कुतका
कुतका
(बुंदेली दोहा संकलन) ई बुक
संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 8-05-2021
टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
मोबाइल-9893520965
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
अनुक्रमणिका-
1- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
2- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
3- एस. आर. 'सरल', टीकमगढ़
4-अशोक पटसारिया 'नादान' लिधौरा (टीकमगढ़)
5-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)
6- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
7-कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
8-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
9-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
10-डां सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
11-रामानन्द पाठक,नैगुवा(म.प्र.)
12-रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)
13- डॉ. रेणु श्रीवास्तव, भोपाल(म.प्र.)
14-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)
15- परम लाल तिवारी, खजुराहो (मप्र)
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
1- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
*बिषय बुंदेली दोहे -"कुतका"
सप्लीमेंट्री अप्रतियोगी-
कुतका बेइ दिखात है,
जो भूलत ऐसान।
ऐसे धोखेबाज की,
करलो तुम पैचान।।
***
*@ राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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2- रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
मोसें तौ लै जात ते,
वे पइसा जब चाय।
मैंने माँगे एक दिन,
कुतका दऔ बताय।।
***
रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़
मौलिक-स्वरचित।
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3-एस आर सरल,टीकमगढ़
नेता झाँसे में फ़सा,
जनतै भरमा लेत।
अपनौ उल्लू सादकै,
कुतका पकरा देत।।
***
मौलिक एवं स्वरचित
-एस आर सरल,टीकमगढ़
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4-अशोक पटसारिया नादान ,लिधौरा ,टीकमगढ़
5-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़,(म.प्र.)
द्वितीय स्थान प्राप्त दोहा
सादत रय जी जान सें,
सिर पै सरग उठाव।
उनने सो मौका परें ,
कुतका हमें बताव।।
-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
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6- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
तृतीय स्थान प्राप्त दोहा
कुतका पे है देश जो,
और देश के लोग।
सत्ता सुख, मद सें बड़ो,
नहीं कुरौना रोग ।।
- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
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कुतका छाप काट रये ,
पढे़ लिखन के कान ।
राजनीति की खोल कें ,
केवल एक दुकान ।।
***
-कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर,निवाडी़ (मप्र)
( मौलिक एवं स्वरचित )
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8-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा
कुतका नैंया तका में,
तकें और की आस।
नीरें पौचौ कुआँ के,
तभी बुझेगी प्यास।।
-**
#मौलिक एवम् स्वरचित#
-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)
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9-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
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10-डां सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
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11-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा,
कुतका है हथियार एक,
होवै ऊसें खेद।
मुंदी मार वाकी रहै,
हिय में करवै छेद।।
*****
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा,
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
12-रामेश्वर प्रसाद गुप्त, बड़ागांव, झांसी
अपने मन की अब विथा,
की सें कौन बताय।
मंहगाई हर चीज की,
कुतका रही दिखाय।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)
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14-शोभाराम दांगी इंदु, नदनवारा (मप्र)
लरकदौंन में खेलत,
बिगर जात जब बात।
लरन -भिरन लागैं सबइ,
कुतका सबै दिखात ।।
***
-शोभाराम दाँगी नंदनवारा
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15- परम लाल तिवारी, खजुराहो
1 टिप्पणी:
Fantastic good one
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