तिड़ी-बिड़ी
तिड़ी-बिड़ी
(बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 23-05-2021
टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
मोबाइल-9893520965
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
अनुक्रमणिका-
1- एस. आर. 'सरल', टीकमगढ़
2-कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
3- परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)
4- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
5-रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)
6-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)
7-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
8-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
09- डां रेणु श्रीवास्तव, भोपाल (मप्र)
10-डां सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
11-रामानन्द पाठक,नैगुवा(म.प्र.)
12-अशोक पटसारिया 'नादान' लिधौरा (टीकमगढ़)
13-डॉ. शरद नारायण खरे, मंडला (मप्र)
14-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)
15- गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा, टीकमगढ़ (मप्र)
प्रतियोगिता के अतिरिक्त सप्लीमेंट्री
16- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
17- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
18-रामलाल द्विवेदी प्राणेश, चित्रकूट, कर्बी (उप्र)
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
1-एस. आर. सरल, टीकमगढ़ (मप्र)
स्याने सुलझे सुगर नर,
इकमत घर कर लेत।
सट गमार परिवार खों,
तिड़ी बिड़ी कर देत।।
***
मौलिक एवं स्वरचित
-एस आर सरल,टीकमगढ़
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
द्वितीय स्थान प्राप्त दोहा-
कोरोना पीछें परौ ,
गर्रा रओ है यैंन ।
नासमिटे ने कर दियौ ,
तिडी़-बिडी़ सुख चैंन ।।
***
-कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर,निवाडी़ (मप्र)
( मौलिक एवं स्वरचित )
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
3- परम लाल तिवारी, खजुराहो
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
4- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
तृतीय स्थान प्राप्त दोहा
तान तमूरा की गई,
भूले ठुमरी,ख्याल।
राग अलापे कुरोना,
तिडी बिड़ी सुर-ताल।।
- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄
5-रामेश्वर प्रसाद गुप्त, बड़ागांव, झांसी
तृतीय स्थान प्राप्त दोहा-
तिडी़ बिडी़ सब हो गये,
रोजगार ब्योपार।
तालाबंदी हर तरफ,
कोरोना की मार।।
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
6-प्रभुदयाल श्रीवास्तव 'पीयूष', टीकमगढ़
मौज करत रय सोंज में,
छाई रही बहार।
फांट परी सो हो गऔ,
तिड़ी बिड़ी परबार।।
-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄
7-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा
पिड़े-पिड़ें दम घुट रही,
तिड़ी बिड़ी घर द्वार।
बारें कड़तन पुलिस के,
डंडा परबें चार।।
-**
#मौलिक एवम् स्वरचित#
-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
8-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
09- डां रेणु श्रीवास्तव, भोपाल (मप्र)
नकली इन्जेक्शन बना,
कर रय सत्यानाश ।
तिड़ी बिडी हो जात हैं,
पुलिस देख बदमाश ।।
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
10-डां सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
तिड़ी बिड़ी कर के गओ ,
जो कोरोना काल।
लाशें नदियों में डरीं ,
जीवो भओ मुहाल।।
***
-डॉ सुशील शर्मा ,गाडरवारा
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
11-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा,
रामदूत लंका गये,
सिया देख हरसांस।
तिडी बिडी बाटिका भइ,
लंका सत्यानांस।।
*****
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा,
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
12-अशोक पटसारिया नादान ,लिधौरा ,टीकमगढ़
13-डॉ. शरद नारायण खरे, मंडला (मप्र)
तिड़ी-बिड़ी सबरे भये,
निकर भगौ जब सांप।
सबने खतरे कौ लयौ,
भौत ठीक से भांप।।
***
-डॉ. शरद नारायण खरे, मंडला (मप्र)
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
14-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)
दोहा - तिडी -बिडी सब हो गया,
धंधों -पानी काज ।
कितै जांय का -का करैं,
विगरे सबइ मिजाज ।।
***
-शोभाराम दाँगी नंदनवारा
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
15- गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा, टीकमगढ़ (मप्र)
तिड़ी बिड़ी करदेत है,
पुलिस भीड़ के लोग।
बड़ ना पाबै देश में,
कोरोना को रोग।।
***
गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा, टीकमगढ़ (मप्र)
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
16-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)
प्रतियोगिता के अतिरिक्त दोहा-अप्रतियोगी-
*सप्लीमेंट्री दोहा-*
*बिषय- तिडी- बिडी*
तिड़ी-बिड़ी कर देत है,
सबके जै अनुमान।
जाने की के भाग में,
मिलने जौ सम्मान।।
**22-5-2021
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी"
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
18-रामलाल द्विवेदी प्राणेश, चित्रकूट, कर्बी (उप्र)
प्रतियोगिता के अतिरिक्त दोहा-अप्रतियोगी-
🙏एक सप्लीमेंट्री और🙏
तिड़ी बिड़ी व्योपार सब,
बन्द पड़े स्कूल।
रुके रोज के काम सब,
रये अधर में झूल।
कितना सफल हुआ हूं देखें।
***
-रामलाल द्विवेदी प्राणेश, चित्रकूट, कर्बी (उप्र)
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