबुक पर भी उपलब्ध है 'फेशबुक पर उनके 330 से अधिक फालोवर है।
गौरतलब हो कि राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' के ब्लाग को पढ़ने वाले पाठक भारत के साथ-साथ भारत के साथ-साथ अमेरिका,रूस, मलेशिया, जर्मनी, द.कोरिया, नीदरलैंड, बि्रटेन, सिवडजरलैंड, फ्र्रांस,यूक्रेन,साउदी अरव,ब्राजील,आदि देशो के पाठक है। नगर की सुप्रसिद्ध साहितियक संस्था 'म.प्र.लेखक संघ की जिला इकार्इ टीकमगढ़ द्वारा प्रकाशित जिले की एकमात्र साहितियक पत्रिका 'आकांक्षा को अब इंटरनेट पर ब्लाग में भी पढ़ा जा सकता है। इसके लिए गूगल पर  आकांक्षा टीकेजी डाट ब्लागस्पाट डाट काम (www.akankshatkg.blogspot.com)  टाइप करे। 'आकांक्षा के इंटरनेट संस्करण का संपादन राजीव नामदेव 'राना लिधौरी व विजय कुमार मेहरा ने संयुक्त रूप से किया है। गौरतलब हो कि मात्र दो माह से भी कम समय में अब तक 1000 पाठकों ने इंटरनेट पर 'आकांक्षा पत्रिका को पढ़ चुके है पाठकों में भारत के साथ-साथ अमेरिका, दुबर्इ, यूएर्इ, आस्ट्रलिया, पाकिस्तान, रूस़, आदि विदेशों के पाठक भी शामिल है।

राजीव नामदेव राना लिधौरी-दीपावली

    दीपावली पर
राना लिधौरी के 5'हाइकू

    1
शुभ दिवाली,
गरीबों की लाचारी।
अमीरों की चाँदी।।
    2
माटी के दिये,
दीपावली के आते।
खुश हो लिये।।
    3
दीपक बन,
तुम अतं:मन में।
उजाला करो।।
    4
मायूस न हो,
उम्मीदों के दीप तो।
रोशन करो।
    5
तम भगाये,
आओ हम स्नेह का।
दीप जलाये।।

-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
 अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)
भारत,पिन:472001 मोबाइल-9893520965   


शनिवार, 2 नवंबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी(10)-रज़ल-''खजाना

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का
व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (10)

(सन्दर्भ-डौडिंयाखेड़ा के सोने का खजाने का सच) 
(10)-रज़ल-''खजाना
मुफ्त में कोर्इ चीज नहीं मिलती।
नहीं हर जगह पे खजाने होते।।
वो तो हर शै मे मौजूद है।
नहीं उसके ठिकाने होते।।
        मूर्ख न होते गर दुनिया मे इतने।
        लोग खजाने के पीछे दीवाने न होते।।
        इंसा को अगर कोर्इ दु:ख दर्द न होता।
        यूं हर जगह पे खुले मयखाने न होते।।
ढूँढ़ सको तो ढूँढ लो तुम यहाँ 'राना।
छिपे इसां के अंदर ही तो खजाने होते।।
        888
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
 अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)
भारत,पिन:472001 मोबाइल-9893520965


बुधवार, 30 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (8) (9)

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का
व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (8)


(सन्दर्भ-डौडिंयाखेड़ा के सोने का खजाना)
(8)-क्षणिका-''सपने


सपने गर सच हो गये होते।
देश में इतने गरीब नहीं होते।।
आलसियों की होती फिर दुनिया।
फिर कोर्इ कर्मवीर नहीं होते।।
        888

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का
व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (9)

(सन्दर्भ-बाबा के सपना मे सोने का खजाना)

(9)-क्षणिका-'बाबा के चक्कर मे

बाबा के चक्कर में बन गये बाबा।
मंदिर मिला न गिरिजा,न मिला काबा।।
बर्तन गवाही दे रहे,था वहाँ पे पहले ढाबा।
अपनी तुकबंदी पूरी हो गयी पढ़ लो बाबा।।
इस देश के बाबाओं को न जाने क्या हो गया।
अब तो कर लो तौबा कह दो न बाबा न बाबा।।
        888
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरीसंपादक 'आकांक्षा पत्रिका अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)भारत,पिन:472001 मोबाइल-9893520965

शनिवार, 26 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (7-नेताओं की औकात

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का
व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (7)

(सन्दर्भ-चुनाव)
(7)-व्यंग्य कविता-''नेताओं की औकात
एक अंग्रेज भारत आया,
ये देखकर चकराया।
कि एक एम.ए. पास लड़का,
बेरोज़गार घूम रहा है।,
नौकरी और रोटी के लिए,
जीवन से लड़ एवं मर रहा है।
लेकिन एक अनपढ़ नेताजी की,
तोंद बढ़ रही है,
जो काले धन से निरन्तर भर रही है।
फिर भी देश की गरीब जनता,
इस बात से अनजान है।
उनके लिए तो सिर्फ भगवान है।
हर नेता गरीबों का खून चूसता है,
करोड़ों रुपए कमाता है।
और जाकर विदेशों में रख आता है।
और जब नेता मरता है तो उसे केश करते हंै।
इसीलिए तो कहते है कि-
कुछ नेताओं की अक्ल घुटनों में होती है,
और जब घुटनों मे तकलीफ होती है,
तो वे इलाज कराने विदेश जाते हंै,
और वहाँ से मुफ्त में एडस लाते हंै।
फिर पूरे देश में दौरा करके यही लोग फैलाते हंै।
आप ही सोचिए कि क्या -
आम आदमी कभी विदेश घूम सकता है।
नेताओं सा ऐश कर सकता है।
मैं तो कहता हूँ कि कुछ नेताओं ही,
असल बीमारी की जड़ है,
क्याेंकि इनका दिमाग गया सड़ है।
इसीलिए इनका दिमाग तो है नहीं,
ये केवल धड़ है।
तभी तो ये धड़ लिए फिरते है,
क्योंकि धड़ में तो तोंद रहती है।
जिसमें सारी दुनिया की,
दौलत समा सकती है।
इसलिए तो ये पैसों के लिए,
लड़ते व मरते है।
और सिर्फ ये गुण्ड़ों,डाकूओं से ही डरते है।
क्योंकि ये ही इनका पैसा हरते है।
        888
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
 अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)
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बुधवार, 23 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं (6)-नारायण सार्इ तुमको शर्म नहीं आर्इ-

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का
व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं


(सन्दर्भ-नारायण सार्इ का पुलिस से बचते फिरना)

(6)-नारायण सार्इ तुमको शर्म नहीं आर्इ-

नारायण सार्इ, कब तक बचते फिरोगे।
दुनिया है गोल, कहीं पे तो मिलोगे।।
अभी भी वक्त है, तुम सलेण्डर कर दो।
अपने सारे गुनाह खुद कबूल करलो।।
अदालत तुम पर रहम खा जाये।
शायद तुम्हारी सजा कम हो जाये।।
वर्ना जिस दिन लिये जाओगे दबोच।
तुम्हारी ली जायेगी फिर दाढ़ी नोच।।
पुलिस फिर भर देगी खाल में भूसा।
कुछ तुम्हारे दिमाग में खुसा।।
        888
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
 अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
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सोमवार, 21 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का व्यंग्य स्तम्भ-(5) शर्म इनको मगर आती नहीं

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का
व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं

(सन्दर्भ-र्इशांत शर्मा द्वारा एक ओवर में 30 रन देने पर)
 
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का व्यंग्य स्तम्भ-(5) शर्म इनको मगर आती नहीं-
शर्मा जी कुछ तो शरमाते-
उनके मामूली से बालर ने
हमारे एक टाप बालर की,
रूर्इ की तरह इतनी की धुनार्इ,
कि शर्मा होते हुए भी उनको
जरा भी शर्म नहीं आयी।
मैच हराने की बताओ भार्इ,
तुमने कितनी रकम है खायी,
ये तो हद हो गयी।
लगता है मैच फिकिसंग हो गयी।
लाज शर्म क्रिकेट से तो अब खो गयी ।
भारतीय क्रिकेट की आत्मा ही रो गयी।।
        888
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
 अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)
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शनिवार, 19 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी-व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं-4-'सरकार सो रही है


व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं

    (4)  ''सरकार सो रही है
मँहगार्इ डायन जनता को खा रही है।
सबिज़्यों पर शीला की जवानी छा रही है।।
प्याज मुन्नी मुफ़्त में बदनाम हो रही है।
इस देश की सरकार अभी सो रही है।।

कजऱ् मेंं डूबा,नकली खाद-बीज़ पाकर,
किसानों की आत्मा यहाँ रो रही है।
इस देश की सरकार अभी सो रही है।।

लहसुन पे अमीरी बहुत छा रही है।
क्रिकेट में खिलाडि़यों की सेल हो रही है।
इस देश की सरकार अभी सो रही है।।

इंसानियत इस जहाँ से अब खो रही है।
नेताओं के घोटालों की हद हो रही है।
इस देश की सरकार अभी सो रही है।।

-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
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शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2013

व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं-(3)''चुनावी काँव-काँव राजीव नामदेव 'राना लिधौरी

व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं

(3)''चुनावी काँव-काँव
फिर से होने लगी है
काँव-काँव।
पास आने लगे हैं,
चुनाव-चुनाव।
जो घूमते है,
कारों और जहाजों में,
वे फिरने लगे हैं,
पाँव-पाँव।
लेकर झूटे वादों का जाल,
दौरा करने लगे हैं,
गाँव-गाँव।
शहरों में आदमी के
जंगल है बहुत घने,
मिलती नहीं अब
वृक्षों की शीतल
छाँव-छाँव।।
 000000
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
 अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)
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गुरुवार, 17 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी-व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं-(2) चंद पैसों में-

व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं

    (2)    चंद पैसों में-

वे अगर चंद पैसों में न बिक जाते।
तो 'रतनगढ़ जैसे हादसे न हो पाते।।

वाहन हर वार की तरह दूर रोक लिये जाते।
तो इतने निर्दोष यूं ही न मारे जाते।।

सरकार देती है वेतन, अरे कुछ तो भंजाते।
वर्दी की इज़्जत न यूं धूल में मिलाते।।

कम से कम धार्मिक स्थानों में तो न कमाते।
कह 'राना कविराय कुछ तो लाजशर्म खाते।।
000000
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
 अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)
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बुधवार, 16 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'-व्यंग्य स्तम्भ -1- शर्म इनको मगर आती नहीं

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'-व्यंग्य स्तम्भ -1- शर्म इनको मगर आती नहीं

व्यंग्य स्तम्भ-शर्म इनको मगर आती नहीं
(1)   
अब उन्हें,
जनता खूब भाने लगी है।
तिथि चुनाव की
नजदीक आने लगी है।।
000000
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
 अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)
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शनिवार, 5 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव ''राना लिधौरी-व्यंग्य-'कवि का पत्नी को प्रैमपत्र

 व्यंग्य-    ''कवि का पत्नी को प्रैमपत्र
           
        प्रिय 'कविता,                
                प्यार की एक मींठी शायरी,
        जब से तुम मेरे 'साहित्य रूपी दिल में प्रवेश करके  अपने मायके गर्इ हो तब से, मैं तुम्हारी जुदार्इ का ग़म'कागज़ पर लिख-लिखकर घर में कागज़ के पहाड़ बना रहा हूँ, मैं जानता हूँ कि तुम मेरी 'ग़ज़ल का 'मिसरा बनकर किसी अन्य शायर के दिल (मायके) में इस समय रह रही हो, लेकिन,मेरे दिल से पूछो कि मेरी हर ग़ज़ल तुम्हारी याद में बिना 'काफिये के तडप रही है,और एक तुम हो कि अभी आने का नाम ही नहीं ले रही हो. मैं जानता हूँ कि तुम 'विलंब से किसी 'संपादक की 'खेद सहित रचना की तरह ही आओगी, लेकिन तुम मेरे दिल की धड़कन को 'उपन्यास के पन्नों की तरह क्यों बढ़ा रही हो ?
        हे,मेरी 'शायरी  की सुन्दर सी 'ग़ज़ल तुम शीघ्र ही वापस आ जाओ. मैं तुम्हें किसी 'संपादक की तरह बार-बार पत्र डालकर थक गया हूँ. कभी तो तुम मेरी 'रचना की स्वीकृति भेज दिया करो ताकि मुझे थोड़ी सी तसल्ली हो जाया करे.
        ओ, मेरी प्यारी 'पत्रिका रूपी प्रिया,,मुझे तुम्हारा 'पेन की तरह कद,'कहानी की तरह बोलना और 'अक्षर की तरह सलोना रूप बहुत याद आ रहा है. मैं जानता हूँ कि तुम मायके में खा-खाकर 'ग़ज़लसे कोर्इ मोटी 'उपन्यास बनकर ही मेरी नयी विधा के रूप में वापस आओगी,इसलिए तुम मेरी ग़ज़ल ही बनी रहो और हो सके तो अपना वज़न कम करके मेरी 'लघु कविता या 'क्षणिका ही बन जाओ तो मुझे बहुत खुशी होगी.
        हे,मेरे 'साहित्य की जननी, मुझे विश्वास है कि तुम मेरे पत्र को 'संपादक की नज़र से न देखकर अपने प्यारे पति के रूप में ही देखोगी और ठीक उसी तरह वापिस आ जाओगी जैसे 'संपादक मेरी रचना को शीघ्र ही वापिस लौटा देते है. मुझे उम्मीद हैं कि तुम मेरी पत्र रूपी रचना को अपने दिल रूपी 'पुस्तक में अवश्य ही 'प्रकाशित करोगी।
        हे, मेरे 'काव्य की अनमोल कृति प्रिया, तुम शीघ्र ही वापिस आा जाओ. जाने कब तुम्हारे पिता रूपी 'प्रकाशक मेरी इस 'ग़ज़ल को अपने रखेगे. वहाँ तुम्हारे मायके में तुम्हारी माँ और सहेलियाँ न जाने क्या-क्या सिखा कर अपनी 'समीक्षा रूपी सलाह देकर तुम्हें कब ससुराल भेजेगी. तुम उनकी 'आलोचना पर ध्यान न देकर सीधे मेरे पास चली आओ. मैंने तुम्हारी याद में 108 नयी रचनाएँ लिखी है, यदि तुम शीघ्र नहीं आयी तो, मैं प्रत्येक रचना को 108 बार सुनाऊँगा,फिर मत कहना कि हमें पहले से बताया ही नहीं था.इसलिए भलार्इ इसी में है कि तुम यहाँ पर मेरे पास रह कर ही रोज़ एक-एक रचना ही सुनो. आगे तुम्हारी मर्जी.
        कोई ग़लती हो गयी हो तो सौरी।
        तेरे प्यार में पागल'राना लिधौरी।।

   राजीव नामदेव ''राना लिधौरी,टीकमगढ़,(म.प्र.)         laiknd ^vkdka{kk* if=dk 

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गुरुवार, 3 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी की अब तक प्रकाशित पुस्तकें

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी की अब तक प्रकाशित पुस्तकें                      
                      




                                            1-  'अर्चना (कविता  संग्रह)
टीकमगढ़ के युवा कवि राजीव नामदेव 'राना लिधौरी के  छात्र जीवन (सन 1997) में लिखा कविता संग्रह 'अर्चना 32 पेज में 23 विविध रंगों में रचित बाल कविताएँ संपादक के नाम से मात्र 25 रु.का एम.ओ.भेजकर प्राप्त करें।



                                             
                                                 2- 'रजनीगंधा (हिन्दी हाइकु संग्रह)
टीकमगढ़ के साहित्यकार राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का सन 2008 में लिखा हुआ। सन 2011 में 2100 रू. का 'स्व.पं.राधिका प्रसाद पाठक हाइकु सम्मान 2011 प्राप्त, बहुचर्चित हिन्दी हाइकु संग्रह 'रजनीगंधा 64 पेज में 250 हाइकुओं का मज़ा मात्र 35 रु.का एम.ओ.संपादक के पते पर। भेजकर प्राप्त करें।


                                             
                                                3- 'नौनी लगे बुन्देली
                                         (विश्व का'बुन्देली में प्रकाशित पहला हाइकु संग्रह)
टीकमगढ़ (म.प्र.) के बहुचर्चित युवा कवि राजीव नामदेव 'राना लिधौरी का सन 2010 में रचित विश्व में 'बुन्देली का पहला हाइकु संग्रह 'नौंनी लगे बुन्देली जिसमें 88 पेज में 100 'बुंदेली हाइकु एवं राना लिधौरी का सम्पूर्ण परिचय पढ़ें। मात्र 80 रु. का एम.ओ. भेजकर प्राप्त करें। संपादक के पते पर प्राप्त करे।

बुधवार, 2 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी टीकमगढ़-'बज्मे अदब के मुशायरे में ग़ज़ल पढ़ते Date-1-10-2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी टीकमगढ़
टीकमगढ़-'बज्मे अदब के मुशायरे में ग़ज़ल पढ़ते शायर राजीव नामदेव 'राना लिधौरी 
अजी वोटो की ख़्ाातिर ही तो वो दंगे कराये हैं।
यही तो वो मसीहा है जिन्होने घर जलाये हैं।।
न इनका कोर्इ इमां है न होता कोर्इ धर्म।
जनता को कैसे ये तो, उल्लू बनाये हैं।।
भूकों मरे ग़रीब तो परवाह नहीं इन्हें।
दौलत से भूक,प्यास को रम से बुझाये हैं।।
नेताओं उर पुलिस की तो ज़ात एक सी है।
जनता को ये तो खूब ही चूना लगाये हैं।।
मासूमियत पै इनकी न जाना कभी 'राना।
सच में ये गुनहगार है जो सर झुकाये हैं।।

मंगलवार, 1 अक्टूबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी-अन्तरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर- कविता-''अनुभव की रेखा़

अन्तरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर-   
कविता-''अनुभव की रेखा़
            जीवन पथ पर,
            अमिट छाप सी लगती है।
             माथे पर दिखती है।
            दाढ़ी,बत्तीसी भी तो,
            अब हिलती सी लगती है।
            सर पर सफेद चाँदी से सजी,
            अनुभव की मोहर लगती है।
            देखा सब कुछ इन आँखों से,
            मुझे तो यह माता,मरियम,
            मदर टेरेसा सी लगती है।।
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        -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
        संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
        अध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ
    शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
     पिन:472001 मोबााइल-9893520965

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सोमवार, 30 सितंबर 2013

म.प्र.लेखक संघ 'हिन्दी पर केनिद्रत 176वीं गोष्ठी हुर्इ

पंजीयन क्रंमाक-1995 दिनांक 8.12.70
    
मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला इकार्इ टीकमगढ़ (म.प्र.)
कार्यालय-22547 नर्इ चर्च के पीछे,शिवनगर कालोनी,कुँवरपुरा रोड़,टीकमगढ़,मोबाइल-9893520965
अध्यक्ष-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी(मोबा.9893520965)    सचिव-रामगोपाल रैकवार (मोबा.8085153778)
म.प्र.लेखक संघ 'हिन्दी पर केनिद्रत 176वीं गोष्ठी हुर्इ-
                          (म.प्र.लेखक की 176वीं गोष्ठी)
  टीकमगढ़ नगर की ख्यातिप्राप्त सुप्रसिद्ध साहितियक संस्था म.प्र.लेखक की 176वीं गोष्ठी राजभाषा'हिन्दी पर केनिद्रत जिला पुस्तकालय में आयोजित की गयी जिसकी अध्यक्षता ख्यातिप्राप्त साहित्यकार प.ंहरिविष्णु अवस्थी ने की तथा मुख्य अतिथि दतिया के कवि डा. राजेन्द्र सिंह खेंगर व विशिष्ट अतिथि अवधबिहारी श्रीवास्तव रहे। प्रथम दौर में बी.एल.जैन,हरेन्द्रपाल सिंह,आर.एस.शमा,पं.हरिविष्णु अवस्थी,देवेन्द्र अहिरवार(दिगौड़ा) ने हिन्दी पर अपने विचार रखे।
दूसरे दौर में कवि गोष्ठी का शुभारंभ पूरन चन्द्र गुप्ता ने सरस्वती की वंदना से किया-
वीणा वीणावादिनी माँ शारदे वर दे वीणावादिनी।
ग्राम नदनवारा से पधारे गीतकार शोभाराम दांगी 'इन्दु ने सुनाया-
                                     आओ भइया तुम्हें सिखायें हिन्दी हिन्दुस्तान की।
                                     अग्रेंजों की भाषा छोडो सीखों हिन्दुस्तान की।।
रामेश्वर राय 'परदेशी ने गीत पढ़ा- हिन्दी नहीं हिन्दुओं की ये भाषा हिन्दुस्तान की।
                       है धोतक सदभाव एकता भारत के सम्मान की।।
म.प्र. लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव 'राना लिधौरी ने 'हिन्दी पर कविता पढ़ी-   
            हम 'अंग्रेजी तारीख में 'हिन्दी दिवस मनाते है,
             और हिन्दी हिन्दी का शोर मचाते है
            और घर आकर सब भूल जाते है।
मुख्य अतिथि दतिया शहर से पधारे डा. राजेन्द्र सिंह खेंगर ने ग़ज़ल सुनायी-
                                                  कुत्ते से डर जाये वो हाथी नहीं होते।
                                             आपतित में भाग जाये वो साथी नहीं होते।।
नवोदित कवि रिजवान खान रचना पढ़ी-     गफ़लतों के  साये में वो बहाना तलाश करता है।
                                                              वह सुर के नए अंदाज़ में तराना तलाश करता है।।
अमिताभ गोस्वामी ने पढ़ा-हम जानवरों को भले ही दे हिन्दी की सौगात।
                                    पर खुद तो ले हिन्दी को आत्मसात।।
परमेश्वरीदास तिवारी हास्य कविता सुनायी- मैंने कहा पंडि़त जी कल मेरे निवास पर पधारिये।
                        मेरे पिता का श्राद्ध है,वही भोजन कीजिए। पंडि़त जी बोले पहले मीनू बताइये।
सियाराम अहिरवार ने कविता सुनायी-    जिसकी अभिव्यकित में सौदर्य का बोध होता है।
 जिसके शब्द भण्डार का निरन्तर शोध होता है वो हिन्दी है।
ग्राम लखौरा से पधारे कवि गुलाब सिंह यादव 'भाऊ-भगवान तुमने जौ का करो,
                                                            उर्दा नइ फरो,किसान खो कजऱ् धरौ।।
शांतिकुमार जैन 'प्रियदर्शी-सघन वन और ये अंधेरे,मूक निमंत्रण छलता है।
                                      अभी कहाँ विश्राम हुआ है मीलो दूर चलना है।
    कवि भान सिंह बुन्देली में रचना पढ़ी-    प्यारी लगत नाक में बारी-बारी डरी खारी।
गीतकार प्रसन्न जैन 'माँ केनिद्रत गीत पढा़ तथा विजय मेहरा ने उसकी 'शादी हो गयी व्यंग्य रचना पढ़ी।
इनके आलावा अवध विहारी श्रीवास्तव, खेमराज माझी, हाज़ी ज़फ़रउल्ला खां 'ज़फ़र, हाजी अनवार वीरेन्द्र चंसौरिया,लालजी सहाय श्रीवास्तव,कमलेश राय,सुश्रुत तिवारी आदि ने भी अपने विचार रखे। गोष्ठी का संचालन अजीत श्रीवास्तव ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन रामगोपाल रैकवार 'कँवल ने किया।                                            
                                    रपट- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
                ,                अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,मोबाइल-9893520965,