Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 5 दिसंबर 2022

बयानौ (अग्रिम राशि) ई-बुक संकलन राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' टीकमगढ़

[05/12, 8:35 AM] Pradeep Khare Patrkar Tikamgarh: 1-
ब्यानौ दव भ्यानैं हतौ,
आज दऔ बिसराय।
लाबर लबरी कै रऔ,
को ईखौं समझाय।
2-
ब्यानौ दऔ मकान कौ,
लागो मोखों ठीक। 
हाथै ना मोये कछू,
माँगत फिर रव भीक।।
3-
बेमानी है खून में,
लोभी लंपट लोग।
ब्यानौ तक खा जात जै,
बुरऔ भऔ जौ रोग।।
4-
ब्याऔ जब बिटिया करो,
दऔ बियानौ बाँट। 
डेरा, शैनाई करी, 
देखकें रै गय ठाट। 
5-
धाक रबै ऊकी सदाँ,
खूब बिकै सामान।
ब्यानौ कभउँ न खाइयौ,
जौ है जहर समान।
*प्रदीप खरे, मंजुल*
[05/12, 8:55 AM] Ram Sevak Pathak Hari Kinker Lalitpur: एक भेंसिया तै करी, बिऑंनौ भी दै आव।
लैवे जब में गव उतै,ऊनैं मार भगाव।।
"हरिकिंकर"
[05/12, 9:15 AM] Bhagwan Singh Lodhi Anuragi Rajpura Damoh: बुंदेली दोहा
विषय:-बिऑंनो
लेत बिऑंनौ काय खों, पंजाबी कौ आय।
प्रानन की परहै तुमे,जौ न अगर  कर पाय।।

आज काल के आदमी,सांसी नहीं बतांय।
काम करें न काऊ कौ, लेत बिऑंनौ रांय।

लेत बिऑंनौ कोउ कौ, वोट कौउ खों देत।
भ‌ओ सामनो जब कभ‌उॅं,सो तुरत‌इॅं भग लेत

 बिऑंनौ ख ल‌व कुल्ल कौ, कर लबरौ बतकाव।
अब तौ अनुरागी बचौ,देख परख कें बाव।।

भगवान सिंह लोधी "अनुरागी" हटा दमोह
[05/12, 9:26 AM] Jai Hind Singh Palera: #ब्यानौ पर दोहे#

                    #१#
कौन‌उ पूजा होय तौ,पैलां पुजें गनेश।
ऐस‌इ होत खरीद में,पैलां ब्यानौ पेश।।

                    #२#
ब्यानों चलन समाज कौ,करें सब‌इ सम्मान ।
बैंचन बारौ लेय ना,तौ ग्राहक हैरान।।

                    #३#
जैसें चलता ब्याव कौ,सबरी जान चड़ाव।
बैस‌इ ब्यानौ होत है,पूरौ पक्कौ भाव।।

                    #४#
ब्यानौ है इक पेशगी,पै ऊंची  है बात।
बदलै ब्यानौ लै कभौं,पूरौ उतरा जात।

                    #५#
मोल भाव पक्कौ करौ,ब्यानौ है संकेत।
भले रकम हलकी रहै,वजन बात में देत।।

#जयहिन्द सिंह जयहिन्द# 
#पलेरा जिला  टीकमगढ़# 
# मो०-६२६०८८६५९६
[05/12, 10:05 AM] Aasharam Nadan Prathvipur: बुंदेली दोहा विषय --   बिआँनों (अग्रिम राशि)
(१)
अपने घर  परिवार  में,  पैल  सला  कर लेव।
बड़ी रकम की चीज कौ, तनक बिआँनों देव ।।
(२)
लऔ  बिआँनों हाॅंत में , फिर लालच में आय ।
लेवा  देवा  कोउ  हो ,  कै  बदला  कहलाय  ।।
(३)
बात  बाय की  बात तौ , होत  बिआँनों  बात ।
पानी  रबै  बजार  कौ ,  हाल नगद  दै जात ।।
(४)
सौदा कर  लइ भैंस की , दऔ  बिआँनों हाल ।
बोले  गदिया   पै  धरैं ,  नगद  रुपइया  काल ।।
(५)
अपनों  नइॅंयाॅं  रोम जौ , न बिआँने  कौ काम ।
धंदे  अरु  व्यापार में ,  नगद  चलत  हैं  दाम ।।

आशाराम वर्मा "नादान " पृथ्वीपुर
(  स्वरचित ) 05/12/2022
[05/12, 10:17 AM] Rajeev Namdeo Rana lidhor: ब्यानौ दंयं बरसै कडी,
लग्गा नइ लग पाऔ;
उमर बीत गयि राधई,
गट्ट बिदी सरझाऔ।
       *(गुण सागर सत्यार्थी,कुण्डेश्वर)*
[05/12, 10:22 AM] Rajeev Namdeo Rana lidhor: *बुंदेली दोहा:-बिआँनौ*

जितै बिआँनौ लग चुकै , #राना पक्की बात |
नईं  बदलने आत   है , बूड़े  बुजरक   कात ||

जगाँ -तगाँ  #राना तकत , देत  बिआँनौ  लोग |
टेम -टिया खौ  हैं धरत , तकतइ  इतै‌    प्रयोग ||

लगौ   बिआँनौ   हौ  जितै , लोग न  डारै  हात  |
#राना  सौदा हौ  गयौ , अब ना   पसरै   भात ||

लेत  बिआँनौ  ही  कहत , दे   दइ‌  तुमै  जुवान |
#राना मुकरै ना कभउँ , चलै  जाँय‌  चय‌  प्रान ||

जितै   बिआँनौ  लील कै ,  मुकरैं    दईं जुवान  |
#राना    पूरौ    हौत   ना ,  उनखौं   खानागान ||
*** दिनांक-5-12-2022
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक- "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
[05/12, 10:29 AM] Subhash Singhai Jatara: बुंदेली दोहा , विषय‌ - बियाँनौ 

दैव  बियाँनौ  राम खौं  , भजन सुना के चार |
चानै   चरनन  धूर   है  , करवें   खौं  उद्धार  ||

भजन बिआँनौ लौ प्रभू  , आगें खौ दो गैल |
सेवा करवै  आपकी  , पौचें  हम तो   पैल ||

हमखौ   चानै  आपकी , छाया   हरदम राय |
नाम  रटत हैं  आपको , जौइ  बियाँनौ आय  ||

लयैं  बियाँनौ   घूमतइ , राम   नाम  उच्चार |
अगर बियाँनौ लग गयौ,   हौजे   बेड़ा  पार ||

विषय   बियाँनौं  है  मिलौ ,    करें चूक ना  भूल |
येइ  बियानै  में  खिलैं   , राम   नाम   के   फूल ||

(हम अपनौ बियाँनौ राम जू के चरनन में लगान चाऊत है ) 🙏

सुभाष सिंघई
[05/12, 10:45 AM] Promod Mishra Just Baldevgarh: सोमवार बुंदेली दोहा दिवस
विषय ,, बिआँनौ ,,
*****************************
मोल भाव भव भैंस को ,रकम टिया पै आय
भरो बिआँनौ चल पड़े , सँग भैंस डुरयाय 
*******************************
बिआँने कि मिट गइ प्रथा , रओ थोरो इमान 
बड़ रय लबरा दोगला ,चुगला बेईमान
*******************************
दियो बिआँनौ हाँक लइ , पड़िया तर की भैंस 
रकम टिया पै आइ ना , गय प्रमोद अब ठेंस 
********************************
अबतो बिआँनौ मूर कि , दर पै हनो कलंक
केउ थूंक खुद चाट रय , टुचचत फिररय डंक
********************************
लेत बिआँनौ मेंट तइ , थुका थुको करवाय
काँलौं पित ऐसें पलें , ज्वांन प्रमोद नसाय
********************************
हत्या बिआँने सें भइ , कैरय जिये सुपाइ
नाश होय ऊ ससुर की ,जीने रीत चलाइ
******************************
हते जमाने पैल के ,बात बाप था एक
दै बिआँनौ प्रमोद नै , नोनी राखी टेक
********************************
          ,, प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़,,
          ,, स्वरचित मौलिक,,
[05/12, 10:53 AM] Ram Sevak Pathak Hari Kinker Lalitpur: दिन- सोमवार ।प्रदत्त शब्द-बिऑंनौं।
देंय बिऑंनौं  सोचकर, सब न ईमानदार।
कैऊ धोकौ खातई,ठगे जात लाचार।।१
बिना जान पहचान कें, नहीं बिऑंनौ देउ।
पछतातइ हैं बाद में, करौ तुमइ फिर सेउ।।२
कैऊ ब्यानौ का गये,रैगय बाद डफात।
पैलै अपनी चीज लो, फिर नइं रउ पछतात।।३
कैउ बिऑंनौं दै गये, में
[05/12, 11:16 AM] Ram Sevak Pathak Hari Kinker Lalitpur: कैउ बिऑंनौ दै गये,चीज न लैवै आय।
जो लउ तौ दैनैं परौ, और का हतौ उपाय।।४
लेउ  बिऑंनौ कभउॅं नइं, नाइं काउखौ देउ।
नईं लराई मोल लो,ब्यानौ देउ न लेउ।।५
[05/12, 11:42 AM] Saras Kumar (Doh, Kargapur): दोहा - 🙏🙏

बिआंनो देके लोट रय, आने भर दय दाम
आने - जाने में गये, अपनो बखत तमाम

सिया बिआंनो दे ग‌यी, घोड़ा नचने आज
घोड़ा बारो खुश भ‌औ, टरे न माता काज



©️सरस कुमार
दोह खरगापुर
जिला टीकमगढ़ मध्यप्रदेश 
2️⃣0️⃣2️⃣2️⃣
[05/12, 1:01 PM] Amar Singh Rai Nowgang: बुन्देली दोहे विषय - बिआँनो

तय  होबे  के  बाद  में, तुरत  बिआँनों देत।
बातें पक्की मान कें, फिर  सुसंत हो लेत।।

पैल  बिआँनों ती  जुबाँ, दै  राखत  ते  मान।
अब तो कइयक पेशगी, खाय जात इंसान।।

अगर बिआँनों हो गओ,समझो पक्की बात।
पलट जात जो बात सें, ऊखाँ सबै लजात।।

लरका छेंकत आज भी, जेइ बिआँनों आय।
तय जितने में होत है, रकम  देत  पहुँचाय।।

अमर बिआँनों मत लिओ,जो नइँ बसको होय।
आफत ऊपर आत जब, साथ देत नइँ कोय।।

मौलिक 
                            अमर सिंह राय 
                                 नौगांव
[05/12, 1:11 PM] Shobha Ram Dandi 2: शोभारामदाँगी नंदनवारा जिला टीकमगढ (म प्र) 05/12/022 
बिषय--"बिआँनौ"( पहले से राशि देना )मोबा=7610264326 
1=दओ बिआँनौं भैंस कौ,दस लीटर है दूध ।
एक लाख की भैंस है, "दाँगी" परखैं  खूब ।।

2=बिआँनौं  पक्कि  बात है, कछू चीज  कौ   होय  ।
खेत खरीदौ चाय जो, "दाँगी" कहँ सब  कोय  ।।

3=आपुस  कौ सब होत है ,व्आनौं  "दाँगी"  देत ।
कछू  जनैं  कुछ लेत हैं ,कछू जनैं नइ  लेत  ।।

4=ब्आँनौं  दैकैं मैंटते ,ज्आन दार नइ होत ।
"दाँगी" ऐसी बात कौ ,
[05/12, 1:11 PM] Shobha Ram Dandi 2: 5="दाँगी"ब्आँनौं दीजिये, समजो पककी बात ।
लेनदेन सब साफ हो ,कभऊ  होय न घात  ।।
मौलिक रचना
शोभारामदाँगी
[05/12, 1:12 PM] Shobha Ram Dandi 2: शोभारामदाँगी नंदनवारा जिला टीकमगढ (म प्र) 05/12/022 
बिषय--"बिआँनौ"( पहले से राशि देना )मोबा=7610264326 
1=दओ बिआँनौं भैंस कौ,दस लीटर है दूध ।
एक लाख की भैंस है, "दाँगी" परखैं  खूब ।।

2=बिआँनौं  पक्कि  बात है, कछू चीज  कौ   होय  ।
खेत खरीदौ चाय जो, "दाँगी" कहँ सब  कोय  ।।

3=आपुस  कौ सब होत है ,व्आनौं  "दाँगी"  देत ।
कछू  जनैं  कुछ लेत हैं ,कछू जनैं नइ  लेत  ।।

4=ब्आँनौं  दैकैं मैंटते ,ज्आन दार नइ होत ।
"दाँगी" ऐसी बात कौ ,
[05/12, 1:19 PM] Dr. Preeti Parmar Tikamgarh: [05/12, 11:31] डॉ प्रीति सिंह परमार:
 नफा और नुकसान से, 
 ब्याने कौ का काम।
माटी सो जीवन रहो
करौ राम के नाम।।
बयानों  घरे जब  भयो
पक्की पक्की बात
जुबा  तुमहि पलटो अबे
कोउ ना देय साथ ll
[05/12, 1:54 PM] Dr. Renu Shrivastava Bhopal: दोहे - विषय *ब्यानौ*
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
1 ब्यानो हो गौ ढोल को, 
  द्वारे बजत बधाइ। 
  सब रत है विश्वास पे, 
  ब्याने को कत शाइ।। 
 
2 ब्यानौ दै दौ रात में, 
   भोर बदल गौ साव।
   ईसुर को बो ना डरै, 
   मुतको कर रौ न्याव।। 

3  हो गौ ब्यानौ बैंड को, 
    दूल्हा जू मुस्कात।
    सज कें कब बन्ना बनैं, 
    कबलों कड़ै बरात।। 

4 टिया धरैं ब्यानो करैं, 
    जा जुवान की बात। 
    बदल जात जो बात सें, 
    लबरा बेउ कहात।। 

5 ब्याने से जो बदल गौ, 
    पक्को है बेईमान। 
    बड़ी रकम के लोभ में, 
    खो रौ  है ईमान।। 

✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
                       डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल 
                       सादर समीक्षार्थ 🙏
                       स्वरचित मौलिक 👆
[05/12, 2:15 PM] Dr. Devdatt Diwedi Bramlehara: 🥀 बुंदेली दोहा 🥀
     ( विषय ब्यानों )

जब पक्की हो जाय सब,
           लेंन-देंन की बात।
साई,ब्यानों,पेसगी,
       फिर पाछें दय जाता।

नसाखोर, लोबी, लटे,
      सेंटा औ सेंतान।
ब्यानों लौ खा जायँ जे,
     इनकौ का ईमान।।

तन मन के बेभार में,
     पर गइ बड़ी खटाइ।
ब्यानों दव तो भजन कौ,
     काय खबर बिसराइ।।

कौंनउ सौदा के कभउँ,
        होंय न पूरे दाम।
ब्यानों भर दैकें सरस,
      बना लेत हैं काम।।

फसलें दोई बिगर गइँ,
       कैसें चुकै उधार।
ब्यानों दैकें ल्याय ते,
       भूरी भैंस दुदार।।

डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस
बड़ामलहरा छतरपुर
[05/12, 4:10 PM] Dr R B Patel Chaterpur: दोहा - बिआंनो

बिआंनो दे बदल रहे,
नेता नियत नितांत ।
थूंक चाटते नइ शरम,
राजनीति को आंत।
          02,
टिकट बांटते मंत्रिगण,
ले ब्याने में नोट ।
बोट मिलें या ना मिले,
नोटों में ना खोट ।
          03
जायदाद बिकती जबै,
ब्याने में हो नोट ।
पक्की बात कहात है,
इसमें नाही खोट ।
          04

ब्हाये की शुरुआत में,
ब्यानो पक्को होत ।
तैयारी फिर करत हैं,
दूल्हा दुल्हन भोत।
           
स्वरचित
डा आर बी पटेल "अनजान"
छतरपुर
[05/12, 4:50 PM] Rama Nand Ji Pathak Negua: दोहा ब्यानों
                      1
नन्द ब्यानों दै दऔ,बैलन करी खरीद।
देतइ दाम टिया धरें,पाछें कटै रसीद।
                        2
नन्द ब्यानों दै दऔ,हो गइ पक्की बात।
लौटे घरै टिया धरा,वे खटकें सो जात।
                        3
ब्यानें को एकइ टका,रखै लाख कौ मान।
जैसइ असली मर्द की,होवै ऐक जवान।
                         4
पैंला ब्यानों देत हैं,है पुरखन सें रीति।
ब्यानों लँय बदलै नइ बनी पैल सें नीति।
                          5
नन्द ब्यानों दै दऔ ना दय पूरे दाम।
तीरथ करवे हम चले, सबको सीता राम।
रामानन्द पाठक नन्द
[05/12, 5:29 PM] Rama Nand Ji Pathak Negua: दोहा बियाँनों 
                   1
नन्द बियानों दै दऔ,बैलन करी खरीद।
दाम टिया देतइ धरें,पाछें कटै रसीद।
                  2
नन्द बियाँनों दै दऔ,हो गइ पक्की बात।
धरौ टिया लौटे घरै,वे खटकें सो जात।
                    3
पैल बियाँनों देत हैं, है पुरखन सें रीति।
बियाँनों लँय बदलै नइ, बनी पैल सें नीति।
                       4
बियाँनें कौ एकइ टका,रखै लाख कौ मान।
जैसइ असली मर्द की,होवै एक जवान।
                         5
नन्द बियानों दै दऔ,ना दय पूरे दाम।
तीरथ करवे हम चले, सबको सीता राम।
रामानन्द पाठक नन्द
[05/12, 5:47 PM] Subhash Singhai Jatara: संजय भाई जी ,व्यान उर्दू शब्द है जो जगन्नाथ मिश्र जी ने अदालतों में फ्यूजन भाषा के रुप में प्रचलित किए ( फ्यूजन = हिंदू उर्दू को मिलाकर ) 
तलवाना मुचलका जमानत व्यान इत्यादि ऐसे ही कई शब्द है 
बुंदेली अपनी मुख सुख की बोली से भाषा बनी है , मास्टर साहव को मास्साव , तहसीलदार को तासीलदार इत्यादि 
व्यान को भी बुंदेली में मुखसुख से ( पक्की जुबान करने हेतु , एक औपचारिक रस्म बना दी है ) यही तो बुंदेली शब्दों की कला है 
 बियाँनों इसी कला से बना है  , ब्यानों भी उच्चारण में ध्वनित होता है    , लेकिन देखा जाए तो , व्यान का बहुबचन ब्याँनों है 
जैसे उसने अपने ब्याँनों में कहा कि हमने नहीं देखा है  , 
पर बुंदेली में ब्याँनों   पेशगी का पर्यायवाची भी बन गया है 
बुंदेली मुखसुख  की यही कला तो बुंदेली बोली भाषा बन गई है
दरअसल बुंदेली में अभी शुद्ध अशुद्ध शब्दों पर काम नहीं किया गया है , सब चल रहा है 
ब्याँनों तो  नवजातों  को भी कहा जाता है 
जैसे - यह अभी हाल का ही ब्याँनों पिल्ला है
[05/12, 6:00 PM] Sr Saral Sir: बुन्देली दोहा  विषय- बियानों 
 ********************************
दऔ बियानों काम कों,भइ ठेका पै बात।
ठेका  में टोटों परौ, *सरल* मनें सकुचात।।

दऔ बियानौ पान सौ, चाने  उएँ हजार।
दोइ जनन क़े बीच में,होन लगी तकरार।।

काम करौ नइयाँ शुरू,दऔ बियानों फेर।
कत कै पैसा और दो, रये काय तुम पेर।।

आँखे  लगे  तरेर बे,  इक  दूजे  पै  भाइ।
लगों बियानों फेर दव ,होतन बची लराइ।।

दऔ बियानों राइ कौ,आइँ बिड़नियाँ चार।
दमचौरों भव रात भर, खुश रय रिश्तेदार।।
*********************************
       एस आर सरल
          टीकमगढ़
[05/12, 6:07 PM] Kalyan Das Sahu Prithvipur: साइ  बिआँनौं  पेसगी , अग्रिम अरु इडवान्स ।
सौदा  पटवे  पै  कछू , देत रुपइया मान्स ।।

सौदाबाजी जब करौ , तुरत बिआँनौं देव ।
दो गवाइ बैठार कें , लिखन-पढ़न कर लेव ।।

लालच में पर जात जो , डुगा निंअत खों लेत ।
सौदा  करकें  मेंटवें , फेर  बिआँनौं  देत ।।

मौखिक सौदा जिन करौ , बाद फिरौ पछतात ।
होत मुसरया कछु जनें , हड़प बिआँनौं जात ।।

बातदार  इंसान  की , पक्की  होत  जुबान ।
उनें बिआँनौं दो! न दो , रखें बात कौ मान ।।

उतै बिआँनौं रत सफल , जाँ हो जान-चिनार ।
मइं  येंगर  के  दो  जनें , बनें  गवाई  दार ।।

   ---- कल्याण दास साहू "पोषक"
      पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़ (मप्र)

          ( मौलिक एवं स्वरचित )

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