*बुंदेली ग़ज़ल- "तुम गुन कछू रय"*
हम बुन कछु रय।
तुम गुन कछु रय।।
हम कै कछु रय।
तुम सुन कछु रय।।
वे गा कछु रय।
जे धुन कछु रय।
जू सर कछु रय।
जू घुन कछु रय।।
लै इन कछु रय।
दै उन कछु रय।।
'राना' चुननै।
तुम चुन कछु रय।।
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*राजीव नामदेव "राना लिधौरी"*
टीकमगढ़ (म.प्र.)
मोबाइल -9893520965
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