Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 26 दिसंबर 2022

नरदा (नाली) बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक संपादक-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़

*बुन्देली दोहा प्रतियोगिता93* *-विषय - नरदा*
 दिनांक-24-12-2022
*प्राप्त प्रविष्ठियां :-*
*1*
सपरन नरदा लौ लगे ,अब रय हल हल काँप।
मूत याव जब देख लव,फूंसत करिया साँप।।
***
प्रमोद मिश्रा, बल्देवगढ़
*2*
नरदा कौ कीरा खुशी,डुपकी रऔ लगाय।
डंड  दऔ  है  राम  नें, डूबै  कउँ उतराय।।
***
          एस  आर सरल, टीकमगढ़
*3*
आँगन  बिच  नरदा   रयै   , रहबै    साला  आन |
दौनउँ  बुरय  बसात हैं  ,   मोखौ    इतनौ   ज्ञान  ||
***
सुभाष सिंघई , जतारा
*4*
अच्छी संगत को असर, देत दोष सब खोय।
नरदा  पानी  गंग  में, मिल  गंगाजल  होय।।
****
-अमर सिंह राय, नौगांव
*5*
पढ़ो-लिखौ आँगें बढ़ो,ज्ञान बनै परछाँइँ।     
बिन पइसा अरु ज्ञान के,जीवन नरदा घाँइँ।।
     ***     
-संजय श्रीवास्तव* मवई (दिल्ली)
*6*
पंचन में विनती करी,खेती द‌ई उजार।
नरदा की विनती करी,पर बखरी गय हार।।
***
-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
*7*
तनकी बखरी देहिया,जामें भरे विकार ।
काम क्रोद्ध मद लोभ ये ,नरदा देय निकार ।।
***
शोभाराम दाँगी, नदनवारा
*8*
फटफटिया लैबे चले,गाने धर ग‌इ कार।
नरदा की‌ बिनती करी,बखरी खों गय हार।।
***
भगवान सिंह लोधी, हटा ,दमोह
*9*
नरदा की विनती करन,गये कचहरी द्वार।
पांसे कछु ऐसे परे,बखरी खों गय हार।।
***
-आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
*10*
नरदा होय गरीब कौ , सबखों खूब वसात ।
पइसा वारे मान्स सें , कोउ कछू नइँ कात ।।
***
   --- कल्याण दास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़
*11*
नरदा की विनती करी,बखरी गय हम हार ।
होरी में गय पंच वे,मौ देखौ व्यौहार।।
***
डा, एम, एस, श्रीवास्तव, पृथ्वीपुर
*12*
देख दवंगइ यार की, भूले सब अधिकार।
नरदा खौं विनती करी, बखरी गय वे हार।।
***
रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी उप्र.
*13*
कत  नरदा  नेता  इतै, कैसे  कै जूँ  आव।
चमक गई मोरी सकल, नेरे खड़ो चुनाव।।
***
~विद्या चौहान, फरीदाबाद
*14*
नरदा  की  विनती  करन, जोरी  ती  पंच्यात।
आ गय बखरी हार कें,अब फिर रय पछतात।।
**
✍️ गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी (बुड़ेरा)
*15*
जा  दिवाइ की मान्यता, बूड़े बड़े बतात।
नरदा में हो लच्छमी,सबके घर में आत।।
***
अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
*16*
पानू मगरे को  बउत, नरदा में हो जाय ।
रोम-कूप तन गंदगी,  बनकें पसी बहाय ।।
***
- श्यामराव धर्मपुरीकर ,गंजबासौदा,विदिशा म.प्र.
*17*
नरदा में सें नेवरौ, रोजउॅं अब घुस आत।
बौ इत्तौ नैचौ भऔ, फिर निकरइ नइं पात।।
***
"हरिकिंकर"भारतश्री, ललितपुर
*18*
घर के नरदा डार रय ,अब नदियॅंन में लोग।
निर्मल जल दूषित भयौ ,रहौ न पीबे जोग।
***
आशाराम वर्मा  "नादान " पृथ्वीपुर
*19*
मन मे बिलछ न मानिये.जो गवार कै जाय।
बाखर मै नरदा कडो. भलऔ बुरौ बै जाय।।
***
बाबूलाल द्विवेदी,छिल्ला,वानपुर
*20*
कैसें यैसे राज में,हुइयै बेड़ा पार।
नरदा की बिनती करें, बखरी जाबें हार।।
***
-डॉ देवदत्तं द्विवेदी, बडा मलेहरा
*21*
नरदा पै हो ,हो रई, रोजउं खूब लडाइ ।
सबसें जादां लरत है , भैया की भौजाइ ।।
****
सियाराम अहिरवार ,टीकमगढ़

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*संयोजक-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़*
आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़

*बुंदेली दोहा बिषय- नरदा*
*1*
#राना  नरदा खौं सदा , जौ बुचका कै रात |
उनकै घर मछरा  बड़े , कानन  में  भिन्नात ||
*2*
#राना नरदा  हौ जितै , नौनों  रखियौ   ढार |
कभउँ जुरै ना गंदगी , ना बीमारी  की  मार ||
*3*
#राना  खाओ गम्म अब , चैन कटन दौ रात |
नरदा - सी भिनकाँव ना , इतनी छोटी  बात ||
*4*
घर कौ नरदा गाँव की , जब गलियन में आत  |
खचा मचत #राना उतै , नहीं निकर तब पात ||
*5*
अब तौ बन गय गाँव में , मुलकन सीसी रोड |
नरदा खौ भी  नालियाँ , #राना  दै  गइँ  मोड़‌ ||
*6*
नदिया तक  दौरत  गऔ , नरदा रख  कै येैड़ |
#राना छूतन गव बिला , भरन लगौ  तब पैड़ ||
*7*
नरदा कत  सबरै   सुनौ ,   हम   गाड़ै  है    रात |
#राना कत जौ मद भरौ , सड़तइ  इतै  दिखात ||
*8*
सड़ गव काय दिमाक है , करतइ लोग सबाल |
जितनौ  #राना सड़ गऔ   , दौ  नरदा में डाल ||
***
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक- "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com

[24/12, 6:38 AM] Jai Hind Singh Palera: #अप्रतियोगी दोहे#बिषय-नरदा#

                    #१#
मानों पंचन फैसला,दोई हातन जोर।
पै नरदा की निकासी,रैय गैल की ओर।।

                    #२#
नरदा परदा डारिये,राखौ साफ निकास।
पानी मैलौ ना रुकै,अपने घर के पास।।

                    #३#
नरदा की नाली बना,पाटौ पथरा डार।
अगर कभ‌उं बुच जाय तौ,पथरा लेव निकाल।।

                    #४#
गैरौ गड्ढा खोदिये,बांदौ जालीदार।
नरदा पानी डारिये,सोखत रै हरबार।।

                    #५#
कुत्ता सुगरा सुगरियां,नरदा में मौ बोर।
नरदा पानी लोटंबें,भैंसें मरियल मोर।।

#जयहिन्द सिंह जयहिन्द# 
#पलेरा जिला टीकमगढ़# 
#मो०-६२६०८८६५९६#
[24/12, 1:50 PM] Rameshver Prasad Gupta Jhanshi: अप्रतियोगी दोहे-

भर राखें बहु गंदगी, फिर भी है अभिमान/
थोडे़ से ही जल भरे, नरदा लेत उफान//

आजादी के बाद भी, कसी न नैक नकैल/
नरदा कूड़ा गंदगी, बने लडाई गैल//

जीवन नरदा हो गओ, डरो- डरो पछताय/
नरदा को कीरा बनो, कीचा कोले खाय//

साफ सफाई हो नहीं, मछरा उडत दिखांय/
गांव - गांव नरदा कडे़, पटे गंदगी आंय//

रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.
बडागांव झांसी उप्र.
[24/12, 2:49 PM] Anjani Kumar Chaturvedi Niwari: अप्रतियोगी दोहे
24-12-22

नरदा की विनती करी,घर बखरी गय हार।
पंच कड़े बेइमान सब,हो गव बंटाढार।।

नरदा  बै  रय गैल में,मची हूँक कें कीच।
इक दूजे सें कात हैं, तुम हौ पक्के नीच।।

अब सफाइ अभियान कौ, जौ है साँसौ हाल।
सबरे  नरदा  हैं  बुथे, नालीं मालामाल।।

नरदा परदा गय बिला,घूँघट नजर न आत।
कुआ फुआ नौरा सुआ,कउँ कउँ परत दिखात।

अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
[24/12, 2:52 PM] Subhash Singhai Jatara: अप्रतियोगी दोहे , विषय - नरदा 

नरदा निकरै  बायरै , पौचे  गलियन   बीच |
दौरौ तब भिनकत रयै , मचै हिला कै कीच ||

नरदा जानौ  गाँव  कै ,  खौटे नर जौ हौंय |
जिनकै मारे सब जनै , बदनामी खौ ढौंय‌ ||

बिनतुआइ नरदा करी , पर गय बखरी हार |
बेदखली भइ जौत से  , मिलौ न पट्टौ यार ||

नरदा खौ नर दा+ब कै , दै   छत्ती  सै    भेद  |
फिर भी बदबू जै निकर , पाकै छुटकुल छेद  ||

नरदा हौरी  के दिना , फूला सौ खिल जात |
पटकत गुइयाँ चार है , पूरौ  आँग   भिड़ात ||

सुभाष सिंघई

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[24/12, 3:54 PM] Amar Singh Rai Nowgang: अप्रतियोगी बुंदेली दोहे - नरदा

चौगिरदा नरदा बहत, किचकंदौ फैलाय।
आबे बारो गाँव में, नाकत  कूदत आय।। 

करन थराई हम गए, पर निकरो नइँ सार।
नरदा की बिनती करी, आए बखरी हार।।

नरदा  के  नैचें  गये,  मोरे  सबइ  बिचार।
देखो जाकें जब उतै, मो  देखी  ब्योहार।।

गलियन में फैलो फिरै, नरदा  में  को  मूत।
नाक-नाक निकरत सबै,गाँव भरे के पूत।।

नरदा  दोरन  में  बहैं, मची  धरी  हर  खोर।
स्वच्छ मिशन को हो रहो,केवल कोरो शोर।

कीरा  नरदा  को  सदा,  नरदा  में सुख  पाय।
साफ-सफाई की जगा,अगर मिलै मर जाय।।

मौलिक
                  अमर सिंह राय
                       नौगांव
[24/12, 4:05 PM] Promod Mishra Just Baldevgarh: शनिवार बुंदेली दोहा दिवस
       विषय ,, नरदा,,
****************************
नरदा बुचो पछाइ सें ,पानी देत चमेल
लगी ठेल आँगन भरो , ठेंटा रहे उसेल
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नरदा रोक प्रमोद रय,कड़वे नइयाँ गैल
पानी सें घर सींण रव, गिरो परत खपरैल
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गोरी गोरें आँग खों , रइ नरदा पै धोय
हँसें मिदरवा देख कें ,बरसा कबलो होय
*******************************
बसकारे को दौदरा , नरदा डारें बाढ़
घर आँगन को मैल धो , दतो बायरेँ काढ़ 
******************************
नरदा जल इसनान कर , मच्छर फुल गररात
ऊंगरकटा झींगुर मुलक, गाकेँ करतइ बात
*******************************
नरदा में फस गइ बिलू ,चूहा मारें आँख 
भूलें अत्त प्रमोद सब , दती निनुरवे काँख
*******************************
      ,, प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़,,
      ,, स्वरचित मौलिक,,
[24/12, 4:26 PM] Gokul Prasad Yadav Budera: 🌹अप्रतियोगी दोहे-नरदा🌹
************************
नरदा  खांँ  नैं  निन्दिऔ,
              नरदा  होत  महान।
पी  कें   सबरी   गन्दगी,
          राखत स्वच्छ मकान।।
************************
नरदा में हो सब कड़त,
            भलौ-बुरव-मल-मूत।
जौन दिना नरदा बुचत,
           परत ओइ दिन कूत।।
************************
नरदा   होबै   भूमिगत,
            तौ जल सोखत भूम।
मछरन की भी नइँ मचत,
          घर-आँगन   में   धूम।।
************************
गड्ढा   खोदौ   सोकता,
          बाँदौ   छिदनन   दार।
पाइप सें फिर जोर दो,
           नरदा  की  जलधार।।
************************
✍️ गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी
[24/12, 5:11 PM] Brijbhushan Duby Baxswahs: दोहा 
विषय-
1-नरदा की विनती करी,
बखरी हारे जात।
कय बृज‌ महा  उबाउड़े ,
मानत नइया बात।
2-बखरी कितनउ कीमती,
अटा अटारी दार।
नरदा की नई निकासी,
बृजभूषण बेकार।
3-नरदा सामूं बना दव,
पानी की नईं ढार।
द्वारे पुखरा भरो रत,
मच्छर रुपत अपार।
4-गलन गलन नरदा बहत,
करतइ नहीं विचार।
किते धरी बृज स्वच्छता ,
मानत नइ सबयार।।
4-घर घर नरदा नहानी,
चलत रहत निस्तार,
बृजभूषण झंझट मिटी,
दिक्कत  नइ सबयार।
बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा
[24/12, 5:26 PM] Bhagwan Singh Lodhi Anuragi Rajpura Damoh: बुन्देली अप्रतियोगी दोहे
विषय:-नरदा
नरदा घूरौ एक से, कभ‌उॅं थकें ना जौन।
कछु तौ डारत जाव तुम, सदा रहत हैं मौन।।

खोंरन में ‌नरदा बहत ,दयॅं मूॅंछन पै ताव।
"अनुरागी" सें कात कै, नरदा नहीं बहाव।।

नरदा पैहो हो परी,घर‌इ-घर‌इ में न्याव।
सबरौ घर न्यौतो मगर, कुत्ता लौ न‌ईं‌ आव।।

बड़भागी नरदा बनौ,गंगा ग‌ओ समाय।
सड़ो गलौ पानी सुनौ,गंगोदक कहलाय।।

नरदा कौ पानी अगर,बाहर बहत दिखाय।
ऊ घर के नकटा सब‌इ, जिन्हें शरम है आय।।

भगवान सिंह लोधी "अनुरागी" हटा दमोह सुधार उपरांत 🙏
[24/12, 5:30 PM] Sr Saral Sir: बुंदेली दोहा प्रतियोगिता
विषय- नरदा

नरदा कौ कीरा कभउँ,साजे में नइँ आय।
साजे में  ऊखौ  करै, बौ नरदइ खौ जाय ।।

घर- घर हैं  नरदा बनें, बह रय बदबू दार।
बनी  कहावत है सई, नरदा  नरक दुवार।।

घर के संगे  सब  जनै , नरदा  पैल बनात।
भलौ बुरव मलमूत सब,नरदा में बै जात।।

नरदा पै  हो होत रत, कइयक  दार लराइ।
बुचे बसा रय और खौ,कर नइँ रये सफाइ।।

जिनके घर नरदा बुचे, लगै न उनके चित्त।
*सरल* परोसी जानकै, रौयँ  दुखोंना  नित्त।।

   एस आर सरल
       टीकमगढ़
[24/12, 8:24 PM] Shobha Ram Dandi 2: अप्रतियोगी दोहा -२४/१२/०२२ 
 शोभारामदाँगी नंदनवारा जिला टीकमगढ(म प्र)बिषय,=नरदा/नाली ,    (बुंदेली  दोहा )
 १=नरदा में हो कड़त है ,बखरी कौ सब नीर ।
साजौ बुरओ जौन हो ,"दाँगी"फैंक अबीर  ।।

२=नरदा सैं पिड़ आव तौ,असली        करिया साँप ।
बचगय दद्दा ऊदिना , "दाँगी" चल गइ हाँप  ।।

३=बसकारौ बरसे बहुत ,नरदा फुल भर जात ।
पानू सैं बुथ जात है, "दाँगी" साँसउ  बात ।।

४=बखरी कौ पानू कड़ै ,नरदा हो बै जाय ।
"दाँगी"के निसतार कौ,गंदौ सबइ बहाय ।।

५=बखरी सैं नरदा कड़ौ ,नाली दोरैं  होय ।
"दाँगी"झगड़ा कायकौ ,समजौ जा सब कोय ।।

६=नरदा पैं हो लरत हैं ,"दाँगी" मूसर लोग  ।
लगी भँजाए नरदा सैं,"दाँगी" फैलौ रोग ।।
मौलिक रचना
शोभारामदाँगी, नदनवारा

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