Rajeev Namdeo Rana lidhorI

शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

स्व.श्री रमेशप्रसाद श्रीवास्तव 'लाला' स्मृति कवि सम्मेलन समग्र सिंहावलोकन टीकमगढ़

date-1-12-2023


कवि सम्मेलन ने समां बाँधा -

टीकमगढ़// नाट्य संस्था पाहुना लोक जन समिति द्वारा कविवर कीर्तिशेष श्री रमेश प्रसाद श्रीवास्तव लाला’ की पुण्य तिथि पर आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने समां बाँध दिया एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट कविताओं का दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। 

        कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि गुणसागर सत्यार्थी (कुण्डेश्वर) ने की तथा एवं संचालन उमाशंकर मिश्र ने किया। इस अवसर पर कवि सम्मेलन के संयोजक संजय श्रीवास्तव एवं अतिथियों ने सभी कवियों का शाल श्रीफल एवं सम्मान पत्र द्वारा सम्मान किया।

कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भोपाल से श्री शैलेंन्द्र बरूआ जी अध्यक्ष पाठ्य पुस्तक निगम केबिनेट मंत्री दर्जा, एवं श्री जितेन्द्र लिटोरिया जी अध्यक्ष खादी ग्रामोद्योग कैबिनेट मंत्री दर्जा (भोपाल) थे।
कवि गोष्ठी का शुभारंभ बाल कलाकार सात्विक श्रीवास्तव ने सरस्वती बंदना के हारमोनियम पर सुमधुर कंठ से तत्पश्चात टीकमगढ़़ के प्रदीप खरे मंजुल ने गीत सुनाया-जिदना हंसा जौ उड़ जानें, देह पड़ी रै जाने।।
टीकमगढ़ से म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने‘ अलंकारमय बुंदेली दोहे पढ़े-
कमरा में कमरा लये, कुकरे डरे किशोर। करया भई कमान सी, कय की सें कमजो़र।।
धैर्य धरो धीरज धरो, भली  करेंगे राम। कष्ट हरे सुखपात है, जो ध्यावै श्री राम।
कवयित्री गीतिका वेदिका ने गीत सुनाया- मेरी आँखों में बसने प्यार चलकर पाँव आया है।
गंगा देश से कोई बेतवा की नाव आया हैं।
सखी झूला चढ़ाओं नीम की अमुबा की डाली पर, बरसता झूमता सावन हमारे गाँव आया है।
प्रभुदयाल श्रीवास्तव ‘पीयूष’ने बुंदेली चौकड़िया पढ़ी-उनके दुर्लभ हो गय दरसन,अखियाँ लागीं तरसन।
जिनके संगे मबइ गाँ में,बने रये हम बरसन।।
संयोजक संजय श्रीवास्त्व‘ ‘वीर’ ने रचना सुनायी- माँ के भीतर घर रहता है घर के भीतर माँं।
बारिश,आंधी तूफां सारे, धरती माँ सी सहती माँ।।
लिधौरा के अशोक पटसारिया ने रचना  पढ़ी-रहे वो शिक्षक बडे़ महान, सादगी थी उनकी पहचान।
शिक्षक अध्यापक गुरु इनमें था ईमान,अनुशासन की छड़ी से देते थे वो ज्ञान।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत सुनाया- यह जिन्दगी है अपनी सुनो दो दिन की कहानी।
नहीं व्यर्थ मिटा देना छोटी सी जिन्दगानी।।
उमाशंकर मिश्रा ने गीत सुनाया- हमारा प्यारा हिन्दोस्ताान, ये अपना भारत देश महान।
हमें ये जाँ से प्यारा हैं,सारे जहाँ से अच्छा भारत देश हमारा है।।
पृथ्वीपुर के डॉ.मैिथली शरण श्रीवास्तव ने बुंदेली गहनों पर कविता पढ़ी-
बिला गऔ बुंदेली सिंगार,हिरानौ कितै नौलख हार।
वैंदा विन सूनौ डरौ लिलार, कितै सिरा गव करधौना लर हतीं जौन में चार।
लखौरा के गुलाब सिंह‘भाऊ’ने चेतावनी सुनाई-आज के लरका बिगरत जा रय,
 वो तो नशा के नशाये रय।।
इनके अलावा गुणसागर सत्यार्थी (कुण्डेश्वर), डॉ. देवदत्त द्विवेदी (बड़ा मलेहरा),सत्यनारायण तिवारी (टीकमगढ़),. एन.के.पुरोहित (कुण्डेश्वर),एवं संजय तिवारी (बड़ा मलेहरा) ने कविताएँ सुनाई, आभार लेखक संघ के पाहुना के संदीप श्रीवास्तव ने माना।
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रिपोर्टिंग -राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’*
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
  अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
संपादक-‘अनुश्रुति’ बुन्देली त्रैमासिक ई पत्रिका
मोबाइल-9893520965

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